कौन से अक्षर पर कौन सी राशि होती है? - kaun se akshar par kaun see raashi hotee hai?

राशि नामाक्षर | नक्षत्र नामाक्षर

कौन से अक्षर पर कौन सी राशि होती है? - kaun se akshar par kaun see raashi hotee hai?

खगोलशास्त्र में क्रांतिवृत्त अर्थात सूर्यपथ में स्थित तारामण्डलों के समूह को राशि चक्र कहते हैं। इस राशि चक्र को बारह बराबर भागों में बाँटा गया है। इन भागों को राशि के रूप में जाना जाता है। प्रत्येक राशि एक चिह्न के साथ जुड़ी होती है। यह बारह राशियाँ मेष, वृषभ, मिथुन, कर्क, सिंह, कन्या, तुला, वृश्चिक, धनु, मकर, कुंभ और मीन हैं।

हिन्दु संस्कृति में नाम का पहला अक्षर जन्म के समय राशि या नक्षत्र के अनुसार तय होता है। इसलिए अधिकांश लोगों का नाम सीधे राशि से जुड़ा होता है। अगर आपका जन्म नाम राशि और नक्षत्र से नहीं लिया गया है, तो भी आप अपने नाम के अनुसार अपना राशि चुन सकते हैं। यदि आप अपना जन्म समय और तिथि जानते हैं तो कृपया अपनी राशि जानने के लिए जन्म-राशि कैलकुलेटर पर क्लिक करें।

सामान्यतः चन्द्र राशि को ही राशि के नाम से सम्बोधित किया जाता है। जन्म के समय चन्द्रमा जिस राशि में स्थित हो, वही राशि चन्द्र राशि अथवा जन्म राशि कहलाती हैं। वैदिक ज्योतिष में सूर्य राशि से अधिक महत्ता चन्द्र राशि को दी गयी है। इसीलिए वैदिक ज्योतिष में राशिफल चन्द्र राशि पर आधारित है।

ज्योतिष के अनुसार जन्म राशि के नाम के अलावा व्यक्ति का जो नाम होता है, वह भी व्यक्तित्व पर असर डालता है। कुल 12 राशियां बताई गई हैं और कुंडली में चंद्र ग्रह की स्थिति के अनुसार राशि निर्धारित होती है।

उज्जैन. किसी व्यक्ति के जन्म के समय चंद्रमा जिस राशि में होता है, उस व्यक्ति की राशि वहीं मानी जाती है। हर राशि के लिए अलग-अलग नाम अक्षर निर्धारित किए गए हैं। जन्म के समय चंद्र जिस राशि में होता है और जैसा नक्षत्र होता है, उसी के अनुसार नाम रखा जाता है। नाम का पहला अक्षर बता देता है कि कोई व्यक्ति किस राशि से संबंधित हैं। आज हम आपको उसी के बारे में आपको बता रहे हैं-

मेष- चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ.
राशि स्वरूप: मेंढा जैसा, राशि स्वामी- मंगल।

इस राशि के लोगों की प्रकृति
मेष राशि के लोगों में नेतृत्व करने की क्षमता अद्भुत होती है। ये लोग कई लोगों से काम करवाने की योग्यता रखते हैं। निर्णय क्षमता में शीघ्रता, दक्षिण-पूर्व से लाभ, पूर्ण काम, राजनेता के साथी (राजा मित्र) अग्नि तत्व तथा रक्त वर्ण वाला होता है।

उपाय
- अपने हाथ हमेशा लाल रंग का रूमाल रखें।
- शाम के समय गेहूं-गुड़ जरूरतमंद बच्चों को दान करें।
- बाएं हाथ में चांदी का छल्ला पहनें।


वृष- ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो
राशि स्वरूप: बैल जैसा, राशि स्वामी- शुक्र।

इस राशि के लोगों की प्रकृति
इस राशि के लोग उपभोगवादी, विलासिता से परिपूर्ण, कार्यक्षमता को हरदम आगे बढ़ाने वाला, उत्तर दिशा से विशेष लाभ, कामेच्छा रखने वाला, संबंधियों में प्रिय, रजोगुणी तथा दूरदर्शिता वाला होता है।

उपाय
- शनिवार को हनुमानजी को सिंदूर और चमेली का तेल चढ़ाएं।
- सरसों और तिल के तेल का दान करें।
- मूंग की दाल तथा गाय का दान करें या गाय को रोज घास खिलाएं।

मिथुन- का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह
राशि स्वरूप: स्त्री-पुरुष आलिंगनबद्ध, राशि स्वामी- बुध।

इस राशि के लोगों की प्रकृति
मिथुन राशि द्विस्वभाव राशि है। इस राशि के लोग कला, गायन में रुचि रखने वाले होते हैं। तर्क में दक्ष होते हैं, अपनी बात मनवाने वाले, कभी-कभी असहज अनुभव करने वाले, चित्रकला, वाक् युद्ध करना, घूमने-फिरने वाले होते हैं।

उपाय
- मां दुर्गा की पूजा आराधना करें।
- प्रतिदिन मछलियों को आटे की गोलियां खिलाएं।
- कबूतरों को मूंग खिलाएं।

कर्क- ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो
राशि स्वरूप: केकड़ा, राशि स्वामी- चंद्रमा।

इस राशि के लोगों की प्रकृति
कभी-कभी हिंसात्मक या बदला लेने की प्रवृत्ति वाले, कार्य को अंजाम देने में माहिर, अस्थिर बुद्धि वाले, जल्दबाजी में निर्णय लेने वाले, किंतु विजेता होते हैं। अद्भुत तार्किक क्षमता, दुविधा वाले होते हैं।

उपाय
- परिवार के लोगों को तीर्थ यात्रा कराएं।
- पक्षियों को अन्न खिलाएं।
- चावल, चांदी और दूध अपनी बेटी या बहन को दें।

सिंह- मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे
राशि स्वरूप: शेर जैसा, स्वामी- सूर्य।

इस राशि के लोगों की प्रकृति
पराक्रम, ओज से परिपूर्ण, अपनी बात को मनवाने वाले, शीघ्र निर्णय लेने वाले, घूमने-फिरने के शौकीन, नेतृत्व क्षमता को भूनाने वाले, शीघ्र क्रोध में आने वाले किंतु शांत प्रकृति के होते हैं।

उपाय
- इस राशि के लोगों को यथा शक्ति चावल, चांदी एवं दूध का दान करना चाहिए।
- कभी भी किसी कोई चीज मुफ्त में या बिना कारण न लें।
- प्रतिदिन माता एवं दादी के चरण स्पर्श करें।

कन्या- ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो
राशि स्वरूप: कन्या, स्वामी- बुध।

इस राशि के लोगों की प्रकृति
इस राशि के जातक प्रेम से वश में आने वाले, स्वयं के श्रम से उद्यमी, द्विस्वभाव अर्थात् वैचारिक परिवर्तन वाले, सहयोगी, कवि, लेखक, गीतकार आदि होते हैं।

उपाय
- अपनी माता, बहन, पुत्री और अन्य स्त्रियों का सदैव सम्मान करें।
- प्रति मंगलवार और शनिवार को हनुमानजी को सिंदूर और चमेली का तेल चढ़ाएं।
- शनिवार को शनि देव का विशेष पूजन करें।

तुला- रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते
राशि स्वरूप: तराजू जैसा, राशि स्वामी- शुक्र।

इस राशि के लोगों की प्रकृति
परिस्थितियों को अपने पक्ष में करने वाला, साहसिक कार्य करने का शौकीन, बलिष्ठ, धनवान, राजसेव्य, यात्रा में आनंद उठाने वाला होता है।

उपाय
- गाय एवं अन्य पशु-पक्षियों को भोजन कराएं।
- ससुराल पक्ष से दिया हुआ कोई चांदी का सिक्का अपने पास रखें।
- गाय को घास खिलाएं। सरसो दान करें।

वृश्चिक- तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू
राशि स्वरूप: बिच्छू जैसा, राशि स्वामी- मंगल।

इस राशि के लोगों की प्रकृति
कार्यशैली में बदलाव, तुरंत परिवर्तन की चाह, नया नेतृत्व, अपनी विधा या शैली से आगे बढऩे और श्रेष्ठ व्यवहार वाला होता है।

उपाय
- पीपल की जड़ में रोज जल चढ़ाएं और पीपल की सात परिक्रमा करें।
- प्रतिदिन सोने से पूर्व हनुमान चालीसा का पाठ करें।
- लाल रंग का रुमाल सदैव अपने पास रखें।

धनु- ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे
राशि स्वरूप: धनुष उठाए हुए, राशि स्वामी- बृहस्पति।

इस राशि के लोगों की प्रकृति
अपने कार्य को बखूबी अंजाम देने वाले, लक्ष्य पर केंद्रित, अध्यात्म-साधना के प्रति रूचि वाले, पूर्व दिशा वाले, अद्भुत कार्य क्षमता के धनी होते हैं।

उपाय
- पीला रुमाल सदैव अपने पास रखें।
- घर में पीले रंग के फूल का पौधा लगाएं।
- प्रतिदिन शिव मंदिर जाएं और ब्राह्मण या अन्य किसी जरुरतमंद को धन का दान करें।

मकर- भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी
राशि स्वरूप- मगर जैसा, राशि स्वामी- शनि।

इस राशि के लोगों की प्रकृति
सहज व सरल प्रकृति के कारण आकर्षण का केंद्र बनते हैं। भावनाओं से प्रभावित हो जाते हैं। पश्चिम-दक्षिण से विशेष लाभ लेने वाले तथा बात के धनी माने जाते हैं।

उपाय
- बंदरों को चने या अन्य खाने चीज खिलाएं।
- गीली मिट्टी से तिलक करें।
- दूध में चीनी मिलाकर बरगद के वृक्ष पर चढ़ाएं।

कुंभ- गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा
राशि स्वरूप: घड़े जैसा, राशि स्वामी- शनि।

इस राशि के लोगों की प्रकृति
गूढ़ रहस्य का ज्ञानी, गंभीरता, अध्यात्म में रुचि, धर्म का जानकार, परिश्रम से आगे बढऩे वाला, दार्शनिक, विचारों द्वारा सम्मान पाने वाला होता है।

उपाय
- रोटी पर सरसो का तेल लगाकर गाय को खिलाएं।
- प्रतिदिन घर से निकलने से पहले केसर का तिलक लगाएं।
- प्रतिदिन शिव मंदिर जाएं और शिवलिंग पर जल चढ़ाएं।

मीन- दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची
राशि स्वरूप: मछली जैसा, स्वामी- बृहस्पति।

इस राशि के लोगों की प्रकृति
सभी को साथ में लेकर चलने की प्रकृति आपको विशेष दर्जा दिलाती है। आकर्षक व्यक्तित्व, धार्मिक गुण, समयानुसार व्यवहार करने वाले होते हैं।

उपाय
- देव गुरु बृहस्पति की वस्तुओं का दान करें।
- प्रतिदिन पक्षियों को दाना डालें।
- गाय को घास खिलाएं।
 

Last Updated Feb 24, 2020, 10:43 AM IST

12 राशि के अक्षर कौन कौन से हैं?

12 राशियों के अक्षर कौन-कौन से हैं?.
मेष राशि – अ.ल.ई. – Aries..
वृषभ राशि – ब.व.उ. – Taurus..
मिथुन राशि – क.छ.घ. – Gemini..
कर्क राशि – ड.ह. – Cancer..
सिंह राशि – म.ट. – Leo..
कन्या राशि – प.ठ.ण – Virgo..
तुला राशि – र.त. – Libra..
वृश्चिक राशि – न.य. – Scorpio..

कौन सा अक्षर किस राशि में आता है?

जिन लोगों का नाम चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ अक्षर से आरंभ होता है, उसकी राशि मेष होती है. मेष राशि का स्वामी मंगल है. वृषभ राशि (Taurus)- राशि चक्र की दूसरी राशि वृषभ है. जिन लोगों का नाम ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो से आरंभ होता है, उनकी राशि वृषभ कहलाती है.

नाम के हिसाब से राशि कैसे जाने?

कैसे पता करें अपनी राशि: लोगों के मन में सवाल होता है कि उनकी राशि कौन सी है? ... .
मेष: 21 मार्च - 19 अप्रैल.
वृषभ: 20 अप्रैल - 20 मई.
मिथुन: 21 मई – 21 जून.
कर्क: 22 जून - 22 जुलाई.
सिंह: 23 जुलाई - 22 अगस्त.
कन्या: 23 अगस्त - 22 सितंबर.
तुला: 23 सितंबर - 23 अक्टूबर.

राशि में कितने अक्षर होते हैं?

ज्योतिष में 12 राशियां और 27 नक्षत्र होते हैं। हर राशि में 2 या 3 नक्षत्र आते हैं। हर नक्षत्र के 4 भाग होते हैं। नक्षत्र के हर भाग को चरण कहा जाता है और हर चरण में नाम के 4 अक्षर होते हैं