कौन सी जनसंख्या के कार्यशील आयु वर्ग का प्रतिनिधित्व करती है? - kaun see janasankhya ke kaaryasheel aayu varg ka pratinidhitv karatee hai?

निम्नलिखित में से किसने संयुक्त अरब अमीरात के लिंग-अनुपात को निम्न किया है?

  • पुरुष कार्यशील जनसंख्या का चयनित प्रवास

  • पुरुषों की उच्च जन्म-दर

  • स्त्रियों की निम्न जन्म-दर

  • स्त्रियों का उच्च उलवास


C.

स्त्रियों की निम्न जन्म-दर


जनसंख्या संघटन से आप क्या समझते हैं?


जनसंख्या संघटन जनसंख्या के उस पक्ष को प्रदर्शित करता है जिसको मापा जा सकता है। जनसंख्या के मात्रात्मक पक्ष; जैसे लिंग, आयु, श्रम शक्ति, आवास, कार्यशील और आश्रित जनसंख्या तथा साक्षरता आदि तथ्यों का वर्गीकरण और अध्ययन जनसंख्या संघटन कहलाता है।


आयु-संरचना का क्या महत्त्व है?


आयु संरचना जनसंख्या संघटन का महत्त्वपूर्ण सूचक है। यह विभिन्न आयु वर्गों में लोगों की संख्या को प्रदर्शित करती है। इसके अंतर्गत किसी देश की जनसंख्या को तीन आयुवर्गों में बाँटा जाता है:- 0-4 आयुवर्ग, 15-59 आयुवर्ग और 60 से ऊपर का आयु वर्ग । इसके द्वारा ही देश की जनसंख्या की जन्म-दर, उत्पादकता, मानव क्षमता, रोज़गार की स्थिति तथा आश्रित जनसंख्या आदि का पता चलता है। इससे ही भविष्य में जनसंख्या वृद्धि का अनुमान होता है।


निम्नलिखित में से कौन-सी संख्या जनसंख्या के कार्यशील आयु-वर्ग का प्रतिनिधित्व करतीं है?15 से 65 वर्ष15 से 66 वर्ष15 से 64 वर्ष15 से 59 वर्ष


लिंग-अनुपात कैसे मापा जाता है?


जनसंख्या में पुरुषों और स्त्रियों की संख्या के बीच के अनुपात को लिंग-अनुपात कहा जाता है। भारत में यह अनुपात प्रति हजार पुरुषों और स्त्रियों की संख्या के रूप में दर्शाया जाता है।

लिंगानुपात = (स्त्रियों की जनसंख्या / पुरुषों की जनसंख्या) X 1000


लिंग-अनुपात कैसे मापा जाता है?


जनसंख्या में पुरुषों और स्त्रियों की संख्या के बीच के अनुपात को लिंग-अनुपात कहा जाता है। भारत में यह अनुपात प्रति हजार पुरुषों और स्त्रियों की संख्या के रूप में दर्शाया जाता है।

लिंगानुपात = (स्त्रियों की जनसंख्या / पुरुषों की जनसंख्या) X 1000


जनसंख्या के ग्रामीण - नगरीय संघटन का वर्णन कीजिए ।


आवास केआधार पर जनसंख्या को दो वर्गों में बाँटा गया है 

  1. ग्रामीण जनसंख्या तथा 
  2. नगरीय जनसंख्या ।

ग्रामीण तथा नगरीय जनसंख्या की अपनी अलग-अलग विशेषताएँ होती हैं तथा इनको अपने अलग-अलग व्यवसाय, संरचना, जीवन-पद्धति आदि के आधार पर पहचाना जा सकता है। गांव के लोग साधारण, सामाजिक संबंधों से ओत-प्रोत तथा अधिकतर कृषि - कार्यों में संलग्न रहते हैं। उनके आचार-विचार तथा सांसारिक दृष्टिकोण नगर में रहने वाले लोगों से भिन्न होते हैं। इसके विपरीत, नगरों में रहने वाले लोग उद्योग तथा व्यापार में संलग्न रहते हैं । इनके आपसी सामाजिक संबंध औपचारिक होते हैं तथा
इनका दृष्टिकोण अपेक्षतया भिन्न होता है।
विश्व में ग्रामीण जनसंख्या सबसे अधिक एशिया, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका के देशों में पाई जाती है जबकि यूरोप, उत्तरी अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया में नगरीय जनसंख्या अधिक पाई जाती है।
सामान्यतया औद्योगिक दृष्टि से विकसित राष्ट्रों में नगरीय जनसंख्या का अनुपात अधिक पाया जाता है जबकि कृषि प्रधान देशों में ग्रामीण जनसंख्या का अनुपात अधिक पाया जाता है। कुल जनसंख्या में नगरीय जनसंख्या का प्रतिशत किसी देश के आर्थिक विकास का सूचक होता है। इसका कारण है नगरों में उपलब्ध सुविधाएँ और रोजगार की संभावनाएँ। यही कारण है कि विकसित राष्ट्रों में नगरीय जनसंख्या का प्रतिशत अधिक होता है। विश्व में प्रतिवर्ष नगरीय जनसंख्या में लगभग 6 करोड़ की वृद्धि हो रही है।

विश्व में नगरीय जनसंख्या में वृद्धि के प्रमुख कारण हैं -

  1. नगरीय क्षेत्रों में स्त्रियों की संख्या अधिक होने का कारण ग्रामीण क्षेत्रों से स्त्रियों का नौकरियों हेतु शहरी क्षेत्रों की ओर प्रवास करना है।
  2. विकासशील देशोंमें कृषि संबंधी कार्यों में स्त्रियों की सहभागिता दर काफी ऊँची है। 
  3. ग्रामीण क्षेत्रों में पुरुषों का कृषि पर प्रभुत्व है।


निम्नलिखित में से किसने संयुक्त अरब अमीरात के लिंग-अनुपात को निम्न किया है?

  • पुरुष कार्यशील जनसंख्या का चयनित प्रवास

  • पुरुषों की उच्च जन्म-दर

  • स्त्रियों की निम्न जन्म-दर

  • स्त्रियों का उच्च उलवास


C.

स्त्रियों की निम्न जन्म-दर


निम्नलिखित में से कौन-सी संख्या जनसंख्या के कार्यशील आयु-वर्ग का प्रतिनिधित्व करतीं है?15 से 65 वर्ष15 से 66 वर्ष15 से 64 वर्ष15 से 59 वर्ष


विश्व के विभिन्न भागों में आयु-लिंग में असंतुलन के लिए उत्तरदायी कारकों तथा व्यावसायिक संरचना की विवेचना कीजिए ।


जनसंख्या की आयु-लिंग संरचना से अभिप्राय विभिन्न आयु-वर्गों में स्त्रियों और पुरुषों की संख्या से है। इसे एक विशेष प्रकार के रेखाचित्र द्वारा दर्शाया जाता है जिसकी आकृति पिरामिड से मिलती है। इस कारण इसे आयु-लिंग अथवा जनसंख्या पिरामिड कहा जाता है। विश्व के विभिन्न भागों में आयु-लिंग में असंतुलन के लिए उत्तरदायी कारक निम्नलिखित हैं-

  1. स्त्री-पुरुष की जन्म-दर में अंतर :- प्रत्येक समाज में जन्म के समय नर बच्चे, मादा बच्चों से अधिक होता हैं। सामान्यतया जन्म के प्रत्येक 104 से 107 नर बच्चों के अनुपात में 100 मादा बच्चे होते हैं।

  2. स्त्री-पुरुष की मृत्यु-दर में अंतर :- विकसित देशों में जीवन की सभी अवस्थाओं में पुरुष मृत्यु-दर, स्त्री मृत्यु-दर सेअधिक होती है इसके विपरीत विकासशील देशों में पुरुषों की अपेक्षा स्त्रियों में मृत्यु-दर अधिक होती है।

  3. प्रवास :- अधिकांश विकासशील देशों, विशेषतया एशियाई तथा अफ्रीकी देशों में बड़ी संख्या में पुरुष ग्रामीण इलाकों से नगरों की ओर आजीविका की तलाश में प्रवास करते हैं। विकसित देशों में नगरीय लिंगानुपात स्त्रियों के पक्ष में अधिक होता है क्योंकि वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में खेती के काम में पुरुषों की संख्या ज्यादा होती है स्त्रियाँ नगरों में नौकरी की तलाश में प्रवास करती है।

व्यावसायिक संरचना - किसी क्षेत्र की विशिष्ट आर्थिक क्रियाओं में लगे जनसंख्या के अनुपात को व्यावसायिक संरचना कहते हैं। व्यावसायिक संरचना को चार मुख्य वर्गों में वर्गीकृत किया जा सकता है:-

  1. प्राथमिक व्यवसाय :- इन व्यवसायों में आखेट, मत्स्यपालन, फल संग्रहण, कृषि संग्रहण, कृषि तथा वानिकी इत्यादि आते हैं।
  2. द्वितीयक व्यवसाय :- इन व्यवसायों में विनिर्माण उद्योग तथा शक्ति उत्पादन इत्यादि आते हैं।
  3. तृतीयक व्यवसाय :- इन व्यवसायों के अंतर्गत परिवहन, संचार, व्यापार, सेवाएँ आदि शामिल किए जाते हैं।
  4. चतुर्थक व्यवसाय :- इनके अंतर्गत चिंतन, शोध योजना तथा विचारों के विकास से जुड़े अत्याधिक बौद्धिकतापूर्ण व्यवसायों को रखा जाता है।


निम्न में से कौन आयु वर्ग कार्यशील जनसंख्या का प्रतिनिधित्व करता है?

15 से 59 वर्ष संख्या जनसंख्या के कार्यशील आयु वर्ग का प्रतिनिधित्व करती है। ।

कार्यशील आयु वर्ग को प्रदर्शित करने वाला कौन सा आयु वर्ग है?

कार्यशील जनसंख्या (अर्थात 15-59 आयु वर्ग में स्त्री और पुरुष) कृषि, वानिकी, मत्स्यन, विनिर्माण, निर्माण, व्यावसायिक परिवहन, सेवाओं, संचार तथा अन्य अवर्गीकृत सेवाओं जैसे व्यवसायों में भाग लेते हैं ।

क्रियाशील जनसंख्या क्या है?

भारत देश के सापेक्ष में कार्यशील जनसंख्या उन व्यक्तियों (महिला व पुरुष दोनों) की कुल संख्या को कहा जाता है जिनकी आयु 15 वर्ष से अधिक और 64 वर्ष से कम है। इस आयु के मध्य पड़ने वाली जनसंख्या को कार्यशील जनसंख्या इसलिए कहा जाता है क्योंकि यह जनसंख्या काम करने हेतु सक्षम होती है और इसे श्रमशक्ति में बदला जा सकता है