कौन सा rang आँखों के लिए अच्छा है? - kaun sa rang aankhon ke lie achchha hai?

आंख का रंग: यह कैसे विकसित होता है और क्यों बदलता है

कौन सा rang आँखों के लिए अच्छा है? - kaun sa rang aankhon ke lie achchha hai?

आंखों का रंग अक्सर वह आनुवंशिक लक्षण होता है जो बच्चे के विकसित होने के साथ-साथ माता-पिता को सबसे ज़्यादा मोहता है। बच्चे की आंखों का रंग क्या होगा, काला, कत्थई, नीला, धूसर (ग्रे), हरा, भूरा या रंगों का कोई संयोजन?

बच्चा कैसा दिखता है यह बात उसे माता और पिता से मिलने वाले आनुवंशिक पदार्थ पर निर्भर करती है। पर माता-पिता के जीन कई अलग-अलग तरीके से मिश्रित हो सकते हैं। माता और पिता के प्रभावों का पता तब तक नहीं चलता जब तक बच्चे का जन्म नहीं हो जाता है।

आंखों का रंग कैसे विकसित होता है

आंखों के रंगीन भाग को आइरिस (परितारिका) कहते हैं, जिसमें मौजूद पिगमेंट से हमारी आंखों का रंग तय होता है।

मानव नेत्र को उसका रंग तीन जीनों से मिलता है जिनमें से दो को अच्छी तरह समझा जा चुका है। ये जीन सबसे आम रंग — हरे, कत्थई, और नीले — के लिए ज़िम्मेदार होते हैं। अन्य रंग, जैसे धूसर (ग्रे), भूरा, और बाकी कई संयोजन अब तक पूरी तरह समझे नहीं गए हैं और इस समय उनका स्पष्टीकरण उपलब्ध नहीं है।

एक समय, आंखों के कत्थई रंग को "प्रभावी" माना जाता था और आंखों के नीले रंग को "अप्रभावी" लक्षण माना जाता था। पर आधुनिक विज्ञान ने यह सिद्ध कर दिया है कि आंखों का रंग इतना सीधा-सादा नहीं है।

आंखों का रंग, विभिन्न रंगों के पेंट के मिश्रण की तरह माता-पिता की आंखों के रंग का मिश्रण नहीं होता है। माता और पिता, प्रत्येक में हर गुणसूत्रपर दो जोड़ी जीन होते हैं, और यह आनुवंशिक जानकारी आंखों के रंग की दृष्टि से किस प्रकार व्यक्त होगी इसके लिए बहुत सारी संभावनाएं मौजूद हैं।

जीवन की शुरुआत में, आंखों का रंग बदल सकता है।

अधिकांश कॉकेशियाई शिशु नीली आंखों के साथ जन्म लेते हैं जो उनके जीवन के शुरुआती तीन वर्षों में गहरा सकती हैं। यदि मेलानिन नामक एक कत्थई पिगमेंट, जो जन्म के समय आमतौर पर अनुपस्थित होता है, आयु के साथ विकसित हो जाए तो आंखें गहरा जाती हैं।

ऐसा भी हो सकता है कि बच्चे की आंखों का रंग माता और पिता में से किसी से भी मेल न खाता हो। पर यदि माता और पिता, दोनों ही की आंखें कत्थई हैं, तो इस बात की अधिक संभावना है कि उनके बच्चों की आंखें भी कत्थई ही होंगी।

अधिक गहरे रंग प्रभावी होते हैं, अतः हरे पर कत्थई की जीत होती है, और नीले पर हरे की।

हालांकि, यदि माता या पिता में से एक की आंखें कत्थई हैं और दूसरे की नीली, तो इसका यह अर्थ नहीं है कि बच्चे की आंखें कत्थई होंगी ही होंगी।

कुछ बच्चे अलग-अलग रंगों वाले आइरिस के साथ जन्म लेते हैं। यह स्थिति — जिसे हेटरोक्रोमिया कहते हैं — आमतौर पर विकास के दौरान पिगमेंट के परिवहन में दोष होने, गर्भ में या जन्म के कुछ ही समय बाद कोई आघात पहुंचने, या किसी सुदम्य आनुवंंशिक विकार के होने के कारण होती है।

अन्य कारण हो सकते हैं सूजन, आइरिस के चकत्ते (विसरित लक्षण) और हॉर्नर्स सिंड्रोम.

यदि आपको अपनी आंखों के रंग में कुछ अजीब दिखे, तो तुरंत अपने नेत्र देखभाल पेशेवर को दिखाएं।

आंखों के रंग में बदलाव

आइरिस असल में एक पेशी है जो फैल कर और सिकुड़ कर पुतली के आकार को नियंत्रित करती है। मद्धिम प्रकाश में पुतली बड़ी हो जाती है और तेज़ प्रकाश में छोटी। जब आप पास की वस्तुओं, जैसे कोई पुस्तक जिसे आप पढ़ रहे हों, पर फ़ोकस करते हैं तो तब भी पुतली सिकुड़ जाती है।

जब पुतली का आकार बदलता है, तो आइरिस में मौजूद पिगमेंट या तो पास-पास आ जाते हैं या दूर चले जाते हैं, जिससे आंखों के रंग में मामूली सा बदलाव आ जाता है।

कुछ भावनाएं भी पुतली के आकार और आइरिस के रंग को बदल सकती हैं। यही कारण है कि कुछ लोग यह कहते हैं कि जब वे गुस्सा करते या प्यार दिखाते हैं तो उनकी आंखों का रंग बदल जाता है।

आंखों का रंग आयु के साथ भी बदल सकता है। ऐसा कॉकेशियाई जनसमूह (ऐसे लोग जिनकी आंखें अधिकतर हल्के रंगों वाली होती हैं) के 10 से 15 प्रतिशत में ऐसा होता है।

उदाहरण के लिए, मेरी आंखें कभी गहरी कत्थई हुआ करती थीं, पर अब वे भूरी हैं, जो कत्थई और हरे का एक संयोजन है। हालांकि, कुछ भूरी आंखें आयु के साथ-साथ और गहरी होती जाती हैं।

यदि आपकी वयस्क आंखों का रंग काफ़ी नाटकीयता से बदल जाता है, या यदि एक आंख का रंग कत्थई से हरा या नीले से कत्थई हो जाता है, तो अपने नेत्र देखभाल पेशेवर को दिखाना महत्वपूर्ण है।

आंखों के रंग का बदलना कुछ रोगों की चेतावनी हो सकती है, जैसे फ़्यूक्स हेटरोक्रोमिक आइरिडोसाइक्लाइटिस, हॉर्नर्स सिंड्रोम या पिगमेंटरी ग्लूकोमा.

अपनी आंखों के रंग या दृष्टि को लेकर चिंतित हैं? अपने पास का कोई नेत्र देखभाल पेशेवर ढूंढें।

पेज प्रकाशित किया गया Wednesday, 21 April 2021

आंखों का भी हमारे भाग्य से बहुत कनेक्शन है. आंखों के रंग से ज्योतिष में कई  बातें पता चलती हैं. आइए जानते हैं ये सारी बातें...

काली आंखे-

- आँखों में सर्वश्रेष्ठ आंखें काली आंखें मानी जाती हैं .

- इन आँखों को शुक्र प्रधान आंखें माना जाता है.

- ऐसे लोग बड़े दयालु और समाज के लिए उपयोगी होते हैं.

- इनको जीवन में धन के लिए काफी परिश्रम करना पड़ता है .

- ऐसे लोगों को थोडा सा ध्यान अपने परिवार पर भी देना चाहिए.

भूरी आंखें

- यह आंखें चन्द्रमा से सम्बन्ध रखती हैं .

- भूरी आँखों वाले बड़े चंचल और सौंदर्य सम्पन्न होते हैं.

- ऐसे लोग बड़े भावुक और कोमल स्वभाव के होते हैं , पर इनका वाणी पर नियंत्रण नहीं होता.

- इनको जिन्दगी में धन और सम्पन्नता मिल ही जाती है.

- ऐसे लोगों को जीवन में रिश्तों के लिए सही व्यक्ति का चुनाव करना चाहिए.

मिश्रित आंखें

- यह आंखें बृहस्पति और शनि का मिश्रित गुण दिखाती हैं.

- ऐसे लोग सामान्य जीवन जीते हुये उचाईयों पर पहुँचते हैं.

- इनका पारिवारिक जीवन अच्छा नहीं होता , पर करियर काफी अच्छा होता है.

- इनको हमेशा पेट या हड्डियों की समस्या परेशान करती है .

- ऐसे लोगों को लापरवाही से बचना चाहिए.

नीली और हरी आंखें

- यह आंखें शुद्ध रूप से बुध से सम्बन्ध रखती हैं.

- ऐसे लोग बड़े चालाक,अवसरवादी,तथा शानदार व्यक्तित्व वाले होते हैं.

- इनकी शुरुआत बड़ी सामान्य होती है , पर जीवन में अदभुत सफलता पाते हैं.

- इनको जीवन में अगर खूब यश मिलता है तो अपयश भी इनका पीछा नहीं छोड़ता.

- इनको बडबोलेपन और विवादों से बचना चाहिए .

छींटदार आंखें

- आँखों की पुतलियों में अगर छींटें हों तो यह राहु और केतु का असर बताती हैं.

- ऐसे लोग जिन्दगी भर उतार चढ़ाव से जूझते रहते हैं

- इनको बहुत उचाई से एकदम जमीन पर आने में जरा भी वक़्त नहीं लगता.

- इनको जीवन में काफी देर बाद जाकर स्थायित्व मिल पाता है.

- इनको हमेशा आकस्मिक लाभ वाली चीज़ों से बचना चाहिए.

अगर एक आँख न हो

- एक आँख का न होना या एक आँख में रौशनी न होना बताता है कि शनि-मंगल का सम्बन्ध अच्छा नहीं है.

- ऐसे लोगों को आर्थिक रूप से बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ता है .

- हालांकि ऐसे लोग बड़े विद्वान् और बड़े बुद्धिमान होते हैं .

- इनको अपने निवास स्थान और अपने लोगों से दूर जाकर ही सफलता मिल पाती है.

- इनको किसी को भी बुरी बात कहने से और शाप देने से बचना चाहिए

आंखों के लिए सबसे अच्छा रंग कौन सा है?

मनुष्य की आँखों के लिए हरा रंग सबसे अच्छा होता है। मनुष्य की आँखों के लिए हरा रंग सबसे अच्छा इसलिए होता है, क्योंकि यह आँखों पर अधिक जोर नहीं डालता है। आँखों के लिए हरा रंग सुग्राही होता है और आंखों के लिए सुकून देता है। वैज्ञानिक दृष्टि से देखें तो रंग एक तरंग दैर्ध्य में होते हैं।

आंखों को कौन सा रंग आकर्षित करता है?

हरा रंग जहां आंखों के लिए अच्छा एहसास लाता है वहीं शरीर की थकान को कम करने और तनाव को दूर करने में मदद करता है। आंखों की रोशनी को भी बढ़ाता है हरा रंग, साथ ही हीलिंग से और साफ-सफाई से जुड़ा रंग है ये। पीले रंग की बात करें तो ये शरीर में सेरोटॉनिन का बहाव तेज होता है जो मन को खुश रखने में मदद करता है।

सुंदर आंखों वाली स्त्री को क्या कहते हैं?

सुन्दर आँखों वाली से तात्पर्य यहाँ सुन्दर नयन वाली नारी से है जिसे सुनयनी, सुलोचनी, सुचाक्षुषी , सुनेत्री, सुलोचना इत्यादि भी कहते हैं।

आंखें बंद करने पर हमें कौन सा कलर दिखाई देता है?

यह प्रकाश को संसूचित करके उसे तंत्रिका (तन्त्रिका) कोशिकाओ द्वारा विद्युत-रासायनिक संवेदों में बदल देता है।