भारत आजाद कब हुआ और कैसे हुआ? - bhaarat aajaad kab hua aur kaise hua?

आज हम इस पोस्ट में जानेंगे की Bharat Kab Azad Hua Tha. अगर कोई जानना चाहता है भारत कब आज़ाद  हुआ तो हमारे इस पोस्ट को जरुर पढ़े. भारत देश आज़ाद हुए काफी समय बीत चूका है लेकिन बहुत से लोगों को नहीं पता भारत कब और कैसे आज़ाद हुआ. अगर आप अपने देश से प्रेम करते है तो आपको पता होना चाहिए भारत का इतिहास कितना कठिन रहा है. भारत ने स्वतंत्रता पाने के लिए कितना संघर्ष किया है इस बात को भी हम इस पोस्ट में अवश्य जानेंगे. तो चलिए जानते है भारत कब आज़ाद हुआ था पूरी जानकारी.

भारत आजाद कब हुआ और कैसे हुआ? - bhaarat aajaad kab hua aur kaise hua?

भारत को आज़ादी दिलाने के लिए बहुत से क्रांतिकारी शहीद हो गये. अगर उन्होंने अपनी कुर्बानी नहीं दी होती तो आज भी हम अंग्रेजो के गुलाम होते. गुलामी ही हमारे देश में गरीबी का कारण है, भारत का काफी समय तक शोषण हुआ जिस वजह से विकास में काफी समय लगा. कभी इस देश को सोने की चिड़िया कहा जाता था लेकिन गुलामी के बाद से लगभग सब कुछ बदल गया. लेकिन फिर भी हार ना मानते हुए आज़ादी के बाद सभी भारतीयों ने अपनी मेहनत के दम पर दुनियाभर में कामयाबी पाई है. हम सभी को गर्व होना चाहिए की हमने भारत के मिट्टी पर जन्म लिया है.

भारत कब आज़ाद हुआ था?

भारत 15 अगस्त 1947 में आज़ाद हुआ था. आज से ठीक 72 साल पहले हमारा देश ब्रिटिश हुकूमत से आजाद हुआ. ब्रिटीशर्स ने भारत पर लगभग 200 साल तक शासन किया, ना जाने कितने लोग शहीद हुए तब जा कर भारत को आज़ादी मिली.

भारत कैसे आज़ाद हुआ?

आप में से बहुत लोग यह सवाल भी जानना चाहते होंगे की भारत अंग्रेजो का गुलाम कैसे बना तथा किस प्रकार भारत को आज़ादी मिली. इसकी शुरुवात 1600 में ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना के साथ हुई. ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारत के मुगल बादशाह जहांगीर से इजाजत लेकर इस कंपनी का आरंभ किया. कंपनी का गठन मसाले के व्यापार के लिए किया गया था. लेकिन समय के साथ इसने कपास, रेशम, चाय, नील और अफीम का भी व्यापार शुरू कर दिया. बाद में कंपनी ने भारत के लगभग सभी क्षेत्रों पर अपना सैनिक तथा प्रशासनिक हक जमा लिया था.

ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारतियों पर अपना अत्याचार शुरू कर दिया. भारत लगभग अपना अधिकार खो चूका था प्रशासन तथा सेना भी अंग्रेजो के हाथ में आ गयी थी. अंग्रेजो ने अपना अत्याचार जारी रखा और लोगो का शोषण करते रहे. भारत में लोग गरीबी से मर रहे थे वही दूसरी तरफ अंग्रेज उनसे लगान वसूलने में लगी रही. इस परिस्थिति को देखते हुए क्रांतिकारी जन्म ले चुके थे और युद्ध की तैयारियां होने लगी. यह सब देखते हुए ब्रिटेन की महारानी ने ईस्ट इंडिया कंपनी से भारत पर राज करने का अधिकार वापस ले लिया. सन 1858 में ‘गवर्नमेंट ऑफ इंडिया एक्ट 1858’ पास कर दिया गया. अब ब्रिटिश क्राउन का भारत पर सीधा नियंत्रण हो गया, जिसे ब्रिटिश राज के नाम से जाना जाता है.

ईस्ट इंडिया कंपनी ख़तम होने के बाद भारत में विकास दिखने लगा. सबसे पहले न्याय व्यवस्था स्थापित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट का गठन किया गया. इसके बाद हावड़ा-कोलकाता से रानीगंज की 120 किमी लंबी रेल लाइन बनाने का फैसला लिया गया. इसके अलावा भारत में पोस्टल सिस्टम और टेलीग्राफी की भी शुरुआत की गई. वैसे तो इसमें अंग्रेजो का ही फायदा था लेकिन देश में विकास देखने को मिल रहा था.

1939-1945 द्वितीय विश्व युद्ध का समय था यह लगभग 6 साल चला. इस युद्ध की शुरुवात तानाशाह हिटलर द्वारा हुई जिसमे लाखों लोग मारे गये. जब 1945 में यह युद्ध समाप्त हुआ उस समय तक ब्रिटेन की आर्थिक हालात काफी दयनीय हो गयी थी. उस समय वे अपने देश पर ही शासन नहीं कर पा रहे थे तो ऐसे में भारत पर शासन करना काफी मुश्किल प्रतीत हो रहा था. उसी समय 1945 में ब्रिटिश चुनाव हुए और लेबर पार्टी की जीत हुई. इस जीत के कारण आज़ादी की रुकावट कम हो गयी. क्योंकि लेबर पार्टी ने अपने मैनिफेस्टो में भारत जैसी दूसरी इंग्लिश कॉलोनियों को भी आज़ादी देने का वादा किया था.

यह निर्णय लिया गया की भारत को 1948 में आज़ादी दी जाएगी. लेकिन उस समय जिन्ना और नेहरू के बीच बंटवारा भी एक मुद्दा बना हुआ था. जिन्ना के अलग देश की मांग के कारण भारत के कई इलाकों में साम्प्रदायिक झगड़े शुरू हो गए थे. हालात ज्यादा ना बिगाड़ें इस कारण से लार्ड माउंटबैटन ने 1948 का इन्तेजार ना करते हुए 1947 को ही आजादी देने का फैसला किया. इस प्रकार भारत और पाकिस्तान अलग हुए तथा एक साथ दोनों को आज़ादी मिली.

लेकिन बहुत से लोग पूछते है अगर पाकिस्तान 15 अगस्त को आज़ाद हुआ तो पाकिस्तान में स्वतंत्रता दिवस 14 अगस्त को क्यों मनाते है. वास्तव में पाकिस्तान को अलग राष्ट्र की स्वीकृति 14 अगस्त को मिल गयी थी. इसी दिन ब्रिटिश लॉर्ड माउंटबेटेन ने पाकिस्तान को स्वत्रंत राष्ट्र का दर्जा देकर सत्ता सौंपी थी. साल 1948 में पाकिस्तान में आजादी की तारीख को 14 अगस्त कर दिया गया था. कई मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार उस दिन रमजान का 27वां दिन था. जो इस्लामी कैलेंडर के अनुसार खास और पवित्र दिन माना जाता है.

Final Words:

तो दोस्तों आज हमने जाना Bharat Kab Azad Hua Tha पूरी जानकारी. इस पोस्ट में यह भी जाना भारत अंग्रेजों का गुलाम कैसे बना और भारत स्वंतत्र कैसे हुआ. यह जानकारी आपके एग्जाम के लिए भी जरुरी समझा जाता है. इस पोस्ट को बेशक आपने पांच मिनट में पढ़ लिया होगा, लेकिन अगर हम सभी घटना को विस्तार से लिखते तथा क्रांतिकारियों के संघर्ष बताते तो शायद पोस्ट पढ़ने में घंटो लग जाते. आप इस बात से समझ सकते है भारत में आज़ादी के लिए कितने बलिदान दिए गये है. अगर आपको हमारा यह पोस्ट पसंद आया हो तो शेयर जरुर करे.

भारत कब आजाद हुआ और किसने करवाया?

15 अगस्त, 1947 में ब्रिटिश शासन से भारत की आजदी मिल गई। यह भारत के पुनर्जन्म जैसा है। यह वो दिन है जब अंग्रेजों ने भारत को छोड़ दिया और इसकी बागडोर हिन्दुस्तानी नेताओं के हाथ में आई। 15 अगस्त, 1947 को पहली बार देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने लाल किले पर तिरंगा झंडा फहराया और भाषण दिया।

1947 से पहले भारत का क्या नाम था?

आज जिसे हम अखंड भारत कहते हैं वह पहले कभी नाभि खंड, फिर अजनाभखंड और बाद में भारतवर्ष कहा जाने लगा। यह क्षेत्र 16 महाजनपदों में बंटा हुआ था। हालांकि सभी क्षेत्रों के राजा अलग-अलग होते थे लेकिन कहलाते सभी भारतवर्ष के महाजनपद थे। आज इस संपूर्ण क्षेत्र को अखंड भारत इसलिए कहा जाता है, क्योंकि अब यह खंड-खंड हो गया है।

भारत को आजादी कब मिली थी?

Memories of 15 August 1947: आज हमें आजाद हुए 75 साल हो गए. एक मुल्क आजादी के पहले पल में क्या महसूस करता है, कैसी रही होगी आजादी की वो रात... वो पहली सुबह?

भारत गुलाम कैसे हुआ था?

विस्तार: यद्दपि भारत की गुलामी की शुरुआत 1600 ई. से हो गई थी जिसमें डच, फ्रांस, पुर्तगाल, ईस्ट इंडिया कंपनी, ब्रिटिश राज सभी ने भारत के अलग अलग हिस्सों पर राज किया परन्तु केवल ब्रिटिश राज ही सम्पूर्ण भारत को गुलाम बनाने में सक्षम हुआ जो कि वर्ष 1857 से 1947 तक रहा।