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PLAYING x OF y Track Name भारत एक कृषि प्रधान देश है, देश की अधिकांश जनसंख्या गांवों में रहती है तथा कृषि सम्बन्धी कार्यों पर निर्भर है। भारत की अर्थव्यवस्था कृषि कार्यों पर सबसे ज्यादा निर्भर है। इसके साथ -साथ भारत सांस्कृतिक रूप से भी बहुत सम्पन्न देश है , यहाँ पर विभिन्न संस्कृतियों से जुड़े लोग आपस में मिलजुल कर अपनी-अपनी संस्कृतियों के रंगों को भारत मे घोलते हैं। विशेषकर भारत की ग्रामीण जनसंख्या अपने पर्वों ,त्योहारों, शुभ -अवसरों,उत्सवों, समारोहों आदि को काफी हर्षों-उल्लास के साथ मनाती है। हम भारतीयों की यह प्रवृति रही है कि हम जीवन के हर छोटे-बड़े अवसर को आपस मे मिलजुल कर धूम-धाम से मनाते हैं। हम भारतीयों की सबसे बड़ी विशेषता है कि हम लोग प्रकृति के विभिन्न रूपों को भी उत्सव के रूप मे ख़ुशी के साथ मनाते हैं , जैसे – सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने पर “मकर संक्रान्ति“, बसंत ऋतु के आगमन पर ‘बसंत पंचमी‘, अनाज की बुआई, कटाई पर बिहू और यही कारण है कि भारत को ‘त्योहारों का देश‘ कहा जाता है। तो चलिए दोस्तों आज आपको भारत के कृषि उत्सवों के बारे में जानकारी देते हैं। आइये जानते हैं भारत के कृषि उत्सवों के बारे में विस्तार से। भारत के कृषि उत्सव
बसंत पंचमी /श्री पंचमी
बैशाखी / मेष संक्रान्ति
पोंगल
ओणम
चैती पर्व
बिहू पर्व
मकर संक्रांति
लोहड़ी
अन्य कृषि उत्सव
चलते–चलतेभारतीय संस्कृति में “कृषि संस्कृति” का विशेष स्थान है, जैसे की हम सब हे जानते हैं की भारत एक कृषि प्रधान देश है और किस प्रकार से हमारे पर्व और त्यौहार सीधे हमारी कृषि से जुड़े हुए हैं। ऐसा अनुमान है कि भारत कि 73% जनसँख्या कृषि पर आधारित है, जब देश आजाद हुआ था उस समय कृषि का देश की जीडीपी में 50% की भागीदारी थी, अब यह घटकर 23.9% रह गयी है। वास्तव में गंभीरता से देखा जाये तो यह आंकड़े चौकाने वाले हैं। कृषि के बजट को भी वर्ष प्रति वर्ष कम किया जा रहा है, जबकि यह सेक्टर प्रतिवर्ष लगभग 63% रोजगार उत्पन्न करता है। सरकार द्वारा जो योजनायें चलायी जाती है उसका लाभ बड़े किसान उठाते हैं तथा छोटे किसान केवल प्रतिवर्ष 6 हजार रूपये का लाभ ले रहे हैं। दुनिया में केवल चीन ही एक ऐसा देश है जिसने पिछले 20 सालों में कृषि में सबसे ज्यादा निवेश किया है तथा अपनी पर-कैपिटा इनकम को दोगुना कर दिया है। बेशक भारत के चीन के साथ सम्बन्ध अच्छे नहीं रहे हैं किन्तु भारत को चीन से कृषि आधारित प्रौद्योगिकी सीखने और उसको अपनाने की जरुरत है। भारत में फसलों से जुड़े कौन कौन से त्योहार मनाए जाते हैं?पोंगल, बिहू, लोहड़ी, खिचड़ी, मकर संक्रांति जैसे त्योहार इस मौसम में तैयार होने वाली अच्छी फसल की खुशी में मनाए जाते हैं। फसल से जुड़े बाकी सारे त्योहारों की तरह ये त्योहार भी खाने के इर्द - गिर्द घूमते हैं।
निम्नलिखित में से कौन भारत का फसल कृषि पर्व है?इस प्रकार, पोंगल और ओणम दक्षिण भारत में मनाया जाने वाला एक फसल उत्सव है।
भारत में फसलों से जुड़े त्योहार कब मनाये जाते हैं?पोंगल, मकरसंक्राति का दूसरा नाम है, जो कि दक्षिण भारत में 14 से 17 जनवरी तक धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन सूर्य देव की पूजा करने का काफी महत्व माना गया है। यह भारत का सबसे रंगीन फसल उत्सव है , जिसमें लोग प्रकृति के प्रति अपनी कृतज्ञता प्रकट करते हैं और प्रकृति को फसलें पैदा करने के लिए धन्यवाद देते हैं।
गांव का सबसे प्रसिद्ध त्यौहार क्या है?त्योहारों. ईद , ईद उल जुहा , बारा वफ़ात आदि मुस्लिम समाज के प्रमुख त्योहार है जो यहाँ मनाए जाते हैं |. गनगौर यह पर्व चैत्र शक्ल तीज को होता है। ... . चैती पूर्णिमा चैत्र की पूर्णिमा को बुन्देलखण्ड में चैती पूने के नाम से यह पर्व मनाया जाता है। ... . असमाई ... . अकती –अक्षय तृतीया ... . बरा बरसात –बट सावित्री व्रत ... . कुनघुसूँ पूर्णिमा ... . हरी-जोत. |