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भूगोल[संपादित करें]विदिशा विंध्याचल पठार पर मुख्य विंध्याचल पर्वतमाला में स्थित है, जो उत्तर और उत्तर-पूर्व की ओर फैला है। पठार उत्तर की ओर ढलान और यह कई नदियों से घिरा है। अधिकांश विदिशा बेतवा नदी की घाटी में स्थित है जो दक्षिण से उत्तर में बहती है। इस घाटी की सीमा पूर्व में गढ़ी-टेंडा रेंज और पश्चिम में गनीरी-राघोगढ़ रेंज द्वारा की गई है। इन दोनों श्रेणियों में मालवा पठार पर विंध्याचल की सीमाओं का हिस्सा बनता है और दक्षिण से उत्तरी तक का विस्तार होता है। मुख्य आँकड़े[संपादित करें]
इन्हें भी देखें[संपादित करें]
सन्दर्भ[संपादित करें]
विदिशा (Vidisha) भारत के मध्य प्रदेश राज्य के विदिशा ज़िले में स्थित एक नगर है। यह ज़िले का मुख्यालय भी है।[1][2] विदिशा मालवा के उपजाऊ पठारी क्षेत्र के उत्तर-पूर्व हिस्से में अवस्थित है तथा पश्चिम में मुख्य पठार से जुड़ा हुआ है। ऐतिहासिक व पुरातात्विक दृष्टिकोण से यह क्षेत्र मध्यभारत का सबसे महत्वपूर्ण क्षेत्र माना जा सकता है। नगर से दो मील उत्तर में जहाँ इस समय बेसनगर (Besnagar) नामक एक छोटा-सा गाँव है, प्राचीन विदिशा बसी हुई है। यह नगर पहले दो नदियों के संगम पर बसा हुआ था, जो कालान्तर में दक्षिण की ओर बढ़ता जा रहा है। इन प्राचीन नदियों में एक छोटी-सी नदी का नाम 'वैस' है। इसे विदिशा नदी के रूप में भी जाना जाता है। लोग[संपादित करें]विदिशा में जन्में श्री कैलाश सत्यार्थी को 2014 में नोबेल शांति पुरस्कार मिला। भूगोल तथा जलवायु[संपादित करें]इसकी भौगोलिक स्थिति बड़ी ही महत्त्वपूर्ण थी। पाटलिपुत्र से कौशाम्बी होते हुये जो व्यापारिक मार्ग उज्जयिनी (आधुनिक उज्जैन) की ओर जाता था वह विदिशा से होकर गुजरता था। यह वेत्रवती नदी के तट पर बसा था, जिसकी पहचान आधुनिक बेतवा नदी के साथ की जाती है। बेतवा की सहायक नदी धसान नदी के नाम में अवशिष्ट है। कुछ विद्वान इसका नामाकरण दशार्ण नदी (धसान) के कारण मानते हैं, जो दस छोटी-बड़ी नदियों के समवाय-रूप में बहती थी। इस क्षेत्र की जलवायु अत्यन्त स्वास्थ्यवर्द्धक है। कर्क रेखा के आसपास स्थित इस क्षेत्र में न अधिक ठंड पड़ती है, न ही अधिक गर्मी। बारिश साधारणतया ४० इंच होती है। एक किवदंती के अनुसार यहाँ की अजस्र जल देने वाली बदली लंगड़ी है। अतः उन पर दया करके बड़े-बड़े बादल यहाँ जल बरसा जाते हैं। यहाँ कभी सूखा नहीं पड़ता। विदिशा के समीप से ही विंध्य पर्वतों की श्रेणियों का सिलसिला पूर्व से पश्चिम की ओर गया है। ये श्रेणियाँ न तो अधिक ऊँची है, न ही लंबी और वेस नदी के किनारे गरुण स्तम्भ स्थित हैं जिससे भागवत कथा प्रारम्भ होने के साक्ष मिलते हैं। इस स्तंभ का निर्माण हिलयोडोरस ने करवाया जिस कारण इसे हिलयोडोरस स्तंभ भी कहते है ।[3] चित्रदीर्घा[संपादित करें]
इन्हें भी देखें[संपादित करें]
बाहरी कड़ियां[संपादित करें]
सन्दर्भ[संपादित करें]
विदिशा कौन से जिले में आता है?विदिशा (Vidisha) भारत के मध्य प्रदेश राज्य के विदिशा ज़िले में स्थित एक नगर है। यह ज़िले का मुख्यालय भी है। विदिशा मालवा के उपजाऊ पठारी क्षेत्र के उत्तर-पूर्व हिस्से में अवस्थित है तथा पश्चिम में मुख्य पठार से जुड़ा हुआ है।
विदिशा क्यों प्रसिद्ध है?विदिशा भारतवर्ष के प्रमुख प्राचीन नगरों में एक है, जो हिंदू तथा जैन धर्म के समृद्ध केन्द्र के रूप में जानी जाती है। जीर्ण अवस्था में बिखरे पड़े कई खंडहरनुमा इमारतें यह बताती है कि यह क्षेत्र ऐतिहासिक एवं पुरातात्विक दृष्टि कोण से मध्य प्रदेश का सबसे धनी क्षेत्र है।
विदिशा में कितने जिले हैं?नई तहसील बनने से जिले में अब 12 तहसील हो जाएंगी, पहले 11 थी। पहले जिले में विदिशा, ग्यारसपुर, गंजबासौदा, नटेरन, कुरवाई, सिरोंज, लटेरी, शमशाबाद, त्योंदा, गुलाबगंज और पठारी तहसील थी।
विदिशा जिले में कितने गांव हैं?
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