These Solutions are part of NCERT Solutions for Class 10 Hindi. Here we have given NCERT Solutions for Class 10 Hindi Sparsh Chapter 11 डायरी का एक पन्ना. पाठ्य पुस्तक प्रश्न मौखिक
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए- प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. प्रश्न 5. लिखित (क) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर
(25-30 शब्दों में) लिखिए- प्रश्न 1. प्रश्न 2.
कलकत्तावासियों के लिए 26 जनवरी 1931 का दिन क्यों महत्त्वपूर्ण था?
उत्तर:
कलकत्ता के लोगों के लिए 26 जनवरी, 1931 इसलिए महत्त्वपूर्ण था क्योंकि लोगों ने इसी दिन स्वतंत्रता दिवस मनाने की पुनवृत्ति करते हुए बढ़-चढ़कर भाग लिया। इसके लिए उन्होंने पुलिस की लाठियों की भी परवाह नहीं की।
सुभाष बाबू के जुलूस का भार किस पर था?
उत्तर:
जब नेताजी सुभाषचंद्र और स्वयं लेखक सहित कलकत्ता के लोगों ने देश का दूसरा स्वतंत्रता दिवस खूब जोश के साथ मनाया, तब सुभाष बाबू ने जुलूस निकाला। उस समय पुरुषोत्तम राय भी इनके साथ थे, पर सुभाष बाबू के जुलूस का पूरा प्रबंध पूर्णोदास ने किया था।
विद्यार्थी संघ के मंत्री अविनाश बाबू के झंडा गाड़ने पर क्या प्रतिक्रिया हुई?
उत्तर:
विद्यार्थी संघ के मंत्री अविनाश बाबू के झंडा गाड़ने पर पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर
लिया तथा अन्य लोगों को मारपीट कर भगा दिया।
लोग अपने-अपने मकानों व सार्वजनिक स्थलों पर राष्ट्रीय झंडा फहराकर किस बात का संकेत देना चाहते थे?
उत्तर:
लोग अपने-अपने मकानों व सार्वजनिक स्थलों पर राष्ट्रीय झंडा फहराकर इस बात का संकेत देना चाहते थे कि वे सभी स्वतंत्रता प्राप्ति के आंदोलन में किसी से भी पीछे नहीं हैं। उन्हें भी स्वतंत्रता दिवस हेतु खुशियाँ मनानी आती हैं। वे पिछले वर्ष के आयोजन में कम भागीदारी की कमी को पूरा करना चाहते थे। वे
अंग्रेज़ों को बताना चाहते थे कि अब वे उनका अपने देश में शासन सहन नहीं कर सकते तथा अब वे उनका जबरदस्त विरोध करते रहेंगे।
पुलिस ने बड़े-बड़े पार्को तथा मैदानों को क्यों घेर लिया था?
उत्तर:
पुलिस ने बड़े-बड़े पार्को और मैदानों को इसलिए घेर लिया था ताकि लोग न तो स्वतंत्रता दिवस मनाने की पुनरावृत्ति कर सके और न राष्ट्रीय ध्वज फहराकर स्वतंत्रता की प्रतिज्ञा पढ़ सके।
26 जनवरी, 1931 के दिन को अमर बनाने के लिए क्या-क्या तैयारियाँ की गई?
उत्तर:
26 जनवरी 1931 का दिन अमर बनाने के लिए कोलकाता के लोगों ने अपने-अपने मकानों और सार्वजनिक स्थानों पर राष्ट्रीय झंडा फहरा रखा था तथा हर रास्ते पर झंडे फहरा दिए थे। वे जुलूस के रूप में मोनुमेंट की ओर पहुँच रहे थे।
आज जो बात थी वह निराली थी-किस बात से पता चल रहा था कि आज का दिन अपने आप में
निराला है? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
‘आज जो बात थी वह निराली थी’ –यह इन बातों से स्पष्ट हो रहा था कि स्त्री समाज जगह-जगह से जुलूस निकालने की तथा ठीक स्थान पर पहुँचने की कोशिश और तैयारी में लगा हुआ था। मोनुमेंट के पास जैसा प्रबंध भोर में था, वैसी करीब एक बजे नहीं रहा। इससे तीन बजे से ही हजारों लोगों की टोलियाँ मैदान में घूमने लगीं।
प्रश्न 3.
पुलिस कमिश्नर के नोटिस और कौंसिल के नोटिस में क्या अंतर था?
उत्तर:
पुलिस कमिश्नर की
नोटिस के अनुसार 26 जनवरी, 1931 को सभा को गैर कानूनी बताते हुए सभा न करने की लोगों को चेतावनी दी गई थी जबकि कौंसिल की नोटिस में लोगों से आह्वान किया गया था कि वे राष्ट्रीय ध्वज फहराने और प्रतिज्ञा पढ़ने के लिए अधिकाधिक संख्या में उपस्थित रहें।
प्रश्न 4.
धर्मतल्ले के मोड़ पर आकर जुलूस क्यों टूट गया?
उत्तर:
धर्मतल्ले के मोड़ पर आकर जुलूस इसलिए टूट गया, क्योंकि जुलूस में भाग लेने वालों पर पुलिस ने लाठियाँ बरसाईं। सुभाष बाबू को गिरफ्तार कर लिया गया।
पुलिस के डंडे बरसाने से काफी लोग घायल हो गए, जिससे धर्मतल्ले पर जुलूस टूट गया।
प्रश्न 5.
डॉ० दास गुप्ता जुलूस में घायल लोगों की देख-रेख तो कर ही रहे थे, उनके फ़ोटो भी उतरवा रहे थे। उन लोगों के फोटो खींचने की क्या वजह हो सकती थी? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
डॉ० दासगुप्ता द्वारा घायलों की फोटो उतारने के निम्नलिखित कारण हो सकते हैं
- कोलकाता वासियों द्वारा स्वतंत्रता की प्राप्ति हेतु किए जा रहे प्रयास को दर्शाना।
- अंग्रेज़ी शासन के अत्याचारपूर्ण कार्यवाही को दिखाना।
- अन्य लोगों को प्रेरित करते हुए।
- प्रामाणिक साक्ष्य प्रस्तुत करने के लिए।
(ख) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए-
प्रश्न 1.
सुभाष बाबू के जुलूस में स्त्री समाज की क्या भूमिका थी?
उत्तर:
सुभाष बाबू के जुलूस में स्त्रियों की भूमिका पुरुषों के समान ही उल्लेखनीय एवं अत्यंत महत्त्वपूर्ण थी। स्त्रियाँ जुलूस के रूप में मोनुमेंट की ओर जा रही थी। यह जुलूस
जगह-जगह से आ रहा था। पुलिस बल इन्हें रोकने का प्रयास कर रहा था फिर भी स्त्रियों का दल आगे बढ़ रहा था। पुलिस जब सुभाष बाबू तथा अन्य पुरुषों से उलझी थी उसी बीच स्त्रियों ने मोनुमेंट पर राष्ट्रीय ध्वज फहराकर प्रतिज्ञा पढ़ी। इसके अलावा 105 स्त्रियों ने अपनी गिरफ्तारी देकर इस उत्सव को सफल बनाया।
प्रश्न 2.
जुलूस के लालबाज़ार आने पर लोगों की क्या दशा हुई?
उत्तर:
जुलूस के लालबाज़ार आने पर लोगों में काफी जोश भर चुका था। कई स्त्रियों को गिरफ्तार कर लिया
गया। वृजलाल गोयनका को एक अंग्रेज़ घुड़सवार ने लाठी मारी, फिर पकड़ कर दूर तक ले गया और छोड़ दिया। वह स्त्रियों के जुलूस में शामिल हो गया। वहाँ से वह दो सौ आदमियों का जुलूस बनाकर लाल बाज़ार गया। वहाँ उसे गिरफ्तार कर लिया गया और मदालसा को भी पकड़ लिया गया। कुल मिलाकर 105 स्त्रियाँ पकड़ी गईं। इतनी स्त्रियों को एक साथ कभी गिरफ्तार नहीं किया था। बाद में रात को नौ बजे सबको छोड़ दिया गया। इसके अतिरिक्त काफ़ी लोग। घायल हुए थे।
प्रश्न 3.
जब से कानून भंग का काम शुरू हुआ है, तब से
आज तक इतनी बड़ी सभा ऐसे मैदान में नहीं की गई थी और यह सभी तो कहना चाहिए कि ओपन लड़ाई थी।’ यहाँ पर कौन-से और किसके द्वारा लागू किए गए कानून को भंग करने की बात कही गई है? क्या कानून भंग करना उचित था? पाठ के संदर्भ में अपने विचार प्रकट कीजिए।
उत्तर:
यहाँ कानून भंग के माध्यम से उस कानून को भंग करने की बात कही गई है, जिसे अंग्रेजों ने अनैतिक और अनुचित रूप से भारतीयों पर थोप रखा था। ये कानून भारतीयों की स्वतंत्रता का कदम-कदम पर हनन करती थी और भारतीयों की प्रगति के मार्ग में
बाधक थी। इन कानूनों को अंग्रेजों ने लागू किया था। ऐसे कानूनों को भंग करना पूर्णतया उचित था। भारतीयों की भलाई के लिए कानून भंग करना सराहनीय कदम था।
प्रश्न 4.
बहुत-से लोग घायल हुए, बहुतों को लॉकअप में रखा गया, बहुत-सी स्त्रियाँ जेल गईं, फिर भी इस दिन को अपूर्व बताया गया है। आपके विचार में यह सब अपूर्व क्यों है? अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर:
हमारे विचार में 26 जनवरी, 1931 के दिन कलकत्ता में आज़ादी के लिए व्यापक विरोध तथा संघर्ष हुआ था और यह अपूर्व
इसलिए है, क्योंकि पहले कभी अंग्रेजी सरकार के विरुद्ध जुलूस नहीं निकाला गया, न ही इससे पहले कभी इतने बड़े स्तर पर सरकार को खुली चुनौती दी गई थी। प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया तथा बहुत-से लोग घायल हुए, पर फिर भी भारी संख्या में स्त्रियों ने जुलूस निकाला और गिरफ्तार हुईं। इससे पहले ऐसा नहीं हुआ था। इसलिए इसको अपूर्व कहा गया है।
(ग) निम्नलिखित का आशय स्पष्ट कीजिए-
प्रश्न 1.
आज तो जो कुछ हुआ वह अपूर्व हुआ है। बंगाल के नाम या कलकत्ता के
नाम पर कलंक था कि यहाँ काम नहीं हो रहा है, वह आज बहुत अंश में धुल गया।
उत्तर:
देश के विभिन्न भागों में स्वाधीनता संघर्ष हो रहे थे। लोग आंदोलन करते हुए गिरफ्तारियाँ दे रहे थे परंतु कलकत्ता या बंगाल से ऐसी कोई खबर नहीं आ रही थी। 26 दिसंबर 1931 के घटनाक्रम जिसमें 200 से ज्यादा लोग घायल हुए तथा 105 स्त्रियों को गिरफ्तार किया गया, ने इस कलकत्ता पर लगे उस कलंक को धो दिया। यहाँ भी आजादी का आंदोलन जोर पकड़ चुका था।
प्रश्न 2.
खुला चैलेंज देकर ऐसी सभा
पहले नहीं की गई थी।
उत्तर:
इसका आशय है कि इस बार पुलिस कमिश्नर के धमकी भरे नोटिस की परवाह न करते हुए सीधे-सीधे ब्रिटिश शासन को खुला चैलेंज दिया गया था अर्थात् उन्हें ब्रिटिश सत्ता का कोई भय नहीं है, इसलिए 26 जनवरी, 1931 को उनकी चुनौती सीधी टक्कर लेने में बदल गई और विरोध शुरू हो गया। ऐसा पहली बार हुआ था कि सरकार सभा न होने देने पर तुली थी, पर कौंसिल ने खुला चैलेंज देकर सभा आयोजित कर दिखाई थी। यह एक चुनौती भरा कदम था।
भाषा अध्ययन
प्रश्न
1.
निम्नलिखित वाक्यों को सरल वाक्यों में बदलिए-
I.
(क) दो सौ आदमियों का जुलूस लालबाज़ार गया और वहाँ पर गिरफ्तार हो गया। ।
(ख) मैदान में हज़ारों आदमियों की भीड़ होने लगी और लोग टोलियाँ बना-बनाकर मैदान में घूमने लगे।
(ग) सुभाष बाबू को पकड़ लिया गया और गाड़ी में बैठाकर लालबाजार लॉकअप में भेज दिया गया।
उत्तर:
(क) दो सौ आदमियों का जुलूस लालबाजार जाकर गिरफ्तार हो
गया।
(ख) हज़ारों आदमियों की भीड़ से लोग टोलियाँ बनाकर मैदान में घूमने लगे।
(ग) सुभाष बाबू को गाड़ी में बैठाकर लालबाजार लॉकअप में भेज दिया गया।
II. ‘बड़े भाई साहब’ पाठ में से भी दो-दो सरल, संयुक्त, और मिश्र वाक्य छाँटकर लिखिए।
उत्तर:
सरल वाक्य –
- मैं यह लताड़ सुनकर आँसू बहाने लगता।
- वे स्वभाव से बड़े अध्ययनशील थे।
संयुक्त वाक्य –
- मैं पास हुआ और दरजे में प्रथम आया।
- उनकी नज़र मेरी ओर उठी और प्राण निकल गए।
मिश्र वाक्य –
- उन्होंने भी उसी उम्र में पढ़ना शुरू किया था, जब मैंने शुरू किया।
- सहसा भाई साहब से मेरी मुझभेड़ हो गई, जो शायद बाज़ार से लौट रहे थे।
प्रश्न 2.
निम्नलिखित वाक्य संरचनाओं को ध्यान से पढ़िए और समझिए कि जाना, रहना और चुकना क्रियाओं का प्रयोग किस प्रकार गया है।
(क)
- कई मकान सजाए गए थे।
- कलकत्ते के प्रत्येक भाग में झंडे लगाए गए थे।
(ख)
- बड़े बाज़ार के प्रायः मकानों पर राष्ट्रीय झंडा फहरा रहा था।
- कितनी ही लारियाँ शहर में घुमाई जा रही थीं।
- पुलिस भी अपनी पूरी ताकत से शहर में गश्त देकर प्रदर्शन कर रही थी।
(ग)
- सुभाष बाबू के जुलूस का भार पूर्णोदास पर था, वह प्रबंध कर चुका था।
- पुलिस कमिश्नर का नोटिस निकल चुका था।
उत्तर:
छात्र केवल पढ़कर समझें ।
प्रश्न 3.
नीचे दिए गए शब्दों की संधि कीजिए-
- श्रद्धा + आनंद = …………………
- प्रति + एक = …………………
- पुरुष + उत्तम = …………………
- झंडा + उत्सव = …………………
- पुनः + आवृत्ति = …………………
- ज्योतिः + मय = …………………
उत्तर:
- श्रद्धानंद,
- प्रत्येक,
- पुरुषोत्तम,
- झंडोत्सव,
- पुनरावृत्ति,
- ज्योतिर्मय
योग्यता विस्तार
प्रश्न 1.
भौतिक रूप से दबे हुए होने पर भी अंग्रेज़ों के समय में ही हमारा मन आज़ाद हो चुका था। अतः दिसंबर सन् 1929 में लाहौर में कांग्रेस को एक बड़ा अधिवेशन हुआ, इसके सभापति जवाहरलाल नेहरू जी थे। इस अधिवेशन में यह प्रस्ताव पास
किया गया कि अब हम ‘पूर्ण स्वराज्य से कुछ भी कम स्वीकार नहीं करेंगे। 26 जनवरी 1930 को देशवासियों ने पूर्ण स्वतंत्रता के लिए हर प्रकार के बलिदान की प्रतिज्ञा की। उसके बाद आज़ादी प्राप्त होने तक प्रतिवर्ष 26 जनवरी को स्वाधीनता दिवस के रूप में मनाया जाता रहा। आजादी मिलने के बाद 26 जनवरी गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।
उत्तर:
छात्र केवल जानकारी के लिए पढ़ें।
प्रश्न 2.
डायरी-यह गद्य की एक विधा है। इसमें दैनिक जीवन में होने वाली घटनाओं,
अनुभवों को वर्णित किया जाता है।
आप भी अपनी दैनिक जीवन से संबंधित घटनाओं को डायरी में लिखने का अभ्यास करें।
उत्तर:
छात्र स्वयं करें।
प्रश्न 3.
जमना लाल बजाज महात्मा गांधी के पाचवाँ पुत्र के रूप में जाने जाते हैं, क्यों? अध्यापक से जानकारी प्राप्त करें।
उत्तर:
छात्र स्वयं करें।
प्रश्न 4.
ढाई लाख का जानकी देवी पुरस्कार जमना लाल बजाज फाउंडेशन द्वारा पूरे भारत में सराहनीय कार्य करने वाली
महिलाओं को दिया जाता है। यहाँ ऐसी कुछ महिलाओं के नाम दिए जा रहे हैंश्रीमती अनुताई लिमये 1993 महाराष्ट्र; सरस्वती गोरा 1996 आंध्र प्रदेश; मीना अग्रवाल 1998 असम; सिस्टर मैथिली 1999 केरल; कुंतला कुमारी आचार्य 2001 उड़ीसा। इनमें से किसी एक के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त कीजिए।
उत्तर:
छात्र स्वयं करें।
परियोजना कार्य
प्रश्न 1.
स्वतंत्रता आंदोलन में निम्नलिखित महिलाओं ने जो योगदान दिया, उसके बारे में संक्षिप्त जानकारी
प्राप्त करके लिखिए-
(क) सरोजिनी नायडू
(ख) अरुणा आसफ़ अली
(ग) कस्तूरबा गांधी ।
उत्तर:
स्वतंत्रता आंदोलन में योगदान –
(क) सरोजिनी नायडू – सरोजिनी नायडू ने महात्मा गांधी के विचारों से प्रभावित होकर देश के लिए समर्पित हो गईं। नायडू ने अनेक राष्ट्रीय आंदोलनों का सक्रिय रूप से नेतृत्व किया। गाँव-गाँव घूमकर देश-प्रेम का अलख जगाया। सरोजिनी के वक्तव्य जनता के
हृदय को झकझोर देते थे। उनके भाषण जनता को अपना सर्वस्व न्योछावर करने के लिए प्रेरित कर देते थे। 1925 में ये कांग्रेस अधिवेशन की अध्यक्षा बनी। स्वतंत्रता के बाद उत्तर प्रदेश की राज्यपाल बनी। आपका व्यक्तित्व बहुत ही प्रभावशाली था।
(ख) अरुणा आसफ अली – अरुणा आसफ़ अली को भारत के स्वतंत्रता संग्राम की ‘ग्रांड ओल्ड लेडी’ और ‘भारत छोड़ो आंदोलन के समय मुंबई के ग्वालिया टैंक मैदान में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का झंडा फहराने के लिए याद किया जाता है। इनकी शिक्षा लाहौर और नैनीताल में हुई। इन्होंने स्नातक तक शिक्षा प्राप्त की। नमक सत्याग्रह के दौरान होने वाली सार्वजनिक सभाओं में भाग लेने के कारण उन्हें गिरफ्तार किया गया। भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में उनकी अहम् भूमिका रही।
(ग) कस्तूरबा गांधी – कस्तूरबा गांधी महात्मा गांधी की पत्नी थीं, वे ‘बा’ के नाम से विख्यात हैं। इनका जन्म 11 अप्रैल 1869 को हुआ। कस्तूरबा ने स्वेच्छा से स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लिया। तीन महिलाओं के साथ ये जेल गईं। जेल में इन्हें पर्याप्त भोजन नहीं मिला। इसका परिणाम यह
हुआ कि इनका शरीर ठठरी मात्र रह गया। चंपारन के सत्याग्रह में ही उन्होंने हिस्सा लिया। बापू की गिरफ्तारी पर उन्होंने जो भाषण दिया वह उनको वीरांगना के रूप में प्रतिष्ठित करता है। इनके योगदान के लिए एक करोड़ रुपया एकत्र कर इंदौर में कस्तूरबा गांधी स्मारक की स्थापना की। भारत के स्वतंत्रता
आंदोलन में इनकी जो भूमिका रही, उसे भारत हमेशा याद रखेगा।
प्रश्न 2.
इस पाठ के माध्यम से स्वतंत्रता संग्राम में कलकत्ता (कोलकाता) के योगदान का चित्र स्पष्ट होता है। आज़ादी के आंदोलन में
आपके क्षेत्र का भी किसी न किसी प्रकार का योगदान रहा होगा। पुस्तकालय, अपने परिचितों या फिर किसी दूसरे स्रोत से इस संबंध में जानकारी हासिल कर लिखिए।
उत्तर:
छात्र स्वयं करें।
प्रश्न 3.
‘केवल प्रचार में दो हज़ार रुपया खर्च किया गया था। तत्कालीन समय को मद्देनजर रखते हुए अनुमान लगाइए कि प्रचार-प्रसार के लिए किन माध्यमों का उपयोग किया गया होगा?
उत्तर:
आज़ादी से पूर्व प्रचार-प्रसार के माध्यम बहुत सीमित थे। उस समय के
प्रचार-प्रसार माध्यमों में समाचार पत्र (अखबार) रेडिया, सभाएँ, गोष्ठियां, भाषण आदि प्रमुख थे। इन सभी प्रचार-प्रसार माध्यमों में समाचार पत्र की भूमिका सर्वाधिक थी अर्थात् यही प्रमुख साधन था।
प्रश्न 4.
आपको अपने विद्यालय में लगने वाले पल्स पोलियो केंद्र की सूचना पूरे मोहल्ले को देनी है। आप इस बात का प्रचार बिना पैसे के कैसे कर पाएँगे? उदाहरण के साथ लिखिए।
उत्तर:
मैं अपने मोहल्ले के प्रत्येक घर जाकर सभी को यह बताऊँगा कि हमारे विद्यालय में आगामी
रविवार दिनांक 23/02/20… को पल्स पोलियो का केंद्र बनना सुनिश्चित हुआ है। सभी अपने पाँच वर्ष तक के छोटे बच्चों को पल्स पोलियो दवा की दो बूंदें अवश्य पिलवाएँ। ये दवा की बूंदें ही नहीं, अमृत है, जीवन है। आप से विनम्र अनुरोध है। कि आप हमारे विद्यालय डी.पी.एस. क्यू.यू ब्लॉक पीतमपुरा दिल्ली-34 में प्रातः आठ बजे अवश्य पहुँचें। मैं यथा संभव आपकी सहायता करूंगा। मुझे विश्वास है कि आप इस अभियान को सफल बनाने के लिए व अपने बच्चों के प्रति अपने दायित्व को पूरा करने के लिए केंद्र पर अवश्य उपस्थित होंगे।
Hope given NCERT Solutions for Class 10 Hindi Sparsh Chapter 11 are helpful to complete your homework.
If you have any doubts, please comment below. Learn Insta try to provide online tutoring for you.