कर्नाटक की मुख्य रोपण कृषि कौन सी है? - karnaatak kee mukhy ropan krshi kaun see hai?

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कर्नाटक की मुख्य रोपण कृषि कौन सी है? - karnaatak kee mukhy ropan krshi kaun see hai?

खेती करते किसान

कर्नाटक राज्य में लगभग 66 प्रतिशत जनसंख्या ग्रामीण है और 55.60 प्रतिशत जनता कृषि और इससे जुडे रोज़गारों में लगी है। राज्य की 60 प्रतिशत, लगभग 114 लाख हेक्टेयर भूमि कृषि योग्य है। कुल कृषि योग्य भूमि के 72 प्रतिशत भाग में अच्छी वर्षा होती है, बाक़ी लगभग 28 प्रतिशत भूमि में सिंचाई की व्यवस्था है। राज्य में 10 प्रतिशत कृषि मौसमी क्षेत्र हैं। यहाँ की प्रमुख मिट्टी लाल मिट्टी है, फिर दूसरे स्थान पर काली मिट्टी है। आज्य की कुल भूमि का 51.7 प्रतिशत भाग राज्य का बुआई क्षेत्र है। वर्ष 2007-08 में लगभग 117.35 लाख टन खाद्यान्न का उत्पादन हुआ है।

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रोपण कृषि की मुख्य विशेषताएँ बतलाइए एवं भिन्न-भिन्न देशों में उगाई जाने वाली कुछ प्रमुख रोपण फसलों के नाम बतलाइए।


रोपण कृषि की मुख्य विशेषताएँ निम्नलिखित हैं-

  1. इसमें कृषि क्षेत्र का आकार बहुत विस्तृत होता है।
  2. इसमें अधिक पूँजी, निवेश, उच्च प्रबंधन, तकनीकी आधार एवं वैज्ञानिक विधियों का प्रयोग किया गया है।
  3. यह एक फसली कृषि है जिसमें किसी एक फसल के उत्पादन पर ही संकेंद्रण किया जाता है।
  4. सस्ते श्रमिकों की उपलब्धता रहती है।
  5. यातायात के साधन विकसित होते हैं जिसके द्वारा बागान एवं बाजार सुचारू रूप से जुड़े रहते हैं।

मुख्य फसलें - यूरोपीय लोगों ने विश्व के अनेक भागों का औपनिवेशीकरण किया तथा कृषि के कुछ अन्य रूप जैसे रोपण कृषि की शुरुआत की। रोपण कृषि की मुख्य फसलें हैं - चाय, कॉफी, कोको, रबड़, गन्ना, कपास, केला एवं अनानास ।


स्यानांतरी कृषि का भविष्य अच्छा नहीं है। विवेचना कीजिए ।


स्थानांतरी कृषि प्राचीन तथा आदिम कालीन पद्धति है। यह उष्ण-आर्द्र वन प्रदेशों में आदिम जातियों द्वारा की गई कृषि है। इस कृषि में लोग अपने भोजन की पूर्ति के लिए एक स्थान से दूसरे स्थान पर कृषि करते हैं। इस कृषि से पर्यावरण का विनाश होता है। इस कृषि में मृदा अपरदन की समस्या गंभीर है तथा भूमि की उपजाऊ शक्ति का ह्रास होता है। इसलिए आधुनिक युग में स्थानांतरी कृषि का क्षेत्र कम हो रहा है। भविष्य में इस कृषि को स्थानबद्ध करने के प्रयत्न किए जा रहे हैं। इसलिए स्थानांतरी कृषि का भविष्य उज्ज्वल नहीं है।


विस्तृत पैमाने पर डेयरी कृषि का विकास यातायात के साधनों एवं प्रशीतकों के विकास के बाद ही क्यों संभव हो सका है?


डेयरी उत्पाद तथा ट्रक कृषि के उत्पाद; जैसे सब्जियाँ, फल और फूल शीघ्र नष्ट होने वाली वस्तुएँ हैं। इन्हें शीघ्रता से मांग वाले क्षेत्रों में पहुंचाना आवश्यक है। इसलिए सब्जियों तथा फलों को शहरों में पहुंचाने के लिए तीव्र गति से चलने वाले यातायात के साधनों का प्रयोग किया जाता है। इन वस्तुओं को खराब होने से बचाने के लिए कई देशों में ट्रक प्रयोग किए जाते हैं। इस प्रकार इस कृषि की सफलता तथा उपयोगिता तीव्र गति से चलने वाले यातायात के साधनों पर निर्भर करती है।


बज़ारीय सब्जी कृषि नगरीय क्षेत्रों के समीप ही क्यों की जाती है?


इस प्रकार की कृषि में अधिक मुद्रा मिलने वाली फसलें उगाई जाती हैं जिनकी माँग नगरीय क्षेत्रों में अधिक होती है। इस कृषि में खेतों का आकार छोटा होता है एवं खेत अच्छे यातायात के साधनों द्वारा नगरीय केंद्रों से जुड़े होते हैं।


भूमध्य सागरीय कृषि को एक उष्कृष्ट और लाभकारी प्रकार की कृषि क्यों समझी जाती है।


  1. यह अति विशिष्ट प्रकार की वाणिज्यिक कृषि है।
  2. अंगूर की कृषि भूमध्यसागरीय क्षेत्र की विशेषता है।
  3. उच्च गुणक्ला वाले अंगूरों की मदिरा और निम्न श्रेणी के अंगूरों को सुखाकर मुनक्का एवं किशमिश बनाई जाती है।
  4. अजीर एंव जैतून भी यहाँ उत्पन्न होता है।
  5. जल यूरोप और स. रा. अमेरिका, में फलों एंव सब्जियों की माँग होती है तब इसी क्षेत्र से पूर्ति की जाती है।


बाज़ार के लिए सब्जी खेती एंव उद्यान कृषि से क्या तात्पर्य है। विश्व में इस प्रकार की कृषि प्रकारों की चार विशेषताएँ लिखिए।


इस प्रकार की कृषि में अधिक मुद्रा मिलने वाली फसले जैसे सब्जियाँ, फल एवं पुष्प लगाए जाते है। जिनकी माँग नगरीय क्षेत्रों में होती है।

विशेषताएं : -

  1. छोटे खेतों का आकार
  2. गहन श्रम एंव अधिक पूँजी की आवश्यकता होती है।
  3. खेत अच्छे यातायात साधनों के द्वारा नगरीय केंद्रो जहाँ अधिक आय वाले उपभोक्ता रहते हैं।
  4. सिंचाई, उर्वरक, अच्छी किस्म के बीच, कीटनाशक, कृत्रिम ताप का उपयोग ।


कर्नाटक की मुख्य रोपन कृषि कौन सी है?

वर्ष 2019-20 के दौरान तिलहन का औसत उत्पादन पिछले 5 वर्षों के तिलहन उत्पादन की तुलना में 2.17 मिलियन टन अधिक है। अनुमानित उत्पादन वर्ष 2018-19 के दौरान हुए उनके उत्पादन की तुलना में अधिक है

कर्नाटक में कौन कौन सी खेती की जाती है?

कर्नाटक में बड़ी संख्या में किसान में अनाजों और खास तौर पर ज्वार, बाजरा, रागी और कुटकी की खेती कर रहे हैं।

रोपण कृषि कौन कौन सी होती है?

रोपण कृषि व्यापक क्षेत्र में की जाती है जो अत्यधिक पूँजी और श्रमिकों की सहायता से की जाती है। इससे प्राप्त सारा उत्पादन उद्योग में कच्चे माल के रूप में प्रयोग होता है ।

गेहूं उत्पादन में प्रथम राज्य कौन सा है 2022?

गेहूं उत्पादन में उत्तर प्रदेश प्रथम स्थान पर है। इसके बाद हरियाणा, पंजाब और मध्य प्रदेश का स्थान आता है।