कक्षा 7 हिंदी वसंत पाठ 4 कठपुतली का अर्थ- Hindi Vasant Class 7 Chapter 4कठपुतली कविता का भावार्थ – Kthputli Poem in Hindiभवानी प्रसाद मिश्र का जीवन परिचय (Bhawani prasad mishra ka jivan parichay): हिंदी भाषा के महान लेखक श्री भवानी प्रसाद मिश्र का जन्म 29 मार्च सन् 1913 को मध्यप्रदेश के होशंगाबाद जिले के टिगरिया गाँव में हुआ। वो कविता, निबंध, संस्मरण और बाल साहित्य लेखन में निपुण थे। इनकी प्रमुख रचनाओं में चकित है दुख, नीली रेखा तक, तुकों के खेल, अंधेरी कविताएं आदि प्रमुख हैं। Show
कठपुतली कविता- Kathputli Poemगुस्से से उबली सुनकर बोलीं और-और मगर… कठपुतली कविता का सारांश (Kathputli Poem Meaning in Hindi): कठपुतली कविता में कवि भवानी प्रसाद मिश्र ने कठपुतलियों के मन की व्यथा को दर्शाया है। ये सभी धागों में बंधे-बंधे परेशान हो चुकी हैं और इन्हें दूसरों के इशारों पर नाचने में दुख होता है। इस दुख से बाहर निकलने के लिए एक कठपुतली विद्रोह के शुरुआत करती है, वो सब धागे तोड़कर अपने पैरों पर खड़ी होना चाहती है। अन्य सभी कठपुतलियां भी उसकी बातों से सहमत हो जाती हैं और स्वतंत्र होने की चाह व्यक्त करती हैं। मगर, जब पहली कठपुतली पर सभी की स्वतंत्रता की ज़िम्मेदारी आती है, तो वो सोच में पड़ जाती है। Hindi Vasant Class 7 All Chapters Summary कठपुतली कविता का भावार्थ – Kathputli Poem Summary in Hindiकठपुतली सुनकर बोलीं
और-और मगर… NCERT Solutions for Class 7 Hindi kathaputalee- Ncert Solutions for Class 7 Hindi Chapter 4प्रश्न 1. कठपुतली को गुस्सा क्यों आया? प्रश्न 2. कठपुतली को अपने पाँवों पर खड़ी होने की इच्छा है, लेकिन वह क्यों नहीं खड़ी होती? प्रश्न 3. पहली कठपुतली की बात दूसरी कठपुतलियों को क्यों अच्छी लगी? प्रश्न 4. पहली कठपुतली ने स्वयं कहा कि -‘ये धागे/क्यों हैं मेरे पीछे-आगे?/ इन्हें तोड़ दो;/मुझे मेरे पाँवों पर छोड़ दो।’ -तो फिर वह चिंतित क्यों हुई कि – ‘ये कैसी इच्छा/मेरे मन में जगी?’ नीचे दिए वाक्यों की सहायता से अपने विचार व्यक्त कीजिए –
Class 7 Hindi उत्तर. पहली कठपुतली के मन में स्वतंत्र होने की भावना प्रबल होती है, वो धागों में बंधे-बंधे परेशान हो चुकी है। इसलिए उसने अपनी स्वतंत्रता के लिए आवाज़ उठाई। इस पर अन्य सभी कठपुतलियां उसका समर्थन करती हैं और उसके साथ विद्रोह करने की बात कहती हैं। तब पहली कठपुतली को एहसास होता है कि उसके ऊपर कितनी बड़ी ज़िम्मेदारी आ गयी है। वो सोचने लगती है कि क्या वो इतनी बड़ी ज़िम्मेदारी निभा पाएगी? इस बात का क्या भरोसा है कि स्वतंत्र होने के बाद वो ख़ुश रह पाएंगी? इन बातों की वजह से ही पहली कठपुतली अपने फैसले के बारे में दोबारा सोचने पर मजबूर हो गयी। कठपुतली कविता में कवि क्या संदेश देना चाहता है?'कठपुतली' कविता के माध्यम से कवि संदेश देना चाहता है कि आजादी का हमारे जीवन में महत्त्वपूर्ण स्थान है। पराधीनता व्यक्ति को व्यथित कर देता है। अतः स्वतंत्र होना और उसे बनाए रखना बहुत जरूरी है, भले ही यह कठिन क्यों न हो।
कठपुतली कविता से आपको क्या शिक्षा मिलती है?कठपुतली पाठ मनुष्य को अपनी आज़ादी के प्रति सचेत रहने की प्रेरणा देता है। उसके अनुसार गुलामी का जीवन कितना भी सुंदर क्यों न हो परन्तु मनुष्य कहलाता गुलाम ही है। अतः हमें गुलामी से मुक्त होने के प्रयास करने चाहिए और अन्य लोगों को भी इसके प्रति सचेत करते रहना चाहिए।
कविता के माध्यम से आपको क्या संदेश मिला?स्वतंत्र रहकर ही अपने सपने और अरमान पूरे किए जा सकते हैं। पराधीनता में सारी इच्छाएँ खत्म हो जाती हैं। पराधीन रहने से हमें अपनी मूलभूत आवश्यकताओं के लिए भी दूसँरों पर निर्भर हो जाना पड़ता है। अतः कवि ने इस कविता के माध्यम से स्वतंत्रता के महत्त्व को दर्शाया है।
कविता में मुख्य कठपुतलियाँ किसका प्रतीक है?कठपुतलियाँ 'आम आदमी' का प्रतीक हैं ताकि वे अपनी मर्जी का जीवन जी सके।
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