कविता के संदर्भ में ‘बिना मुरझाए महकने के माने’ क्या होते हैं? Show फूल तो खिलकर मुरझा जाते हैं और उनकी महक समाप्त हो जाती है। इसके विपरीत कविता भी मुरझाती नहीं। वह सदा ताजा बनी रहती है और उसकी महक बरकरार रहती है। एक अच्छी कविता सदा तरोताजा प्रतीत होती है। कविता का प्रभाव चिरस्थायी होता है। 604 Views आधुनिक युग की कविता की संभावनाओं पर चर्चा कीजिए। छात्र कक्षा में इस विषय पर चर्चा करें। आधुनिक युग की कविता में निम्नलिखित संभावनाएँ हो सकती हैं: □ विषयवस्तु में परिवर्तन। □ कविता कै शिल्प में परिवर्तन। □ जीवन के यथार्थ कै साथ जुड़ाव। □ अभिव्यक्ति का सहज रूप। 319 Views बात (कथ्य) के लिए नीचे दी गई विशेषताओं का उचित बिंबों/मुहावरों से मिलान करें -
381 Views प्रताप नारायण मिश्र का निबंध ‘बात’ और नागार्जुन की कविता ‘बातें’ ढूँढकर पढ़ें। विद्यार्थी पुस्तकें लेकर इन पाठों को पढ़ें। ‘नागार्जुन’ की कविता - बातें। बातें- हँसी में धुली हुई सौजन्य चंदन में बसी हुई बातें- चितवन में घुली हुई व्यंग्य बंधन में कसी हुई बातें- उसाँस में झुलसी रोष की आँच में तली हुई बातें- चुहल से हुलसी नेह साँचे में ढली हुई। बातें- विष की फुहार सी बातें- 563 Views इस ‘कविता के बहाने’ बताएँ कि ‘सब घर एक कर देने के माने’ क्या है? ‘कविता के बहाने’ में सब घर एक कर देने का माने यह है कि सीमा का बंधन समाप्त हो जाना। जिस प्रकार बच्चों के खेल में किसी प्रकार की सीमा का स्थान नहीं होता, उसी प्रकार कविता में कोई बंधन नहीं होता। कविता शब्दों का खेल है। जहाँ रचनात्मक ऊर्जा होती है वहाँ सभी प्रकार की सीमाओं के बंधन स्वयं टूट जाते हैं। बच्चे खेल-खेल में अपने-पराए घर की सीमाएँ नहीं जानते। वे खेलते हुए सारे घरों में घुस सकते हैं और उन्हें एक कर देते हैं। कविता भी यही करती है, वह समाज को बाँधती है, एक करती है। 895 Views चूड़ी, कील, पेंच आदि मूर्त उपमानों के माध्यम से कवि ने कथ्य की अमूर्तता को साकार किया है। भाषा को समृद्ध एवं संप्रेषणीय बनाने में बिंबों और उपमानों के महत्त्व पर परिसंवाद आयोजित कीजिए। भाषा को समृद्ध एवं संप्रेषणीय होना ही चाहिए तभी उसका अपेक्षित प्रभाव पड़ता है। इस कार्य में बिंब और उपमान बहुत सहायक है। इनके प्रयोग से कथ्य स्पष्ट एवं प्रभावी बनता है। इनसे काव्य-सौंदर्य निखर उठता है। - काव्य-बिंब का संबंध भाषा की सर्जनात्मक शक्ति से है तथा इसका निर्माण मनुष्य के ऐन्द्रिक बोध का ही प्रतिफल है। ये शब्द, भाव, विचार के अमूर्त संकेत तो हैं, लेकिन इन अमूर्त संकेंतों में भी वह शक्ति होती है। कि इनके माध्यम से एक मूर्त चित्र निर्मित हो जाता है। यही बिंब निर्माण की प्रक्रिया है। उपमानों के माध्यम से रचनाकार पाठक के समक्ष ऐसे उदाहरण प्रस्तुत करता है जिससे वह सरल, बोधगम्य, शब्दांडबर रहित होकर अपनी रचना के लक्ष्य तक पहुँचने में सफल हो जाता है। 318 Views कविता के बहाने कविता में बिना मुरझाए महकने के क्या मायने हैं?उत्तर:- बिन मुरझाए महकने के माने का अर्थ है कि कविता फूलों की तरह खिलती है, परंतु मुरझाती नहीं है। यह हर समय ताजा रहती है तथा अपनी महक से सबको प्रसन्ना करती है। 'सब घर एक कर देना' से तात्पर्य है की कविता में बच्चों के खेल की तरह बंधन नहीं होता।
सब घर एक कर देने से क्या अभिप्राय है?Answer: सब घर एक देने के माने का अर्थ है कि सभी को अपना घर बना लेना। बच्चों के लिए अपना-पराया कुछ नहीं होता है। जहाँ उन्हें प्यार मिलता है, वे वहीं के हो जाते हैं।
उडने और खेलने का कविता से क्या संबंध है कविता के बहाने कविता के आधार पर बताइए?'उड़ने' और 'खिलने' का कविता से क्या संबंध बनता है? उत्तर: कवि ने बताया कि चिड़िया एक जगह से दूसरी जगह उड़ती है। इसी प्रकार कविता भी हर जगह पहुँचती है।
इस कविता के बहाने बताएँ कि सब घर एक कर देने के माने क्या है?"सब घर एक कर देने के माने' का अर्थ है सभी घरों को एक समान समझना| जिस प्रकार बच्चे खेलते समय किसी घर में भी जाकर अपना-पराया, छोटा-बड़ा, गरीब-अमीर, जाति-धर्म का भेद ,मिटाकर खेलते हैं उस तरह हमें भी इन भावनाओं को मिटाकर सबको एकसमान देखना चाहिए।
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