क्या चिंगम चबाने से दिमाग तेज होता है? - kya chingam chabaane se dimaag tej hota hai?

च्वींग गम के शौकीनों के लिए अब च्वींग गम चबाने का एक हेल्दी बहाना मिल गया है। हाल में 'ब्रेन' नामक पत्रिका में प्रकाशित शोध के अनुसार, जो लोग च्वींग चबाते हैं उनका दिमाग सामान्य लोगों की अपेक्षा 19 प्रतिशत तेजी से प्रतिक्रियाएं देता है और उनकी सोचने की क्षमता अधिक होती है।

शोध के अनुसार, च्वींग गम चबाते वक्त मस्तिष्क में रक्त का संचार तेजी से होता है और मस्तिष्क के आठ हिस्से सक्रिय हो जाते हैं। शोध के दौरान च्वींग गम खाते वक्त और सामान्य अवस्था में प्रतिभागियों के मस्तिष्क का परीक्षण किया गया। इस दौरान उन्हें बिना किसी फ्लेवर का च्वींग गम खिलाया गया जिससे उनका ध्यान न भटक सके।

इस दौरान उमका टेस्ट किया गया जिसमें उन्हें अंगूठे से बटन दबाकर सामने की स्क्रीन पर दिखने वाले तीर की दिशा बतानी थी और धीरे-धीरे इसकी जटिलता का स्तर बढ़ाते गए। यह टेस्ट सतर्कता, दिमाग की प्रतिक्रिया और निर्णय लेने की क्षमता के लिए किया गया।

शोध में पाया गया कि जो प्रतिभागी च्वींग गम नहीं खा रहे थे उन्हें प्रतिक्रिया देने में 545 मिली सेकेंड लगे जबकि च्वींग गम खाने वाले लोगों को प्रतिक्रिया देने में 493 मिली सेकंड लगे।

शोधकर्ताओं के अनुसार, च्वींग गम चबाते वक्त मस्तिष्क का व्यायाम तो होता ही है, साथ ही मस्तिष्क तक ऑक्सीजन व जरूरी तत्वों के पहुंचने में भी आसानी होती है। इससे शरीर में इन्सुलिन भी तेजी से बढ़ता है जिससे दिमाग तेजी से काम करता है। तो अब बतौर एक्सरसाइज कुछ मिनट तक च्वींग गम खाने में संकोच न करें।

चिंगम के अनेक फायदे हैं, जो बहुत कम ही लोगों को पता होते हैं। वहीं, हद से अधिक चिंगम चबाना भी सेहत के लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है। माइग्रेन तक की समस्या इस कारण किसी को भी हो सकती है।

मुंह से दुर्गंध न आए, इसलिए कई लोग चिंगम चबाते हैं। कुछ ऐसे भी होते हैं, जो स्वाद बदलने के लिए इसका सेवन करते हैं। मगर चिंगम के अनेक फायदे हैं, जो बहुत कम ही लोगों को पता होते हैं। वहीं, हद से अधिक चिंगम चबाना भी सेहत के लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है। माइग्रेन तक की समस्या इस कारण किसी को भी हो सकती है।

लुइसियाना स्टेट यूनिवर्सिटी में हुआ शोध बताता है कि दोपहर का खाना खाने के बाद जो लोग चिंगम चबाते हैं, उन्हें दिन के बाकी हिस्से में भूख कम लगती है। वे इसके अलावा अधिक कैलोरी वाले खाने-पीने के सामान खाने से बचते हैं।

ऑस्ट्रेलिया में ब्रिटिश साइंसेज इंस्टिट्यूट के प्रोफेसर एंड्र्यू शोले का कहना है कि चिंगम चबाने से शॉर्ट टर्म मेमोरी की समस्या में 35 फीसदी सुधार होता है। चूंकि चिंगम चबाने के दौरान दिमाग तक खून का प्रवाह अच्छे से होता है।

मनोवैज्ञानिकों मानते हैं कि चिंगम चबाने से तनाव कम हो जाता है। लोग अच्छा महसूस करते हैं। खासकर वे इसे चबाने के समय घबराहट महसूस नहीं करते।

चिंगम चबाने के दौरान मुंह में थूक अधिक आता है। यह डायजेस्टिव एसिड को पेट से मुंह में आने से रोकता है। यही कारण है कि खाना आसानी से पच जाता है और पाचन क्रिया बेहतर होती है।

शुगर फ्री चिंगम दांतों को कैविटी से बचाता है। चूंकि शक्कर के कारण ही मुंह में बैक्टीरिया पनपती है और वही दांतों को नुकसान पहुंचाती है। शोध बताते हैं कि जायलीटॉल वाले गम चबाने से 75 फीसदी मुंह की बैक्टीरिया खत्म हो जाती है।

अक्सर कई लोग ओरल हेल्थ को लेकर परेशान रहते हैं। चिंगम चबाने से दांतों की सड़न व मुंह से बुरी दुर्गंध नहीं आती है। ऊपर से दांत भी चकाचक रहते हैं। जिन लोगों को डबल चिन होती है। यानी गले के पास मोटापा दिखने लगता है, उनके लिए चिंगम चबाना कसरत जैसा होता है।

चिंगम इसके अलावा बच्चों में कान के इन्फेक्शन को रोकने, सिगरेट छुड़वाने और सर्जरी के बाद जल्दी ठीक होने में मदद करता है।

ये हैं साइड इफेक्ट्स-
– अधिक मीठे चिंगम आपके दांतों-मुंह में बैक्टीरिया को जन्म देते हैं।
– मसूड़ों में भी दिक्कत आती है, जिसे टेंपोरोमैंडीबुलर डिसऑर्डर (टीएमडी) कहते हैं। इसमें चिंगम चबाने के दौरान दर्द होता है।
– लगातार चिंगम चबाना सिरदर्द को न्योता देता है।

आज के इस लेख में हम देखेंगे कुछ च्युइंग गम से संबंधित आपके दिमाग में आने वाले और बार-बार पूछे जाने वाले सवालों के जवाब तो चलिए पहले देख लेते हैं कि इस लेख में हम किन किन प्रश्नों का जवाब देखेंगे।

क्रिकेटर्स च्युइंग गम क्यों चबाते हैं?

च्विंगम खाने के फायदे क्या है?

क्या होगा अगर च्युइंग गम निगल गए तो?

च्‍युइंग गम ज्‍यादा खाने से  क्या-क्या नुकसान होते हैं?

बहुत से लोगों को चुइंगम चबाने की आदत होती है। यह कहा जा सकता है कि लोगों को चुइंगम चबाने की लत लग जाती है और फिर यह जल्दी से छूटती नहीं है। बहुत बार आपके टीचर ने आपको क्लास रूम में चुइंगम चबाने के कारण डांटा होगा। केवल इसके साइड इफेक्ट के लिए नहीं, बल्कि कक्षा में असभ्य व्यवहार करने के कारण।

चुइंगम को सभी शौकिए तौर पर चबाते हैं या फिर टाइम पास करने के लिए आप इसका सहारा लेते हैं लेकिन क्या आपको पता हैं कि च्युइंग गम के सेवन से कितने कई स्वास्थ्य लाभ होते हैं। यह आपको चुइंगम चबाने वालो के लिए खुशी दे सकती है। हाल ही में ऑस्कर अवार्ड विजेता एक्ट्रेस ब्राई लार्सन ने बताया कि चुइंगम चबाने से उनका दिमाग ज्यादा अच्छे से काम करता है।

जब आप च्युइंग गम चबाते हैं तो हिप्पोकैम्पस अधिक सक्रिय हो जाता है। हिप्पोकैम्पस मस्तिष्क का वह हिस्सा होता है जो याद्दाश्त में गहरी भूमिका अदा करता है। स्मरण-शक्ति बढ़ाने के साथ ही च्यु्इंग गम से मस्तिष्क मे रक्त प्रवाह बढ़ाने में मदद करता है। जब आप च्युइंग गम चबाते हैं तो आपके दिल की धड़कन बढ़ जाती है और मस्तिष्क को अधिक ऑक्सीजन मिलती है।

तो चलिए देखते हैं पहला प्रश्न:

क्रिकेटर्स मैदान पर बबल गम क्यों चबाते हैं?

च्युइंग गम खाने से डर कम होता है। अपने अंदर के दबाव को नियंत्रित करने के लिए क्रिकेटर्स केवल गम चबाते हैं। इसलिए वे बिना किसी डर के फील्डिंग और कैच ले सकते हैं।

मुंह का सूखना

च्युइंग गम मुंह को सूखने से रोकता है। चूँकि खिलाड़ी उमस भरी गर्मी में आकाश में सूरज के साथ समय बिताते हैं, लेकिन उन्हें हर समय पानी पीने की अनुमति नहीं होती है। चबाने वाली गम खिलाड़ियों के लिए यह काम करती है।

मन को सक्रिय रखता है

यदि आप च्युइंग करते हैं, तो मस्तिष्क सक्रिय रहता है क्योंकि शरीर कुछ काम कर रहा है

कुछ क्रिकेटर अपना स्वैग होता है और वे उसको दिखाने के लिए ही चिंगम का बार-बार उपयोग करते हैं और ऐसा करना उन्हें काफी अच्छा लगता है और यह उनकी खुद की मर्जी भी हो सकती है चलिए बात करते हैं अगले प्रश्न की:

च्विंगम खाने के फायदे क्या है?

कई अध्ययनों के अनुसार च्यूइंग गम एकाग्रता और याददाश्त बढ़ाने में भी मदद कर सकता है।

माना जाता है कि च्युइंग गम चबाने से मस्तिष्क में रक्त संचार तेज होता है। कुछ अध्ययनों के अनुसार रक्त संचार में  25 -40 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई है। इस तरह मस्तिष्क में ज्यादा ऑक्सीजन पहुंचता है जो याददाश्त और अन्य बौद्धिक क्षमताएं बढ़ाने में मदद करता है।

लगातार च्युइंग गम चबाने से चेहरे की मांसपेशियों में भी स्फूर्ति आती है।

कई अध्ययनों के मुताबिक च्यूइंग गम, याददाश्त बढ़ाने के अलावा सतर्कता बढ़ा सकता है। जबड़े के च्यूइंग गम चबाने से नसों तथा मस्तिष्क के कई हिस्सों में स्फूर्ति आती है और रक्त संचार बढ़ता है।

जब आप लम्बी दूरी तक गाड़ी चला रहे हों या कुछ उबाऊ काम कर रहे हों तो च्यूइंग गम आपको जागे और सचेत रहने में मदद कर सकता है।

भोजन के बाद शुगर फ्री च्युइंग गम चबाने से दांतों के लिए हानिकारक एसिड को प्रभावहीन करने में मदद मिल सकती है। अमेरिकी डेंटल एसोसिएशन के अनुसार भोजन के 20 मिनट के बाद शुगर फ्री च्युइंग गम चबाने से प्लाक को कम करने, दांतों के एनामेल (बाहरी परत) को बेहतर बनाने, कैविटीज़ को कम करने और मसूड़े की समस्या दूर करने में मदद मिलती है।

चलिए बात करते हैं अगले प्रश्न की:

क्या होगा अगर च्युइंग गम निगल गए तो?

अक्सर लोग च्यूइंग गम चबाने का शौक रखते हैं। बच्चे से लेकर बड़ों तक, हर कोई च्यूइंग गम चबाते दिख जाएगा। कई तो इसे सिर्फ फैशन और स्टाइल के लिए भी चबाते है। हालांकि इसे चबाने के कई फायदे भी हैं, जैसे की यह वजन घटाने में, मूड ठीक करने में कारगार है।

लेकिन वहीं कई बार आप गलती से इसे निगल भी लेते हैं और फिर टेंशन में आ जाते हैं क्योंकि यह कहावत बहुत प्रचलित है कि च्युंगम चबाते वक्त अगर गलती से आपने च्युंगम निगल लिया तो यह आपके पेट में अगले सात सालों तक रहेगी। खैर ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। दरअसल न्यूयॉर्क के लेंगोन मेडिकल सेंटर द्वारा किये गये शोध के अनुसार अगर च्यूइंग गम गलती से पेट में चला जाये तो घबरायें नहीं। यह खाने की तरह पच जाता है लेकिन इसमें थोड़ा वक्त लगता है।

लेकिन कभी-कभी यही च्युइंगम पेट से बाहर निकलने के बजाय पेट में फंस जाता है ऐसे में यह सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है।

तो चलिए हम आपको बताते हैं कि अगर गलती से च्युइंगम निगल लिया है तो आपको किस तरह की समस्याएं हो सकती हैं।

च्युइंगम में बेस, रंग, चीनी, सुगंध, वसा, रेजिन, मोम, इलास्टोमर और पायसिकारी जैसे तत्व पाए जाते हैं। जब यह च्युइंगम पेट के भीतर पहुंचता है तो पेट में हाइड्रो क्लोरिक एसिड च्युइंगम में मौजूद कुछ तत्वों को अलग करता है।

अगर च्युइंगम चबाते-चबाते आप उसे गलती से निगल जाते हैं और जब ये शरीर से बाहर नहीं निकल पाती है तो इससे शरीर का तापमान सामान्य से ऊपर बढ़ने लगता है जिसके चलते आपको बल्ड प्रेशर का खतरा हो सकता है।

च्युइंगम में हानिकारक कलर और प्रिजर्वेटिव्स पाए जाते हैं जिसकी वजह से जल्दी पच नहीं पाती है। अगर च्युइंगम एक दिन में बाहर ना निकल पाए तो ऐसे में आपको शरीर में इंफेक्शन या किसी तरह की एलर्जी हो सकती है।

बात करते हैं अगले सवाल की:

च्‍युइंग गम ज्‍यादा खाने से  क्या-क्या नुकसान होते हैं?

यह मुंह की मांसपेशि‍यों का ज्‍यादा इस्‍तेमाल भी नुकसानदायक है। लगातार च्‍युइंग चबाने से एक डि‍सॉर्डर होता है। इसमें जबड़े और खोपड़ी को जोड़ने वाली मांसपेशियों में तेज दर्द होता है।

गैस की परेशानी-च्‍युइंग गम ज्‍यादा चबाने से हवा पैदा होती है। जिससे पेट में सूजन और दर्द हो सकता है। यह अपच और सीने में जलन का कारण भी बन सकती है। यह च्‍युइंग गम चबने का बुरा असर है।

हालांकि दुर्लभ मामलों में अगर कोई व्यक्ति खासकर कोई बच्चा बेहद कम समय के अंदर बहुत अधिक मात्रा में च्युइंगम निगल ले और उसे पहले से ही कब्ज (Constipation) की समस्या हो तो यह शरीर के लिए खतरनाक साबित हो सकता है और इसकी वजह से आंत में ब्लॉकेज (Intestine Blockage) यानी रुकावट की समस्या हो सकती है। यही कारण है कि पैरंट्स हमेशा बच्चों को यही बताते हैं कि उन्हें च्युइंगम नहीं निगलना चाहिए।

क्या चिंगम खाने से दिमाग तेज होता है?

शोधकर्ताओं के अनुसार, च्वींग गम चबाते वक्त मस्तिष्क का व्यायाम तो होता ही है, साथ ही मस्तिष्क तक ऑक्सीजन व जरूरी तत्वों के पहुंचने में भी आसानी होती है। इससे शरीर में इन्सुलिन भी तेजी से बढ़ता है जिससे दिमाग तेजी से काम करता है।

1 दिन में कितना चिंगम खाना चाहिए?

आप दिन में कम से कम एक बार च्यूइंग गम जरूर खाएं, इसे खाने से मीठा खाने की तीव्र इच्छा कम होती है। कम कैलोरी वाला च्यूइंग गम फैट फ्री होता है, जिससे फैट बर्न होता है। इसको चबाने से आपके जबड़े की मांसपेशियों पर असर पड़ता है। साथ ही च्यूइंग गम दिन भर में 11 कैलोरी प्रति घंटे कम करने की क्षमता रखता है।

पढ़ते समय चिंगम खाने से क्या होता है?

चूंकि चिंगम चबाने के दौरान दिमाग तक खून का प्रवाह अच्छे से होता है। मनोवैज्ञानिकों मानते हैं कि चिंगम चबाने से तनाव कम हो जाता है। लोग अच्छा महसूस करते हैं। खासकर वे इसे चबाने के समय घबराहट महसूस नहीं करते।

चिंगम का साइड इफेक्ट क्या है?

सिरदर्द और एलर्जी- सि‍र दर्द और एलर्जी भी च्‍युइंग गम भी हानिकारक प्रभाव है। ज्‍यादा च्‍युइंग गम चबाने से सिरदर्द और एलर्जी हो सकती है। इसका कारण यह है कि च्‍युइंग गम में प्रिजरवेटिव और आर्टिफिशियल शुगर मौजूद होती है। जो जहरीली, एलर्जी और सिरदर्द पैदा कर सकती है।