आम तौर पर महिलाओं में गर्भधारण करने से बचने के लिए गर्भनिरोधक गोलियों का सहारा लेना ज्यादा सुविधाजनक रास्ता माना जाता है. Show इन गोलियों से मुंह पर होने वाले दाने और पीरियड के दौरान होने वाले दर्द से थोड़ी राहत भी मिलती है लेकिन यह हर किसी पर सूट नहीं करता है. डेनमार्क में हुए एक हाल के शोध में पता चला है कि इन गर्भनिरोधक गोलियों से डिप्रेशन की भी ख़तरा रहता है. हम आपको बता रहे हैं कुछ ऐसे चार नए आसान तरीकों के बारे में जिसकी मदद से गर्भनिरोधक गोलियों के बिना भी अनचाहे गर्भ से बचा जा सकता है. अब एप की मदद से आप अपनी फर्टिलिटी साइकिल पर नज़र रख रकते हैं. इसके लिए यूजर्स को हर रोज़ अपने तापमान का हिसाब रखना होता है. पत्रकार हॉलि ग्रीग-स्पैल इस एप के बारे में बताती हैं, "सिर्फ़ तीस सेकेंड में पता चल जाता है कि कब मैं फर्टाइल हूं और कब नहीं. जब मैं फर्टाइल रहती हूं तब मैं यह तय कर सकती हूं कि मैं सेक्स करूं या ना करूं. या फिर सेक्स के लिए कंडोम का इस्तेमाल करूं." हॉलि ने अपनी किताब 'स्विटनिंग द पिल' के सिलसिले में गर्भ निरोध के हार्मोन्स पर सालों तक काम किया है. दो तरह के गर्भनिरोधक गोलियां होती हैं. एक जिसमें एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्टेरोन दोनों तरह के हार्मोन होते हैं. ये दोनों ही हार्मोन महिलाओं में पाए जाते हैं लेकिन इसकी मात्रा बढ़ने के बाद ये अंडाशय से अंडाणुओं को निकलने से रोक देते हैं. जिन महिलाओं में उच्च रक्तचाप और मोटापा की समस्या होती हैं, वे महिलाएं एस्ट्रोजेन नहीं ले सकती हैं. इसलिए नए तरह के पिल में सिर्फ़ प्रोजेस्टेरोन होता है जिसे 'मिनी पिल' कहते हैं. ये दोनों ही तरह के पिल 99 फ़ीसदी प्रभावी होते हैं. फैक्लटी ऑफ़ सेक्सुअल एंड रिप्रोडक्टीव हेल्थकेयर की डिप्टी डायरेक्टर डॉक्टर सारा हार्डमैन का कहना है, "अगर एक हार्मोन के कारण कोई साइड इफेक्ट है तो कोई जरूरी नहीं कि दूसरे हार्मोन के साथ भी हो." जितनी पुरानी महिलाओं की गर्भनिरोधक गोली है उतनी ही पुरानी मर्दों की गर्भनिरोधक गोली भी है लेकिन साइड इफेक्ट और फंड की कमी को लेकर होने वाली चिंताओं की वजह से यह कभी भी कारगर नहीं हो पाया है. यूनिवर्सिटी ऑफ़ वोल्वरहैंपटन के शोधकर्ताओं ने उम्मीद जगाई है कि उनके पास इस दवा का सही फार्मूला है जो कारगर साबित होगा. उन्होंने एक ख़ास तरह का पेप्टाइड (प्रोटीन) विकसित किया है जो शुक्राणु की गति को धीमा करता है. इसे पिल, स्प्रे या फिर क्रीम के रूप में बनाया जा सकता है. इसका इस्तेमाल सेक्स के कुछ घंटे पहले करना होगा. मर्दों के लिए गर्भनिरोधक इंजेक्शन हाल में हुई जांच में पाया गया है कि मर्दों के लिए बनाई गई गर्भनिरोधक इंजेक्शन गर्भ रोकने में 96 फ़ीसदी प्रभावी है. दो सौ सत्तर लोगों पर यह परिक्षण किया गया था. उन्हें दो हार्मोन की सूइंया हर आठ हफ़्ते पर दी गईं. एक प्रोजेस्टेरोन की और दूसरी टेस्टोस्टेरोन की अलग किस्म की. 1 आवश्यक जांच - अगर आप परिवार बढ़ाना चाहते हैं, तो सबसे पहले आपको अपना स्वास्थ्य चेकअप करवाना होगा। पति-पत्नी दोनों ही अपनी जांच अवश्य कराएं, ताकि किसी प्रकार की समस्या होने पर उसका पता लगाया जा सके और समाधान भी निकला जा सके। 2 वजन - अपने वजन को नियंत्रित रखने का प्रयास करें। वजन का कम या अधिक होना, दोनों ही स्थिति में आपके लिए मुश्किल पैदा कर सकता है। दरअसल वजन बहुत अधिक कम होने पर अंडाशय में अंड बनने के लिए आवश्यक हार्मोन स्त्रावित नहीं हो पाते, जिससे गर्भ ठहरा नहीं रह पाता। इसलिए वजन बहुत कम भी न करें और बहुत अधिक बढ़ाएं भी ना। 3 व्यायाम - व्यायाम को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं। कम से कम आधा घंटा व्यायाम जरूर करें और हल्की एक्सरसाईज ही करें। इससे आप फिट भी रहेंगी और तरोताजा भी। लेकिन ध्यान रहे बहुत अधिक देर तक एक्सरसाईज न करें, ना ही बहुत भारी व्यायाम करें। 4 पोषण - पोषण का विशेष ध्यान रखें। पोषक तत्वों से भरपूर डाइट लें, यह फर्टिलिटी बढ़ाने में सहायक होगी। इसके लिए अपनी डेली डाइट में प्रोटीन की मात्रा बढ़ाएं और विटामिन-सी, आयरन व कैल्शियम से भरपूर चीजों का सेवन करें। इन जरूरी पोषक तत्वों की कमी से पीरियड्स अनियमित होकर गर्भपात की संभावना बढ़ सकती है। इसके लिए डाइट में हरी सब्जियां, फल, बीन्स और फिश को शामिल करें। 5 कुछ आदतों से तौबा - शराब, सिगरेट व अन्य लतों से दूर ही रहें। इनमें पाए जाने वाले तत्व गर्भ को क्षतिग्रस्त कर सकते हैं। इसके अलावा इससे एस्ट्रोजन हार्मोन का स्त्राव भी कम हो सकता है, जो गर्भ के लिए बेहद नकारात्मक साबित होता है। इससे दोबारा गर्भ ठहरने में भी परेशानी हो सकती है। 6 चाय- कॉफी - चाय, कॉफी व कोल्ड्रिंक का सेवन अधिक न करें। यह फर्टिलिटी को प्रभावित कर सकता है। इसके अलावा इसमें पाया जाने वाला कैफीन भी आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। 7 इंफेक्शन से बचाव - साफ सफाई पर विशेष ध्यान देते हुए, इंफेक्शन से बचाव किया जा सकता है। प्राइवेट पार्ट्स की सफाई का ध्यान रखें और किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरतें। वेजाइनल इंफेक्शन के कारण भी गर्भ ठहरने में परेशानी आ सकती है। 8 9 मासिक चक्र - मासिक चक्र के समय पर ध्यान दें। अगर आपका मासिक चक्र अनियमित हो रहा है, तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें। अगर यह समय 10 दिन से भी अधिक बढ़ रहा है तो जांच कराएं। मासिक चक्र शुरू होने के दसवें दिन से लेकर अगले दस दिनों तक गर्भ ठहरने की संभावना अधिक होती है। इस समय साथी के साथ समय बिताएं। 10 सेक्स पर दें ध्यान - भले ही आपकी दिनचर्या कितनी भी व्यस्त हो, साथी के साथ संबंध बनाने के लिए पर्याप्त समय निकालें। इसके लिए सप्ताह में दो से तीन बार समय निकाल सकते हैं। नियमित तौर पर सेक्स को अपनी जीवनशैली में शामिल करने से एस्ट्रोजन का स्त्राव अधिक होता है, जो कंसीव करने में मदद करता है। इसके अलावा अंड बनने के पहले कुछ दिनों तक 36 से 48 घंटों के बीच संबंध बनाने पर गर्भ ठहरने की संभावना अधिक होती है। इसके अलावा पति की सेहत का ध्यान रखना भी बेहद आवश्यक है। उन्हें पोषक तत्वों से भरपूर डाइट दें जिसमें विटामिन ए, बी एवं अन्य पोषक तत्व अनिवार्य रूप से होने चाहिए। इससे स्पर्म स्वस्थ होते हैं। इसके अलावा शराब, सिगरेट जैसी चीजें बिल्कुल बंद कर दें, इनसे स्पर्म की मात्रा कम होती है, और फर्टिलिटी को नुकसान पहुंच सकता है। जल्दी गर्भ ठहरने के लिए क्या करें?जल्द गर्भधारण या प्रेग्नंत होने के 11 तरीके. गर्भधारण सही उम्र में करे गर्भधारण के लिए डाक्टर सही उम्र 18 से 28 साल के बीच बताते हैं। ... . पहली प्रेग्नेंसी को अबॉर्ट न करें ... . पहली प्रेग्नेंसी को अबॉर्ट न करें ... . माहवारी का चक्र नियमित करें ... . ऑवुलेशन पीरियड पर नजर रखें ... . वजन पर कंट्रोल करें ... . सेहतमंद आहार ... . कंसेप्शनमून. गर्भ ठहरने की देसी दवा कौन सी है?लौंग से ओवुलेशन में सुधार आता है और महिलाओं को इनफर्टिलिटी से निजात मिलती है। लौंग से फर्टिलिटी बढ़ती है और इसमें फोलिक एसिड और जिंक जैसे एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो महिलाओं और पुरुषों दोनों में ही फर्टिलिटी को सुधारने का काम करते हैं। इससे महिलाओं को नैचुरली प्रेगनेंट होने में मदद मिलती है।
प्रेग्नेंट क्यों नहीं हो पाती है?मेल इनफर्टिलिटी जैसे कि स्पर्म काउंट का कम होना, स्पर्म क्वॉलिटी का सही न होना, स्पर्म मोटिलिटी का कम होना और इसके अलावा कई बार ऐसा भी होता है कि स्पर्म क्वॉलिटी तो सही है लेकिन महिला किसी कारण से उन्हें कंसीव नहीं कर पा रही है। ये सब नेचुरल तरह से प्रेगनेंट न हो पाने का कारण हो सकते हैं।
प्रेग्नेंट ना होने के कौन कौन से कारण हो सकते हैं?प्रेगनेंट नहीं होने के कारण:-. अनियमित पीरियड्स आना. नशा करना. पर्याप्त मात्रा में नींद न सोना. सेक्स के बाद योनि साफ करना. टाइट अंडरवियर पहनना. Vitamin D की कमी होना. ज्यादा उम्र होना. |