इसे सुनेंरोकेंमानसून का देश के कृषि जीडीपी पर सीधा प्रभाव पड़ता है। खराब मानसून आपूर्ति संबंधी समस्या पैदा करेगा और खाद्य मुद्रास्फीति को भी बढ़ा देगा। ख़राब मानसून सूखे जैसी स्थिति पैदा कर सकता है, जिससे ग्रामीण घरेलू आय, खपत और आर्थिक विकास प्रभावित होंगे। Show
मानसून भारतीय लोगों के आर्थिक जीवन को कैसे प्रभावित करता है अपने विचार लिखें? इसे सुनेंरोकेंसकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) पर प्रभाव: मॉनसून का देश के कृषि जीडीपी पर सीधा प्रभाव पड़ता है। कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है क्योंकि 60% से अधिक भारतीय आबादी कृषि में संलग्न है और भारतीय सकल घरेलू उत्पाद में करीब 20.5% का योगदान होता है। अगर मॉनसून असफल रहता है तो देश के विकास और अर्थव्यवस्था पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा। पढ़ना: गोवा में क्या सस्ता है? भारत एक मानसूनी जलवायु वाला देश है स्पष्ट करते हुए भारतीय अर्थव्यवस्था पर इसका क्या प्रभाव पड़ता है उल्लेख कीजिए?इसे सुनेंरोकें- भारत मुख्य रूप से एक कृषि प्रधान देश है। कुल जनसंख्या का लगभग 74% प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कृषि से आजीविका प्राप्त करता है। भारतीय कृषि का विकास मुख्य रूप से मानसून जलवायु पर निर्भर है। – उच्च तापमान सदाबहार मौसम का कारण बनता है : कृषि फसलें साल भर उगाई जाती हैं। । मानसूनी वर्षा का भारत के जन जीवन से क्या संबंध है? इसे सुनेंरोकेंदेश के सिंचाई के साधनों की उपलब्धता के बाद भी यहां की कृषि का अधिकांश भाग यहां होने वाली वर्षा की मात्रा व समय पर निर्भर है। जिसके कारण यहां की कृषि की सफलता का बहुत कुछ श्रेय मानसूनी वर्षा को जाता है। वर्षा की मात्रा तथा होने के समय का यहां की कृषि पर प्रभाव स्पष्टतः देखा जाता है। भारतीय कृषकों को मानसून का क्या कहा जाता है?इसे सुनेंरोकेंपानी की उपलब्धताः अच्छे मानसून से नहरों, तालाबों, नदियों, झीलों को पानी उपलब्ध होने से इसकी सप्लाई में वृद्धि होती है जो उद्योगों व कृषि सेक्टर को पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करती है। इस तरह मानसून की उपलब्धता लोगों के सामाजिक-आर्थिक विकास को प्रभावित करती है। यही कारण है कि भारतीय कृषि को “मानसून का जुआ” भी कहा गया है। पढ़ना: रीतिकाल की दो प्रवृतियां कौन सी है? भारत के कुल कृषि क्षेत्र के कितने प्रतिशत भाग में सिंचाई होती है? इसे सुनेंरोकेंइस शुद्ध बोये गये 52 प्रतिशत भू-भाग के मात्र 28 प्रतिशत भाग अर्थात् 4.5 करोड़ हेक्टेयर भूमि पर ही सिंचाई की पर्याप्त सुविधा उपलब्ध है, जबकि देश का समस्त सिंचित क्षेत्र 8 करोड़ हेक्टेयर है। इस प्रकार कुल कृषि भूमि के लगभग 72 प्रतिशत भाग पर की जाने वाली कृषि वर्षा पर ही निर्भर करती है। स्वतंत्रता के पूर्व देश में कृषि की क्या दशा थी?इसे सुनेंरोकेंआजादी से पहले कृषि क्षेत्र में भारत भ्रष्ट और अत्यधिक अस्थिरता के लिए बहुत प्रवण था। दूसरे शब्दों में, विभिन्न फसलों के लिए स्थिर उत्पादन दर नहीं थी। इसका मुख्य कारण बारहमासी सिंचाई के लिए अनुचित बुनियादी ढांचा था। आम्र वर्षा से क्या तात्पर्य है? इसे सुनेंरोकेंआम्र वर्षा आम की फ़सल के लिए काफ़ी उपयोगी है। सम्पूर्ण दक्षिणी पूर्वी एशिया तथा भारत में अप्रॅल तथा मई माह में जो मानसून पूर्व वर्षा होती है, उसे आम्र वर्षा कहते हैं। गर्म पवन तथा आद्र समुद्री पवनों के मिलने से यह वर्षा होती है। ग्रीष्म ऋतु में मानसून के आगमन से पूर्व यह वर्षा होती है। पढ़ना: आप एक पांच साल के बच्चे के जीवन में विकास से क्या समझते है? भारत में शीतकाल क्यों शुष्क प्रकृति का होता है?इसे सुनेंरोकेंदक्षिणी सब ट्राॅपिकल जेट स्ट्रीम पूर्वोत्तर हवा को दक्षिणी एशिया की ओर मोड़ देता है। ये अरब सागर में नमी ग्रहण करते हैं तथा उत्तरी भारत में शीतकाल में वर्षा के कारण बनते हैं। पश्चिमी विक्षोभ पूर्व की ओर 30 डिग्री उत्तर से 60 डिग्री उत्तर की ओर उच्च अक्षांश में यात्रा करते हुए पश्चिमी हिमालय में प्रवेश करते हैं। Submitted by Hindi on Wed, 02/02/2011 - 14:30 Author बालसुब्रमण्यम Source कुदरतनामा भारत की जलवायु के बारे में कहा गया है कि भारत में केवल तीन ही मौसम होते हैं, मानसून पूर्व के महीने, मानसून के महीने और मानसून के बाद के महीने। यद्यपि यह भारतीय जलवायु पर एक हास्योक्ति है, फिर भी भारत की जलवायु के मानसून पर पूर्णतः निर्भर होने को यह अच्छी तरह व्यक्त करता है। इस खबर के स्रोत का लिंक: http://kudaratnama.blogspot.com Show comments मानसून से क्या तात्पर्य है?मानसून या पावस, मूलतः हिन्द महासागर एवं अरब सागर की ओर से भारत के दक्षिण-पश्चिम तट पर आनी वाली हवाओं को कहते हैं जो भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश आदि में भारी वर्षा करातीं हैं। ये ऐसी मौसमी पवन होती हैं, जो दक्षिणी एशिया क्षेत्र में जून से सितंबर तक, प्रायः चार माह सक्रिय रहती है।
मानसून से क्या तात्पर्य है मानसून की वापसी का क्या अर्थ है उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिए?मानसून की वापसी :
मानसून के पीछे हटने के क्रम में सर्वाधिक वर्षा पूर्वी तट पर होती है। लौटता हुआ मानसून बंगाल की खाड़ी से पर्याप्त नमी प्राप्त करता है व उत्तर पूर्वी मानसून के साथ मिलकर अक्टूबर- नवंबर के महीने में आंध्र प्रदेश के रायसीमा तथा तमिलनाडु के कोरोमंडल तट पर वर्षा करता है।
मानसून का कारण क्या है?मानसून की उत्पत्ति की तापीय संकल्पना का सर्वप्रथम प्रतिपादन हैले ने 1686 ई. में किया था। मानसून की उत्पत्ति से संबंधित तापीय संकल्पना के अनुसार, मानसून की उत्पत्ति पृथ्वी पर स्थल तथा जल के असमान वितरण और उनके गर्म एवं ठंडा होने के विरोधी स्वभाव के कारण होती है।
भारत में मानसून कब शुरू होता है?भारत में मानसून लगभग जून की शुरुआत में आता है। मानसून की अवधि जून की शुरुआत से सितंबर के मध्य तक 100-120 दिनों के बीच होती है। मानसून आमतौर पर जून के पहले सप्ताह तक भारतीय प्रायद्वीप के दक्षिणी भाग में पहुंच जाता है। इस मौसम में आर्द्र दक्षिण-पश्चिम ग्रीष्म मानसून का प्रभुत्व होता है।
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