मुंह के अंदर सफेद दाने क्यों होते हैं? - munh ke andar saphed daane kyon hote hain?

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दिखे मुंह के अंदर जानते यादव छोटे छोटे दाने या कोई है सफेद लाइन या कोई ऐसा ऐप है उसका एक हो सकती है आपको तो इसको शराब गुटखा खाते हैं जर्दा खाते हैं या कुछ चीजें करते हैं तो इसके लिए आप भी कुछ दिखाएं इसको इग्नोर ना करें बिल्कुल भी ना करें प्रॉपर तरीके से दिखाना जरूरी है नहीं तो यह कौन सा बढ़ जाएगी और आप ज्यादा खाते हैं या कोई गुटखा पान मसाला खाते हैं और ज्यादा आशापुरी बड़नगर कोई जलन हो रही है तो यह समस्या है

dikhen mooh ke andar jante yadav chote chote daane ya koi hai safed line ya koi aisa app hai uska ek ho sakti hai aapko toh isko sharab gutkha khate hai jarda khate hai ya kuch cheezen karte hai toh iske liye aap bhi kuch dikhaen isko ignore na kare bilkul bhi na kare proper tarike se dikhana zaroori hai nahi toh yah kaun sa BA dh jayegi aur aap zyada khate hai ya koi gutkha pan masala khate hai aur zyada ashapuri BA rnagar koi jalan ho rahi hai toh yah samasya hai

वरिष्ठ कैंसर सर्जन डॉ. दिनेश यादव ने बताया कि आपको मुंह का कैंसर है या नहीं, इसकी पहचान आप स्वयं कर सकते हैं। इसके लिए आपको अपने मुंह में तीन अंगुली डालनी होगी। अगर आपका मुंह तीन सेंटीमीटर तक खुले यानी मुंह में तीन उंगली घुस जाए तो समझिए की आपको कैंसर की संभावना नहीं के बराबर है। ठीक इसके उलट, अगर तीन अंगुली मुंह में नहीं घुसे, तो कैंसर होने की संभावना बढ़ जाती है। तुरंत इसकी जांच करानी चाहिए। अब मोबाइल से भी इस बीमारी की जांच की जा सकती है। मोबाइल से आप अपने मुंह के अंदर की तस्वीर ले लें। यदि मुंह के अंदर लाल, सफेद व काला दाग तस्वीर में दिखे है, तो समझिए कुछ गड़बड़ है। इसके बाद आप शीघ्र डॉक्टरी सलाह लें। अगर दाग नहीं है, तो परेशान होने की जरूरत नहीं है। हालांकि पुष्टि जांच से होती है। भुसावर निवासी डॉ. बीएस शर्मा महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल में न्यूरो साइंस के निदेशक है। वे बुधवार को यहां अस्पताल की ओर से हुए कार्यक्रम में शामिल होने आए थे। उन्होंने कहा कि वर्तमान में अगर 500 मरीज आते हैं तो उनमें 200 मरीजों में मुंह का कैंसर होता है। भरतपुर से भी सबसे ज्यादा मुंह के कैंसर के मरीज ही सामने आते हैं। क्योंकि यहां गुटखा व खैनी का प्रचलन अधिक है। अगर कोई आदमी एक दिन में औसतन डेढ़ घंटा से अधिक मोबाइल का उपयोग करता है, तो उसमें हेड-नेक कैंसर की संभावना अधिक होती है। गुटखा छोड़ने के बाद 10 साल बाद तक उसका असर बना रहता है। कैंसर की संभावना भी बनी रहती है। जितने समय गुटखे का उपयोग किया, उसी अवधि के आधार पर चिकित्सा दी जाती है। डॉ. एमएल स्वर्णकार ने महिलाओं में बढ़ते रोगों, डॉ. एमसी मिश्रा ने बदलती चिकित्सा पद्धति एवं नए बदलावों के बारे में जानकारी दी।

भास्कर अलर्ट
डॉ. दिनेश यादव।

भुसावर निवासी वरिष्ठ कैंसर सर्जन डॉ. दिनेश यादव से बातचीत, बोले रोग कोई भी हो लाइफ स्टाइल जरूरी
35 साल से अधिक की उम्र में दौरा पड़े तो दिखाना जरूरी
बीएस शर्मा ने बताया कि आज के समय में ट्यूमर भी एक बड़ी बीमारी बन चुकी है। लेकिन समय रहते पता चलने पर ही इसका बेहतर इलाज अब हमारे यहां संभव है। 35 साल की उम्र में यदि दौरा पड़ता है तो तुरंत दिखाना चाहिए। जबकि बेहोशी व उल्टी, पहली बार तेज सिरदर्द व चक्कर आ रहे हों तो तुरंत डॉक्टर से मिलना जरूरी है। ऐसे केस में ट्यूमर की संभावना बढ़ जाती है।

क्यों होता है मुंह का कैंसर
1. गुटखा- तंबाकू खाने से तथा स्मोकिंग करने से

2. ओरल सेक्स करने से

3. अनुवांशिक कारण से भी होता है मुंह का कैंसर।

मुंह कैंसर के प्रारंभिक लक्षण
1. मुंह का तीन सेंटीमीटर तक नहीं खुलना

2. मुंह के अंदर लाल, काला व सफेद दाग होना

3. आवाज में परिवर्तन ऐसा हाेने पर तुरंत विशेषज्ञ से परामर्श लें।

जमशेदपुर. दिल्ली के डॉ. चिंतामणि ने कहा कि आपको मुंह का कैंसर है या नहीं, इसकी पहचान आप स्वयं कर सकते हैं। इसके लिए आपको अपने मुंह में तीन अंगुली डालनी होगी। अगर आपका मुंह तीन सेंटीमीटर तक खुले यानी मुंह में तीन उंगली घुस जाए, तो समझिए की आपको कैंसर की संभावना नहीं के बराबर है। ठीक इसके उलट, अगर तीन अंगुली मुंह में नहीं घुसे, तो कैंसर होने की संभावना बढ़ जाती है। अब मोबाइल से भी इस बीमारी की जांच की जा सकती है। मोबाइल से आप अपने मुंह के अंदर की तस्वीर ले लें। यदि मुंह के अंदर लाल, सफेद व काला दाग तस्वीर में दिखे है, तो समझिए कुछ गड़बड़ है। इसके बाद आप शीघ्र डॉक्टरी सलाह लें। अगर दाग नहीं है, तो परेशान होने की जरूरत नहीं है। डॉ चिंतामणि टीएमएच के डिपार्टमेंट ऑफ सर्जरी की ओर से आयोजित क्लिनिकल सर्जरी अपडेट-2015 में शामिल होने शुक्रवार को शहर आए थे। डॉ चिंतामणि ने टीएमएच में भास्कर संवाददाता से विशेष बातचीत करते हुए उक्त बातें कहीं।

क्यों होता है मुंह का कैंसर

1. गुटखा- तंबाकू खाने से तथा स्मोकिंग करने से
2. ओरल सेक्स करने से
3. अनुवांशिक कारण से
क्या है मुंह कैंसर के प्रारंभिक लक्षण
1. मुंह का तीन सेंटीमीटर तक नहीं खुलना
2. मुंह के अंदर लाल, काला व सफेद दाग होना
3. आवाज में परिवर्तन

मोबाइल के ज्यादा उपयोग से भी होता है कैंसर
डॉ चिंतामणि ने कहा कि अगर कोई आदमी एक दिन में औसतन डेढ़ घंटा से अधिक मोबाइल का उपयोग करता है, तो उसमें हेड-नेक कैंसर की संभावना अधिक होती है। डॉ चिंतामणि के अनुसार नए शोध में इस बात की पुष्टि हुई है कि रेडिएशन से कैंसर का खतरा अधिक होता है। इसी कारण मोबाइल टावर के आसपास रहने वाले लोग भी कैंसर मरीज बन रहे हैं।

मुंह का घाव ठीक नहीं हो रहा, तो तुरंत डॉक्टर से मिलें

झारखंड-बिहार के इकलौते एफआरसीए के एक्जामिनर डॉ चिंतामणि ने कहा कि मुंह के अंदर कोई घाव अगर ठीक नहीं हो रहा है, तो तुरंत ईएनटी के डॉक्टर से जांच कराएं। मुंह के अंदर लाल दाग सबसे खतरनाक होता है। सामान्यतः: इसे प्री कैंसर माना जाता है। अगर मुंह के अंदर का दाग काला से लाल या सफेद से लाल हो रहा है, तो इसे कैंसर का शुरुआती दौर माना जाता है। इस दौर तक बीमारी का इलाज आसानी से संभव है। इलाज के बाद मरीज पूरी तरह से ठीक हो सकता है। डॉ चिंतामणि ने कहा कि इस तरह के मामलों में मरीज पहले डेंटिस्ट के पास चले जाते हैं और जांच वगैरह में एक दो सप्ताह से अधिक समय गंवा देते हैं। इससे आसानी से ठीक होने वाला कैंसर बाद में जानलेवा हो जाता है।

झारखंड-बिहार में ज्यादा मामले

डॉ चिंतामणि ने कहा कि पूरी दुनिया में मुंह का कैंसर सबसे ज्यादा झारखंड, बिहार और ओड़िशा में होता है। क्योंकि यहां लोगों की जिंदगी ही तंबाकू से शुरू होती है। इन प्रदेशों में मुंह के कैंसर का प्रमुख कारण तंबाकू है। उन्होंने कहा कि तंबाकू छुड़ाने के लिए स्वयंसेवी संस्थाओं के साथ-साथ मीडिया को भी आगे आकर जागरूकता अभियान चलाना चाहिए।

मुंह के अंदर दाने कैसे ठीक करें?

छालों का उपचार कैसे करें.
कुल्ला मुंह के छालों को कम करने में बेहद असरदार होता है। ... .
एक कप पानी में एक चम्मच धनिया पाउडर मिलाकर उबालें। ... .
मुंह के छालों को ठीक करने के लिए आप शहद का उपयोग भी कर सकते हैं। ... .
पान में इस्तेमाल होने वाला कत्था मुंह के छालों के लिए बहुत फायदेमंद है। ... .
तुलसी भी मुंह के छालों से निजात दिलाती है।.

मुंह में सफेद दाने क्यों होते हैं?

डॉक्टरों का मानना ​​है कि शराब का बार-बार सेवन और धूम्रपान और चबाने के रूप में अत्यधिक तंबाकू का सेवन मुंह के श्लेष्म झिल्ली में पुरानी जलन पैदा कर सकता है और इन पैच का कारण बन सकता है। दांतों का गलत होना, दांतों के टूटे हुए सिरों को जीभ की सतह पर रगड़ना जैसे माध्यमिक कारण भी ल्यूकोप्लाकिया का कारण बन सकते हैं

मुंह के कैंसर के शुरुआती लक्षण क्या है?

मुंह के कैंसर के लक्षण.
होंठ या मुंह का घाव जो ठीक न हो रहा हो।.
मुंह के अंदर सफेद या लाल रंग के पैच नजर आना।.
दांतों में कमजोरी।.
मुंह के अंदर गांठ जैसा अनुभव होना, इसमें होने वाला दर्द।.
निगलने में कठिनाई या दर्द।.
मुंह से अक्सर बदबू आते रहने की समस्या।.

मुंह के कैंसर का पता कैसे लगाएं?

​ओरल कैंसर के लक्षण.
मुंह या जीभ की परत पर धब्बे.
मुंह में छाले.
मसूड़ों का मोटा होना.
दांतों का ढीला होना.
मुंह से खून बहना.
कान में दर्द.
जबड़े में सूजन आना.
गले में खराश सा महसूस होना.