NCERT Solutions for Class 10 Hindi Kshitij Chapter 11 बालगोबिन भगतThese Solutions are part of NCERT Solutions for Class 10 Hindi. Here we have given NCERT Solutions for Class 10 Hindi Kshitij Chapter 11 बालगोबिन भगत. Show
प्रश्न-अभ्यास (पाठ्यपुस्तक से) प्रश्न 1.
प्रश्न 2.
प्रश्न 3.
प्रश्न 4. वे कपड़े कम पहनते थे। कपड़े के नाम पर उनकी कमर में लँगोटी और सिर पर कबीरपंथियों जैसी टोपी होती थी। सर्दियों के दिनों में काली कमली ओढ़े रहते थे। माथे पर रामानंदी तिलक लगा रहता था। गले में तुलसी की बनी बेडौल माला डली रहती थी। इस तरह साधु वेश में रहते थे। उनका जीवन आदर्श साधुता से परिपूर्ण था। प्रश्न 5.
प्रश्न 6. प्रश्न 7.
प्रश्न 8.
रचना और अभिव्यक्ति प्रश्न 9.
प्रश्न 10.
प्रश्न 11. आषाढ़ मास में जैसे ही आकाश बादल से घिर जाते हैं वैसे ही उदासीन मुन प्रफुल्लित हो उठते हैं। जैसे ही रिमझिम वर्षा हुई, सूखी धरती की प्यास बुझी, वैसे ही संपूर्ण ग्राम्यजीवन उल्लास से भर जाता है। प्रश्न 12.
प्रश्न 13.
भाषा-अध्ययन प्रश्न 14. Hope given NCERT Solutions for Class 10 Hindi Kshitij Chapter 11 are helpful to complete your homework. If you have any doubts, please comment below. NCERT-Solutions.com try to provide online tutoring for you. भगत की पुत्रवधू होने के लिए क्यों नहीं छोड़ना चाहती थी?भगत की पुत्रवधू उन्हें अकेले छोड़कर नहीं जाना चाहती थी क्योंकि भगत के बुढ़ापे का वह एकमात्र सहारा थी। उसके चले जाने के बाद भगत की देखभाल करने वाला और कोई नहीं था।
पुत्र की मृत्यु भी भगत के विचार से आनन्द की बात क्यों थी?Answer: बेटे की मृत्यु पर भगत ने पुत्र के शरीर को एक चटाई पर लिटा दिया, उसे सफे़द चादर से ढक दिया तथा गीत गाकर अपनी भावनाएँ व्यक्त की। उनके अनुसार आत्मा परमात्मा के पास चली गई, विरहनि अपने प्रेमी से जा मिली। यह आनंद की बात है, इससे दु:खी नहीं होना चाहिए।
बालगोबिन भगत की पुत्रवधू की ऐसी कौन सी इच्छा थी जिसे वह पूरा न कर सके?बालगोबिन भगत के एकमात्र पुत्र की मृत्यु हो गई थी। उनकी पुत्रवधू की यह इच्छा थी कि वह अपना शेष जीतन भगत जी की सेवा में बिताए। वह उन्हें अकेला छोड़ना नहीं चाहती थी। ... लेकिन उसकी इस इच्छा को बालगोबिन भगत ने पूरा नहीं किया और बेटे के क्रिया-कर्म के उपरांत उसके भाई को यह आदेश दिया कि वह शीघ्र ही उसका पुनर्विवाह कर दे।
बालगोबिन भगत पाठ के माध्यम से लेखक क्या संदेश देना चाहता है?इस पाठ के माध्यम से लेखक लोगों को पाखंडी साधुओं से सचेत करना चाहता है। वास्तविक साधु वही होते हैं जो समाज के सामने उदाहरण प्रस्तुत करें और समाज को पुरानी सड़ी-गली परंपराओं से मुक्त कराएं। कुछ मार्मिक प्रसंगों के आधार पर यह दिखाई देता है कि बालगोबिन भगत प्रचलित सामाजिक मान्यताओं को नहीं मानते थे।
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