पीरियड आने पर कमर दर्द क्यों होता है? - peeriyad aane par kamar dard kyon hota hai?

हिंदी न्यूज़कमर में रहता है हमेशा दर्द, कहीं यूट्रेस की बीमारी तो नहीं

कमर में रहता है हमेशा दर्द, कहीं यूट्रेस की बीमारी तो नहीं

एन्डोमेट्रीओसिस एक ऐसा ट्यूमर है, जिसमें यूट्रेस के आसपास के टिश्यूज सेल्स की तरह का व्यवहार करने लगते हैं और शरीर के दूसरे हिस्सों में भी फैलने लगते हैं। यूट्रेस में होने वाला यह ट्यूमर कई बार...

पीरियड आने पर कमर दर्द क्यों होता है? - peeriyad aane par kamar dard kyon hota hai?

लाइव हिन्दुस्तान टीमTue, 17 May 2016 04:03 PM

एन्डोमेट्रीओसिस एक ऐसा ट्यूमर है, जिसमें यूट्रेस के आसपास के टिश्यूज सेल्स की तरह का व्यवहार करने लगते हैं और शरीर के दूसरे हिस्सों में भी फैलने लगते हैं। यूट्रेस में होने वाला यह ट्यूमर कई बार महिलाओं के लिए जानलेवा भी साबित होता है। महिलाएं अक्सर इसके लक्षणों की अनदेखी करती रहती हैं और इस बीमारी को बढ़ने में मदद मिलती है। आइए हम इस बीमारी के कारण, लक्षण, इसके घातक परिणाम और इलाज के बारे में सिलसिलेवार जानें  

कारण

अबॉर्शन : कई बार अनचाहा गर्भ या किन्हीं कारणों से अबॉर्शन करवाने के बाद इस ट्यूमर का खतरा हो सकता है।
बिनाइन प्रॉलीफरेशन : इंज्यूरी के समय जब यूट्रेस के सैल्स ग्रो करते हैं तो कई बार ओवर ग्रो कर जाते हैं, जिससे ये ट्यूमर होने के खतरे बढ़ जाते हैं।
इंफेक्शन : यूट्रेस में इंफेक्शन के कारण भी ये ट्यूमर हो सकता है।
यूट्रेस में जख्म : बहुत से कारणों के चलते कई बार यूट्रेस में जख्म हो जाते हैं, जिससे इस ट्यूमर का खतरा रहता है।
ट्यूबवैक्टनी : कई बार महिलाएं प्रेग्नेंसी रोकने के लिए ट्यूबवैक्टनी करवाती हैं, जो कि एन्डोमेट्रीओसिस का कारण बन सकता है।
ओवरी इंफेक्शन : कई बार गर्भाशय में इंफेक्शन भी इस ट्यूमर का कारण बनता है।
अंगों को नुकसान : अंगों में इन्फेक्शन या किसी तरह के जख्म होने से भी ये ट्यूमर हो सकता है।
अपेंडिक्स : अपैंडिक्स और यूरेनरी ब्लेडर की वजह से भी एन्डोमेट्रीओसिस होने का खतरा रहता है।

लक्षण

  • आमतौर पर यह कुंआरी युवतियों और 30 से 50 वर्ष तक की उन महिलाओं को होता है, जो मां नहीं बन सकतीं।
  • पैल्विक पेन : इस ट्यूमर के दौरान बहुत दर्द होता है। महिलाओं को पीरियड शुरू होने से 5 से 7 दिन पहले शरीर के निचले हिस्से(अब्डोमनल) में बहुत दर्द होता है। पीरियड्स के दौरान भी बहुत दर्द रहता है और पीरियड्स के बाद भी 2 से 3 दिन तक ये दर्द रहता है।
  • यदि कोई महिला ट्यूमर होने के बाद शारीरिक संबंध बनाती है तो वह बहुत दर्दनाक होता है।
  • जो महिलाएं शादी के दो-तीन साल तक भी प्रेग्नेंट नहीं 
  • होतीं, सामान्यत: उन्हीं महिलाओं को ये ट्यूमर होने का खतरा रहता है।
  • इस ट्यूमर के दौरान महिलाओं को हर पीरियड्स के आसपास कमरदर्द की खासी शिकायत रहती है।
  • यूट्रेस और ओवरी में दर्द की शिकायत रहती है।
  • पीरियड्स के दौरान कई बार बुखार भी होने लगता है।
  • पीरियड्स कई बार बहुत कम या फिर बहुत ज्यादा होता है। और दर्द की भी शिकायत रहती है। पीरियड पिछले महीने की तरह अगले महीने कभी समय पर आता है और कभी नहीं।
  • चलने-फिरने में भी खासी दिक्कत होने लगती है।
  • पीरियड्स के दौरान रैक्टम में दर्द और ब्लीडिंग भी होने लगती है।
  • यूरिन (हैमीच्यूरिया) में भी ब्लड आने लगता है।
  • ज्यादातर महिलाएं लापरवाही के चलते सालों तक भी इस बीमारी का पता नहीं लगा पातीं। पीरियड्स में ये सब होना आम बात है, यह सोचकर डॉक्टर के पास जाना व्यर्थ समझती हैं, जो कि इनके लिए घातक हो सकता है।

कितना घातक

  • इस ट्यूमर का इलाज बहुत ही धीमा होता है। कई बार इस ट्यूमर को सही होने में महीनों या सालों भी लग जाते हैं।
  • इस बीमारी के बाद महिलाओं/युवतियों को गर्भ धारण करने में दिक्कत आती है।
  • कई बार लापरवाही या अन्य कारणों से ट्यूमर फट भी जाता है।
  • कब्ज रहने लगता है या छोटी आंत में रुकावट आने से शौच जाने में दिक्कत होती है। 
  • कई बार ये ट्यूमर एडीनोकारसीनोमा नामक कैंसर में भी बदल जाता है।
  • यदि ट्यूमर का पता लगाने के बाद भी इलाज न कराया जाए तो इसके दुष्परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।
  • अक्सर दर्द रहने पर पेन किलर खाकर समस्या को नजरअंदाज कर दिया जाता है। इससे ये ट्यूमर बढ़ने का खतरा बना रहता है। 
  • ट्यूमर के शुरुआती दौर में ही असहनीय दर्द होता है। यह दर्द शरीर के निचले हिस्से से शुरू होता है और कई बार पूरे पेट में दर्द रहता है।
  • युवतियों को इस ट्यूमर के होने से शादी के बाद तो दिक्कतें आती ही हैं। शादी से पहले वे शारीरिक रूप से कमजोर हो जाती हैं। दिमागी रूप से काफी तनाव रहने लगता है। आपातकाल की स्थिति में कई दिक्कतें आ सकती हैं। उनका न सिर्फ समय बर्बाद होता है, बल्कि वे कहीं बाहर काम करने नहीं जा सकतीं। इस दौरान लड़कियों को हैवी ब्लीडिंग होती है। 

इलाज

इस ट्यूमर का आमतौर पर एक ही तरह का इलाज किया जाता है, वह भी हार्मोनल थेरेपी के माध्यम से। इसके अलावा महिलाओं को यदि एन्डोमेट्रीओसिस का कोई भी लक्षण दिखाई दे तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए और पूरा इलाज कराना चाहिए। ध्यान रखिए, यह एक गंभीर बीमारी है, इसलिए इसके इलाज में लापरवाही ना बरतें। इससे बचाव  करना ही उत्तम है। इसलिए सजग रहें और अपने आसपास की महिलाओं को भी जागरूक करें।
 

पीरियड आने पर कमर दर्द क्यों होता है? - peeriyad aane par kamar dard kyon hota hai?

पीरियड में कमर दर्द करे तो क्या करना चाहिए?

पीरियड्स का दर्द कैसे कम करें? (Periods Pain Relief).
कमर और पेट के निचले हिस्से पर हीटिंग पैड या गर्म पानी की बोतल से सिकाई करें..
गुनगुने पानी से नहाएं..
पेट की मालिश करें..
एंटी-इंफ्लामेटरी ड्रग या दर्द निवारक दवाओं के सेवन के बारे में अपने डॉक्टर से सलाह लें..

Date आने पर कमर क्यों दर्द करती है?

महिलाओं की ओवरी (गर्भाशय) के इंटरनल भाग को एंडोमेट्रियम कहा जाता है। अगर पीरियड्स के दौरान इसका कुछ भाग ओवरी, फैलोपियन ट्यूब या आंतो में पहुंच जाता है तो इसके कारण तेज कमर दर्द होने लगता है।

पीरियड के समय लड़कियों को क्या नहीं करना चाहिए?

क्या नहीं करना चाहिए?.
इस समय अन प्रोटेक्टेड सेक्स नहीं करना चाहिए। ... .
जंक फूड और बाहर का खाना खाने से भी बचने की कोशिश करनी चाहिए।.
बार-बार कॉफी का सेवन नहीं करना चाहिए। ... .
हीटिंग पैड का प्रयोग करना कंफर्टेबल लग सकता है लेकिन इससे पेट बुरी तरह प्रभावित होता है।.
शराब का सेवन करना भी काफी कम कर दें।.

पेट के नीचे और कमर में दर्द क्यों होता है?

पीठ, बाजू या पसलियों के नीचे दर्द, गुर्दे की पथरी या पायलोनेफ्राइटिस जैसी गुर्दे की बीमारी का शुरुआती लक्षण हो सकता है। इसी तरह, पेट के निचले हिस्से में दर्द, मूत्राशय के संक्रमण या मूत्रवाहिनी में पथरी (गुर्दे और मूत्राशय को जोड़ने वाली नली) से जुड़ा हो सकता है।