Vitamin E एक आवश्यक फैट-सॉल्युबल चीज़ है जो फलों और हरी सब्जियों में मौजूद होता है। दुर्भाग्य से, मानव शरीर इस विटामिन का उत्पादन करने में असमर्थ है इसलिए, व्यक्तियों को अपनी आहार आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए विटामिन ई से भरपूर खाने वाली चीज़ों का सेवन करना पड़ता है, फैट्स का घुलनशील (soluble component) होने के कारण, इसे ब्लडस्ट्रीम में घुलने में पर्याप्त मात्रा में फैट्स की आवश्यकता होती है। आमतौर पर, मानव शरीर विटामिन E को लिवर में ही स्टोर करता है। कम या बिना फैट वाले आहार का सेवन करने से भी विटामिन E की कमी हो सकती है और रोग प्रतिरोधक क्षमता यानी आपकी इम्युनिटी कम हो सकती है। इसलिए इस कमी के शुरुआती लक्षणों की पहचान करना और उसके अनुसार सावधानी बरतना आवश्यक है। Show
यहां कुछ सामान्य लक्षण दिए गए हैं, जो किसी व्यक्ति में विटामिन E की कमी का संकेत देते हैं जैसे - हेयर लॉस, स्किन की समस्याएं, कमज़ोरी, खुजली, आखों का कमजोर होना, व खराब इम्युनिटी को बढ़ावा दे सकती है। मानव शरीर में विटामिन ई की कमी के प्राथमिक कारण क्या हैं? - खराब आहार (poor diet), जेनेटिक्स (genetics) और चिकित्सीय स्थिति (medical conditions) इसका कारण हो सकती है। विटामिन E की कमी से कौन सा रोग होता है? : Vitamin E Deficiency Can Cause in Hindiनेत्र विकार (eye disorder) विटामिन E की कमी से केंद्रीय दृष्टि या उम्र से संबंधित धब्बेदार अध: पतन 'age related macular degeneration' (AMD) का नुकसान होता है। मानसिक कार्य विकार (mental function disorder) विटामिन E की कमी से मानसिक समस्याएं हो सकती हैं और संज्ञानात्मक कार्य (cognitive function) बाधित हो सकता है। इससे वृद्ध व्यक्तियों में अल्जाइमर (Alzheimer) हो सकता है। स्पिनोसेरेबेलर गतिविभ्रम (spinocerebellar ataxia) विटामिन E की कमी से एक प्रगतिशील तंत्रिका संबंधी विकार (neurological disorder) हो सकता है, जो धीरे-धीरे गतिविभ्रम (ataxia) में विकसित हो सकता है। यह हृदय की मांसपेशियों को भी खराब कर सकती है जिससे मृत्यु भी हो सकती है। कार्डियोमायोपैथी (Cardiomyopathy) भी AVED के रोगियों में विटामिन E की कमी का एक कारण है। यह स्तिथि हृदय को रोकती है शरीर के बाकी हिस्सों में ब्लड पंप करने से, जिससे धड़कन, सांस लेने में तकलीफ और थकान हो सकती है। गर्भावस्था के मुद्दे (pregnancy issues) गर्भावस्था में विटामिन E की भूमिका तंत्रिका तंत्र (neurological) के कामकाज के लिए महत्वपूर्ण है। इसके विपरीत, अपर्याप्त विटामिन E एक शिशु के मानसिक विकास और दृष्टि को प्रभावित करता है। अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। स्पोर्ट्सकीड़ा हिंदी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है। Edited by Vineeta Kumar Thank You! सावधान: विटामिन-ई की कमी से इन बीमारियों का रहता है खतरा, लक्षणों को न करें नजरअंदाजहेल्थ डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: सोनू शर्मा Updated Wed, 23 Jun 2021 08:02 AM IST Medically Reviewed by Dr. Rajan Gandhi डॉ. राजन गांधी जनरल फिजिशियन, चाइल्डकेयर हॉस्पिटल, उजाला सिग्नस हॉस्पिटल डिग्री- एम.बी.बी.एस, डिप्लोमा सी.एच अनुभव- 25 वर्ष विटामिन कई प्रकार के होते हैं और शरीर को स्वस्थ रखने के लिए उन सभी की जरूरत होती है। इसमें विटामिन ए, सी, डी, ई और के, आदि शमिल हैं। चाहे शारीरिक स्वास्थ्य हो या मानसिक, दोनों के लिए विटामिन का बड़ा योगदान माना गया है, लेकिन अच्छी सेहत के लिए इनको भी सही मात्रा में लेना बेहद जरूरी है। हालांकि कई बार लोगों के शरीर में अलग-अलग प्रकार के विटामिन की कमी हो जाती है, जिसके गंभीर दुष्प्रभाव देखने को मिल जाते हैं। इसलिए ध्यान रखना होता है कि शरीर में किसी विटामिन की कमी न होने पाए। विशेषज्ञ कहते हैं कि दुनिया में अभी भी करोड़ों लोग विटामिन की कमी से पीड़ित हैं और कुछ लोगों में यह जानलेवा भी साबित होती है। आज हम आपको विटामिन-ई की कमी से होने वाले खतरों और इसके लक्षणों के बारे में बताने जा रहे हैं। आइए जानते हैं... विटामिन-ई की कमी के लक्षण
विटामिन-ई की कमी से होने वाली समस्याएं
विटामिन-ई की कमी कैसे पूरी करें?
विटामिन-ई अधिक मात्रा में लेने से नुकसान?
नोट: डॉ. राजन गांधी अत्यधिक योग्य और अनुभवी जनरल फिजिशियन हैं। इन्होंने कानपुर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज से अपना एमबीबीएस पूरा किया है। इसके बाद इन्होंने सीएच में डिप्लोमा पूरा किया। फिलहाल यह उजाला सिग्नस कुलवंती अस्पताल, कानपुर में मेडिकल डायरेक्टर और सीनियर कंसल्टेंट फिजिशियन के तौर पर काम कर रहे हैं। यह आईएमए (इंडियन मेडिकल एसोसिएशन) के आजीवन सदस्य भी हैं। डॉ. राजन गांधी को इस क्षेत्र में 25 साल का अनुभव है। अस्वीकरण: अमर उजाला की हेल्थ एवं फिटनेस कैटेगरी में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को अमर उजाला के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। अमर उजाला लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित अस्वीकरण- बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें। विटामिन ई से होने वाला रोग कौन सा है?विशेषज्ञ कहते हैं कि विटामिन-ई की कमी से शरीर को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन नहीं मिल पाता और इस वजह से कई गंभीर समस्याएं हो सकती हैं, जिसमें ब्रेन हैमरेज और हार्ट अटैक आदि शामिल हैं। इसके अलावा विटामिन-ई की कमी से मानसिक विकार हो सकते हैं और इम्यूनिटी भी कमजोर हो सकती है।
विटामिन ई की कमी से क्या परेशानी होती है?आंखों की कमजोरी-
अगर आपके शरीर में विटामिन ई की कमी हो गई है तो आंखों की कमजोरी महसूस होना और आंखों में स्ट्रेस भी होता है. इतना ही नहीं आखों में थकान जैसी भी महसूस होती है.
विटामिन E किसकी कमी से होता है?विटामिन-ई की कमी से इम्यूनिटी कमजोर हो सकती है.
यह एक मुख्य पोषक तत्व है, जो त्वचा और बालों को स्वस्थ रखता है. साथ ही हड्डियों, टिशूज को भी लंबी उम्र तक हेल्दी बनाए रखने के लिए जिम्मेदार है. विटामिन-ई एक एंटीऑक्सिडेंट है, जो कोशिकाओं को फ्री रेडिकल्स से होने वाले नुकसान से भी बचाता है.
विटामिन ई की कमी कैसे पता करें?विटामिन-ई की कमी के लक्षण-. बार-बार बीमार पड़ना- ... . मसल्स में दर्द और वीकनेस- ... . बॉडी बैलेंसिंग में दिक्कत- ... . आंखों की रोशनी में पड़ेगा फर्क- ... . हाथ-पैर में सुई जैसी चुभना और सुन्न हो जाना- ... . एबनॉर्मल ब्लीडिंग- ... . बार-बार उल्टी-दस्त होना- ... . स्किन में नील पड़ना और स्किन का ढीला हो जाना-. |