प्रक्षेप्य गति का सूत्र क्या है? - prakshepy gati ka sootr kya hai?

  • प्रक्षेप्य गति
      • प्रक्षेप्य गति के उदाहरण
    • प्रक्षेप्य का पथ
    • प्रक्षेप्य पर उड्डयन काल
    • प्रक्षेप्य की परास
    • प्रक्षेप्य की ऊंचाई
    • प्रक्षेप्य गति संबंधित प्रश्न-उत्तर
      • 1. उड्डयन काल किसे कहते हैं?
      • 2. सिद्ध कीजिए कि प्रक्षेप्य का पथ परवलयाकार होता है?
      • 3. क्षैतिज परास किसे कहते हैं?
      • 4. अधिकतम क्षैतिज परास हेतु प्रक्षेप कोण कितना होना चाहिए?
      • 5. प्रक्षेप्य गति में कौन सी राशि नियत रहती है?

प्रक्षेप्य गति किसे कहते हैं, प्रक्षेप्य गति की परिभाषा, सूत्र, उड्डयन काल, प्रक्षेप्य का पथ परवलयाकार होता है।

प्रक्षेप्य गति

जब किसी वस्तु को पृथ्वी के गुरुत्वीय क्षेत्र में एक प्रारंभिक वेग से किसी कोण पर फेंका जाता है तो वस्तु ऊर्ध्वाधर दिशा में लगते हुए गुरुत्वीय त्वरण के अंतर्गत एक वक्र पथ पर गति करती है। वस्तु की इस गति को प्रक्षेप्य गति (motion of a projectile in Hindi) कहते हैं। एवं वस्तु जिस पथ पर गति करती है उसे प्रक्षेप पथ कहते हैं।

प्रक्षेप्य गति के उदाहरण

  1. तोप से छूटे गोले की गति
  2. भाला फेंक खेल में भोले की गति
  3. छत से फेंकी गई गेंद की गति
  4. बल्लेबाज द्वारा मारी गई गेंद की गति
  5. फुटबॉल खेल में गेंद की गति

प्रक्षेप्य का पथ

एक बहुत महत्वपूर्ण प्रश्न है कि सिद्ध कीजिए कि प्रक्षेप्य का पथ परवलयाकार होता है। यह हर साल exam में आता है पूरा निगमन करना होता है जो नीचे दिया गया है –

माना बिंदु O किसी पिंड को क्षैतिज से θ कोण पर प्रारंभिक वेग u से फेंका जाता है। चित्र में OX क्षैतिज रेखा है एवं OY ऊर्ध्वाधर रेखा है। प्रारंभिक वेग u को क्षैतिज व ऊर्ध्वाधर घटकों में विभाजित करने पर
क्षैतिज घटक ux = ucosθ , गुरुत्वीय त्वरण ax = 0
ऊर्ध्वाधर घटक uy = usinθ , गुरुत्वीय त्वरण ay = -g

प्रक्षेप्य गति का सूत्र क्या है? - prakshepy gati ka sootr kya hai?
प्रक्षेप्य का पथ परवलयाकार

जैसे पीछे पढ़ा है कि पिंड की गति गुरुत्वीय त्वरण g के अंतर्गत है इसलिए यह त्वरण नीचे की ओर लगता है।
t समय पश्चात पिंड का क्षैतिज दिशा में विस्थापन
(गति के द्वितीय समीकरण s = ut + \large \frac{1}{2} at2 से)
x = uxt + \large \frac{1}{2} axt2
ux = ucosθ , ax = 0 रखने पर
x = ucosθt + \large \frac{1}{2} 0 × t2
x = ucosθt
या t = \large \frac{x}{ucosθ} समी.①
अब ऊर्ध्वाधर दिशा में विस्थापन
(गति के द्वितीय समीकरण s = ut + \large \frac{1}{2} at2 से)
y = uyt + \large \frac{1}{2} ayt2
uy = usinθ , ay = -g रखने पर
y = usinθt + \large \frac{1}{2} × -g × t2
y = usinθt – \large \frac{1}{2} gt2 समी.②
अब समी.① से t का मान समी.② में रखने पर
y = usinθ × \large \frac{x}{ucosθ} \large \frac{1}{2} g( \large \frac{x}{ucosθ} )2
y = \large \frac{sinθ}{cosθ} × x – \large \frac{1}{2} g( \large \frac{x^2}{u^2cos^2θ}
\footnotesize \boxed { y = tanθx - (\frac{g}{2u^2cos^2θ}) x^2 }
यह समीकरण y = bx -cx2 द्विघात समीकरण के समरूप है। जो परवलय को प्रदर्शित करता है अतः प्रक्षेप्य का पथ परवलयाकार होता है।

प्रक्षेप्य पर उड्डयन काल

जब किसी पिंड को वायु में फेंका जाता है तो फेंकने के बाद यह एवं जमीन पर गिरने से पहले अर्थात जितने समय तक पिंड वायु में रहता है उस समय को प्रक्षेप्य पर उड्डयन काल (flight time of projectile in Hindi) कहते हैं। इसे T द्वारा प्रदर्शित करते हैं।

गति के समीकरण vy = uy + ayt
चूंकि पिंड वायु में है इसलिए अंतिम वेग vy = 0 एवं vy = usinθ , ay = -g होगा अतः
0 = usinθ – gt
t = \large \frac{usinθ}{g}
यह समय पिंड के बिंदु O से बिंदु P तक पहुंचने का है अतः पूरे पिंड का उड्डयन काल इस समय का दोगुना होगा तब
\footnotesize \boxed { T = 2t = \frac{2usinθ}{g} }

प्रक्षेप्य की परास

पिंड को फेंकने से पिंड के गिरने तक की दूरी अर्थात् बिंदु O से बिंदु O’ तक की दूरी को प्रक्षेप्य की परास (range of projectile in Hindi) कहते हैं। इसे R द्वारा प्रदर्शित करते हैं।

क्षैतिज परास R = क्षैतिज वेग × उड्डयन काल
R = ucosθ × \large \frac{2usinθ}{g}
R = \large \frac{u^22sinθ.cosθ}{g}
चूंकि 2sinθ.cosθ = sin2θ होता है इसलिए
\footnotesize \boxed { R = \frac{u^2sin2θ}{g} }

पढ़ें… 11वीं भौतिक नोट्स | 11th class physics notes in Hindi

प्रक्षेप्य की ऊंचाई

प्रक्षेप्य गति में पिंड जितनी अधिकतम ऊंचाई प्राप्त करता है उसे प्रक्षेप्य की ऊंचाई (height of projectile in Hindi) कहते हैं। इसे h द्वारा प्रदर्शित करते हैं।
गति के तृतीय समीकरण v^2 = u^2 + 2as से
v = o , u = usinθ
0 = u2sin2θ + 2gh
\footnotesize \boxed { h = \frac{u^2sin^2θ}{2g} }

प्रक्षेप्य गति संबंधित प्रश्न-उत्तर

1. उड्डयन काल किसे कहते हैं?

किसी पिंड को वायु में फेंका जाता है तो जितने समय तक पिंड वायु में रहता है उस समय को प्रक्षेप्य पर उड्डयन काल कहते हैं।

2. सिद्ध कीजिए कि प्रक्षेप्य का पथ परवलयाकार होता है?

\footnotesize \boxed { y = tanθx - (\frac{g}{2u^2cos^2θ}) x^2 }
यह समीकरण y = bx -cx2 के समरूप है। जो परवलय को दर्शाता है अतः प्रक्षेप्य का पथ परवलयाकार होता है।

3. क्षैतिज परास किसे कहते हैं?

जिस बिंदु से पिंड को फेंका जाता है एवं जहां पिंड गिरता है। उन दोनों बिन्दुओं के बीच की दूरी को प्रक्षेप्य की परास या क्षैतिज परास कहते हैं।

4. अधिकतम क्षैतिज परास हेतु प्रक्षेप कोण कितना होना चाहिए?

45° कोण पर, क्षैतिज परास अधिकतम होता है।

5. प्रक्षेप्य गति में कौन सी राशि नियत रहती है?

यांत्रिक ऊर्जा

आशा है कि प्रक्षेप्य गति के सभी बिंदु आपको पसंद आए होंगे। अगर किसी टॉपिक से related आपका कोई प्रश्न है तो आप हमें comments से बता सकते हैं। प्रक्षेप्य का पथ परवलयाकार होता है इसकी तैयारी अच्छे से करें।

प्रक्षेप्य गति का समीकरण क्या है?

प्रक्षेप्य का पथ जैसे पीछे पढ़ा है कि पिंड की गति गुरुत्वीय त्वरण g के अंतर्गत है इसलिए यह त्वरण नीचे की ओर लगता है। यह समीकरण y = bx -cx2 द्विघात समीकरण के समरूप है।

प्रक्षेप्य गति क्या है उदाहरण दीजिए?

प्रक्षेप्य गति (projectile motion) गति का एक रूप है, जहाँ किसी पिण्ड (जिसे प्रक्षेप्य कहा जाता है) को पृथ्वी की सतह के निकट क्षितिज से किसी कोण पर प्रक्षेपित किया (फेंका) जाता है और यह गुरुत्वाकर्षण के अधीन वक्रीय गति करता है (विशेष रूप से, वायु प्रतिरोध के प्रभाव नगण्य माना जाता है )।

प्रक्षेप के उड्डयन काल का सूत्र क्या है?

प्रक्षेप्य के उड्डयन काल का सूत्र क्या होता है? ( u = प्रारम्भिक वेग, θ प्रक्षेपण कोण तथा g गुरुत्वीय त्वरण का मान है)

प्रक्षेप्य गति की दिशा क्या है?

अतः प्रक्षेप्य की गति की दिशा क्षैतिज होती है।