NCERT Class 9 Political Science Chapter 5 YouTube Lecture Handouts in Hindi⬌NCERT Class 10 Political Science Chapter 1 YouTube Lecture Handouts in Hindi Show
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सऊदी अरब में नागरिक अधिकार
कोसोवो में जातीय नरसंहार
लोकतंत्र में अधिकार
लोकतंत्र में अधिकारों की क्या जरूरत है?
कुछ अधिकार सरकार से अधिक हैं, ताकि सरकार का उल्लंघन नहीं हो सकता 6 मौलिक अधिकारसमानता का अधिकार
स्वतंत्रता का अधिकारस्वतंत्रता का मतलब बाधाओं का अभाव है। स्वतंत्रता एक असीमित लाइसेंस नहीं है जो ऐसा करने के लिए चाहता है अधिकार
संविधान का कहना है कि कानून द्वारा स्थापित प्रक्रिया के अनुसार किसी भी व्यक्ति को अपने जीवन या निजी स्वतंत्रता से वंचित नहीं किया जा सकता है इसे सुनेंरोकेंलोकतन्त्र में अधिकारों (लोकतांत्रिक अधिकार) की क्या जरूरत है? इसमें हर नागरिक को वोट देने और चुनाव लड़कर प्रतिनिधि चुने जाने का अधिकार है। लोकतान्त्रिक चुनाव में लोग अपना विचार को व्यक्त करते हैं, राजनैतिक पार्टी बनाने और इनकी गतिविधियों की आजादी भी है। अधिकार बहुसंख्यकों के दमन से अल्पसंख्यकों की रक्षा करती है। अधिकार क्या है ncert? इसे सुनेंरोकेंअधिकार उन बातों का प्रतिक है, जिन्हें समाज के सभी लोगों के सम्मान और गरिमा का जीवन बसर करने के लिए महत्त्वपूर्ण और आवश्यक समझते हैं। अधिकार क्या है और बे क्यों महत्वपूर्ण है लिखिए? इसे सुनेंरोकेंअधिकार से अभिप्राय उन सुविधाओं और अवसरों से है , जो मनुष्य के व्यक्तित्व के विकास के लिए आवश्यक है और उन्हें समाज में मान्यता प्राप्त है। वे अधिकार इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि अधिकार व्यक्ति के व्यक्तित्व के विकास में सहायक है। अधिकार सुदृढ़ तथा कल्याणकारी राज्य की स्थापना में सहायक होते हैं। पढ़ना: जिमनास्टिक को ओलंपिक में कब शामिल किया गया? ६ मौलिक अधिकार कौन कौन से हैं?मौलिक अधिकार
इनमें से कौन सा मौलिक अधिकारों के उपयोग का उदाहरण नहीं है? इसे सुनेंरोकेंघ. उत्तर– बच्चों द्वारा मां– बाप की संपत्ति विरासत में पाना। यह मौलिक अधिकार के उपयोग का उदाहरण नहीं है। अधिकार से आप क्या समझते हैं? इसे सुनेंरोकें5.1 अधिकार क्या हैं? अधिकार मूल रूप से हकदारी अथवा ऐसा दावा है जिसका औचित्य सिद्ध हो। यह बताता है कि नागरिक, व्यक्ति और मनुष्य होने के नाते हम किसके हकदार हैं। यह ऐसी चीज़ है जिसको हम अपना प्राप्य समझते हैं; ऐसी चीज़ जिसे शेष समाज ऐसे वैध दावे के रूप में स्वीकार करे जिसका अनुमोदन अनिवार्य हो। अधिकार कितने प्रकार के होते हैं समझाइए?अधिकार के प्रकार
पढ़ना: पीएचडी क्यों करना चाहिए? मूल अधिकार कितने है? इसे सुनेंरोकेंसंविधान द्वारा मूल रूप से सात मूल अधिकार प्रदान किए गए थे- समानता का अधिकार, स्वतंत्रता का अधिकार, शोषण के विरुद्ध अधिकार, धर्म, संस्कृति एवं शिक्षा की स्वतंत्रता का अधिकार, संपत्ति का अधिकार तथा संवैधानिक उपचारों का अधिकार। इनमें से कौन सी स्वतंत्र भारतीय नागरिकों को नहीं है? इसे सुनेंरोकेंAnswer: उत्तर : दिए गए विकल्पों में से विकल्प (ख) और (घ) सशस्त्र विद्रोह में भाग लेने की स्वतंत्रता और संविधान के केंद्रीय मूल्यों का विरोध करने की स्वतंत्रता भारतीय नागरिकों को नहीं है। अधिकार की आवश्यकता क्यों है?अधिकार उन बातों का द्योतक है, जिन्हें मैं और अन्य लोग सम्मान और गरिमा का जीवन बसर करने के लिए महत्त्वपूर्ण और आवश्यक समझते हैं। उदाहरण के लिए, आजीविका का अधिकार सम्मानजनक जीवन जीने के लिए ज़रूरी है। लाभकर रोज़गार में नियोजित होना व्यक्ति को आर्थिक स्वतंत्रता देता है, इसीलिए यह उसकी गरिमा के लिए प्रमुख है।
लोकतांत्रिक अधिकार से आप क्या समझते हैं?❇️ लोकतन्त्र में अधिकारों (लोकतांत्रिक अधिकार) की क्या जरूरत है ? इसमें हर नागरिक को वोट देने और चुनाव लड़कर प्रतिनिधि चुने जाने का अधिकार है । लोकतान्त्रिक चुनाव में लोग अपना विचार को व्यक्त करते हैं, राजनैतिक पार्टी बनाने और इनकी गतिविधियों की आजादी भी है । अधिकार बहुसंख्यकों के दमन से अल्पसंख्यकों की रक्षा करती है ।
लोकतंत्र में चुनाव की क्या आवश्यकता है?चुनाव के द्वारा ही आधुनिक लोकतंत्रों के लोग विधायिका (और कभी-कभी न्यायपालिका एवं कार्यपालिका) के विभिन्न पदों पर आसीन होने के लिये व्यक्तियों को चुनते हैं। चुनाव के द्वारा ही क्षेत्रीय एवं स्थानीय निकायों के लिये भी व्यक्तियों का चुनाव होता है।
लोकतंत्र में मताधिकार की स्थिति क्या होनी चाहिए?सर्वजनीन मताधिकार से तात्पर्य है कि सभी नागरिक जो 18 वर्ष और उससे अधिक उम्र के हैं, उनकी जाति या शिक्षा, धर्म, रंग, प्रजाति और आर्थिक परिस्थितियों के बावजूद वोट देने के लिए स्वतंत्र हैं। नवीन संविधान लागू होने के पूर्व भारत में 1935 के "गवर्नमेंट ऑव इंडिया ऐक्ट" के अनुसार केवल 13 प्रति शत जनता को मताधिकार प्राप्त था।
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