कपड़ों की धुलाई के लिए कौन सा जल उत्तम होता है? - kapadon kee dhulaee ke lie kaun sa jal uttam hota hai?

सिल्क की सफाई एवं धुलाई कैसे करते है

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ITI Papers Staff asked 7 months ago

सिल्क की सफाई एवं धुलाई कैसे करते है धुलाई के लिए कौन सा जल उत्तम होता है कपड़ों की शुष्क धुलाई व सामान्य धुलाई में क्या अंतर है कपड़ों की शुष्क धुलाई का क्या अर्थ है सिल्क साड़ी धोने का तरीका सूती वस्त्रों की धुलाई में किस प्रकार के साबुन का प्रयोग करना चाहिए रेशमी वस्त्र की धुलाई का अंतिम चरण क्या होना चाहिए शुष्क धुलाई क्या है सूती वस्त्रों की धुलाई कैसे होती है

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ITI Papers Staff answered 7 months ago

चिकनी, चमकदार सतह होने के कारण सिल्क जल्दी से गंदा नहीं होता है। किन्तु जब धोएं तो हल्के साबुन के घोल में और रगड़-रगड़ कर न धोएं। या तो गुनगुना पानी प्रयोग करें अथवा ताजे पानी से धो लें। कस कर न निचोड़ें।

वस्त्रों की देख-रेख कैसे की जाती है

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ITI Papers Staff asked 7 months ago

वस्त्रों की देख-रेख कैसे की जाती है रोगी के कपड़ों की सफाई कैसे करेंगे कपड़ों की वार्षिक देखभाल क्या है सूती वस्त्रों की धुलाई कैसे होती है वस्त्रों की धुलाई क्यों आवश्यक है धुलाई के लिए कौन सा जल उत्तम होता है सूती वस्त्रों की धुलाई में किस प्रकार के साबुन का प्रयोग करना चाहिए विभिन्न प्रकार के वस्त्रों की धुलाई जब हम कपड़े धोकर सूखने डालते हैं तो वे क्यों सूख जाते हैं? कारण सहित

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ITI Papers Staff answered 7 months ago

घर में हर वस्तु का ठीक प्रकार से ध्यान करने वाली उसकी गृहणी ही होती है। वस्त्र हर परिवार के लिए सभ्य समाज में अपना एक स्थान बनाने वाली मनुष्य की प्रथम आवश्यकता है। हर प्रकार के वस्त्र हर परिवार में होते हैं। पहनने वाले परिधान, गर्मी व सर्दी के अलग-अलग परिधान, घर के पर्दे, रसोई के नैपकिन, तौलिए, चादरें तथा अन्य किस्म-किस्म के वस्त्र जिनको समय-समय पर रखना, उठाना, धोना, प्रैस करना आदि क्रियाओं की आवश्यकता होती है। लेखिका स्टैला सौन्दराज ने लिखा भी है “The greater the care we take of it the longer it will last and the better will seve.” यह बात हर गृहणी को या घर के संचालन कर्ता को मालूम होनी ही चाहिए। अतः वस्त्रों की उचित तरीकों से देख-रेख एवं संरक्षण के लिए निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए –

इसे सुनेंरोकेंसूती वस्त्रों में धुलाई के पश्चात् नील व कलफ लगाया जाता है। इसके लिए एक टब में एक लीटर पानी लेकर उपयुक्त मात्रा में नील व कलफ (स्टार्च) घोल लिया जाता है। अब इसमें धुले वस्त्रों को भिगोकर तथा हल्के दबाव से निचोड़कर सुखा देना चाहिए। ध्यान रहे कि रंगीन कपड़ों को धूप में नहीं सुखाना चाहिए।

रेशे संश्लेषित क्यों कहलाते हैं?

इसे सुनेंरोकेंAnswer with Explanation: कुछ रेशे को संश्लेषित कहा जाता है क्योंकि वे मानव द्वारा बनाए गए हैं। इन रेशों को प्राकृतिक स्रोतों द्वारा प्राप्त नहीं किया जा सकता है। संश्लेषित रेशे तैयार करने के लिए इस्तेमाल होने वाले कच्चा माल पेट्रोरसायन हैं। संश्लेषित रेशे मजबूत, हल्के और टिकाऊ होते हैं।

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ऊनी व सूती वस्त्रों की धुलाई की विधियों में क्या अंतर है कारण बताते हुए स्पष्ट करो?

इसे सुनेंरोकेंऊनी कपड़ों की धुलाई डिटरजेंट पाउडर से नहीं करें। डिटरजेंट में हार्ड केमिकल्स होते हैं जिससे ऊनी कपड़ों को नुकसान हो सकता है। इसकी बजाय लिक्विड डिटरजेंट का ही यूज करें। लिक्विड डिटरजेंट ऊनी कपड़ों के लिए सूटेबल होते हैं।

क्या ऊनी कपड़ों को पानी में भिगोकर रखा जाना चाहिए?

इसे सुनेंरोकेंकपड़ों की गंध निकल जाए तो उन्हें किसी माइल्ड सर्फ या ऊनी कपड़ों को धोने वाले लिक्विड में कुछ देर के लिए भिगों दें. गर्म पानी का इस्तेमाल भूलकर भी न करें.

इसे सुनेंरोकेंसूती वस्त्र धोते समय गर्म पानी व कास्टिक सोडे का प्रयोग किया जा सकता है। सफेद सूती वस्त्रों को धोते समय रानीपाल व नील का भी प्रयोग करते हैं। सूती वस्त्रों में इच्छानुसार कलफ भी लगाया जा सकता है।

धुलाई कितने प्रकार की होती है?

इसे सुनेंरोकेंसूखी धुलाई (Dry Cleaning) या शुष्क धुलाई में कार्बनिक विलायकों का उपयोग होता है। यह ऊनी, रेशमी, रेयन और इसी प्रकार के अन्य वस्त्रों के लिए उपयोग की जाती है। सामान्य धुलाई पानी, साबुन और सोडे से की जाती है। भारत में धोबी सज्जी मिट्टी का व्यवहार करते हैं, जिसका सक्रिय अवयव सोडियम कार्बोनेट होता है।

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कपड़ों को कैसे धोना चाहिए?

इसे सुनेंरोकेंबहुत गर्म पानी में कपड़ों को नहीं धोएं, वरना वे सिकुड़ सकते हैं। अगर किसी खास कपड़े को हाथ से धोने के लिए कहा गया है तो उसे हाथ से ही धोएं। कपड़ों को धोते वक्त कुछ बातों को ध्यान में रखने की जरूरत होती है। कपड़ों को हमेशा उल्टा करके साफ करें ताकि कपड़ों का रंग न उड़े।

कपड़ा कैसे धोना चाहिए?

इसे सुनेंरोकेंटब में डिटर्जेंट डालें: एक कपड़े के लिए एक चम्मच (5 ग्राम) डिटर्जेंट का इस्तेमाल करें। डिटर्जेंट को पानी में मिक्स कर लें। कपड़ों को पानी में धोएँ: कपड़ों को पानी और डिटर्जेंट से भरे टब में उनके पूरे डूबने तक रखें। फिर, अपने हाथों से कपड़ों को पानी में आराम से घुमाएं, ताकि उनमें से गंदगी को निकल जाए।

इसे सुनेंरोकेंरेशमी व ऊनी कपड़ों को अधिक गर्म पानी में नहीं धोना चाहिए और इन्हें अधिक कसकर नहीं निचोड़ना चाहिए। सूती वस्त्र धोते समय गर्म पानी व कास्टिक सोडे का प्रयोग किया जा सकता है। सफेद सूती वस्त्रों को धोते समय रानीपाल व नील का भी प्रयोग करते हैं।

कपड़ों की धुलाई के लिए कौन सा जल उत्तम है?

रेशमी व ऊनी कपड़ों को अधिक गर्म पानी में नहीं धोना चाहिए और इन्हें अधिक कसकर नहीं निचोड़ना चाहिए। सूती वस्त्र धोते समय गर्म पानी व कास्टिक सोडे का प्रयोग किया जा सकता है

वस्त्र की धुलाई का प्रथम चरण क्या है?

1. मैंड स्टिच (Mending)- ऊनी अथवा सूती कपड़ों पर फटे हुए वस्त्र का ही टुकड़ा उल्टी ओर लगाकर सीधी ओर महीन धागे से तुरपाई करते हैं और उल्टी ओर मच्छी टांका करते हैं।

वस्त्रों में कड़ापन लाने के लिए क्या लगाया जाता है?

(ग) वस्तुओं में कड़ापन लाने के लिए कलफ लगाते हैं।

धुलाई करना क्यों आवश्यक है?

यदि यह गंदगी कपड़े पर लगी रहे तो कपड़ा भद्दा लगता है। गंदे कपड़े कमजोर भी हो जाते हैं व उन पर दाग धब्बे पड़ जाते हैं। सूखी गंदगी को झाड़ पर हटाया जा सकता है लेकिन चिकनाई युक्त गंदगी को हटान के लिये विशेष पद्धति की आवश्यकता होती है । हममें से ज्यादातर लोगों का मानना है कि धुलाई का अर्थ सिर्फ कपड़ों का धोना है।