स्पीति घाटी (Spiti Valley) एक शीत मरुभूमि पर्वतीय घाटी है, जो हिमालय की ऊँचाईयों में भारत के हिमाचल प्रदेश राज्य के पूर्वोत्तरी भाग में स्थित है। इसमें स्पीति नदी (Spiti River) बहती है। "स्पीति" का अर्थ "मध्यभूमि" बताया जाता है, अर्थात् भारत और तिब्बत की सीमावर्ती भूमि। घाटी और आसपास का क्षेत्र भारत में सबसे कम आबादी वाले क्षेत्रों में से एक है और राष्ट्र के सबसे उत्तरी पहुंच का प्रवेश द्वार है।[2][3] Show
राष्ट्रीय राजमार्ग 505 इसे कई अन्य क्षेत्रों से जोड़ता है और घाटी से कुंज़म दर्रे द्वारा लाहौल और स्पीति ज़िले के मुख्यालय, केलांग, और रोहतांग दर्रे द्वारा मनाली पहुँचा जा सकता है। स्पीति घाटी का प्रशासनिक मुख्यालय काज़ा है, जो स्पीति नदी के किनारे (3,800 मीटर (12,500 फुट) की ऊँचाई पर बसा हुआ है। 13,054 फुट (3,979 मीटर) ऊँचा रोहतांग दर्रा स्पीति घाटी को कुल्लू घाटी से और 15,059 फुट (4,590 मीटर) ऊँचा कुंज़म दर्रा इसे लाहौल क्षेत्र से अलग करता है। राजमार्ग लाहौल और स्पीति के दो विभागों को जोड़ता है, लेकिन सर्दियों और वसंत में अक्सर भारी बर्फ के कारण काट दिया जाता है। इसी तरह उत्तर की ओर से साल के आठ महीनों तक भारी बर्फबारी और मोटी बर्फबारी की स्थिति में कटौती की जाती है। भारत का एक दक्षिणी मार्ग जून के माध्यम से नवंबर के सर्दियों के तूफानों में संक्षिप्त अवधि के लिए समय-समय पर बंद रहता है, लेकिन किन्नौर जिले में शिमला और सतलुज के माध्यम से तूफान समाप्त होने के कुछ दिनों बाद सड़क की पहुंच आमतौर पर बहाल हो जाती है। स्थानीय आबादी वज्रयान बौद्ध धर्म का अनुसरण करती है, जो कि निकटवर्ती तिब्बत और लद्दाख़ क्षेत्रों में पाया जाता है। लाहौल और स्पीति अपनी ऊंची पर्वतमाला के कारण शेष दुनिया से कटा हुआ था। रोहतांग दर्रा 3,978 मी की ऊंचाई पर लाहौल और स्पीति को कुल्लू घाटी से पृथक् करता है। साल 2021 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अटल टनल का उद्घाटन करने के बाद लाहौल तक पहुंचना आसान हो गया है। यह रास्ता लगभग पूरे साल खुला रहता है। जिले़ की पूर्वी सीमा तिब्बत से मिलती है, उत्तर में लद्दाख भू-भाग (जम्मू और कश्मीर में स्थित) और किन्नौर एवं कुल्लू दक्षिण सीमा में हैं। लाहौल अवधाव एवं भूस्खलन के लिए प्रसिद्ध है और इस कारण कई यात्री इस रास्ते से गुजरते हुए मारे गए हैं। अपनी स्थानीय महत्वता के कारण यहां बनी नई पक्की सड़क को मई से नवम्बर तक खुला रखा जाता है जो कि लद्दाख तक जाती है। रोहतांग दर्रे के नीचे एक सुरंग बनाई जा रही है जिसकी २०१२ तक पूरी होने की आशा है। हर साल, आलू एवं मटर, जो कि अब यहां की प्रमुख फसल है, बड़ी तादाद में रोहतांग दर्रे के रास्ते मनाली भेजी जाती है। स्पीति से दक्षिण-पश्चिमी तिब्बत के लिए और भी दर्रे हैं किन्तु वो अब भारत एवं तिब्बत के मध्य बन्द सीमा के कारण बन्द कर दिए गए हैं। यहां से एक सड़क पश्चिम को जम्मू की तरफ़ किश्तवाड़ से गुजरती है। कुन्जम दर्रा (४५५० मी• ऊंचाई पर स्थित) लाहौल और स्पीति को एक दूसरे से अलग करता है। एक सड़क लाहौल और स्पीति को एक दूसरे से जोड़ती है किन्तु सर्दियों एवं वसंत ऋतु में भारी हिमपात के कारण यह रास्ता बंद हो जाता है। गर्मियों में मनाली से स्पीति के मुख्यालय, काजा़ तक के बीच बसें व टैक्सियां चलती हैं। कुन्जोम दर्रा जुलाई से अक्टूबर तक यातायात के लिए खुला रहता है। शिमला से स्पीति तक किन्नौर से होते हुए एक सड़क है। अपनी ऊंचाई के कारण लाहौल और स्पीति में सर्दियों में बहुत ठंड होती है। गर्मियों में मौसम बहुत सुहावना होता है। शीतकाल में ठंड के कारण यहां बिजली व यातायात की बेहद कमी हो जाती है जिस कारण यहां पर्यटन में भारी कमी हो जाती है। हालांकि स्पीति पूरे साल शिमला से काज़ा पुराने भारत-तिब्ब्त के रास्ते से अभिगम्य होता है। उधर लाहौल जून तक अभिगम्य नहीं होता परन्तु दिसम्बर से अप्रैल के बीच साप्ताहिक हेलिकॉप्टर सेवाएं उपलब्ध रहती हैं। स्पीति की अत्याधिक शीत के कारण यहां टुन्ड्रा पेड़-पौधे तक नहीं पनप पाते और सारा इलाका बंजर रहता है। स्पीति की सबसे निचली घाटी में गर्मियों में भी तापमान २० डिग्री के उपर नहीं पहुंचता। लाहौल की कठिन परिस्थितियों के कारण केवल कुछ कड़ी घास एवं झाड़ियां ही यहाँ उग पाती हैं, वो भी ४००० मीटर के नीचे। ५००० मीटर के उपर हिमनद रेखाएं पाई जाती लाहुल स्पीती के महत्वपूर्ण स्थान[संपादित करें]कुंजुम पास इस जिले का एक महत्वपूर्ण स्थान है। इस पास के द्वारा स्पीती घाटी में दाखिल हुआ जाता है। कुंजुम पास का नाम यहाँ पर कुंजुम माता के नाम पर पड़ा है। यह मन जाता है की जिसका मन सच्चा होता है माता उसका हाथ से चिपका हुआ सिक्का माता की मुर्ति में चिपक जाता है। अतः इसकी कारण यहाँ पर श्रद्धालु अपनी आस्था को प्रकट करने क लिए माता की मूर्ति पर सिक्के चिपकाने का प्रयास करते हैं। कुंजुम पास के पास चन्द्र ताल है जोकि राष्ट्रीय राजमार्ग 22 पर स्थित है। काजा टाउन काजा टाउन स्पीति का एक महत्वपूर्ण और एकमात्र टाउन है। स्पीति घूमने आने वाले लोग यहां रुकते हैं। ग्रीष्म ऋतु में मनाली से काजा के लिए बस उपलब्ध रहती है। यहां पर एक एटीएम है जोकि सिर्फ दिन में खुला रहता है।
चंद्रताल झील लाहौल में 14100 फीट के एल्टीट्यूड पर स्थित एक बेहद मनोरम और खूबसूरत झील है। यह मनाली-काजा सड़क से 14 किमी की दूरी पर है जिसका रास्ता बाटल से 3 किमी आगे एक स्थान पर शुरु होता है। इसे सुनेंरोकेंआज से ठीक 59 वर्ष पहले 1 नवंबर 1956 को यूनियन टेरेटरी घोषित किया गया था जबकि 1 नवंबर 1966 को वर्तमान हिमाचल का भौगोलिक स्वरूप अस्तित्व में आया था। हालांकि इससे पांच साल बाद हिमाचल को पूर्ण राज्य का दर्जा मिला और हिमाचल प्रदेश 25 जनवरी 1971 को देश का 18वां राज्य बना। HP से कितने राज्यों की सीमा लगती है? इसे सुनेंरोकेंआज मै आप सभी को बताना चाहूंगा की हिमाचल प्रदेश की सीमा चार राज्यों को लगती है। उन चार राज्यों का नाम है जम्मू कश्मीर, पंजाब, उत्तराखंड, हरियाणा। हिमाचल प्रदेश की वर्तमान में दो राजधानिया है। हिमाचल को भारत की स्वतंत्रता के बाद 1950 में केंद्र शासित प्रदेश घोषित किया गया था। पढ़ना: एक वर्कशीट को प्रिंट करने की प्रक्रिया में तीसरा कदम क्या होता है? भारत में हिमाचल की सबसे ऊंची चोटी कौन सी है?इसे सुनेंरोकेंयह हिमाचल प्रदेश, भारत और तिब्बत के बीच की सीमा पर स्थित है। मुल्किला 6517 मीटर (21,380 फीट) भारतीय हिमालय के हिमाचल प्रदेश राज्य के लाहौल-स्पीति प्रांत में सबसे ऊंची चोटी है। हिमाचल प्रदेश के लाहौल-स्पीति जिले में ग्याफांग चोटी समुद्र तल से 6,400 मीटर की ऊंचाई पर चट्टान का एक दांतेदार पिरामिड है। हिमाचल की ऊंचाई कितनी है? 2,319 मीहिमाचल प्रदेश / ऊंचाई 25 जनवरी 1971 ईस्वी को हिमाचल प्रदेश पूर्ण राज्य का दर्जा पाकर भारत का कौन सा? इसे सुनेंरोकें25 जनवरी 1971 ईस्वी को हिमाचल प्रदेश पूर्ण राज्य का दर्जा पाने वाला भारत का 18वां राज्य बना था। वर्ष 1950-51 में हिमाचल प्रदेश ‘ग’ श्रेणी का एक राज्य था। हिमाचल प्रदेश का कौन सा जिला अंतरराष्ट्रीय सीमा बनाता है?इसे सुनेंरोकेंसही उत्तर है → करीमगंज । हिमाचल प्रदेश में मुख्य आयुक्त प्रान्त में कौन पहला मुख्य आयुक्त नियुक्त हुआ? पढ़ना: हाई स्कूल का पेपर कब होगा 2022? इसे सुनेंरोकेंमें चुनाव हुए, जिसमें यशवंत सिंह परमार को अध्यक्ष चुना गया। जनवरी, 1947 ई. में राजा दुर्गा चंद (बघाट) की अध्यक्षता में शिमला हिल्स स्टेट्स यूनियन की स्थापना की गई। जनवरी, 1948 ई. 1950 5 1 में हिमाचल में कितने अस्पताल तथा चिकित्सक उपलब्ध थे? इसे सुनेंरोकेंAnswer. वर्ष 1950 51 में हिमाचल प्रदेश में केवल 19 अस्पताल तथा 85 चिकित्सक थे। हिमाचल प्रदेश के परिवहन मंत्री कौन हैं?इसे सुनेंरोकेंइसकी जानकारी प्रदेश के परिवहन मंत्री बिक्रम सिंह ठाकुर की ओर से दी गई है। हिमाचल प्रदेश में प्रथम चुनाव प्रणाली कब शुरू हुई? इसे सुनेंरोकेंहिमाचल प्रदेश दिसंबर 2007 विधानसभा चुनाव दिसंबर 2007 में हिमाचल प्रदेश की हिमाचल प्रदेश विधान सभा के लिए हुआ चुनाव था। राज्य के 65 विधानसभा चुनाव क्षेत्रों में 19 दिसम्बर 2007 को तथा किन्नौर, लाहौल स्पीती और भरमौर जनजातीय क्षेत्रों में 14 नवम्बर 2007 को दो चरणों में मतदान हुआ था। हिमाचल प्रदेश का सबसे बड़ा जिला कौन सा है? पढ़ना: आधार ग्रंथ क्या है? इसे सुनेंरोकेंक्षेत्रफल की दृष्टि से Himachal Pradesh का सबसे बड़ा जिला “लाहौल और स्पीति” है जो करीब 13,835 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में फैला हुआ है। हिमाचल प्रदेश का रक्षा मंत्री कौन है?कौन क्या है नामपददूरभाष सं.श्री राजनाथ सिंहरक्षा मंत्री23012286, 23019030 (Office) 23015403 (Fax)श्री अजय भट्ट, रक्षा राज्य मंत्रीरक्षा राज्य मंत्री23792128 (Office) 23016255 (Fax)हिमाचल प्रदेश के प्रधानमंत्री कौन है? जयराम ठाकुरहिमाचल प्रदेश / मुख्यमंत्री हिमाचल प्रदेश में कितनी पर्वत श्रृंखलाएं हैं? इसे सुनेंरोकेंहिमाचल प्रदेश की समुद्र तल से ऊंचाई 350 मीटर से 7,000 मीटर के बीच के लगभग है। हिमाचल प्रदेश को तीन प्रकार की पर्वत श्रृंखलाओं में बांटा गया है। लाहौल स्पीति की सबसे ऊंची चोटी कौन सी है?मुल्किला 6517 मीटर (21,380 फीट) भारतीय हिमालय के हिमाचल प्रदेश राज्य के लाहौल-स्पीति प्रांत में सबसे ऊंची चोटी है। हिमाचल प्रदेश के लाहौल-स्पीति जिले में ग्याफांग चोटी समुद्र तल से 6,400 मीटर की ऊंचाई पर चट्टान का एक दांतेदार पिरामिड है।
हिमाचल प्रदेश की सबसे ऊंची पर्वत सिकुड़ना कौन सी है?हिमाचल की सबसे ऊंची पर्वत चोटी शिल्ला (7026 मी) इसी पर्वत शृंखला में है।
लाहौल स्पीति में कौन सी झील है?झील चंद्रमा जैसे आकार के कारण इस झील का नाम "चंद्रताल"पड़ा। लाहौल-स्पीति जिले के लाहौल क्षेत्र में स्थित यह दुर्गम झील ट्रेकिंग व कैंपिंग जैसी रुचि वाले साहसी पर्यटकों में बहुत प्रसिद्ध है।
भारत की सबसे ऊंची चोटी का नाम क्या है?संदक्फू चोटी (३७८० मी.;१२४०० फुट) पश्चिम बंगाल, भारत की सबसे ऊँची पर्वत चोटी है जो दार्जिलिंग ज़िले में स्थित है। इस चोटी पर एक छोटा सा गांव है जिसमें सैलानियों के लिए कुछ हॉस्टल बने हुए हैं। दुनिया में पांच सबसे ऊंची चोटियों में से चार, एवरेस्ट, कंचनजंगा, ल्होत्से और मकालू इसकी शिखर से देखी जा सकती हैं।
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