राजनीतिक कार्यपालिका का हिस्सा कौन सा है? - raajaneetik kaaryapaalika ka hissa kaun sa hai?

सरकार कुछ निश्चित व्यक्तियों का समूह होती है जो राष्ट्र तथा राज्यों में निश्चित काल के लिए तथा निश्चित पद्धति द्वारा शासन करता है। प्रायः इसके तीन अंग होते हैं - विधायिका, कार्यपालिका तथा न्यायपालिका।[1][2] सरकार के माध्यम से राज्य में राजशासन नीति लागू होती है। सरकार के तंत्र का अभिप्राय उस राजनितिक व्यवस्था से होता है जिसके द्वारा राज्य की सरकार को जाना जाता है।
राज्य निरन्तर बदलती हुयी विधायिका द्वारा प्रशासित होते हैं।[3] हर नई विधायिका कुछ व्यक्तियों का समूह होती है जो राजनितिक नीतियां बनाती हैं, जिनके आधार पर कार्यपालिका फ़ैसले लेती है या उनपर नियन्त्रण रखती है। विधायिका का कार्य नए कानून बनाना, कार्यपालिका का कार्य कानूनों को लागू रखना तथा न्यायपालिका का कार्य झगड़ों में मध्यस्थता करना होता है। कुछ समाजों में यह समूह आत्म-मनोनीत या वंशानुगत होता है। बाकी समाजों में, जैसे लोकतंत्र, विधायिका का निर्वाह निरन्तर बदलते हुये व्यक्तियों द्वारा किया जाता है।[4]
संसदीय पद्धति में सरकार का अभिप्राय राष्ट्रपतीय पद्धति के अधिशासी शाखा से होता है।[कृपया उद्धरण जोड़ें] इस पद्धति में राष्ट्र में प्रधान मन्त्री एवं मन्त्री परीषद् तथा राज्य में मुख्य मन्त्री एवं मन्त्री परीषद् कार्यपालिका के सदस्य होते हैं। पाश्चात् देशों में सरकार और तंत्र में साफ़ अन्तर है। जनता द्वारा विधायिका का दोबारा चयन न करना इस बात को नहीं दर्शाता है कि जनता अपने राज्य के तंत्र से नाख़ुश है। लेकिन कुछ पूर्णवादी शासन पद्धतियों में यह भेद इतना साफ़ नहीं है। इसका कारण यह है कि वहाँ के शासक अपने फ़ायदे के लिये यह लकीर मिटा देते हैं।[5]

सरकार के विभिन्न स्वरुप[संपादित करें]

  1. ↑ "government". Oxford English Dictionary (Online संस्करण). Oxford University Press. November 2010.
  2. ↑ सीएस1 रखरखाव: authors प्राचल का प्रयोग (link)
  3. ↑ Barclay, Harold (1990). People Without Government: An Anthropology of Anarchy. Left Bank Books. पृ॰ 31. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 1871082161.

कार्यकारिणी (अंग्रेज़ी: Executive) सरकार का वह अंग होती हैं जो राज्य के क़ानून को कार्यान्वित करती हैं और उसे लागू करती हैं।

अध्यक्षीय प्रणाली में, कार्यकारिणी का प्रमुख दोनों, राज्य का प्रमुख और सरकार का प्रमुख होता हैं। संसदीय प्रणाली में, प्रधानमंत्री जो विधायिका के प्रति उत्तरदायी होता हैं, वह सरकार का प्रमुख माना जाता है, जबकि राज्य का प्रमुख आम तौर पर एक औपचारिक राजा अथवा राष्ट्रपति होता हैं। कार्यपालिका सरकार का एक महत्वपूर्ण अंग होती है।

संघीय कार्यपालिका में राष्‍ट्रप‍ति, उप राष्‍ट्रपति, प्रधानमंत्री एवं मंत्रिपरिषद शामिल हैं। इनके साथ सरकारी कर्मचारियों एवं अधिकारियों को शामिल करते है जिन्हें स्थायी कार्यपालिका के नाम से सम्बोधित किया जाता है तथा मंत्रिपरिषद को अस्थायी कार्यपालिका के नाम से जाना जाता है। अस्थायी कार्यपालिका की शक्तिया आधिक होतीं है जबकि स्थायी कार्यपालिका की शक्तियां कम होतीं है

राष्‍ट्रपति का चुनाव निर्वाचित सदस्‍यों द्वारा किया जाता है जिसमें संसद के दोनों सदनों के चयनित सदस्‍य तथा समानुपातिक प्रतिनिधित्‍व प्रणाली के अनुसार राज्‍यों में विधान सभा के सदस्‍यों के द्वारा एकल अंतरणीय मत के द्वारा होता है। राज्‍यों के बीच परस्‍पर एकरूपता लाने के लिए तथा सम्‍पूर्ण रूप से राज्‍यों और केंद्र के बीच संगतता लाने के लिए प्रत्‍येक मत को उचित महत्‍व दिया जाता है। राष्‍ट्रपति को भारत का नागरिक होना आवश्‍यक है, उनकी आयु 35 वर्ष से कम न हो और वह लोक सभा के सदस्‍य के रूप में चुने जाने के योग्‍य हो। उनके कार्य की अवधि पांच वर्ष की होती है और वह पुनर्निवाचन के लिए पात्र होता है। उन्‍हें पद से हटाने की प्रक्रिया संविधान की धारा 61 में निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार होती है। वह अपने हाथ से उप-राष्‍ट्रपति को अपने पद से इस्‍तीफा देने के लिए संबोधन करते हुए पत्र लिख सकते हैं।

केंद्र की कार्यपालिका शक्ति राष्‍ट्रपति को प्राप्‍त है और उसके द्वारा प्रत्‍यक्ष रूप से या उसके अधीन अधिकारियों के जरिए संविधान के अनुसार अधिकार का प्रयोग किया। संघ के रक्ष बलों का सर्वोच्‍च शासन भी उसी का होता है। राष्‍ट्रपति सत्रावसान का आहवान करता, संबोधित करता है, संसद को संदेश भेजता और लोकसभा भंग करता है, किसी भी समय अध्‍यादेश जारी करता जैसे समय को छोड़कर जब संसद के दोनों सदनों में सत्र चल रहा हो, वित्‍तीय और धन विधेयक लाने की सिफारिश करने, प्राणदंड स्‍थगित करने, सजा को कम करने या क्षमा करने या निलम्बित करने एवं कुछ मामलों में सजाओं को माफ करने या रूपातंरण का कार्य करता है। जब राज्‍य में संवैधानिक मशीनरी विफल हो जाती है वह राज्‍य सरकार के सभी या कुछ कार्यों को अपने ऊपर ले लेता है। यदि उसे लगता है कि गंभीर आपातकाल की स्थिति उत्‍पन्‍न हुई है तो वह देश में आपातकाल की घोषणा कर सकता है जिसके द्वारा भारत या इसके किसी किसी क्षेत्र की सुरक्षा को खतरा होता है यह या तो युद्ध के द्वारा या बाह्य आक्रमण या हथियारबंद विद्रोह के द्वारा होता है।

उप राष्‍ट्रपति का चुनाव निर्वाचिका के सदस्‍यों द्वारा होता है जिसमें एकल हस्‍तांतरीय मत द्वारा समानुपातिक प्रतिनिधित्‍व प्रणाली के अनुसार संसद के दोनों सदनों के सदस्‍य होते हैं। वह भारत का नागरिक हो उसकी आयु 35 वर्ष से कम न हो और राज्‍य सभा के सदस्‍य के रूप में चुनाव के लिए पात्रता रखता हो। उसके पद की अवधि पांच वर्ष की होती है और वह पुननिर्वाचन का पात्र होता है। अनुच्‍छेद 67 ख में निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार इसे पद से हटाया जाता है।

उप राष्‍ट्रपति राज्‍य सभा का पदेन सभापति होता है और जब बीमारी या किसी अन्‍य कारण से या नए राष्‍ट्रपति के चुनाव होने तक यह छह माह के भीतर किया जाता है यदि यह रिक्ति मृत्‍यु के कारण होती है, राष्‍ट्रपति के इस्‍तीफा देने या अन्‍यथा पद से हटाए जाने के कारण होती है। राष्‍ट्रपति के अनुपस्थित रहने के कारण अपने कार्यों का निष्‍पादन करने में असमर्थ होता है तब राष्‍ट्रपति के रूप में कार्य करता है।

राष्‍ट्रपति को उनके कार्यों में सहायता करने और सलाह देने के लिए प्रधानमंत्री के नेतृत्‍व में मंत्री परिषद होती है। प्रधानमंत्री की नियुक्ति राष्‍ट्रपति द्वारा की जाती है जिसकी सलाह पर अन्‍य मंत्रियों की भी नियुक्ति राष्ट्रपति करता है। मंत्री परिषद लोक सभा के प्रति उत्‍तरदयी होती है। संघ के प्रशासन या कार्य और उनसे संबंधित विधानों और सूचनाओं के प्रस्‍तावों से संबंधित मंत्रिपरिषद के सभी निर्णयों की सूचना राष्‍ट्रपति को देना प्रधानमंत्री का कर्तव्‍य हैं।

मंत्रिपरिषद में मंत्री, राज्‍य मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार), राज्‍य मंत्री और उप मंत्री होते हैं मूल संविधान के अनुच्छेद 74 मे उपबंधित है।

राजनीतिक कार्यपालिका का हिस्सा क्या होता है?

सही उत्तर गृह मंत्री है। राजनीतिक कार्यपालिका सरकारी अधिकारी होते हैं जो सरकार की नीति के निर्धारण और दिशा में भाग लेते हैं।

स्थाई कार्यपालिका किसे कहते हैं इसका क्या महत्व है?

Solution : सरकार के प्रधान और उनके मंत्रियों को राजनीतिक कार्यपालिका कहते हैं आरै वे सरकार की सभी नीतियों के लिए उत्तरदायी होते हैं लेकिन जो लोग रोज़ - रोज़ के प्रशासन के लिए उत्तरदायी होते हैं, उन्हें स्थायी कार्यपालिका कहते हैं