June 13, 2020 Show
(A) हारीत: Answer : कपोत:Explanation : कबूतर को संस्कृत में कपोत:, पारावत: कहते है। संस्कृत में पक्षियों के नाम अधिकतर TGT, PGT, UGC, TET आदि परीक्षाओं में अधिकतर पूछे जाते है। Birds Name in Sanskri के अंतर्गत संस्कृत में पक्षियों के 10 नाम भी अकसर गूगल पर सर्च किये जाते रहे है। संस्कृत में पक्षियों के मुख्य नाम जैसे– कबूतर-कपोत:, चमगादड़-जतुका, चिड़िया-चटका, चील-चिल्ल:, तोता-शुक:, बगुला-बक:, बतख-लाव:, बाज-श्येन:, मुर्गा-कुक्कुटी, मोर-मयूर: आदि हैं। बता दे कि विश्व की सबसे प्राचीन भाषा संस्कृत (Sanskrit) उत्तराखंड की द्वितीय राजभाषा है। कईयों आधुनिक भारतीय भाषाएँ जैसे–हिंदी, मराठी, सिंधी, पंजाबी, नेपाली आदि संस्कृत से ही उत्पन्न हुई हैं। भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में संस्कृत भाषा को भी सम्मिलित किया गया है।....अगला सवाल पढ़े Tags : संस्कृत अनुवाद संस्कृत शब्दकोश Useful for : UPSC, State PSC, IBPS, SSC, Railway, NDA, Police Exams Latest QuestionsI’m a freelance professional with over 10 years' experience writing and editing, as well as graphic design for print and web. संस्कृत में क्या कहते है? Question Asked : (RRB Grade B 2010) Explanation : कबूतर को संस्कृत में क्या कहते हैं?-कपोत: अर्थ इन हिंदी अनुवाद और भी ये शब्द जो संस्कृत में पूछे जाते है, जो साल किसी न किसी पेपर में जरूर आते है। अगर आप भी सरकारी नौकरी की जोर से तैयारी कर रहे है, तो आप को Question Exam पर जाएं Useful for Exams : यूपी.एस.सी, यू.पी.सी.एल, लेखपाल, वी.डि.ओ Related QuestionsTags : कबूतर को संस्कृत में क्या कहते हैं, गिलहरी को संस्कृत में क्या कहते हैं, चांद को संस्कृत में क्या कहते हैं, बच्चे को संस्कृत में क्या कहते हैं, भालू को संस्कृत में क्या कहते हैं, लोमड़ी को संस्कृत में क्या कहते हैं कबूतर को संस्कृत में क्या कहते हैं ,kabutar ko sanskrit mein kya kahate hain कबूतर एक बहुत ही सुंदर पक्षी होता है।और यह पूरी दुनिया के अंदर पाया जाता है। यह कई रंगों के अंदर होता है। इसकी कई सारी प्रजातियां होती हैं। इसी चोंच नुकिली होता है। कई लोग इनको शौक के लिए घरों मे भी पालने का काम करते हैं। कबूतर को संस्कृत में क्या कहते हैं kabutar ko sanskrit mein kya kahate hainकबूतर को संस्कृत में कपोत: नाम से जाना जाता है। हालांकि इसके संस्कृत मे अन्य नाम भी हो सकते हैं। जिनके बारे मे जानकारी नहीं है।क्या आप भी कबूतर पालते हैं ? यदि आप कबूतर पालते हैं तो हमें इसके बारे मे बताएं और अपने अनुभव को आप शैयर कर सकते हैं। pigeon factsदोस्तों क्या आप कबूतरों के बारे मे कुछ मजेदार फेक्ट को जानना चाहते हैं तो नीचे कुछ फेक्ट हम आपको बताने वाले हैं। इन फेक्ट को जानकर आपको आश्चर्य लग सकता है। यह काफी मजेदार फेक्ट हैं जिनके बारे मे आपको पता होना चाहिए । कबूतर काफी साल पुराने हैंमेसोपोटामिया (आधुनिक इराक) में पुरातत्वविदों द्वारा खोजी गई कुछ कबूतर की छवियां मिली हैं। यह छवियां 3000 साल पुरानी हैं। इसके अलावा कबूतर की हडियों के कार्बन डेटिंग से यह पता चला है कि कबूतर इंसानों के साथ हजारों सालों से रह रहे हैं। सुमेरियों लोगों ने सबसे पहले जंगली कबूतर से सफेद कबूतर पैदा किया। जिस कबूतर को आप और हम पालते हैं।प्राचीन काल के अंदर एक सफेद कबूतर काफी चमत्कारी माना जाता था । जिसका प्रतीक के रूप मे कई जगहों पर इस्तेमाल किया गया था । जैसे कि देवी देवता के मंदिरों मे और युद्धों के अंदर भी इस प्रतीक का इस्तेमाल होता था। कबूतर काफी बुद्धिमान होते हैंदोस्तो आपको यह पता ही होगा यदि आप कबूतर पालते हैं तो जानते हैं कि यह काफी बुद्धिमान होते हैं।कबूतर अंग्रेजी भाषा के 26 वर्ड को सीख सकते हैं। इसके अलावा कबूतर मानव भाषा के कई संकेतों को समझ सकते हैं। ऐसी स्थिति मे कहा जा सकता है कि कबूतर इंसान के लिए काफी उपयोगी होते हैं। कबूतर का नैचुरल दुश्मन कौनसा हैदोस्तों आपको यह बतादें कि कबूतर का नैचुरल दुश्मन प्रेरेग्रीन बाज है। हालांकि यदि आप अपने आस पास कबूतरों का नियंत्रण चाहते हैं तो इसको रख सकते हैं। हालांकि जंगली कबूतरों का दुश्मन तो मानव बनता जा रहा है। क्योंकि वह जंगलों को तेजी से उजाड़ रहा है। क्या आप एक कबूतर के बच्चे को देखते हैं ?दोस्तों यदि आपने ध्यान दिया होगा तो जब भी झुंड के अंदर कबूतर होते हैं तो आपको एक कबूतर का बच्चा कभी भी दिखाई नहीं देता है। इसका कारण यह है कि वह घोसला तब छोड़ता है जब वह काफी बड़ा हो जाता है। आपको यह पता होना चाहिए कि कबूतर के बच्चे भाग जाने से पहले लगभग 2 महिने तक घोसले मे रहते हैं। और उसके बाद वे अलग हो जाते हैं। इतने समय मे वे काफी बड़े हो चुके होते हैं। इसीलिए तो आपको सारे कबूतर बड़े ही दिखाई देते हैं।छोटा कबूतर एक भी नहीं दिखाई देता है। कबूतर और टेलीग्राफ के अंदर रेसदोस्तों आपको यह पता होना चाहिए कि एक बार कबूतर और टेलीग्राफ के अंदर इस बात को लेकर रेस हुई कि कोन पहले सूचना पहुंचाता है। यह बात है सन 1850 की । इसके अंदर टेलिग्राफ सेवा घटिया किस्म की होने की वजह से दो कबूतरों ने टेलिग्राफ से पहले 2 घंटे के अंदर 76 मील की यात्रा कर सूचना को पहुंचा दिया जोकि अपने आप मे एक दिलचस्प था। समुद्र मे जीवन रक्षक के रूप मे कबूतरों का प्रयोगआपको यह बतादें कि समुद्र के अंदर कबूतर जीवन रक्षक के रूप मे साबित हो सकते हैं।कई प्रशिक्षकों ने कबूतरों को प्रशिक्षित किया और उसके बाद यह पता चला कि यह मानव जीवन को रक्षक के रूप मे काम कर सकते हैं। कबूतर पानी के अंदर तैरते हुए लाल और पीले कपड़े को पहचानने के लिए प्रशिक्षित किया गया ।कबूतर इस तरह के जैकेट को पहचानकर आसनी से सूचना देने मे सक्षम थे । कबूतर उसी तरह रंग देख सकते हैं जैसे मनुष्य करते हैं लेकिन वे अल्ट्रा-वायलेट भी देख सकते हैं, स्पेक्ट्रम का एक हिस्सा जिसे मनुष्य नहीं देख सकते हैं। आसमान मे उड़ते कबूतरों के झुंडदोस्तों 20 शताब्दी के अंदर उत्तरी अमेरिका के आसमान मे लगभग 3 से 5 अरब यात्री कबूतर आ गए थे । जिसकी वजह से पूरा आसमान काला हो गया था।लेकिन अब वहां पर इतने कबूतर नहीं बचे हैं उनका सफाया हो चुका है। इंग्लैंड में रॉयल पिजन रेसिंग एसोसिएशन की शताब्दी मनाने के लिए आयोजित एक दौड़ के अंदर लगभग 60 हजार कबूतरों को एक साथ छोड़ा गया लेकिन उनमे से अधिकतर पक्षी वापस नहीं आए और वे उड गए । कबूतर लंबी दूरी से भी आपके घर लौट सकते हैंदोस्तों कबूतरों के अंदर एक अदभुत क्षमता होती है। यदि आप इनको अपने घर से 400 मील की दूरी पर भी छोड़ देते हैं तो यह वापस आ सकता है। इस संबंध मे एक परीक्षण किया गया जिससे कि एक रेसिंग कबूतर को उसके घर से 600 मील की दूरी पर छोड़ा गया । तो वह कुछ ही समय के अंदर वापस घर आ गया । ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा किए गए 10 साल के एक अध्ययन ने निष्कर्ष निकाला कि कबूतर सड़कों और मोटरमार्गों का उपयोग नेविगेट करने के लिए करते हैं।इसके अलावा प्रथ्वी के चुंबकिये क्षेत्र की मदद से भी अपने घर की दिशा का पता लगा सकते हैं। और आसानी से खोज सकते हैं। कबूतरों का काफी बड़ा व्यवसाय हैदोस्तों आपको यह जानकर हैरानी होगी कि कबूतरों का बिजनेस काफी भारी चलता है।कई अनेक ऐसे कबूतर हैं जोकि काफी महंगे बिकते हैं। इसके अलावा आप अपने आस पास के कबूतर मार्केट को देख सकते हैं। वहां पर हर दिन कुछ ना कुछ कबूतर बिकने के लिए आते हैं। एक रेसिंग कबूतर हाल ही में $132,517.00 में बिका 3 वर्षीय पक्षी एक लंबी दूरी की दौड़ में 21,000 अन्य कबूतरों को हराकर एक चैंपियन रेसर था। प्रसिद्ध लोग भी कबूतर पालते थेदोस्तों आपको यह पता होना चाहिए कि कई प्रसिद्ध लोग भी कबूतरों का पालन करते थे ।सबसे प्रसिद्ध राजघरानों में से एक इंग्लैंड की महारानी एलिजाबेथ हैं जोकि कबूतरों को काफी पसंद करती थी। उनके पास कुछ कबूतर भी थे । प्रसिद्ध फैशन डिजाइनर मौरिज़ो गुच्ची भी कबूतरों के लिए कई हजार डॉलर खर्च करते थे। इसी तरह से कई अन्य प्रसिद्ध लोग थे जो कबूतरों को काफी पसंद करते थे । माना जाता था कबूतर को कभी अमूल्य संपतिदोस्तों आपको यह पता होना चाहिए कि एक जमाना ऐसा भी था जब कबूतर को भी एक अमूल्य संपति माना जाता था। यूरोप में 16वीं, 17वीं और 18वीं सदी में कबूतरों को चोरों से बचाने के लिए कबूतर घर के आगे गार्ड को भी तेनात रखा जाता था ताकि कोई चोर अंदर ना घुस सके । युद्ध के अंदर कबूतर का प्रयोगदोस्तों युद्धों के अंदर भी बहुत बार कबूतर का प्रयोग किया गया ।प्रथम और दूसरे विश्व युद्ध के अंदर दुश्मन की सीमा के पार जाकर कबूतर ने अनेक सेनिकों की जान बचाई थी। प्रथम विश्व युद्ध के अंदर कबूतर ने डुबती हुई नावों का संदेश दूसरे सैनिकों तक पहुंचाया जिससे कि सेनिकों की जान बच सकी । इसके अलावा दूसरे विश्व युद्ध के अंदर कबूतर के गले मे सेनिकों ने अपना संदेश बांधकर भेजा । इस तरह से युद्ध के अंदर भी कबूतरों ने उपयोगी भूमिका को निभाया था। कबूतर का प्रयोग संचार के रूप मेदोस्तों आज आपके पास संपर्क करने के लिए मोबाइल फोन है जिसकी मदद से आप किसी से भी आसानी से संपर्क कर सकते हैं लेकिन 5 वीं शताब्दी मे ऐसा कुछ भी नहीं था। उस समय संदेश भेजने के लिए कबूतरों का प्रयोग किया जाता था । कबूतर के गले मे रस्सी बांध दी जाती थी और उसके अंदर संदेश को टांग दिया जाता था। 2वीं शताब्दी ईस्वी में, बगदाद शहर और सीरिया और मिस्र के सभी मुख्य शहर और शहर कबूतरों द्वारा किए गए संदेशों से जुड़े हुए थे।और ओलंपिक खेलों के अंदर भी कबूतर का प्रयोग किया जाता था। कबूतर की मदद से संदेश को घरों तक पहुंचाया जाता था। इस वजह से कबूतर उस समय काफी उपयोगी साधन भी था। कबूतर का धार्मिक महत्वदोस्तों कबूतर का धार्मिक महत्व भी होता है। सीख लोग अपने पास कबूतर रखते हैं क्योंकि उनके गुरू गुरू गोविंद सिंह भी अपनें पास एक कबूतर रखते थे । इसके अलावा कई लोग कबूतर को दाना खिलाते हैं उनका मानना होता है कि ऐसा करने से उनका जब दूसरा जन्म होगा तो वे कभी भी भुखा नहीं मरेंगें। लेकिन कुल मिलाकर कबूतरों के साथ कई तरह की धार्मिक मान्यताएं जुड़ी हुई हैं। हिंदु धर्म के अंदर भी कबूतर को एक अच्छा माना जाता है।यदि आप मंदिरों आदि के आस पास देखेंगे तो आपको यह पता चलेगा कि यहां पर कबूतरों को दाना डालने के लिए जगह बनी हैं। जहां पर कई हजार कबूतर रोज दाना चुगने के लिए आते हैं। चेरी अमी कबूतरदोस्तों चेरी अमी नामक एक प्रसिद्ध कबूतर था।फ्रांसीसी सेनिकों की जान बचाने मे यह कबूतर काफी उपयोगी साबित हुआ था। संदेश को ले जाने के दौरान इस कबूतर के पैर मे गोली लग गई इसके अलावा इसके सीने मे भी गोली लगी थी । लेकिन उसके बाद भी इसने अपने संदेश को सही जगह पर पहुंचाया । उसके बाद इस कबूतर को मेडल से सम्मानित किया गया । कबूतर सिर क्यों हिलाते हैं?कबूतर को अपने सिर हिलाते हुए देखा होगा । असल मे कबूतर की द्रष्टि दुरबीन की जैसे होती है। जब यह आगे बढ़ते हैं तो सर पीछे रह जाता है जिससे कि इनको अपना सर आगे खींचना पड़ता है जिससे कि इनका सर सही हो जाए । कबूतर के अंदर प्रजननदोस्तों कबूतर पूरे साल प्रजनन कर सकता है। और यह एक साल मे 8 बार अंडे दे सकता है। हालांकि अंडा कितनी बार देगा यह निर्भर करता है कि भोजन की उपलब्धता कितनी है। कबूतर अपनी मां का दूध पीते हैं और कबूतरों को माता और पिता दोनेा ही खिलाते हैं। और जब कबूतर दो महिने के होते हैं तो घर से भाग जाते हैं। घरों के बीच संचार करने मे कबूतर का प्रयोगदोस्तों यह बात है 1800 ई कि उस समय संचार के साधन थे लेकिन इतने तेज नहीं थे । ऐसी स्थिति के अंदर कई लोग युरोप मे एक घर से दूसरे घर मे संदेश को भेजने के लिए कबूतरों का प्रगोग किया जाता था। यह तरीका अन्य तरीकों की तुलना मे काफी तेज तरीका था। अंगूर को संस्कृत में क्या कहते हैं द्राक्षाफलम् खुदा हाफिज का अर्थ Khuda Hafiz meaning in hindi salam kis bhasha ka shabd hai सलाम किस भाषा का शब्द है ivermectin tablets use in hindi, और दुष्प्रभाव व सावधानियां nestor tablet uses in hindi उपयोग और सावधानियां nixocid syrup uses in hindi and side effect letrozole tablets ip in hindi use and side effect सर्दी-जुकाम की एंटीबायोटिक दवा top 15 tablats कबूतर संस्कृत में क्या कहते हैं?कबूतर को संस्कृत में कपोत: नाम से जाना जाता है।
संस्कृत में कबूतर कैसे लिखते हैं?कपिला वात्स्यायन. कबूतर के बच्चे घोसले में थे. कोयल कबूतर चिड़िया को संस्कृत में क्या कहते हैं?संस्कृत में पक्षियों के नाम. सफेद कबूतर को संस्कृत में क्या कहते हैं?कबूतर को संस्कृत में कपोत: कहते हैं।
|