सामान्यतः बंधुत्व से तात्पर्य लोगों के समूह में भाईचारा, मैत्री और परस्पर सहयोग की भावना से है जो घनिष्ठ रूप से एक दूसरे से संबंधित हैं। हालांकि, यदि भारतीय संविधान की प्रस्तावना को सन्दर्भ स्रोत के रूप में लिया जाता है तो बंधुत्व का अर्थ राष्ट्र की एकता और अखण्डता तथा व्यक्ति की गरिमा सुनिश्चित करना है। Show विश्व का इतिहास के प्रश्न उत्तर1. माप-तौल की दशमलव प्रणाली किस देश में शुरू हुआ था? 11. अमेरिकी स्वतंत्रता संग्राम का नायक कौन था? 21. नेपोलियन अपने किस कार्य के लिए अविस्मरणीय है? इस पोस्ट में आपको बंधुत्व का अर्थ क्या है bandhutva ka arth kya hai बंधुत्व का क्या मतलब है? बंधुता का अर्थ क्या है ? बंधुत्व का अर्थ in English बंधु का अर्थ विश्व बंधुत्व का अर्थ विश्व बंधुत्व की परिभाषा बंधुत्व किसे कहते हैं बंधुत्व पर निबंध बंधुत्व का विलोम शब्द विश्व बंधुत्व का अर्थ क्या है? बंधुत्व से क्या अभिप्राय है? विश्व बंधुत्व की भावना उजागर करने हेतु हम सब का क्या कर्तव्य बनता है? विश्व का इतिहास प्रश्नोत्तरी विश्व इतिहास की जानकारी से संबधित जानकारी दी है .अगर यह जानकारी आपको फायदेमंद लगे तो दूसरो को शेयर जरुर करे .अगर इसके बारे में आपका कोई भी सवाल या सुझाव हो तो नीचे कमेंट करके बताएं.
इस मूल्य को सच्चे मन से अपनाए बिना मानवता अधूरी है, मनुष्य अधूरा है, धर्म और संस्कृति अधूरे हैं तथा राष्ट्र और विश्व भी अधूरा और पंगु है। यह मनुष्य की, मानव समाज की, राष्ट्र की अनिवार्यता है। यदि हम विश्व को श्रेष्ठ बनाना चाहते हैं तो हमें विश्वबंधुत्व की भावना को आत्मसात् करना ही होगा। और भी पढ़ें :विश्व बंधुत्व की भावना क्यों आवश्यक है?विश्व बंधुत्व की भावना, करुणा, प्रेम और भ्रातृत्व ही मानव अधिकारों की सुरक्षा की कुंजी है। इन्हीं मानवीय गुणों से अधिक सभ्य मानव विकसित होगा और गरीबी, जाति, धर्म, ऊँच-नीच तथा अन्य आधारों पर होने वाले मानव अधिकार हनन प्रभावी रूप से रोका जा सकेगा।
विश्व बंधुत्व की भावना से आप क्या समझते हैं?एक ही परिवार के सभी लोग जिस प्रकार बंधुत्व भाव से रहते हैं, उसी प्रकार विश्व भर के लोगों से बंधु भावना से रहना ही विश्व बंधुत्व है । केवल भारतीयों और भारत देश में ही विश्व बंधुत्व की भावना प्राचीन काल से आज तक चल रही है।
मनुष्य में विश्व बंधुत्व की भावना क्यों होनी चाहिए Class 10?'मनुष्य मात्र बंधु है'से तात्पर्य है कि सभी मनुष्य आपस में भाई बंधु हैं क्योंकि सभी का पिता एक ईश्वर है। इसलिए सभी को प्रेम भाव से रहना चाहिए, सहायता करनी चाहिए। कोई पराया नहीं है। सभी एक दूसरे के काम आएँ।
विश्व बंधुत्व की भावना उजागर करने हेतु हम सब का क्या कर्तव्य बनता है?एक सद्गृहस्थ जैसे अपनी पत्नी और संतान को जोड़े रखता है वैसे ही परिवार के अन्य लोगो को, कुटुंब के अन्य लोगो को, अपने सगे सम्बन्धियों को बंधु बान्धवो को जोड़े, यानी उनसे स्नेह सम्बन्ध बनाये रखे। स्वयं धनवान हो तो अपने निर्धन हुए बंधु-बान्धवो से स्नेह सत्कार का सम्बन्ध बनाये रखे। सहानुभूति और सहयोग का सम्बन्ध बनाये रखे।
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