5 विश्व बंधुत्व की भावना क्यों आवश्यक है? - 5 vishv bandhutv kee bhaavana kyon aavashyak hai?

सामान्यतः बंधुत्व से तात्पर्य लोगों के समूह में भाईचारा, मैत्री और परस्पर सहयोग की भावना से है जो घनिष्ठ रूप से एक दूसरे से संबंधित हैं। हालांकि, यदि भारतीय संविधान की प्रस्तावना को सन्दर्भ स्रोत के रूप में लिया जाता है तो बंधुत्व का अर्थ राष्ट्र की एकता और अखण्डता तथा व्यक्ति की गरिमा सुनिश्चित करना है।

विश्व का इतिहास के प्रश्न उत्तर

1. माप-तौल की दशमलव प्रणाली किस देश में शुरू हुआ था?
उत्तर. फ्रांस
2. नेपोलियन का जन्म कब और कहाँ हुआ था?
उत्तर. 1769 ई० में अजासियों ( कोर्सिका द्वीप ) में
3. नेपोलियन का प्रारमिभक जीवन किस रूप में शुरू हुआ था?
उत्तर.एक सैनिक के रूप में
4. नेपोलियन फ्रांस का सम्राट कब बना?
उत्तर. 1804 ई. में
5. राष्ट्रवाद का मसीहा किसे कहा जाता है?
उत्तर. नेपोलियन को
6. आधुनिक फ्रांस का निर्माता किसे माना जाता है?
उत्तर. नेपोलियन बोनापार्ट
7. ट्राल्फगर का युद्ध कब और किसके बीच हुआ था?
उत्तर. 1805 ई. को इंग्लैण्ड के साथ
28. नेपोलियन की सबसे बड़ी देन क्या है?
उत्तर. नेपोलियन कोड
9. वाटरलू के युद्ध में पराजित होने के पश्चात नेपोलियन को कैद कर किस टापू पर भेज दिया गया?
उत्तर. सेंट हेलेना
10. नेपोलियन के पतन का क्या कारण था?
उत्तर. रूस पर आक्रमण

11. अमेरिकी स्वतंत्रता संग्राम का नायक कौन था?
उत्तर. जार्ज वाशिंगटन
12. अमेरिका ने पूर्ण स्वतंत्रता की घोषणा कब की?
उत्तर. 4 जुलाई 1776 में
13. आधुनिक गणतंत्र की जननी किसे कहा जाता हैं?
उत्तर. अमेरिका को
14. प्रजातंत्र की स्थापना सर्वप्रथम कहाँ हुई थी?
उत्तर. अमेरिका
15. विश्व में सर्वप्रथम लिखित संविधान कहाँ लागू हुआ?
उत्तर. संयुक्त राज्य अमेरिका में
16. अब्राहम लिंकन ने दास प्रथा का उन्मूलन कब किया?
उत्तर. 1863 ई० में
17. अमेरिका के राष्ट्रपति के निवास स्थान को क्या कहा जाता है?
उत्तर. ह्वाइट हाउस
18. फ्रांस की राज्य क्रांति किसके शासन काल में हुई?
उत्तर. लूई सोलहवाँ
19. फ्रांस की राज्य क्रांति कब हुई थी?
उत्तर. 1789 ई०
20. समानता, स्वतंत्रता और बंधुत्व का नारा किस क्रांति की देन हैं?
उत्तर. फ्रांस की राज्य क्रांति

21. नेपोलियन अपने किस कार्य के लिए अविस्मरणीय है?
उत्तर. कानून संहिता
22. इटली के एकीकरण का श्रेय किसको दिया जाता है?
उत्तर. मेजिनी काउण्ट काबूर और गैरीबाल्डी
23. इटली का बिस्मार्क किसे कहा जाता है?
उत्तर. काउण्ट काबूर
24. रोम को संयुक्त इटली की राजधानी कब घोषित किया गया?
उत्तर. 1871 ई०
25. जर्मनी का एकीकरण किसने किया?
उत्तर. बिस्मार्क
26. विस्मार्क कौन था?
उत्तर. प्रशा के शासक विलियम प्रथम का प्रधानमंत्री
27. जर्मनी का एकीकरण किस सदी की एक महान घटना थी?
उत्तर. उन्नीसवीं सदी
28. कार्ल माक्र्स कहाँ का रहने वाला था?
उत्तर. जर्मनी का
29. समाजवाद का सबसे प्रसिद्ध् प्रचारक कौन था
उत्तर. कार्ल माक्र्स ने
30. ‘दुनिया के मजदूरों एक हो’ का नारा किसने दिया?
उत्तर. कार्ल माक्र्स

इस पोस्ट में आपको बंधुत्व का अर्थ क्या है bandhutva ka arth kya hai बंधुत्व का क्या मतलब है? बंधुता का अर्थ क्या है ? बंधुत्व का अर्थ in English बंधु का अर्थ विश्व बंधुत्व का अर्थ विश्व बंधुत्व की परिभाषा बंधुत्व किसे कहते हैं बंधुत्व पर निबंध बंधुत्व का विलोम शब्द विश्व बंधुत्व का अर्थ क्या है? बंधुत्व से क्या अभिप्राय है? विश्व बंधुत्व की भावना उजागर करने हेतु हम सब का क्या कर्तव्य बनता है? विश्व का इतिहास प्रश्नोत्तरी विश्व इतिहास की जानकारी से संबधित जानकारी दी है .अगर यह जानकारी आपको फायदेमंद लगे तो दूसरो को शेयर जरुर करे .अगर इसके बारे में आपका कोई भी सवाल या सुझाव हो तो नीचे कमेंट करके बताएं.

5 विश्व बंधुत्व की भावना क्यों आवश्यक है? - 5 vishv bandhutv kee bhaavana kyon aavashyak hai?


उपनिषद वाक्य है
'संगच्छघ्वं संवदध्वं संवो मनांसि जानताम्‌।'
अर्थात्‌ इकट्ठे चलें, एक जैस बोलें और हम सबके मन एक जैसे हो जावें- यह भावना प्राचीन काल से ही चली आ रही है। इसलिए यहां राजा और रंक, धनवान और संत सब एक साथ बैठकर भोजन करते हैं। यहां के तत्व चिन्तकों ने बिना किसी भेदभाव के मानव मात्र अथ च प्राणिमात्र के कल्याण की कामना की है।
'सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयाः।
सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चित्‌ दुःखभाग्भवेत॥।'
अर्थात्‌ संसार में सब सुखी रहें, सब नीरोग या स्वस्थ रहें, सब भ्रद देखें और विश्व में कोई दुःखी न हो। 'वसुधैव कुटुम्बकम्‌' एक व्यापक मानव-मूल्य है। व्यक्ति से लेकर विश्व तक इसकी व्याप्ति है-व्यक्ति, परिवार, समाज, राष्ट्र, अर्न्राष्ट्र। गरज यह कि संपूर्ण विश्व इसकी परिधि में समाहित है।
यह वैयक्तिक मूल्य भी है और सामाजिक मूल्य भी, राष्ट्रीय मूल्य भी है और अंतरराष्ट्रीय मूल्य भी, राजनीतिक मूल्य भी है और नैतिक मूल्य भी, धार्मिक है और प्रगतिशील मूल्य भी। और यदि इन सबका एक शब्द में समाहार करना चाहें तो हम कह सकते हैं कि यह मानवीय मूल्य है।

इस मूल्य को सच्चे मन से अपनाए बिना मानवता अधूरी है, मनुष्य अधूरा है, धर्म और संस्कृति अधूरे हैं तथा राष्ट्र और विश्व भी अधूरा और पंगु है। यह मनुष्य की, मानव समाज की, राष्ट्र की अनिवार्यता है। यदि हम विश्व को श्रेष्ठ बनाना चाहते हैं तो हमें विश्वबंधुत्व की भावना को आत्मसात्‌ करना ही होगा।
'वसुधैव कुटुम्बकम्‌' के सूत्र द्वारा भारतीय मनीषियों ने जिस उदार मानवतावाद का सूत्रपात किया उसमें सार्वभौमिक कल्याण की भावना है। यह देश-कालातीत अवधारणा है और पारस्परिक सद्भाव, अन्तः विश्वास एवं एकात्मवाद पर टिकी है। 'स्व' और 'पर' के बीच की खाई को पाटकर यह अवधारणा 'स्व' का 'पर' तक विस्तार कर उनमें अभेद की स्थापना का स्तुत्य प्रयास करत है।
'वसुधैव कुटुम्बकम्‌' की भावना को राष्ट्रवाद का विरोधी मानने की भूल की जाती रही है। जिस प्रकार उदार मानवतावाद का राष्ट्रवाद से कोई विरोध नहीं है, उसी प्रकार 'वसुधैव कुटुम्बकम्‌' की भावना का भी राष्ट्रवाद से कोई विरोध नहीं है। 'वसुधैव कुटुम्बकम्‌' की अवधारणा शाश्वत तो है ही, यह व्यापक एवं उदार नैतिक-मानवीय मूल्यों पर आधृत भी है। इसमें किसी प्रकार की संकीर्णता के लिए कोई अवकाश नहीं है। सहिष्णुता इसकी अनिवार्य शर्त है।
निश्चय ही आत्म-प्रसार, 'स्व' का 'पर' तक विस्तार स्वयं को और जग को सुखी बनाने का साधन है। वैज्ञानिक आविष्कारों के फलस्वरूप समय और दूरी के कम हो जाने से 'वसुधैव कुटुम्बकम्‌' की भावना के प्रसार की आवश्यकता और भी बढ़ गई है। किसी देश की छोटी-बड़ी हलचल का प्रभाव आज संसार के सभी देशों पर किसी न किसी रूप में अवश्य पड़ता है। फलतः समस्त देश अब यह अनुभव करने लगे हैं कि पारस्परिक सहयोग, स्नेह, सद्भाव, सांस्कृतिक आदान-प्रदान और भाईचारे के बिना उनका काम न चलेगा। संयुक्त राष्ट्रसंघ की स्थापना, निर्गुट शिखर सम्मेलन, दक्षेश, जी-15 आदि 'वसुधैव कुटुम्बकम्‌' के ही नामान्तर रूपान्तर हैं।
इन राजनीतिक संगठनों से यह तो प्रमाणित होता ही है कि विश्व के बड़े से बड़े और छोटे से छोटे राष्ट्र पारस्परिकता और सहअस्तित्व की आवश्यकता अनुभव करते हैं तथा इन अवधारणाओं के बीच 'वसुधैव कुटुम्बकम्‌' में निश्चय ही विद्यमान थे।


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विश्व बंधुत्व की भावना क्यों आवश्यक है?

विश्व बंधुत्व की भावना, करुणा, प्रेम और भ्रातृत्व ही मानव अधिकारों की सुरक्षा की कुंजी है। इन्हीं मानवीय गुणों से अधिक सभ्य मानव विकसित होगा और गरीबी, जाति, धर्म, ऊँच-नीच तथा अन्य आधारों पर होने वाले मानव अधिकार हनन प्रभावी रूप से रोका जा सकेगा।

विश्व बंधुत्व की भावना से आप क्या समझते हैं?

एक ही परिवार के सभी लोग जिस प्रकार बंधुत्व भाव से रहते हैं, उसी प्रकार विश्व भर के लोगों से बंधु भावना से रहना ही विश्व बंधुत्व है । केवल भारतीयों और भारत देश में ही विश्व बंधुत्व की भावना प्राचीन काल से आज तक चल रही है।

मनुष्य में विश्व बंधुत्व की भावना क्यों होनी चाहिए Class 10?

'मनुष्य मात्र बंधु है'से तात्पर्य है कि सभी मनुष्य आपस में भाई बंधु हैं क्योंकि सभी का पिता एक ईश्वर है। इसलिए सभी को प्रेम भाव से रहना चाहिए, सहायता करनी चाहिए। कोई पराया नहीं है। सभी एक दूसरे के काम आएँ।

विश्व बंधुत्व की भावना उजागर करने हेतु हम सब का क्या कर्तव्य बनता है?

एक सद्गृहस्थ जैसे अपनी पत्नी और संतान को जोड़े रखता है वैसे ही परिवार के अन्य लोगो को, कुटुंब के अन्य लोगो को, अपने सगे सम्बन्धियों को बंधु बान्धवो को जोड़े, यानी उनसे स्नेह सम्बन्ध बनाये रखे। स्वयं धनवान हो तो अपने निर्धन हुए बंधु-बान्धवो से स्नेह सत्कार का सम्बन्ध बनाये रखे। सहानुभूति और सहयोग का सम्बन्ध बनाये रखे।