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लंबे समय तक कपल साथ-साथ पति-पत्नी की तरह रहे तो वह शादीशुदा माने जाएंगे: सुप्रीम कोर्टReported by राजेश चौधरी| नवभारतटाइम्स.कॉम | Updated: 14 Jun 2022, 9:45 pm सुप्रीम कोर्ट ने दस्तावेजों को परीक्षण कर बताया कि दस्तावेज से साबित होता है कि महिला और पुरुष दोनों सहजीवन यानी साथ-साथ लंबे समय से पति-पत्नी की तरह रह रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने पहले के जजमेंट का हवाला देकर कहा कि यह सेटल व्यवस्था है कि अगर आदमी और औरत लंबे समय से सालों साल पति-पत्नी की तरह रह रहा हो ।हाइलाइट्स
पति की अनुमति के बिना बार-बार मायके जाना 'परित्याग' का अपराध नहीं... तलाक की याचिका पर कोर्ट ने कही ये बड़ी बात पहले कोर्ट ने क्या कहा था फेसबुक पर फर्जी आईडी बनाकर पति से दोस्ती की तो करने लगा गंदी बातें, पुलिसवाले की पत्नी ने ही खोल दी उसकी रंगीनमिजाजी की पोल 16 साल पुरानी शादी से जन्मी तीन बेटियां, पैटर्निटी टेस्ट किया तो पता चला कि बाप कोई और ही था Navbharat Times News App: देश-दुनिया की खबरें, आपके शहर का हाल, एजुकेशन और बिज़नेस अपडेट्स, फिल्म और खेल की दुनिया की हलचल, वायरल न्यूज़ और धर्म-कर्म... पाएँ हिंदी की ताज़ा खबरें डाउनलोड करें NBT ऐप लेटेस्ट न्यूज़ से अपडेट रहने के लिए NBT फेसबुकपेज लाइक करें रेकमेंडेड खबरें
देश-दुनिया की बड़ी खबरें मिस हो जाती हैं?धन्यवादशादीशुदा लोग लाइव इन रिलेशनशिप में कैसे रह सकते हैं?पंजाब उच्च न्यायालय ने अभी हाल ही के एक मामले में यह स्पष्ट किया है कि विवाह के होते हुए लिव इन में रहना किसी भी प्रकार का कोई अपराध नहीं है। दो बालिग पक्षकार आपसी सहमति से एक दूसरे के साथ रह सकते हैं और इस पर कोई प्रकरण नहीं बनेगा क्योंकि वर्तमान में भारत में जारक्रम को अपराध की श्रेणी से हटा दिया गया है।
क्या लिव इन रिलेशनशिप को शादी माना जाता है?सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर कोई कपल लंबे समय से साथ रह रहा है, तो उस रिश्ते को शादी ही माना जाएगा। इस तरह कोर्ट ने 50 साल के लिव-इन रिलेशनशिप को वैध ठहराया था।
शादीशुदा इंसान से प्यार हो जाए तो क्या करना चाहिए?उसकी पत्नी और बच्चों का इसके साथ कुछ लेना देना नहीं है,अगर आपके लिए उसका प्यार सच है तो वह अपने परिवार को उचित न्याय के साथ छोड़ देगा। अन्यथा आप हमेशा उसे अनदेखा कर सकते हैं और नए व्यक्ति के साथ फिर से शुरू कर सकते हैं।
एक रिलेशनशिप में कितने लोग रह सकते हैं?दोस्तों, आपको बता दें कि भारत में इस संबंध में संसद में कोई कानून नहीं बनाया गया है, अपितु सुप्रीम कोर्ट की ओर से इस संबंध में दिए गए आदेश को ही कानून मान लिया गया है। सामान्य शब्दों में कहें तो यह ऐसी व्यवस्था है, जिसमें दो लोग, जिनका विवाह नहीं हुआ है पति पत्नी की तरह साथ रह सकते हैं।
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