क्या ध्वनि प्रदूषण के बारे में कोई कानून है? - kya dhvani pradooshan ke baare mein koee kaanoon hai?

संक्षिप्त नाम और प्रारंभ

  1. इन नियमों का -- ध्वनि प्रदूषण (विनियमन और नियंत्रण) नियम, 2000 है। ये राजपत्र में प्रकाशन की तारीख को प्रवृत होंगे।
  2. ध्वनि प्रदूषण (विनियमन और नियंत्रण) नियम, 2000  द्वारा अतः स्थापित तथा राजपत्र में का.आ. (प्र.) दिनांक 11/01/2010 को अधिसूचित।

परिभाषाएं

इन नियमों में जब तक सन्दर्भ से अन्यथा अपेक्षित न हो,-

क) अधिनियम से पर्यावरण (संरक्षण) अधिनयम, 1986 (1986 का 29) अभिप्रेत है;

ख) क्षेत्र/परिक्षेत्र से इन नियमों से संलग्न अनुसूची में दिए गये चार प्रवर्गों में से किसी के अंतर्गत आने वाले सभी क्षेत्र अभिप्रेत है;

ग) प्राधिकारी से अभिप्रेत है और इसके अंतर्गत प्रवृत विधियों के अनुसार यथास्थिति, केन्द्रीय सरकार या राज्य सरकार द्वारा प्राधिकृत कोई प्राधिकारी या अधिकारी सम्मलित हैं इसके अंतर्गत तत्समय प्रवृत किसी विधि के अधीन ध्वनि के संबंध में परिवेशी वायु क्वालिटी मानकों के अनुरक्षण के लिए अभिहित जिला मजिस्ट्रेट. पुलिस आयुक्त या ऐसा कोई अन्य अधिकारी भी हैं जो पुलिस उप अधीक्षक की पंक्ति से नीचे का न हो);

घ) न्यायालय से ऐसा सरकारी निकाय अभिप्रेत है जो एक अधिक न्यायाधीशों से मिलकर बना है और वे विवादों के न्याय निर्णयन और अन्य करने के लिए बैठते हैं तथा इसके अंतर्गत ऐसा कोई न्यायायलय भी हैं जो न्यायाधीशों या मजिस्ट्रेट द्वारा पीठासीन हैं और सिविल कराधान तथा आपराधिक मामले के अधिकरण के रूप में कार्य कर रहे हैं;

ङ) शैक्षणिक संस्था से कोई स्कुल, सेमिनिरी, महाविद्यालय, विश्वविद्यालय, वृतिक अकादमी, प्रशिक्षण संस्थान या अन्य शैक्षणिक स्थापन, जो आवश्यक रूप से चार्टड संस्था नहीं है, अभिप्रेत है और इसके अंतर्गत न केवल भवन सम्मिलित है बल्कि इसमें ऐसे सभी स्थल भी है जो शिक्षिकण अनुदेश की पूर्ण व्याप्ति को प्राप्त करने के लिए हैं जो मानसिक, नैतिक और भौतिक विकास के लिए आवश्यक है;

च) अस्पताल से ऐसी संस्था अभिप्रेत है जो बीमार, घायल, शिथिललांग या वयोवृद्ध व्यक्तियों को भर्ती करने और उनकी देखरेख करने के लिए हैं और इसके अंतर्गत सरकारी या प्राइवेट अस्पताल, परिचर्या गृह तथा क्लिनिक सम्मिलित है;

छ) व्यक्ति के अंतर्गत कोई कम्पनी या व्यष्टियों का कोई संगम या निकाय सम्मिलित है चाहे यह निगमित हो या नहीं;

ज) संघ राज्यक्षेत्र के संबंध में राज्य सरकार से संविधान के अनुच्छेद 239 के अधीन नियुक्त उसका प्रशासक अभिप्रेत है;

झ) सार्वजनिक स्थल से ऐसे स्थान अभिप्रेत है जिसमें जनता ही पहुँच है चाहे उसका अधिकार हो या न हो, और जिनके अंतर्गत ऑडिटोरियम, होटल, जन प्रतीक्षालय, सभा केंद्र, लोक कार्यालय, शॉपिंग मॉल, सिनेमा हॉल, शिक्षण संस्थान, पुस्तकालय, खुले मैदान और इसी प्रकार के स्थान जिनमें आम जनता जाती है; और

ञ)  रात्रि समय से 10.00 बजे रात्रि और 6.00 बजे प्रातः के बीच की अवधि अभिप्रेत है।

विभिन्न क्षेत्रों/परिक्षेत्रों के लिए ध्वनि के संबंध में परिवेशी वायु क्वालिटी मानक

1. विभिन्न क्षेत्रों/परिक्षेत्रों के लिए ध्वनि के संबंध में परिवेशी वायु क्वालिटी मानक वे होंगे जो इन नियमों से संलग्न अनुसूची में विनिद्रिष्ट हैं।

2. राज्य सकार विभिन्न क्षेत्रों के लिए ध्वनि मानकों को क्रियान्वित करने के प्रयोजन के लिए औद्योगिक, वाणिज्यिक, आवासीय या शांत क्षेत्रों/पेरिक्षेत्रों को (प्रवर्गीकृत करेगी)

3. राज्य सरकार ध्वनि के उपशामन के लिए उपाय करगी जिसमें यानीय संचलन से प्रसर्जित ध्वनि उत्पन्न करने वाले उपकरणों का उपयोग) सम्मिलित हैं और यह सुनिशिचत करेगी कि विद्यमान ध्वनि स्तर इन नियमों के अंतर्गत विनिद्रिष्ट परिवेशी वायु क्वालिटी मानक से अधिक न हो।

4. सभी विकास प्राधिकारी, स्थानीय निकाय और अन्य संबद्ध प्राधिकारी शहरी और ग्रामीण योजना से संबंधित विकास क्रियाकलाप का आयोजन करते समय या उससे संबंधित कृत्यों का पालन करते समय संकट से बचाव के लिए ध्वनि के संबंध में परिवेशी वायु क्वालिटी मानकों के अनुरक्षण के उद्देश्य कि प्राप्ति के लिए जीवन की क्वालिटी के प्रचल के रूप में ध्वनि प्रदूषण के सभी पक्षों पर विचार करेंगे।

अस्पतालों, शैक्षिक संस्थाओं और न्यायालयों के आसपास कम से कम 100 मित्र के क्षेत्र को इन नियमों के प्रयोजन के लिए शांत क्षेत्र/ परिक्षेत्र घोषित किया जाएगा।

ध्वनि प्रदूषण नियंत्रण उपायों को प्रवृत करने का दायित्व

  1. किसी क्षेत्र/परिक्षेत्र में ध्वनि स्तर, उक्त अनुसूची में विनिद्रिष्ट ध्वनि से संबंधित परिवंशी वायु क्वालिटी मानक से अधिक नहीं होगा।
  2. प्राधिकरण, ध्वनि प्रदूषण नियंत्रण उप्याओं के प्रवर्तन और ध्वनि से संबंधित परिवंशी वायु क्वालिटी मानकोण के सम्यक पालन के लिए उत्तरदायी होगा।
  3. संबधित राज्य प्रदूषण नियन्त्रण बोर्ड या प्रदूषण नियन्त्रण समितियां, केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के परामर्श से , ध्वनि प्रदूषण और खोजे गए उपायों  से संबंधित तकनीकी और संख्याकि आंकड़ों को, इसके प्रभावी निवारण, नियंत्रण और उपशमन के लिए, संग्रहित, संकलित और प्रकशित करेगें।

लाउडस्पीकर और लोक संबोधन  प्रणाली (और ध्वनि उत्पन्न करने वाले उपकरण) के प्रयोग पर निर्बन्धन

1. लाउडस्पीकर और लोक संबोधन प्रणाली का प्रयोग केवल तभी किया जाएगा जब प्रधिकार्न से लिखित अनुज्ञा अभिप्राप्त की गई हो।

2. लाउडस्पीकर और लोक संबोधन प्रणाली या कोई ध्वनि उत्पन्न करने वाला उपकरण या ध्वनि प्रवर्धन का प्रयोग, हाल के भीतर सिवाय तब के जब वह संसूचना के लिए बंद परिसर जैसे, प्रेक्षागृह, सम्मेलन कक्ष, सामुदायिक हाल, प्रतिभोज हल हो या सार्वजनिक आपातस्थिति के दौरान, रात्रि में नहीं किया जाएगा।

3. उपनियम (2) में अंतविर्ष्ट  किसी बात के होते हुए भी, राज्य सरकार ऐसे निबंधनों और शर्तों के अध्यधीन जो ध्वनि के कम करने के लिए आवश्यक है, किसी सांस्कृतिक या धार्मिक पर्व के अवसर पर या उसके दौरान लाउडस्पीकरकों या (रात्रि के दौरान लोक शब्द संबोधन प्रणाली और इसके समान का प्रयोग रात में (10-00 बजे रात्रि से 12-00 बजे मध्य रात्रि तक) सीमित अवधि के लिए, जो किसी केलेंडर वर्ष के दौरान कुल मिलाकर 15 दिन से अधिक की नहीं होगी, अनुज्ञात कर सकेगी) (संबंधित राज्य सरकार साधारणतया पहले से दिनों की संख्या और विवरणों का अग्रिम शाब्द रूप से उल्लेख करेंगे जब ऐसी छुट प्रभावी होगी)

4. सार्वजनिक स्थान, जहाँ लाउडस्पीकर या लोक संबोधन प्रणाली या ध्वनि का कोई अन्य स्त्रोत उपयोग में लाया जा रहा है, की चारदीवारी में ध्वनि स्तर, क्षेत्र के लिए परिवेशी ध्वनि स्तर 10 dB (A) या 75 dB (A) जो भी कम हो, से अधिक नहीं होगा।

5. किसी निजी स्वामित्व की ध्वनि प्रणाली या ध्वनी उत्पन्न करने वाले उपकरण का परिधीय ध्वनि स्तर, निजी की चारदीवारी में, उस क्षेत्र जहाँ या उपयोग में लाया जा रहा है, के लिए परिवेशी ध्वनि मानक के 5 dB (A) से अधिक  न होगा)

(5 क भोपू (हानि) के उपयोग, ध्वनि उत्सर्जित करने वाली संनिर्माण मशीनें और पटाखे फोड़ने पर प्रतिबन्ध

1)  भोपू (हार्न) का उपयोग शांत परिक्षेत्रों या रात्रि समय में आवासीय क्षेत्रों में सार्वजनिक आपात के सिवाय नहीं किया जाएगा।

2) ध्वनि उत्सर्जित करने वाले पटाखें परिक्षेत्र या रात्रि समय में नहीं फोड़े जाएगें।

3) रात्रि में ध्वनि उत्सर्जित करने वाली संनिर्माण मशीनें शांत परिक्षेत्रों और आवासीय क्षेत्रों में उपयोग में नहीं लाई जाएंगी या चलाई नहीं जायेंगी)

शांत परिक्षेत्र/ क्षेत्र में किसी उल्लंघन के परिणाम

जो कोई व्यक्ति शांत परिक्षेत्र/ क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले किसी स्थान में निम्नलिखित कोई अपराध करता है, वह उक्त अधिनियम के उपबन्धों के अधीन शास्ति के लिए दायी होगा:

  1. जो कोई किसी प्रकार का संगीत गाता/बजाता है या कोई ध्वनि प्रवर्धक प्रयोग करता है;
  2. जो कोई ढोल/टॉम टॉम पीटता है या हार्न बजाता है चाहे वह संगीतमाय हो या दबाने वाला या तुरही बजाता है या कि  सी यंत्र को पीटता है या बजाता है; या
  3. जो कोई भीड़ आकर्षित करने के ली कोई अनुकरणशील, संगीतमय हो या अन्य अभिनय प्रदर्शित करता है;
  4. जो कोई ध्वनि उत्सर्जित करने वाले पटाखे फोड़ता है;
  5. जो कोई, लाउडस्पीकर या लोक संबोधन प्रणाली का उपयोग करता है।

प्राधिकरण को की जाने वाली शिकायतें

1. कोई व्यक्ति, यदि ध्वनि स्तर परिवेशी ध्वनि मानक से 10 डीबी (ए) या किसी क्षेत्र/परिक्षेत्र (या यदि रात्रि समय के दौरान लगाए गए प्रतिबंधों के बारे में इन नियमों के किसी उपन्ब्ध का अतिक्रमण है के सामने तत्संबंधी स्तंभ में दिए गए मानक से अधिक बढ़ जाता है) तो प्राधिकरण को शिकायत कर सकेगा।

2. प्राधिकरण, शिकायत पर कार्यवाही करेगा और उल्लंघनकर्त्ता के विरुद्ध इन नियमों और प्रवृत किसी अन्य विधि के उपबन्धों के अनुसार कार्यवाही करेगा।

किसी संगीतमाय ध्वनि या ध्वनि के जारी रहने को प्रतिविद्ध आदि करने की शक्ति

1. यदि प्राधिकरण का किसी पुलिस थाने के प्रभावी अधिकारी को रिपोर्ट से या उसके द्वारा प्राप्त किसी अन्य सूचना से (जिसमें शिकायतकर्त्ता से प्राप्त सूचना भी सम्मिलित है) समाधान हो जाता है कि लोक या किसी व्यक्ति, जो उसेक आसपास निवास करता हो या किसी संपत्ति का आभियोग करता हा, क्षोभ विघ्न, असुविधा या क्षति या क्षोभ विघ्न, असुविधा या क्षति के जोखिम को निवारित करने के लिए आवश्यक समझता है तो वह लिखित आदेश द्वारा निम्नलिखित के निवारण, प्रतिषेध, नियंत्रण या विनियमन  के लिए किसी व्यक्ति को ऐसे निदेश जारी कर सकेगा जैसे वह आवश्यक समझे :-

क) किन्हीं परिसरों में निम्नलिखित के घटने या जारी रहने पर-

  1. किसी कंठ संगीत या वाद्य संगीत;
  2. किसी यंत्र जिसमें लाउडस्पीकर, (लोक संबोधन प्रणाली, हार्न, उपकरण या उपस्कर) साधित्र या यंत्र या प्रयुक्ति जो ध्वनि उत्पादित या पुनरुत्पादित करने के योग्य है के किसी भी रीति से बजाने, पीटने, टकराने, धमन या प्रयोग दारा कारित ध्वनियाँ; या
  3. ध्वनि उत्सर्जित करने वाले पटाखे फोड़ने से कारित ध्वनि।

ख)   किन्हीं परिसरों में या पर कसी व्यापार, उप-व्यवसाय या संक्रिया या प्रक्रिया का करना जिसके परिणामस्वरूप  या जिसके करने से ध्वनि हो।

2. उपनियम (1) के अधीन सशक्त किया यगा प्राधिकरण या तो स्वयं अपनी प्रेरणा से उपनियम (1) के अधीन किये गए किसी आदेश द्वारा व्यथित किसी व्यक्ति के आवेदन पर ऐसे आदेश में या तो विखंडित, उपांतरित या परिवर्तित कर सकता है :

परन्तु ऐसे किसी आवेदन का निपटान करने से पूर्व, उक्त प्रधिकार्न (यथास्थिति, आवेदक और मूल शिकायतकर्त्ता को) व्यक्तिगत रूप से या उसका प्रतिनिधित्व करने वाले व्यक्ति द्वारा अपने समक्ष हाजिर होने उअर उक्त आदेश के विरुद्ध दर्शित करने का अवसर देगा तथा यदि वह ऐसे किसी आवेदन को पूर्णतया या भागरूप रद्द करता है ऐसे रद्द किये जाने के लिए कारण अभिलिखित करेगा।

ध्वनि के संबंध में परिवेशी वायु क्वालिटी मानक

क्षेत्र का कोड

क्षेत्र/परिक्षेत्र का प्रवर्ग

डीबी (ए) लैक में सीमा

दिन का समय

रात का समय

क.

औद्योगिक क्षेत्र

75

70

ख.

वाणिज्य क्षेत्र

65

55

ग.

आवासीय क्षेत्र

55

45

घ.

शांत परिक्षेत्र

50

40


टिप्पणी:-

  1. दिन के समय से 6.00 बजे पूर्वा से 10.00 अप. तक अभिप्रेत है।
  2. रात्रि समय से 10 बजे अप. से 6.00 बजे पूर्वा तक अभिप्रेत है।
  3. शांत परिक्षेत्र वह क्षेत्र है जो अस्पतालों, शैक्षणिक संस्थाओं, न्यायालयों, धार्मिक स्थानों या ऐसे अन्य क्षेत्र जिसे समक्ष प्राधिकारी द्वारा इस प्रकार घोषित किया गया है, के आसपास कम-से-कम 100 मीटर में समाविष्ट है।
  4. मिश्रित प्रवर्गों के क्षेत्र प्राधिकारी द्वारा ऊपर वर्णित चार प्रवर्गों में से एक घोषित किये जा सकते हैं।
  5. डीबी (ए) लैक घोतक है मानवीय श्रवण से संबंधित मापक “ए) पर डेसीमल में ध्वनि का का समय भारित औसत स्तर।
  6. “डेसीमल” वह एकक है जिसमें ध्वनि मापी जाती है।
  7. डीबी (ए) लैक में “ए” घोतक है ध्वनि के माप में आवृति भार और मानवीय कान की आवृति ऊतर लक्षणों के समरूप है।
  • यह विनिद्रिष्ट अवधि में ध्वनि स्तर पर उर्जा माध्य है।

स्त्रोत: विद्युत् मंत्रालय, भारत सरकार

भारत में ध्वनि प्रदूषण अधिनियम क्या है?

पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986 की धारा 15 को 'ध्वनि प्रदूषण (विनियमन एवं नियंत्रण)नियमावली 2000 के नियम 5/6 के साथ पढ़ने पर यह संज्ञेय और गैर जमानतीय अपराध है, जिसमें पांच वर्ष तक की सजा और एक लाख रुपये तक के हर्जाने की व्यवस्था है।

ध्वनि प्रदूषण कितने डेसिबल से माना जाता है?

विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट के अनुसार निंद्रावस्था में आस-पास के वातावरण में 35 डेसीबल से ज्यादा शोर नहीं होना चाहिए और दिन का शोर भी 45 डेसीबल से अधिक नहीं होना चाहिए।

ध्वनि प्रदूषण से कौन सा रोग होता है?

नई दिल्ली: अगर आप ध्वनि प्रदूषण को नजरअंदाज कर रहे हैं तो सावधान हो जाइये इससे न केवल आप बहरे हो सकते हैं बल्कि याददाश्त एवं एकाग्रता में कमी, चिड़चिड़ापन, अवसाद जैसी बीमारियों के अलावा नपुंसकता और कैंसर जैसी जानलेवा बीमारियों की चपेट में भी आ सकते हैं.

ध्वनि प्रदूषण को कैसे नियंत्रित किया जा सकता है?

ध्वनि प्रदूषण का नियंत्रण - (Controling Of Sound Pollution) 1- ध्वनि तथा शोर की तीव्रता को कम करना। 2- ध्वनि एवं शोर नियंत्रण। 1- विभिन्न क्षेत्रों में सड़कों के किनारे हरे वृक्षों की कतार खड़ी करके ध्वनि प्रदूषण से बचा जा सकता है क्योंकि हरे पौधे ध्वनि की तीव्रता को 10 से 15 डी.