Short Note Show लेखक बालगोबिन भगत को गृहस्थ साधु क्यों मानता है? पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए। Advertisement Remove all ads Solutionबालगोबिन भगत घर-परिवार वाले आदमी थे। उनके परिवार में उनका बेटा और पतोहू थे। उनके पास खेतीबारी और साफ़ सुथरा मकान था। इसके बाद भी बालगोबिन भगत साधुओं की तरह रहते और साधु की सारी परिभाषाओं पर खरा उतरते थे, इसलिए लेखक ने भगत को गृहस्थ साधु माना है। Concept: गद्य (Prose) (Class 10 A) Is there an error in this question or solution? Advertisement Remove all ads Chapter 11: रामवृक्ष बेनीपुरी - बालगोबिन भगत - अतिरिक्त प्रश्न Q 1Q 14Q 2 APPEARS INNCERT Class 10 Hindi - Kshitij Part 2 Chapter 11 रामवृक्ष
बेनीपुरी - बालगोबिन भगत Advertisement Remove all ads लेखक बालगोबिन भगत को गृहस्थ साधु क्यों मानता है पाठ के आधार पर अपने विचार व्यक्त कीजिए?बालगोबिन भगत घर-परिवार वाले आदमी थे। उनके परिवार में उनका बेटा और पतोहू थे। उनके पास खेतीबारी और साफ़ सुथरा मकान था। इसके बाद भी बालगोबिन भगत साधुओं की तरह रहते और साधु की सारी परिभाषाओं पर खरा उतरते थे, इसलिए लेखक ने भगत को गृहस्थ साधु माना है।
बालगोबिन भगत को गृहस्थ होते हुए भी संन्यासी क्यों थे?साधु बनने के लिए आचार और विचारों में शुद्धता की आवश्यकता होती है। उनमें ये गुण था अस्तु वे गृहस्थी होकर भी सन्यासी थे वे स्वाभिमानी भी थे क्योंकि वे कभी भी किसी अन्य की चीज को बिना अनुमति के इस्तेमाल नहीं करते थे। वे किसी को भी खरा बोल देते थे ।
गृहस्थ बालगोबिन भगत अपनी चारित्रिक विशेषताओं के कारण क्या कहलाते थे?खेतीबारी से जुड़े गृहस्थ बालगोबिन भगत अपनी किन चारित्रिक विशेषताओं के कारण साधु कंहलीते थे? वे कबीर को अपना साहब मानते थे। वे कबीर के पदों को ही गाते थे और उनके आदेशों पर चलते थे। वे सभी से खरा व्यवहार रखते थे, दो टूक बात कहने में न कोई संकोच करते थे, न किसी से झगड़ते थे।
बालगोबिन भगत पाठ के माध्यम से लेखक क्या संदेश देना चाहता है?व्यक्ति को अपनी मुक्ति के लिए परमात्मा से प्रेम करना चाहिए। इस पाठ के माध्यम से लेखक लोगों को पाखंडी साधुओं से सचेत करना चाहता है। वास्तविक साधु वही होते हैं जो समाज के सामने उदाहरण प्रस्तुत करें और समाज को पुरानी सड़ी-गली परंपराओं से मुक्त कराएं।
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