Check the below NCERT MCQ Questions for Class 7 Hindi Vasant Chapter 15 नीलकंठ with Answers Pdf free download. MCQ Questions for Class 7 Hindi with Answers were prepared based on the latest exam pattern.
We have provided नीलकंठ Class 7 Hindi MCQs Questions with Answers to help students understand the concept very well. Students can also read NCERT Solutions for Class 7 Hindi Chapter 15 Questions and Answers at LearnInsta. Here all questions are solved with a detailed explanation, It will help to score more marks in your examinations. Question 1. Answer: (d) महादेवी वर्मा Question 2. Answer: (d) तूफ़ान मेल से Question 3. Answer: (b) रद्दी की टोकरी में Question 4. Answer: (c) कहीं छिपकर Question 5. Answer: (d) शंकरगढ़ से। Question 6. Answer: (c) पैंतीस रुपए में Question 7. Answer: (c) नीलकंठ कब बाकी जानवरों का संरक्षक Question 8. Answer: (d) उन सभी का ध्यान रखता था। (1) बड़े मियाँ के भाषण की तूफ़ान मेल के लिए कोई निश्चित स्टेशन नहीं है। सुननेवाला थककर जहाँ रोक दे वहीं स्टेशन मान लिया जाता है। इस तथ्य से परिचित होने के कारण ही मैंने बीच में उन्हें रोककर पूछा, “मोर के बच्चे हैं कहाँ?” बड़े मियाँ के हाथ के संकेत का अनुसरण करते हुए मेरी दृष्टि एक तार के छोटे-से पिंजड़े तक पहुँची जिसमें तीतरों के समान दो बच्चे बैठे थे। पिंजड़ा इतना संकीर्ण था कि वे पक्षी-शावक जाली के गोल फ्रेम में
किसी जड़े चित्र जैसे लग रहे थे। Question 1. Answer: (a) संस्मरण Question 2. Answer: (d) महादेवी वर्मा। Question
3. Answer: (c) पक्षियों के बच्चे को बेचने वाला Question 4. Answer: (b) तूफ़ान मेल से Question 5. Answer: (d) हाथ के इशारे से। Question 6. Answer: (b) पिंजड़ा अत्यधिक छोटे होने के कारण (2) दोनों नवागंतुकों ने पहले से रहनेवालों में वैसा ही कुतूहल जगाया जैसा नववधू के आगमन पर परिवार में स्वाभाविक है। लक्का कबूतर नाचना छोड़कर दौड़ पड़े और उनके चारों ओर घूम-घूमकर गुटरगूं-गुटरगूं की रागिनी अलापने लगे। बड़े खरगोश सभ्य सभासदों के समान क्रम से बैठकर गंभीर भाव से उनका निरीक्षण करने लगे। ऊन की गेंद जैसे छोटे खरगोश उनके चारों ओर उछलकूद मचाने लगे। तोते मानो भलीभाँति देखने के लिए एक आँख बंद करके उनका परीक्षण करने लगे। उस दिन चिड़ियाघर में मानो भूचाल आ गया। Question 1. Answer: (c) मोर के बच्चे को Question 2. Answer: (d) गुटर-गूं करने लगा। Question 3. Answer: (b) मोर के Question 4. Answer: (c) एक आँखें बंद करके Question 5. Answer: (d) नव + आगंतुक। (3) मुझे स्वयं ज्ञात नहीं कि कब नीलकंठ ने अपने आपको चिड़ियाघर के निवासी जीव-जंतुओं का
सेनापति और संरक्षक नियुक्त कर लिया। सवेरे ही वह सब खरगोश, कबूतर आदि की सेना एकत्र कर उस ओर ले जाता जहाँ दाना दिया जाता है और घूम-घूमकर मानो सबकी रखवाली करता रहता। किसी ने कुछ गड़बड़ की और वह अपने तीखे चंचु-प्रहार से उसे दंड देने दौड़ा। Question 1. Answer: (c) जीव-जंतुओं का सेनापति एवं संरक्षक दूसरा दोनों Question 2. Answer: (b) दाना देने के स्थान पर Question 3. Answer: (a) तत्सम Question 4. Answer: (a) जब उसकी बात नहीं मानते थे Question 5. Answer: (d) जब तक वे आर्त क्रंदन न करने लगे। Question
6. Answer: (a) एक प्रकार का खेल (4) वास्तव में नीलकंठ मर गया था। ‘क्यों’ का उत्तर तो अब तक नहीं मिल सका है। न उसे कोई बीमारी हुई, न उसके रंग-बिरंगे फूलों के स्तबक जैसे शरीर पर किसी चोट का चिह्न मिला। मैं अपने शाल में लपेटकर उसे संगम ले गई। जब गंगा की बीच धार में उसे प्रवाहित किया गया, तब उसके पंखों की चंद्रिकाओं से बिंबित-प्रतिबिंबित होकर गंगा का चौड़ा पाट एक विशाल मयूर के समान तरंगित हो उठा। नीलकंठ के न रहने पर राधा तो निश्चेष्ट-सी कई दिन कोने में बैठी रही। Question 1. Answer: (c) नीलकंठ Question 2. Answer: (b) नीलकंठ Question 3. Answer: (d) संगम। Question 4. Answer: (c) अपने शाल में Question 5. Answer: (c) गंगा-यमुना पर सूर्य की किरणों के प्रकाश पड़ते ही इंद्र धनुषी चमक (5) मेरे निरीक्षण के साथ-साथ बड़े मियाँ की भाषा-मेल चली जा रही थी, “ईमान कसम, गुरु जी-चिड़ीमार ने मुझसे इस मोर के जोड़े के नकद तीस रुपये लिए हैं। बारहा कहा, भई ज़रा सोच तो, अभी इनमें मोर की कोई खासियत भी है कि तू इतनी बड़ी कीमत ही माँगने चला! पर वह पूँजी क्यों सुनने लगा। आपका खयाल करके अछता-पछताकर देना ही पड़ा। अब आप जो मुनासिब समझें।” अस्तु, तीस चिड़ीमार के नाम के और पाँच बड़े मियाँ के ईनाम के देकर जब मैंने वह छोटा पिंजड़ा कार में रखा तब मानो वह जाली के चौखटे का चित्र जीवित हो गया। दोनों पक्षी-शावकों के छटपटाने से लगता था मानो पिंजड़ा ही सजीव और उड़ने योग्य हो गया है। Question 1. Answer: पाठ का नाम-नीलकंठ, लेखिका का नाम-महादेवी वर्मा। Question 2. Answer: लेखिका तार में रखे दो मोर के शावकों का निरीक्षण कर रही थी। Question 3. Answer: लेखिका ने बड़े मियाँ को भाषण मेल इसलिए कहा क्योंकि वे बोलते बहुत अधिक थे। उनकी आदत थी कि वे बीच में रुकते नहीं थे। Question 4. Answer: बड़े मियाँ ने ईमान की कसम खाकर कहा था कि उन्होंने चिड़ीमार से तीस रुपए में मोर के दोनों बच्चे खरीदे हैं, तब लेखिका ने तीस रुपए चिड़ीमार के नाम के और पाँच बड़े मियाँ के ईमान के दिए, क्योंकि जब बड़े मियाँ ने ईमान की कसम ली थी, तो उनकी बात पर भरोसा करना ही था। Question 5. Answer: पक्षी का बच्चा। (6) मोर के सिर की कलगी और सघन, ऊँची तथा चमकीली हो गई। चोंच अधिक बंकिम और पैनी हो गई, गोल आँखों में इंद्रनी की नीलाभ द्युति झलकने लगी। लंबी नील-हरित ग्रीवा की हर भंगिमा में धूपछाँही तरंगें उठने-गिरने लगीं। दक्षिण-वाम दोनों पंखों में सलेटी और सफ़ेद आलेखन स्पष्ट होने लगे। पूँछ लंबी हुई और उसके पंखों पर चंद्रिकाओं के इंद्रधनुषी रंग उददीप्त हो उठे। रंगरहित पैरों को गरवीली गति ने एक नई गरिमा से रंजित कर दिया। उसका गरदन ऊँची कर देखना, विशेष भंगिमा के साथ उसे नीची कर दाना चुगना, पानी पीना, ढेढ़ी कर शब्द सुनना आदि क्रियाओं में जो सुकुमारता और सौंदर्य था, उसका अनुभव देखकर ही किया जा सकता है। गति का चित्र नहीं आंका जा सकता। Question 1. Answer: मोर के सिर की कलगी सघन, ऊँची तथा चमकीली थी। Question 2. Answer: मोर की चोंच बंकिम और पैनी थी। Question 3. Answer: मोर की ग्रीवा नील-हरित ग्रीवा का इंद्रधनुषी दिखना उसकी प्रमुख विशेषता थी। Question 4. Answer: रंग-रहित पैरों को गरवीली गति ने एक नई गरिमा से रंजित कर दिया, इस पंक्ति का अभिप्राय है कि नीलकंठ की गरवीली चाल उसके रंग रहित पैरों को नया रूप प्रदान करती है। Question 5. Answer: मोर की प्रमुख भंगिमाएँ थीं-गर्दन ऊँची करके देखना, नीची कर चुगना, पानी पीना व टेढ़ी कर शब्द सुनना। (7) खरगोश के छोटे बच्चों को वह चोंच से उनके कान पकड़कर ऊपर उठा लेता था और जब तक वे आर्तक्रंदन न करने लगते उन्हें अधर में लटकाए रखता। कभी-कभी उसकी पैनी चोंच से खरगोश के बच्चों का कर्णवेध संस्कार हो जाता था, पर वे फिर कभी उसे क्रोधित होने का अवसर न देते । दंडविधान के समान ही उन जीव-जंतुओं के प्रति उसका प्रेम भी असाधारण था। प्रायः वह मिट्टी में पंख फैलाकर बैठ जाता और वे सब उसकी लंबी पूँछ और सघन पंखों में छुआ-छुऔअल-सा खेलते रहते थे। Question 1. Answer: नीलकंठ खरगोश के बच्चों के कान चोंच से पकड़कर इसलिए दंडित करता था कि जब वे उनकी बात नहीं मानते थे। Question 2. Answer: नीलकंठ की पैनी चोंच से कभी-कभी खरगोश के बच्चों के कान छिद जाते थे, लेकिन फिर भी दुबारा वे उसे क्रोधित होने का मौका नहीं देते थे। Question
3. Answer: जालीघर के अन्य जीव-जंतुओं की ज़रा-सी गड़बड़ी पर नीलकंठ किसी को दंडित करने से नहीं चूकता था, लेकिन उनके प्रति अपने हृदय में अगाध प्रेम भी रखता था। Question 4. Answer: नीलकंठ जीवों के प्रति प्रेमभाव दर्शाने हेतु अपने पंख फैलाकर बैठ जाता, सभी लंबी पूछ व सघन पंखों में छूआ-छुऔअल खेलते रहते थे। Question 5. Answer: (8) मयूर कलाप्रिय और वीर पक्षी है, हिंसक मात्र नहीं। इसी से उसे बाज़, चील आदि की श्रेणी में नहीं रखा जा सकता, जिनका जीवन ही क्रूर कर्म है। नीलकंठ में उसकी जातिगत विशेषताएँ तो थी ही, उनका मानवीकरण भी हो गया था। मेघों की साँवली छाया में अपने इंद्रधनुष के गुच्छे जैसे पंखों को मंडलाकार बनाकर जब वह नाचता था, तब उस नृत्य में एक सहजात लय-ताल रहता था। आगे-पीछे, दाहिनेबाएँ क्रम से घूमकर वह किसी अलक्ष्य सम पर ठहर-ठहर जाता था। Question 1. Answer: मोर, चील और बाज़ में एकमात्र समानता होती है कि ये हिंसक होते हैं। Question 2. Answer: मोर एक कला प्रेमी पक्षी होता है। Question 3. Answer: बाज़ और चील हिंसक एवं क्रूर पक्षी है। Question 4. Answer: नीलकंठ में उसकी जातिगत विशेषताएँ तो थी ही, इसके साथ-साथ उसका मानवीकरण भी हो गया था। Question 5. Answer: मेघों की साँवली छाया में नीलकंठ पंखों को मंडलाकार बनाकर नाचता । Question 6. Answer: नीलकंठ पंखों को मंडलाकार बनाकर जब अपने इंद्रधनुषी पंखों को फैलाकर नाचता था तब इसका नृत्य देखते बनता था। वह आगे-पीछे, दाएँ-बाएँ घूम-घूमकर नाचता तथा कभी-कभी ठहर जाता था। (9) उँगलियाँ वैसी ही टेढ़ी-मेढ़ी रहीं, परंतु वह दूंठ जैसे पंजों पर डगमगाती हुई चलने लगी। तब उसे जालीघर में पहुँचाया गया और नाम रखा गया-कुब्जा। नाम के अनुरूप वह स्वभाव से भी कुब्जा ही प्रमाणित हुई। अब तक नीलकंठ और राधा साथ रहते थे। अब कुब्जा उन्हें साथ देखते ही मारने दौड़ती। चोंच से मार-मारकर उसने राधा की कलगी नोच डाली, पंख नोच डाले। कठिनाई यह थी कि नीलकंठ उससे दूर भागता था और वह उसके साथ रहना चाहती थी। न किसी जीव-जंतु से उसकी मित्रता थी, न वह किसी को नीलकंठ के समीप आने देना चाहती थी। उस बीच राधा ने दो अंडे दिए, जिनको वह पंखों में छिपाए बैठी रहती थी। पता चलते ही कुब्जा ने चोंच मार-मारकर राधा को ढकेल दिया और फिर अंडे-फोड़कर दूंठ जैसे पैरों से सब ओर छितरा दिए। Question 1. Answer: अँगुलियाँ वैसी ही टेढ़ी-मेढ़ी कुब्जा नाम की एक मोरनी की थी। Question 2. Answer: कुब्जा एक मोरनी थी, जिसके टाँग टूटे हुए थे तथा लेखिका ने सात रुपये में बड़े मियाँ चिड़ियावाले से खरीदा था। पैरों की अँगुलियाँ टूटी होने के कारण उसका नाम कुब्जा रखा गया था। जालीघर के किसी जानवर से उसकी नहीं बनती थी। Question 3. Answer: कुब्जा ने नीलकंठ से स्नेह पाने के लिए चोंच मार-मारकर उसकी कलगी और पंख नोच डाले। Question 4. Answer: राधा से नीलकंठ को दूर करने के लिए कुब्जा ने राधा के दोनों अंडों को पैर से तोड़ दिया। उसकी कलगी और पंख नोच डाले। Question 5. Answer: कठिन-कठिनाई, समीप-समीप्य। We hope the given NCERT MCQ Questions for Class 7 Hindi Vasant Chapter 15 नीलकंठ with Answers Pdf free download will help you. If you have any queries regarding CBSE Class 7 Hindi नीलकंठ MCQs Multiple Choice Questions with Answers, drop a comment below and we will get back to you soon. लेखिका को क्या ज्ञात नहीं हो पाया?" अस्तु, तीस चिड़ीमार के नाम के और पाँच बड़े मियाँ के ईमान के देकर जब मैंने वह छोटा पिंजड़ा कार में रखा तब मानो वह जाली के चौखटे का चित्र जीवित हो गया। दोनों पक्षी- शावकों के छटपटाने से लगता था मानो पिंजड़ा ही सजीव और उड़ने योग्य हो गया है। " घर पहुँचने पर सब कहने लगे, “तीतर हैं, मोर कहकर ठग लिया है ।
लेखिका चीजों को कैसे पहचान लेती है?अगर मुझे इन चीज़ों को छूने भर से इतनी खुशी मिलती है, तो उनकी सुंदरता देखकर तो मेरा मन मुग्ध ही हो जाएगा। 3. मैं अब इस तरह के उत्तरों की आदी हो चुकी हूँ।
नीलकंठ पाठ के लेखक कौन हैं?पाठ का नाम-नीलकंठ, लेखिका का नाम-महादेवी वर्मा। एक बार लेखिका अतिथि को स्टेशन पहुँचाकर लौट रही थी तो बड़े मियाँ चिड़ियावाले के यहाँ से मोर-मोरनी के दो बच्चे ले आईं।
लेखिका किसकी अंत्येष्टि अंतिम संस्कार करने जा रही थी?
|