बहादुर कहानी का प्रश्न उत्तर यहाँ पर दिया गया है। जो मेट्रिक परीक्षा के लिए बहुत महतवपूर्ण है। बहादुर की कहानी का सारांश भी यहाँ पर दिया गया है इसे जरूर पढ़ें। तथा सभी लघु उत्तरीय प्रश्न और दीर्घ उत्तरीय प्रश्नभी दिया गया है। Show
1. अपने शब्दों में पहली बार दिखे बहादुर का वर्णन कीजिए।उत्तर :- पहला बार दिखे बहादुर की उम्र बारह-तेरह वर्ष की थी। उसका रंग गोरा, मुँह चपटा एवं शरीर ठिगना चकैठ था । वह सफेद नेकर, आधी बाँह की सफेद कमीज और भूरे रंग का पुराना जूता पहने था। 2. कहानीकार ‘अमरकान्त’ को क्यों लगता है कि नौकर रखना बहुत जरूरी हो गया था ?उत्तर :- लेखक की पत्नी निर्मला सबेरे से शाम तक खटती रही थीं। सभी रिश्तेदारों के यहाँ नौकर देखकर लेखक को उनसे जलन भी हुई थी। नौकर नहीं होने के कारण लेखक और उसकी पत्नी लगभग अपने को अभागे समझने लगे थे। इन परिस्थितियों में नौकर रखना बहुत जरूरी हो गया था। 3. लेखक को क्यों लगता है कि जैसे उस पर एक भारी दायित्व आ गया हो ?उत्तर :- लेखक के घर में ऐसा वातावरण उपस्थित हो गया था जिससे लगता था कि लेखक को नौकर रखना अब बहुत जरूरी है। लेकिन नौकर कैसा हो और कहाँ मिलेगा यही प्रश्न लेखक को एक भारी दायित्व के रूप में महसूस हो रहा था । इसी कारण लगता है कि उस पर एक भारी दायित्व आ गया है। 4. बहादुर के नाम से ‘दिल’ शब्द क्यों उड़ा दिया गया ? विचार करें।उत्तर :- प्रथम बार नाम पूछने में बहादुर ने अपना नाम दिलबहादुर बताया । यहाँ दिल शब्द का अभिप्राय भावात्मक परिवेश में है। बहादुर को उदारता से दूर रहकर मन और मस्तिष्क से केवल अपने घर के कार्यों में लीन रहने का उपदेश दिया गया। इस प्रकार से निर्मला द्वारा उसके नाम से दिल शब्द उड़ा दिया गया । 5. बहादुर अपने घर से क्यों भाग गया था ?उत्तर :- एक बार बहादुर ने अपनी माँ की प्यारी भैंस को बहुत मारा । माना भैंस की मार का काल्पनिक अनुमान करके एक डंडे से उसकी दुगुनी पिटाई की। लड़के का मन माँ से फट गया और वह चुपके से कुछ रुपया लिया और घर से भाग गया। 6. किन कारणों से बहादुर ने एक दिन लेखक का घर छोड़ दिया ?उत्तर :- लेखक के घर में प्रारंभ में बहादुर को अच्छा से रखा गया । कुछ समय पश्चात् पत्नी एवं पुत्र दोनों उसकी पिटाई बात-बात पर कर देते थे। एक रिश्तेदार लेखक ने भी बहादुर की पिटाई कर दी। बार-बार प्रताड़ित होने से एवं मार खाने के कारण एक दिन अचानक बहादुर भाग गया। 7. घर आए रिश्तेदारों ने कैसा प्रपंच रचा और उसका क्या परिणाम निकला ?उत्तर :- लेखक के घर आए रिश्तेदारों ने अपनी झूठी प्रतिष्ठा कायम करने के लिए रुपया-चोरी का प्रपंच रचा । उन्होंने बहादुर पर इस चोरी का दोषारोपण किया । इस आरोप से बहादुर को पिटाई लगी। रिश्तेदार के प्रपंच के चलते लेखक के घर का काम करने वाले बहादुर के जाने की घटना घटी और घर अस्त-व्यस्त हो गया। 8. बहादर के आने से लेखक के घर और परिवार के सदस्यों पर कैसा प्रभाव पड़ा ?उत्तर :- बहादुर क आन स घर क सदस्या को आराम मिल रहा था। घर खब साफ और चिकना रहता। सभी कपड़े चमाचम सफेद दिखाई देते । निर्मला की तबीयत काफी सुधर गई। 9. बहादूर पर ही चोरी का आरोप क्यों लगाया जाता है और उस ‘पर इस आरोप का क्या असर पड़ता है ?उत्तर :- रिश्तेदार न सोचा कि नौकर पर आरोप लगाने से लोगों को लगेगा कि ऐसा हो सकता है। बहादुर इस आरोप से बहुत दु:खी होता है। उसके अंतरात्मा पर गहरी चोट लगती है। उस दिन से वह उदास रहने लगता है। 10. निर्मला को बहादुर के चले जाने पर किस बात का अफसोस हुआ ?उत्तर :- जब रिश्तेदार की सच्चाई का आभास हुआ और यह बात समझ में आ गई कि बहादुर निदोष था तब निर्मला को पश्चात्ताप हआ। वह यह सोचकर अफसोस कर रही थी कि वह बिना बताये क्यों चला गया। 11. बहादुर के चले जाने पर सबको पछतावा क्यों होता है ?उत्तर :- बहादुर घर के सभी कार्य को कुशलतापूर्वक करता था। घर के सभी सदस्य को आराम मिलता था । किसी भी कार्य हेतु हर सदस्य बहादुर को पुकारते रहते थे। वह घर के कार्य से सभी को मुक्त रखता था। साथ रहते-रहते सबसे हिलमिल गया था। डाँट-फटकार के बावजूद काम करते रहता था। यही सब कारणों से उसके चले जाने पर सबको पछतावा होता है। 12. साले साहब से लेखक को कौन-सा किस्सा असाधारण विस्तार से सुनना पड़ा ?उत्तर :- लेखक को साले साहब से एक दुखी लड़का का किस्सा असाधारण विस्तार से सुनना पड़ा । किस्सा था कि बहादुर नेपाली था, उसका बाप युद्ध में मारा गया था और उसकी माँ सारे परिवार का भरण-पोषण करती थी। 13. ‘बहादुर’ का चरित-चित्रण करें।उत्तर :- ‘बहादुर’ कहानी का नायक है। उम्र तेरह-चौदह है। ठिगना कद, गोरा शरीर और चपटे मुँह वाला बहादुर अपनी माँ की उपेक्षा और प्रताड़ना का शिकार है। अपने काम में चुस्त-दुरुस्त और फुर्तीला है। मानवीय भावनाएँ हैं, सबसे बड़ी बात है कि वह स्वाभिमानी और ईमानदार है। 14. काम-धाम के बाद रात को अपने बिस्तर पर गये बहादुर का लेखक किन शब्दों में चित्रण करता है ?उत्तर :- रात को काम-धाम करने के बाद वह भीतर के बरामदे में एक टटी हुई बँसखट पर अपना बिस्तर बिछाता था। वह बिस्तरे पर बैठ जाता और अपनी जेब से कपड़े की एक गोल-सी नेपाली टोपी निकालकर पहन लेता, जो बाईं ओर काफी झुकी रहती थी। फिर वह छोटा-सा आइना निकालकर बन्दर की तरह उसमें अपना मुँह देखता था। वह बहुत ही प्रसन्न नजर आता था। इसके बाद कुछ और भी चीजें जेब से निकालकर बिस्तर पर खेलता था। गीत गाता था। दीर्घ उत्तरीय प्रश्न 1. “बहादुर’ कहानी का सारांश लिखिए।उत्तर :- कथाकार अपनी बहन के विवाह में घर गय तो भाभियों के आगे-पीछे नौकरी की भीड़ और पत्नी की खटनी देख ईर्ष्या हुई। प नो निर्मला भी ‘नोकर’ की रट लगाने लगी। अंत में साले साहब एक नेपाली ले आए। नाम दिल बहादुर। बहादुर के आने पर महल्ले वालों पर रौब जमा। ‘बहादुर ने भी इतनी खूबी से काम सभाला कि अब हर काम के लिए सभी उसी पर निर्भर हो गए। बेटे किशोर न न सिर्फ अपने सभी काम बहादुर पर छोड़ दिए अपितु जरा-सी चूक पर मार-पीट करने लगा। पत्नी ने भी पड़ोसियों के उकसावे में आकर उसकी रोटी सेकनी बंद कर दी ओर हाथ भी चलाने लगी। एक दिन मेहमान आए। उनकी पत्नी ने कहा अभी-अभी रूपये रखे थे, मिल नहीं रहे हैं। बहादुर आया था, तत्काल चला गया। बहादुर से पूछ-ताछ शुरू हुई। उसने कहा कि न रूपये देखे, न लिया। कथाकार ने भी पूछा ओर मेहमान ने भी अलग ले जाकर पूछा, पुलिस में देने की धमकी दी लेकिन बहादुर मुकरता रहा। अंत में कथाकार ने झल्लाकर एक तमाचा जड़ दिया। बहादुर रोने लगा। इसके बाद तो जैसे सभी उसके पीछे पड़ गए। – एक दिन कथाकार जब घर आए तो मालूम हुआ कि बहादुर चला गया, ताज्जुब तो तब हुआ जब पाया गया कि बहादुर यहाँ का कुछ भी लेकर नहीं गया बल्कि अपने सामान भी छोड़ गया है। लेखक व्यथित हो गया-चोरी का आरोपी न मालिक का कोई समान ले गया, अपना।इस प्रकार हम पाते हैं कि ‘बहादुर’ कहानी छोटा-मुँह बड़ी बात कहती है क्योंकि ‘नौकर’ जैसे आदमी को नायकात्व प्रदान करती है और कथाकार के अन्तर की व्यथा को अभिव्यक्त करती है। 2. कहानी के शीर्षक की सार्थकता स्पष्ट कीजिए । लेखक ने इसका शीर्षक नौकर क्यों नहीं रखा।उत्तर :- प्रस्तुत कहानी में एक बालक का चित्रण किया गया है। बालक जो लेखक के घर में नौकर का काम करता है कहानी का मुख्य पात्र है। इसमें बहादुर नौकरी करने के पूर्व स्वछंद था। वहाँ माँ से मार खाने के बाद घर से भाग गया था। उसके बाद लेखक के घर काम करने के लिए रखा जाता है। यहाँ उसके नौकर के रूप में चित्रण के साथ-साथ उसके बाल-सुलभ मनोभाव का चित्रण भी किया गया है। ईमानदार, कर्मठ एवं सहनशील बालक के रूप में चित्रित है। प्रताड़ना, झूठा आरोप उसे पसंद नहीं था । अंतत: फिर वह भागकर स्वछंद हो जाता है साथ ही लेखक के पूरे परिवार पर अपने अच्छी छवि का चित्र अंकित कर जाता है। ऐसे में बहादुर ही इसका नायक कहा जा सकता है। इस कहानी के केन्द्र में बहादुर है। अतः यह शीर्षक सार्थक है। इसमें बालक को केवल नौकर की भूमिका में नहीं रखा गया है बल्कि उसमें विद्यमान अन्य गुणों की चर्चा की गई है। इसलिए नौकर शीर्षक नहीं रखा गया। सप्रसंग व्याख्या 1. ‘यदि मैं न मारता, तो शायद वह न जाता’ की व्याख्या कीजिए। उत्तर :- प्रस्तुत गद्यांश हिन्दी साहित्य के सशक्त कथाकार अमरकांत के द्वारा रचित ‘बहादुर’ नामक शीर्षक से उद्धृत है। यहाँ बहादुर के भागने पर लेखक के पश्चात्ताप में एक अजीब सी लघुता का अनुभव कराया गया है। 2. उसकी हँसी बड़ी कोमल और मीठी थी, जैसे फूल की पंखुड़ियाँ बिखर गई हों। व्याख्या कीजिए।उत्तर :- प्रस्तुत गद्यांश
हिन्दी साहित्य के प्रमुख कथाकार अमरकांत द्वारा लिखित ‘बहादुर’ शीर्षक से अवतरित है। प्रस्तुत अंश में कथा के प्रमुख नायक बहादुर की स्वाभाविक, निश्छल और निष्कपट हँसी का वर्णन किया गया है। 3. पर अब बहादुर से भूल-गलतियाँ अधिक होने लगी थीं । व्याख्या कीजिए।उत्तर :- प्रस्तत गद्याश हिन्दा कथा जगत के प्रकांड पंडित भो लिखित ‘बहादुर’ नामक शीर्षक से अवतरित है । इस गद्यांश में बहादा की भल और गलतियों के स्वरूप को एक रेखाचित्र के रूप में दर्शाया गया है। 4. अगर वह कुछ चुराकर ले गया होता तो संतोष हो जाता। व्याख्या कीजिए।उत्तर : – प्रस्तुत गद्यांश हिन्दी साहित्य जगत के सुप्रसिद्ध कथाकार अमरकांत के द्वारा लिखित बहादुर नामक शीर्षक से उद्धृत है। इस गद्यांश में लेखक ने निर्मला के माध्यम से भीतर और बाहर के यथार्थ एवं सहजता को चित्रित किया है। बहादुर के भाग जाने पर निर्मला अपनी भूल और पश्चात्ताप की ज्वाला में जल रही है। बहादुर पर रुपया चोरी का झूठा लांछन लगाये गये थे। इसी तथ्य पर स्वाभाविक अफसोस निर्मला के हृदय से उभरकर सामने आता है कि इतना दिन काम किया लेकिन एक पैसा वह वेतन के रूप में नहीं लिया । यहाँ तक कि अपने कुछ सामान भी छोड़कर चला गया। शायद अगर कुछ पैसा लेकर जाता तो इतना अफसोस नहीं होता। class 10th hindi subjective question 2022
Class 10th Hindi Question answer by- chandan kumar verma this is very important Question For Matric Exam 2021, bahadur chapter ke question answer | बहादुर पाठ के प्रश्न उत्तर लेखक को क्यों लगता है कि जैसे उस पर एक भारी दायित्व आ गया हो अपने शब्दों में पहली बार दिखे बहादुर का वर्णन कीजिए?लेखक को क्यों लगता है कि जैसे उस पर एक भारी दायित्व आ गया हो ? उत्तर :- लेखक के घर में ऐसा वातावरण उपस्थित हो गया था जिससे लगता था कि लेखक को नौकर रखना अब बहुत जरूरी है। लेकिन नौकर कैसा हो और कहाँ मिलेगा यही प्रश्न लेखक को एक भारी दायित्व के रूप में महसूस हो रहा था । इसी कारण लगता है कि उस पर एक भारी दायित्व आ गया है।
लेखक को क्यों लगता है कि नौकर रखना बहुत जरुरी हो गया था?लेखक को क्यों लगता है कि नौकर रखना बहुत जरूरी हो गया था ? उत्तर ⇒ लेखक के सभी रिश्तेदारों के यहाँ नौकर थे। लेखक की भाभियाँ नौकरों के होने की वजह से आराम में रहती थीं जबकि लेखक की पत्नी दिन-रात घर का काम करती थी। इधर पत्नी भी नौकर रखने के लिए बार-बार कह रही थी।
बहादुर के नाम से दिल शब्द क्यों उड़ा दिया गया था?बहादुर को उदारता से दूर रहकर मन और मस्तिष्क से केवल अपने घर के कार्यों में लीन रहने का उपदेश दिया गया। इस प्रकार से निर्मला द्वारा उसके नाम से दिल शब्द उड़ा दिया गया।
बहादुर ने माँ के रखे रुपयों में से कितने रुपये निकाल लिए?जब सबेरा होने को आया तो वह घर पहुंचा और किसी तरह अंदर चोरी-चुपके घुस गया. फिर उसने घी की हंडिया में हाथ डाल कर मां के रखे रुपयों में से दो रुपये निकाल लिए. अंत में नौ-दो ग्यारह हो गया.
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