By: RF competition Copy Share (59) Show Aug 29, 2021 09:08AM 5447 प्रेरणात्मक क्रियाजब किसी वाक्य में मूल क्रिया जो कि कर्ता के द्वारा कार्य होने का बोध कराती है, इसी क्रिया में थोड़ा सा परिवर्तन किया जाये और परिवर्तन के बाद कर्ता के द्वारा कार्य दूसरे से कराए जाने का बोध हो तब वह क्रिया प्रेरणात्मक या प्रेरणार्थक क्रिया बन जाती है। टीप– कई बार जब सामान्य क्रिया के वाक्यों को प्रेरणात्मक क्रिया के रूप में परिवर्तित किया जाता है। तो प्रेरणार्थक क्रियाओं के प्रयोग में प्रायः अशुद्धियों हो जाती हैं। मूल क्रिया को प्रेरणार्थक क्रिया में बदलना–हिन्दी में सामान्य क्रियाओं को दो तरह से प्रेरणार्थक क्रियाओं
में बदला जा सकता है। इन प्रकरणों 👇 के बारे में भी जानें। (आ) द्वितीय प्रेरणात्मक रूप बनाने हेतु मूल क्रिया के अंतिम वर्ण के तुरंत पहले 'वा' को जोड़कर बनाया जाता है। वाक्यगत प्रयोग–(क) सामान्य क्रिया – बच्चा दूध पीता है। हिन्दी व्याकरण के इन 👇 प्रकरणों को भी पढ़िए।। आशा है, उपरोक्त जानकारी परीक्षार्थियों / विद्यार्थियों के लिए ज्ञानवर्धक एवं
परीक्षापयोगी होगी। अधिक जानकारी के लिए नीचे के 👇विडियो को देखें। I hope the above information will be useful and important. Watch video for related information
लिखना का प्रेरणार्थक रूप क्या है?लिखना क्रिया का प्रथम प्रेरणार्थक रूप होगा, लिखाना।
लिखना शब्द का प्रथम प्रेरणार्थक रूप क्या होता है?Answer. Explanation: देखना शब्द का प्रथम प्रेरणार्थक शब्द दिखाना है।
लिखना द्वितीय प्रेरणार्थक रूप क्या है?द्वितीय प्रेरणार्थक क्रिया क्या है? क्रिया का वह रूप जिसमें कर्ता स्वयं कार्य न करके दूसरों को कार्य करने की प्रेरणा देता है उसे द्वितीय प्रेरणार्थक क्रिया कहते हैं। जैसे: श्याम अध्यापक से बच्चों को पाठ पढ़वाता है.
प्रेरणार्थक क्रिया कैसे पहचाने?जिस क्रियाओं के प्रयोग से यह पता चलता है की कर्ता खुद कार्य न करके किसी और से कार्य करवा रहा है या किसी और को कार्य करने की प्रेरणा दे रहा है तो उसे प्रेरणार्थक क्रिया कहते हैं। जैसे :- करवाना, कटवाना, पिलवाना, पढवाना, लिखवाना, खिलवाना, सुनाना, बोलवाना, पिलवाता, पिलवाती इत्यादि। मालिक नौकर से कार साफ करवाता है।
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