निम्नलिखित पंक्तियों में प्रयुक्त अलंकार पहचान कर लिखिए -
लखन उतर आहुति सरिस भृगुबरकोपु कृसानु।
बढ़त देखि जल सम बचन बोले रघुकुलभानु||
Solution
लखन उतर आहुति सरिस भृगुबरकोपु कृसानु।
बढ़त देखि जल सम बचन बोले रघुकुलभानु||
(1) उपमा अलंकार
(i) उतर आहुति सरिस भृगुबरकोपु कृसानु में उपमा अलंकार है
(ii) जल सम बचन में भी उपमा अलंकार है क्योंकि भगवान राम के मधुर वचन जल के समान कार्य रहे हैं।
(2) रुपक अलंकार - रघुकुलभानु में रुपक अलंकार है यहाँ श्री राम को रघुकुल का सूर्य कहा गया है। श्री राम के गुणों की समानता सूर्य से की गई है।
Concept: पद्य (Poetry) (Class 10 A)
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लखन उतर आहुति सरिस भृगुबरकोपु कृसानु दी गई पंक्ति में कौन सा अलंकार है?
बढ़त देखि जल सम बचन बोले रघुकुलभानु॥ Solution : उपमा अलंकार - <br> उतर आहुति सरिस भृगुबरकोपु कृसानु में उपमा अलंकार है।
बढ़त देखि जल सम बचन बोले रघुकुल भानु रेखांकित में कौन सा अलंकार है?
बढ़त देखि जल सम बचन' में उपमा वाचक शब्द 'सम' के प्रयोग से उपमा अलंकार है।
कोप कृसानु में कौन सा अलंकार है?
भृगुवर कोप कृशानु , जल – सम बचन में उपमा अलंकार है क्योंकि यहाँ क्रोध और वचन की तुलना अग्नि और जल से की गई है।
बालकु बोलि बंधो नहि तोही इसमें कौन सा अलंकार है?
Answer : (क) 'बालक बोलि बधौं नहिं तोही' में 'ब' वर्ग की आवृत्ति होने पर अनुप्रसास अलंकार है। (ख) ''कोटि कुलिस सम बचनु तुम्हारा।'' उपमेय 'बचन' की उपमान 'कुलिस' से समानता दिखाने पर यहाँ उपमा अलंकार है। 'कोटि कुलिस' में 'क' वर्ग की आवृत्ति होने से अनुप्रास अलंकार भी है।