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खबर की भाषा और शीर्षक से आप संतुष्ट हैं? खबर के प्रस्तुतिकरण से आप संतुष्ट हैं? खबर में और अधिक सुधार की आवश्यकता है? 17 साल पहले 11 सितंबर को पूरी दुनिया आतंकी संगठन अलकायदा और उसके सरगना ओसामा बिन लादेन की दहशत से दुनिया कांप गई थी। न्यू यॉर्क शहर के ट्विन टावर वर्ल्ड सिटी सेंटर और पेंटागन पर हुए आत्मघाती हमले को दुनिया का सबसे भयानक आतंकी हमला माना जाता है। हालांकि, 11 सितंबर 2001 साल पहले हुए इस हादसे की कहानी 1988 में ही शुरू हो गई थी। जानें कैसे अल-कायदा ने आतंक और दहशत की यह पटकथा लिखी और कैसे इस घटना ने अमेरिकी सियासत को बदल दिया... 1988 में अमेरिका को बर्बाद करने के मकसद से बना अल-कायदा अल-कायदा की हालिया रेकॉर्ड्स की मानें तो 1988 में पाकिस्तान के पेशावर में ओसामा बिन लादेन के घर पर उसके खास 9 सहयोगियों बैठक हुई थी। उस बैठक में ही अल-कायदा नाम तय हुआ, जिसका अरबी में 'आधार' अर्थ होता है। इसी संगठन ने आगे चलकर दुनिया की सबसे खतरनाक आतंकी वारदात को जन्म दिया और कई बड़ी आतंकी घटनाओं से दुनियाभर में दहशत का माहौल बनाया। पढ़ें: 9/11 के पीड़ितों की पहचान के लिए 17 साल बाद भी DNA टेस्ट अमेरिका के खिलाफ युद्ध का किया था ऐलान अल-कायदा रेकॉर्ड्स के अनुसार, '10 सितंबर 1988 को इस संगठन का एक तरह से औपचारिक जन्म हुआ।' अमेरिका के खिलाफ वैश्विक युद्ध का ऐलान करते हुए 20 साल पहले इस संगठन ने केन्या और तंजानिया में अमेरिकी दूतावासों पर हमला किया, जिसमें 224 लोग मारे गए। 17 साल पहले आज के दिन ही इस आतंकी संगठन ने दुनिया के सबसे खूंखार आतंकी हमले को अंजाम दिया था। 9/11 की घटना के बाद बदल गई अमेरिका की सियासत अमेरिका और दुनियाभर में 9/11 के आतंकी हादसे के बाद सियासत बदल गई। हालांकि, अल-कायदा पिछले 17 साल में अमेरिकी सुरक्षा को भेदने में असफल रहा और कोई दूसरा बड़ा हमला नहीं कर सका। इस हमले के बाद अमेरिकी मीडिया में ऐसी रिपोर्ट्स भी आई थीं कि अगर वैश्विक आतंकवाद को गंभीरता से लिया जाता तो पूर्व में ही इस आतंकी वारदात को रोका जा सकता था। हालांकि, पिछले 17 साल में अमेरिका ने अरबों रुपए आतंक से मुकाबले और देश की सुरक्षा व्यवस्था को अत्याधुनिक बनाने में खर्च किया है। 2011 में अमेरिकी ऑपरेशन में मारा गया ओसामा अल-कायदा के बाद आईएस है अमेरिका के निशाने पर पाकिस्तान में आतंकी ओसामा बिन लादेन की मौत और संगठन की अपनी कमजोरियों के बाद अब अल-कायदा की ताकत बहुत कम हुई है। हालांकि, सीरिया और इराक में आईएस के ठिकानों को बर्बाद करने में अमेरिका पूरी सख्ती बरत रहा है। आईएस के लड़ाकों ने व्यक्तिगत तौर पर कुछ अमेरिकी नागरिकों को निशाना जरूर बनाया, लेकिन अमेरिका के भू-भाग के अंदर कोई आतंकी घटना अब तक अंजाम नहीं दे सका है। हालांकि, पिछले कुछ वर्षों में आईएस की ताकत भी बहुत कम हुई है। वाशिंगटन, एजेंसी। दुनिया के सबसे ताकतवर देश अमेरिका पर आज ही के दिन 11 सितंबर को घातक आतंकी हमला हुआ था। आतंकियों ने न्यूयॉर्क में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर को अपना निशाना बनाया था। इस हमले में करीब 3 हजार लोगों की मौत हो गई थी। इस हमले से न केवल अमेरिका बल्कि पूरी दुनिया दहल गई थी। आज अमेरिका पर हुए इस हमले के 21 साल पूरे हो गए हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और फर्स्ट लेडी जिल बाइडन और उपराष्ट्रपति कमला हैरिस 9/11 हमले के पीड़ितों को सम्मानित करने और उन्हें याद करने के लिए देशभर में यात्रा करेंगे। दक्षिणी चीनी सागर में बेहद करीब आए अमेरिका और चीन के लड़ाकू विमान, महज 20 फीट के फासले पर भरी उड़ान यह भी पढ़ें2977 लोगों की गई थी जानआतंकियों की ओर से किए गए इन चार हमलों में 2977 लोगों की मौत हुई थी. इनमें 19 हाईजैकर आतंकी भी शामिल हैं. वहीं जो लोग मारे गए, उनमें चार विमानों में सवार 246, वर्ल्ड ट्रेड सेंटर और उसके आसपास के इलाके में 2606 और पेंटागन में मौजूद 125 लोग शामिल थे। मारे गए लोगों में ज्यादातर आम नागरिक शामिल थे। वहीं राहत और बचाव कार्य के दौरान 344 बचावकर्मी, 71 पुलिसकर्मी और 55 सैन्यकर्मी भी मारे गए थे। चीन में बढ़ते कोरोना को लेकर सतर्क हुआ अमेरिका, चीनी यात्रियों को यात्रा से पहले दिखानी होगी नेगेटिव रिपोर्ट वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर क्रैश किए थे विमानओसामा बिन लादेन ने इस आतंकी हमले को अंजाम देने के लिए 19 आतंकियों को इसमें शामिल किया था। इन आतंकियों ने अमेरिका के विमान हाइजैक किए और फिर वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर क्रैश कर दिया। दोनों बिल्डिंगों में दो अलग-अलग विमान क्रैश हुए जिसमें हजारों की संख्या में लोग मारे गए थे। वहीं, सैकड़ों लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे। 9/11 आतंकी हमले को आज 21 साल पूरेअमेरिका के 9/11 आतंकी हमले को आज 21 साल पूरे हो गए हैं। ये दिन अमेरिका के लिए काला दिन कहा जा सकता है। अमेरिका के इतिहास में ये सबसे बड़ा आतंकी हमला था जिसे अलकायदा ने अंजाम दिया था। वहीं, अफगानिस्तान में बैठ ओसाबा बिन लादेन ने रचा था। सीएम योगी ने आतंकी हमले में मारे गए नागरिकों को दी श्रद्धांजलिअमेरिका के 9/11 आतंकी हमले पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट कर कहा, "हमले में काल-कवलित हुए निर्दोष नागरिकों को विनम्र श्रद्धांजलि"। क्या हुआ था उस दिन11 सितंबर 2001 की सुबह अल-कायदा के आतंकियों ने चार विमान हाईजैक कर लिया था। इनका मकसद विमान को अलग-अलग ऐतिहासिक स्थलों पर क्रैश कराने का था। सबसे पहला प्लेन क्रैश अमेरिकन एयरलाइन फ्लाइट 11 का हुआ, जो न्यूयॉर्क शहर में सुबह 8.46 बजे वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के उत्तरी टावर से टकराया था। ठीक इसके 17 मिनट बाद यूनाइटेड एयरलाइंस फ्लाइट 175 दक्षिणी टावर से टकराई। वहीं करीब 9.37 बजे अमेरिकन एयरलाइंस फ्लाइट 77 वॉशिंगटन स्थित अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन से टकराई और चौथी हाईजैक फ्लाइट 93 का लक्ष्य व्हाइट हाउस या यूएस कैपिटल बिल्डिंग को निशाना बनाना था लेकिन यात्रियों से लड़ाई के कारण आतंकियों के हाथ से विमान का नियंत्रण छूट गया और यह पेन्सिलवेनिया के शैंक्सविल में मैदानी इलाके में जा गिरा। अमेरिका में 9 11 का हमला कब हुआ था?9/11 Attack Anniversery: 11 सितंबर 2001 का दिन शायद ही कोई भूला होगा. इसी दिन दुनिया के सबसे ताकतवर देश अमेरिका पर घातक आतंकी हमला हुआ था. आतंकियों ने न्यूयॉर्क में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर को अपना निशाना बनाया था. इस हमले में करीब 3 हजार लोगों की जान चली गई थी.
लादेन ने हमला क्यों किया?डॉक्युमेंट्री में कहा गया है कि लादेन अपना परिवार टूटने से दुखी था और इसके लिए वो अमेरिका को जिम्मेदार मानता था। इसी वजह से उनसे अमेरिका पर इतने बड़े हमले को अंजाम दिया। अमेरिका की वजह से जीनी पड़ी बदतर जिंदगी... - हिस्ट्री चैन की डॉक्युमेंट्री रोड टू 9/11 के मुताबिक, ओसामा ने निजी वजहों से अमेरिका पर हमला किया था।
9 11 का हमला कैसे हुआ?आतंकी संगठन अलकायदा ने 11 सितंबर 2001 को वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर दो विमानों के जरिये हमला कर दहशत फैला दिया. सुबह करीब 8.30 बजे के दौरान 45 मिनट के अंदर ही 110 मंजिला वर्ल्ड ट्रेड सेंटर की दो इमारतें ताश के पत्तों की तरह ढेर हो गई. बताया गया कि अलकायदा के आतंकियों ने 4 यात्री विमान अगवा कर लिया था.
अमेरिका ने लादेन को कब मारा था?2 मई 2011 को पाकिस्तान के एबोटाबाद में अमेरिकी सील कमांडो ने एक सीक्रेट ऑपरेशन में लादेन को मार गिराया था और अब रविवार को काबुल में जवाहिरी का खात्मा हो गया.
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