मेघ आए बड़े बन ठन के संवर के इन पंक्तियों में कौन सा अलंकार है? - megh aae bade ban than ke sanvar ke in panktiyon mein kaun sa alankaar hai?

मेघ आए बड़े बन ठन के सँवर के में कौन सा अलंकार है?

(A) श्लेष अलंकार
(B) मानवीकरण अलंकार
(C) यमक अलंकार
(D) रूपक अलंकार

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Explanation : मेघ आए बड़े बन ठन के सँवर के में मानवीकरण अलंकार है। जहां मानवेतर प्राणियों या जड़ पदार्थों पर मानवीय भावनाओं का आरोप होता है, वहां मानवीकरण अलंकार होता है। दूसरे शब्दों में, जहां काव्य में चेतन-अचेतन अवस्था का संबंध तथा क्रियाकलापों को, मनुष्य के व्यवहार से जोड़कर प्रस्तुत किया जाता है वहां मानवीकरण अलंकार होता है। जहां बेजुबान में जान होने का संकेत मिले वहां मानवीकरण अलंकार की उपलब्धता होती है।....अगला सवाल पढ़े

Tags : अलंकार मानवीकरण अलंकार

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Question

काव्य-सौंदर्य लिखिए -पाहुन ज्यों आए हों गाँव में शहर के।मेघ आए बड़े बन-ठन के सवँर के। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({});

Solution

यहाँ पाहुन (दामाद) के माध्यम से प्रकृति का मानवीकृत रुप प्रस्तुत किया गया है। कविता में चित्रात्मक शैली का प्रयोग किया गया है। कविता में भाषा का सहज तथा सरल रुप प्रस्तुत किया गया है। कहीं कहीं पर ग्रामीण शब्दों जैसे- 'पाहुन' का प्रयोग किया गया है। 'बड़े बन-ठन के' में 'ब' वर्ण का प्रयोग बार-बार हुआ है। अत: यहाँ अनुप्रास अलंकार है। मेघों को पाहुन के रुपक द्वारा प्रस्तुत किया गया है। अत: यहाँ रुपक अलंकार है।

निम्न पंक्तियों में निहित अलंकारों का नाम इस प्रकार होगा :

1. मेघ आए बड़े बन ठन के संवर के।
अलंकार : मानवीकरण अलंकार
कारण : क्योंकि  इसमें मेघ यानि बादलों को मानव के रूप में क्रिया करते हुए दिखाया गया है।
मानवीकरण की परिभाषा के अनुसार जब प्रकृति के तत्वों को मानवीय रूप में क्रिया करते हुए दर्शाया जाए तो वहां पर ‘मानवीकरण अलंकार’ प्रकट होता है।

2. रहिमन पानी राखिये, बिन पानी सब सून। पानी गए न उबरै, मोती, मानस, चून।
अलंकार : यमक अलंकार
इन पंक्तियों में यमक अलंकार इसलिए है क्योंकि यहां पर एक ही शब्द ‘पानी’ के अलग-अलग अर्थ प्रकट हो रहे हैं, इसीलिए यहां पर ‘यमक अलंकार’ है।
यमक अलंकार की परिभाषा के अनुसार जब किसी का भी पंक्ति में एक ही शब्द प्रयुक्त किया जाए लेकिन एक ही शब्द अलग अलग अर्थ के संदर्भ में प्रयुक्त हो तो वहां पर ‘यमक अलंकार’ होता है।
इन पंक्तियों में पानी शब्द के तीन अर्थ निकल रहे हैं , मूर्ति ,मनुष्य रमन और आता इसलिए यहां पर यमक अलंकार होगा |

3. ज़रा से लाल केसर से कि जैसे धुल गई हो।
अलंकार : उत्प्रेक्षा अलंकार
कारण :  क्योंकि इन पंक्तियों में उपमान का अभाव है, और उपमेय को ही उपमान मान लिया गया है।
उत्प्रेक्षा अलंकार की परिभाषा के अनुसार जहाँ पर उपमान के ना होने पर उपमेय को ही उपमान मान लिया जाए अर्थात उपमेय को ही उपमान बनाकर प्रस्तुत कर दिया जाए वहां पर उस ‘उत्प्रेक्षा अलंकार’ होता है।
इन पंक्तियों में उपमेय को उपमान की तरह प्रस्तुत कर दिया गया है। इसलिए यहां पर ‘उत्प्रेक्षा अलंकार’ होगा

4. कढत साथ ही म्यान ते,असि रिपु तन ते प्राण।
अलंकार : अतिश्योक्ति अलंकार

कारण : क्योंकि इन पंक्तियों में कवि में अतिश्योक्तिपूर्ण वर्णन यानि बढ़ा-चढ़ा कर वर्णन किया है।
अतिशयोक्ति अलंकार किसी काव्य में वहाँ पर प्रकट होता है जहाँ किसी काव्य पंक्ति के माध्यम से कवि किसी बातों को बढ़ा चढ़ाकर वर्णन करता है अर्थात वीरता, साहस या करुणा या प्रेम आदि सभी बातों का बढा-चढ़ा कर अतिशयोक्ति पूर्ण वर्णन किया जाए तो वहां पर ‘अतिशयोक्ति अलंकार’ प्रकट होता है।
इन पंक्तियों में कवि ने अतिशयोक्ति पूर्ण वर्णन किया है, इसलिए यहाँ पर ‘अतिशयोक्ति अलंकार’ है।

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रेखांकित क्रियाओं को पूर्णकालिक क्रियाओं में बदलकर वाक्य पुनः लिखिए । 1. छात्र अध्यापक को देखता है और भाग जाता है । 2. माता जी ने कपड़े धोए और फिर खाना बनाया । 3. हमने दाल साफ की और डिब्बे में रखी ।

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उपमा रूपक उत्प्रेक्षामानवीकरण

Answer : C

Solution : .पाहुन ज्यों आए हों गाँव में शहर के. पंक्ति में उपमा अलंकार है जहाँ किसी वस्तु या व्यक्ति की किसी अन्य वस्तु या व्यक्ति के समान गुण-धर्म के आधार पर तुलना की जाए या समानता बतायी जाए, वहाँ उपमा अलंकार होता है। प्रस्तुत उदाहरण में बादल की तुलना या समानता मेहमान से की गई है। इसलिए यहाँ उपमा अलंकार है।

मेघ आये बड़े बन ठन के संवर के में कौन सा अलंकार है अनुप्रास अलंकार मानवीकरण अलंकार उपमा अलंकार रूपक अलंकार?

'बड़े बन-ठन के' में 'ब' वर्ण का प्रयोग बार-बार हुआ है। अत: यहाँ अनुप्रास अलंकार है। मेघों को पाहुन के रुपक द्वारा प्रस्तुत किया गया है। अत: यहाँ रुपक अलंकार है।

मेघ आये बड़े बन ठन के संवर के में कौन सा अलंकार?

प्रस्तुत उदाहरण में बादल की तुलना या समानता मेहमान से की गई है। इसलिए यहाँ उपमा अलंकार है।

मेघ आए बड़ेबन ठन के सवर के म5कौन सा?

रूपक अलंकार श्लेष अलंकार मानवीकरण अलंकार

बन ठन के कौन आ गया?

जिस प्रकार मेहमान (दामाद) बहुत दिनों बाद आते हैं, उसी प्रकार मेघ भी बहुत समय बाद आए हैं। अतिथि जब घर आते हैं तो सम्भवत: उनके देर होने का कारण उनका बन-ठन कर आना ही होता है। कवि ने मेघों में सजीवता डालने के लिए मेघों के 'बन-ठन के, सँवर के' आने की बात कही है। Q.