मुकताफल मुकता चुगैं, अब उड़ि अनत न जाहिं। - mukataaphal mukata chugain, ab udi anat na jaahin.

मानसरोवर सुभर जल हंसा केलि कराहिं हिंदी भावार्थ Mansarovar Subhar Jal Meaning in Hindi Kabir De Dohe in Hindi With Hindi Meaning कबीर के दोहे हिंदी अर्थ सहित

मानसरोवर सुभर जल, हंसा केलि कराहिं।

मुकताफल मुकता चुगैं, अब उड़ि अनत न जाहिं। 

Maanasarovar Subhar Jal, Hansa Keli Karaahin.
Mukataaphal Mukata Chugain, Ab Udi Anat Na Jaahin.

मानसरोवर सुभर जल हंसा केलि कराहिं शब्दार्थ Mansarovar Subhar Jal Hindi Word Meaning.

मानसरोवर-हिमालय के पर्वतीय इलाकों में एक सरोवर जो बहुत ही पवित्र माना जाता है । सुभर-लबालब भरा हुआ, परिपूर्ण । जल-मुक्ति रूपी अमृत जिसके सेवन से जीव भव सागर से पार हो जाता है, हंसा-साधक, जीव जो मुक्ति की चाह रखता है । केलि-खेलना, साधक जो ईश्वर भक्ति में लीन होकर मस्त हो जाता है । मुकताफल-मोती, यहाँ पर मोती से अभिप्राय ईश्वर रूपी अमूल्य वस्तु के ज्ञान से है। हंसा-जीव,

मानसरोवर सुभर जल हंसा केलि कराहिं हिंदी मीनिंग Mansarovar Subhar Jal Hindi Meaning.

भावार्थ : जो हंस (जीव) मानसरोवर (ईश्वर सुमिरण) आ गए हैं वे यहाँ पर मस्त हो गए हैं और अन्यत्र किसी स्थान पर जाने की उनकी चाह समाप्त हो गयी है। यहाँ पर उनको परम सुख की प्राप्ति हो गयी है। जीव भव सागर से मुक्त होने के लिए स्थान स्थान पर भटकता रहता है, मंदिर मस्जिद तीर्थ आदि स्थानों पर वह ईश्वर प्राप्ति के जतन के लिए विचरण करता है, लेकिन परम सुख के अभाव में वह भटकता ही रहता है। लेकिन जब हंसा को मानसरोवर जैसा स्थान मिल जाता है तो उसे सुख की प्राप्ति होती है और उसका भटकाव समाप्त हो जाता है । सांसारिक सुखो की इच्छा भी समाप्त हो जाती है । 

यह भी पढ़ें :-

  • काबा फिरि कासी भया रामहि भया रहीम हिंदी में अर्थ
  • मानसरोवर सुभर जल, हंसा केलि कराहिं हिंदी भावार्थ
  • जिनि पाया तिनि सूगह गह्या रसना लागी स्वादि हिंदी भावार्थ
  • कबीर हरि रस यौं पिया, बाकी रही न थाकि लिरिक्स व्याख्या
  • कबीर सतगुर ना मिल्या रही अधूरी सीष-भावार्थ हिंदी

सांसारिक सुखो की लालसा भी तभी तक रहती है जब तक जीव मानसरोवर के अमृत को चख नहीं लेता है । निर्मल व्यक्ति हंस के समान है जो अब कहीं और जाने का इच्छुक नहीं है। हृदय में ईश्वर की अनुभूति मानसरोवर के जल के समान है। भक्ति का रस जो मानसरोवर से प्राप्त होता है वह मोती के समान अमूल्य है । जब भक्ति रस का स्वाद प्राप्त हो जाता है तो वह अधिक रसपान के लिए प्रेरित होता है और संसार के अन्य व्यसनों को छोड़ देता है। इस दोहे में महत्वपूर्ण है की जब व्यक्ति का विवेक जाग्रत हो जाता है तो उसे करनीय और अकरणीय के बीच का भेद पता चल जाता है और वह माया जनित विकारों से दूर होकर मुक्ताफल की और अग्रसर हो जाता है । संसार की तारीफ़ और झूठे दिखावे, माया की छद्मआवरण के कारण जीव अपने मार्ग से विमुख होता है।

यह भी देखें You May Also Like

  • साधू की संगती रहो जौ की भूसी खाऊ मीनिंग Sadhu Ki Sangati Raho Meaning
  • लेखा देणाँ सोहरा जे दिल साँचा होइ हिंदी मीनिंग Lekha Dena Sohara Meaning Kabir Ke Dohe
  • पांहण केरा पूतला करि पूजै करतार मीनिंग Pahan Kera Putala Meaning Kabir Dohe
  • कबीर भग की प्रीतड़ी केते गए गड़ंत मीनिंग Kabir Bhag Ki Preetadi Kete Meaning
  • एक कनक अरु काँमनी दोऊ अगनि हिंदी मीनिंग Ek Kanak Aru Kamini Meaning
  • कबीर कहते क्यों बनें अनमिलता को संग मीनिंग Kabir Kahate Kyo Bane Meaning


मानसरोवर सुभर जल हंसा केलि कराहिं हिंदी भावार्थ Mansarovar Subhar Jal Meaning in Hindi Kabir De Dohe in Hindi With Hindi Meaning कबीर के दोहे हिंदी अर्थ सहित

 

यह भी देखें You May Also Like

  • साधू की संगती रहो जौ की भूसी खाऊ मीनिंग Sadhu Ki Sangati Raho Meaning
  • लेखा देणाँ सोहरा जे दिल साँचा होइ हिंदी मीनिंग Lekha Dena Sohara Meaning Kabir Ke Dohe
  • पांहण केरा पूतला करि पूजै करतार मीनिंग Pahan Kera Putala Meaning Kabir Dohe
  • कबीर भग की प्रीतड़ी केते गए गड़ंत मीनिंग Kabir Bhag Ki Preetadi Kete Meaning
  • एक कनक अरु काँमनी दोऊ अगनि हिंदी मीनिंग Ek Kanak Aru Kamini Meaning
  • कबीर कहते क्यों बनें अनमिलता को संग मीनिंग Kabir Kahate Kyo Bane Meaning

साधो ये मुर्दों का गांव प.पू.संत श्री रमेश भाई ओझा जी के श्री मुख से
जो बूझे सोई बावरा, क्या है उम्र हमारी।
असंख युग प्रलय गई, तब का ब्रह्मचारी।।
कोटि निरंजन हो गए, परलोक सिधारी।
हम तो सदा महबूब हैं, स्वयं ब्रह्मचारी।।
अरबों तो ब्रह्मा गए, उनन्चास कोटि कन्हैया।
सात कोटि शम्भू गए, मोर एक नहीं पलैया।।
कोटिन नारद हो गए, मुहम्मद से चारी।
देवतन की गिनती नहीं है, क्या सृष्टि विचारी।।
नहीं बुढ़ा नहीं बालक, नाहीं कोई भाट भिखारी।
कहैं कबीर सुन हो गोरख, यह है उम्र हमारी।। अवधु अविगत से चल आया, कोई मेरा भेद मर्म नहीं पाया।
ना मेरा जन्म न गर्भ बसेरा, बालक ह्नै दिखलाया।
काशी नगर जल कमल पर डेरा, तहाँ जुलाहे ने पाया।।
माता-पिता मेरे कछु नहीं, ना मेरे घर दासी।
जुलहा को सुत आन कहाया, जगत करे मेरी हांसी।।
पांच तत्व का धड़ नहीं मेरा, जानूं ज्ञान अपारा।
सत्य स्वरूपी नाम साहिब का, सो है नाम हमारा।।
अधर दीप (सतलोक) गगन गुफा में, तहां निज वस्तु सारा।
ज्योति स्वरूपी अलख निरंजन (ब्रह्म) भी, धरता ध्यान हमारा।।
हाड चाम लोहू नहीं मोरे, जाने सत्यनाम उपासी।
तारन तरन अभै पद दाता, मैं हूं कबीर अविनासी।। 


Jo Boojhe Soee Baavara, Kya Hai Umr Hamaaree.
Asankh Yug Pralay Gaee, Tab Ka Brahmachaaree..
Koti Niranjan Ho Gae, Paralok Sidhaaree.
Ham To Sada Mahaboob Hain, Svayan Brahmachaaree..
Arabon To Brahma Gae, Unanchaas Koti Kanhaiya.
Saat Koti Shambhoo Gae, Mor Ek Nahin Palaiya..
Kotin Naarad Ho Gae, Muhammad Se Chaaree.
Devatan Kee Ginatee Nahin Hai, Kya Srshti Vichaaree..
Nahin Budha Nahin Baalak, Naaheen Koee Bhaat Bhikhaaree.
Kahain Kabeer Sun Ho Gorakh, Yah Hai Umr Hamaaree..
Avadhu Avigat Se Chal Aaya, Koee Mera Bhed Marm Nahin Paaya.
Na Mera Janm Na Garbh Basera, Baalak Hnai Dikhalaaya.
Kaashee Nagar Jal Kamal Par Dera, Tahaan Julaahe Ne Paaya..
Maata-pita Mere Kachhu Nahin, Na Mere Ghar Daasee.
Julaha Ko Sut Aan Kahaaya, Jagat Kare Meree Haansee..
Paanch Tatv Ka Dhad Nahin Mera, Jaanoon Gyaan Apaara.
Saty Svaroopee Naam Saahib Ka, So Hai Naam Hamaara..
Adhar Deep (Satalok) Gagan Gupha Mein, Tahaan Nij Vastu Saara.
Jyoti Svaroopee Alakh Niranjan (Brahm) Bhee, Dharata Dhyaan Hamaara..
Haad Chaam Lohoo Nahin More, Jaane Satyanaam Upaasee.
Taaran Taran Abhai Pad Daata, Main Hoon Kabeer Avinaasee.

ट्रेंडिंग कबीर दोहे Trending Kabir Dohe

  • पाहन पूजे हरि मिले तो मैं पूजूँ पहार-कबीर के दोहे हिंदी में
  • गुरु कुम्भार शिष्य कुम्भ है कबीर के दोहे में 
  • पोथी पढ़ी पढ़ी जग मुआ, पंडित भया ना कोय कबीर के दोहे
  • जब मैं था हरी नाहीं, अब हरी है मैं नाही कबीर के दोहे हिंदी 
  • कबीर संगत साधु की ज्यों गंधी की बांस कबीर दोहे हिंदी में 
  • ऊँचे कुल में जनमियाँ करनी ऊंच ना होय कबिर के दोहे
  • करे बुराई सुख चहे कबीर दोहा हिंदी में
  • मेरे मन में पड़ी गई एक ऐसी दरार कबीर दोहे हिंदी मीनिंग
  • जाके मुंह माथा नहीं कबीर दोहे हिंदी में-कबीर के दोहे हिंदी मीनिंग
  • काबा फिर काशी भया कबीर के दोहे हिंदी मीनिंग
  • कबीर हरि का भावता झीणा पंजर तास कबीर दोहे हिंदी मीनिंग भावार्थ
  • कबीर तन पंषी (पंछी) भया जहाँ मन तहाँ उड़ि जाइ हिंदी मीनिंग
  • केसौं कहां बिगाड़िया जे मूड़े सौ बार-हिंदी भावार्थ मीनिंग
  • सहज सहज सबकौ कहै सहज न चीन्है कोइ हिंदी मीनिंग
  • तीरथ करि करि जग मुवा डूँधै पाँणी न्हाइ-हिंदी मीनिंग कबीर दोहे हिंदी
  • धीरे धीरे रे मना धीरे सब कुछ होय-हिंदी मीनिंग कबीर के दोहे
  • अहिरन (एरण) की चोरी करै करे सुई का दान-हिंदी मीनिंग
  • मोको कहाँ ढूँढ़े बंदे मैं तो तेरे पास में हिंदी मीनिंग लिरिक्स
  • दुर्बल को न सताइये जाकि मोटी हाय-हिंदी मीनिंग
  • तेरा साँई तुझमें ज्यों पहुपन में बास-हिंदी मीनिंग
  • रात गंवाई सोय के दिवस गंवाया खाय हिंदी मीनिंग
  • आछे दिन पाछे गये हरि सो किया ना हेत-हिंदी मीनिंग/भावार्थ
  • कबीर के लोकप्रिय दोहे हिंदी में
  • कबीर के दोहे हिंदी में (प्रचलित कबीर दोहे)
  • यह तो घर है प्रेम का, खाला का घर नाहिं-हिंदी मीनिंग
  • कबीर के दोहे हिंदी में Kabir Ke Dohe Hindi Me Kabir Dohe Hindi Meaning
  • कबीर के दोहे हिंदी में Kabir Ke Dohe Hindi Me कबीर दोहे हिंदी मीनिंग
  • कबीर के दोहे हिंदी में Kabir Ke Dohe Hindi Me कबीर के दोहे हिंदी मीनिंग व्याख्या
  • कुमति कीच चेला भरा-कबीर दोहे हिंदी मीनिंग
  • संतो देखत जग बौराना कबीर के पद हिंदी में
  • बालम आवो हमारे गेह रे- कबीर पद हिंदी मीनिंग
  • अरे इन दोहुन राह ना पाई हिंदी मीनिंग
  • चलती चक्की देख के दिया कबीरा रोए-कबीर के दोहे हिंदी मीनिंग
  • प्रेम प्रेम कोई सब कहे प्रेम ना बुझे कोय हिंदी मीनिंग
  • वृक्ष कबहुँ नहिं फल भखै नदी न संचै नी' हिंदी मीनिंग
  • पढ़े गुनै सीखै सुनै मिटी न संसै सूल-हिंदी मीनिंग
  • पीछे लागा जाई था, लोक वेद के साथि-हिंदी मीनिंग
  • पाहन पूजे हरि मिले तो मैं पूजूं पहार-दोहे का हिंदी अर्थ
  • काबा फिरि कासी भया रामहि भया रहीम हिंदी में अर्थ
  • मानसरोवर सुभर जल, हंसा केलि कराहिं हिंदी भावार्थ
  • जिनि पाया तिनि सूगह गह्या रसना लागी स्वादि हिंदी भावार्थ
  • कबीर हरि रस यौं पिया, बाकी रही न थाकि लिरिक्स व्याख्या
  • कबीर सतगुर ना मिल्या रही अधूरी सीष-भावार्थ हिंदी
  • गुरु गोविंद तो एक है दूजा यहु आकार-हिंदी भावार्थ
  • बूड़े थे परि ऊबरे गुर की लहरि चमंकि-हिंदी भावार्थ
  • सतगुरु बपुरा क्या करे, जे शिषही माँहि चूक-हिंदी भावार्थ
  • ना गुर मिल्या न सिष भया लालच खेल्या डाव-हिंदी मीनिंग
  • कबीर गुर गरवा मिल्या रलि गया आटे लूंण-हिंदी व्याख्या
  • कबीर भग की प्रीतड़ी केते गए गड़ंत मीनिंग Kabir Bhag Ki Preetadi Kete Meaning
  • एक कनक अरु काँमनी दोऊ अगनि हिंदी मीनिंग Ek Kanak Aru Kamini Meaning
  • कबीर कहते क्यों बनें अनमिलता को संग मीनिंग Kabir Kahate Kyo Bane Meaning
  • साधू की संगती रहो जौ की भूसी खाऊ मीनिंग Sadhu Ki Sangati Raho Meaning
  • लेखा देणाँ सोहरा जे दिल साँचा होइ हिंदी मीनिंग Lekha Dena Sohara Meaning Kabir Ke Dohe
  • पांहण केरा पूतला करि पूजै करतार मीनिंग Pahan Kera Putala Meaning Kabir Dohe

यह भी देखें You May Also Like

  • पांहण केरा पूतला करि पूजै करतार मीनिंग Pahan Kera Putala Meaning Kabir Dohe
  • कबीर भग की प्रीतड़ी केते गए गड़ंत मीनिंग Kabir Bhag Ki Preetadi Kete Meaning
  • एक कनक अरु काँमनी दोऊ अगनि हिंदी मीनिंग Ek Kanak Aru Kamini Meaning
  • कबीर कहते क्यों बनें अनमिलता को संग मीनिंग Kabir Kahate Kyo Bane Meaning
  • साधू की संगती रहो जौ की भूसी खाऊ मीनिंग Sadhu Ki Sangati Raho Meaning
  • लेखा देणाँ सोहरा जे दिल साँचा होइ हिंदी मीनिंग Lekha Dena Sohara Meaning Kabir Ke Dohe

विनम्र निवेदन: वेबसाइट को और बेहतर बनाने हेतु अपने कीमती सुझाव नीचे कॉमेंट बॉक्स में लिखें व इस ज्ञानवर्धक ख़जाने को अपनें मित्रों के साथ अवश्य शेयर करें। यदि कोई त्रुटि / सुधार हो तो आप मुझे यहाँ क्लिक करके ई मेल के माध्यम से भी सम्पर्क कर सकते हैं। धन्यवाद।