सतना। अक्सर हम आप अपने आसपास या फिर स्वयं अपने घर में देखते है कि किसी के घर का मेन गेट काला, पीला, हरा, बैगनी, सफेद, नारंगी आदि रंगों के दिखाई देते है। लेकिन बड़े-बुजुर्गों का मानना है कि, एक मकान तभी घर बनता है जब वहां रह रहे सभी सदस्यों के बीच आपसी प्यार हो। इसी कारण लोग घर की साज सजावट करने के लिए वास्तु टिप्स का सहारा लेते हैं। जिससे घर में साकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है जिससे परिवार में खुशियों का माहौल रहता है। Show किसी भी घर की वास्तुकला का असर घर के सदस्यों पर पड़ता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार अगर घर में रखी वस्तुएं सही दिशा में और सही समय पर रखी जाएं तो घर के सदस्यों को कई तरह से लाभ होता है। अगर घर में वस्तुएं वास्तु के अनुसार नहीं हैं, तो यह विपरीत प्रभाव भी दिखाता है। साथ ही घर के मुख्य द्वार को लेकर वास्तु शास्त्र में कई नियमों का उल्लेख है, जिनका पालन करने से आप अपने जीवन की कई समस्याओं को कम कर सकते हैं। इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि घर का मुख्य द्वार किस तरफ होना चाहिए, किस रंग का होना चाहिए। आइए जानते हैं कि वास्तु शास्त्र के अनुसार अपने घर के दरवाजे को कैसे डिजाइन करें- घर का मुख्य द्वार किस दिशा में होना चाहिए?वास्तु कहता है कि घर का मुख्य द्वार उत्तर, उत्तर-पूर्व या पूर्व और पश्चिम दिशा में होना चाहिए। ऐसी मान्यता है कि घर का मुख्य द्वार इस दिशा में रखने से घर में सुख-समृद्धि आती है। इसके अलावा अगर आप अपने घर का मुख्य दरवाजा दक्षिण दिशा में बनाना चाहते हैं तो आप अपने घर के मुख्य द्वार पर वास्तु पिरामिड रख सकते हैं। ऐसा करने से आपके दरवाजे का वास्तु अच्छा बना रहेगा। वास्तु शास्त्र के अनुसार घर का मुख्य दरवाजा हमेशा दक्षिणावर्त यानि कि जिसका घुमाव दक्षिण दिशा की ओर हो, उधर ही खोलना चाहिए। इसके अलावा वास्तु शास्त्र यह भी कहता है कि आपके घर के मुख्य द्वार के आसपास स्नानघर नहीं होना चाहिए। मुख्य द्वार का रंगवास्तु शास्त्र के अनुसार घर के मुख्य दरवाजे के रंग की बात करें तो वास्तु शास्त्र कहता है कि घर का मुख्य दरवाजा हमेशा हल्का पीला, बेज या लकड़ी जैसा होना चाहिए। इसके अलावा आप अपने घर के मुख्य दरवाजे को भी बेज रंग का बना सकते हैं। वास्तु शास्त्र कहता है कि घर के मुख्य द्वार का रंग हमेशा हल्का होना चाहिए। अपने घर के मुख्य दरवाजे को कभी भी चमकीले रंगों से नहीं रंगना चाहिए। इसके अलावा घर के मुख्य द्वार के आसपास साफ-सफाई रखना बहुत जरूरी है। मुख्य द्वार के पास कूड़ेदान, टूटी कुर्सियां, मेज आदि नहीं रखना चाहिए। साथ ही अपने घर के मुख्य द्वार को स्वस्तिक, ओम, क्रॉस, रंगोली या फूलों से सजाएं। लोकप्रिय खबरें Gujarat: AAP सिर्फ वोट कटवा बनकर रह गई- आप विधायक ने BJP को दिया समर्थन तो सोशल मीडिया पर केजरीवाल पर ऐसे कसे गए तंज Diabetes Control: मधुमेह मरीजों के लिए खुशखबरी, इस एक चीज के सेवन से कंट्रोल कर सकते हैं ब्लड शुगर Diabetic Friendly Ladoo: डायबिटीज मरीज़ों के काम का है ये खास लड्डू, ब्लड शुगर भी नहीं बढ़ाता Himachal Pradesh Result: किसी से नहीं डरती…, हिमाचल की अकेली महिला विधायक रीना कश्यप बोलीं- कोई दबा नहीं सकता आवाज अगर आप अपने घर व जीवन में खुशहाली व सकारात्मकता का संचार करना चाहती हैं तो ऐसे में आप मुख्य द्वार के रंग को वास्तु के अनुसार चुनें। हर घर का एक मुख्य द्वार होता है, जहां से सिर्फ घर के सदस्य ही नहीं, बल्कि सकारात्मकता भी घर में प्रवेश करती है। इसलिए, सिर्फ घर के भीतर ही नहीं, बल्कि मुख्य द्वार के वास्तु का भी ध्यान रखा जाना आवश्यक होता है। वैसे भी आपके मुख्य द्वार को देखकर लोग घर की स्थिति व घर के सदस्यों के बारे में काफी कुछ अंदाजा लगा लेते हैं। अमूमन लोग अपने मुख्य द्वार को सजाने के लिए रेथ से लेकर अन्य कई तरह की आइटम्स का इस्तेमाल करते हैं। हालांकि, मुख्य द्वार के रंग का एक गहरा प्रभाव व्यक्ति के घर व जीवन पर पड़ता है। कुछ लोग किसी भी कलर से अपने घर के मुख्य द्वार को पेंट कर देते हैं, जबकि ऐसा नहीं करना चाहिए। वास्तु शास्त्र में दिशाओं के अनुसार मुख्य द्वार को कलर करवाने की सलाह दी जाती है, इससे घर की नकारात्मकता भी दूर होती है। तो चलिए आज इस लेख में वास्तुशास्त्री डॉ. आनंद भारद्वाज आपको मुख्य द्वार के कलर से जुड़े कुछ वास्तु नियमों के बारे में बता रहे हैं- अगर आप अपने घर के बॉउंड्री वॉल पर मुख्य द्वार लगा रहे हैं और आपका भवन उत्तरमुखी है तो आप मुख्य द्वार के लिए नीले रंग का इस्तेमाल कर सकती हैं। अगर आप ब्लू कलर का इस्तेमाल नहीं करना चाहती हैं तो ऐसे में आप हल्का येलो या फिर हरे रंग का इस्तेमाल करने पर भी विचार कर सकती हैं।(उत्तर मुखी घर में न रखें ये चीजें) इसे जरूर पढें- Vastu Tips: घर की सुख समृद्धि के लिए पूजा स्थान पर भूलकर भी न करें इन रंगों का इस्तेमाल अगर पूर्वमुखी हो भवनइसी तरह, अगर आपका भवन पूर्वमुखी है तो वहां पर मुख्य द्वार को कलर करवाते समय हल्का पीला या हल्का हरा रंग का प्रयोग किया जा सकता है। पूर्व दिशा में पीले रंग का इस्तेमाल करना बहुत अच्छा माना जाता है। इससे घर में खुशियों का संचार होता है। अगर दक्षिणमुखी हो भवनअगर आपके घर की दिशा दक्षिणमुखी है तो ऐसे में आप लाल, मैरून, गहरा पीला या फिर ऑरेंज कलर को मुख्य द्वार पर इस्तेमाल कर सकती है। इस दिशा के भवन के लिए इन रंगों का इस्तेमाल करना शुभ माना जाता है। इससे घर में नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश नहीं करती है और घर के लोगों का स्वास्थ्य भी ठीक रहता है।(दक्षिण मुखी घर के लिए वास्तु टिप्स) अगर पश्चिममुखी हो भवनअगर आप घर या गेट पश्चिममुखी है, तो वहां पर मुख्य द्वार पर मैटेलिक कलर्स का इस्तेमाल करने पर विचार करें। आजकल मार्केट में गोल्डन व सिल्वर कलर के पेंट भी अवेलेबल हैं, आप उन रंगों का इस्तेमाल अपने पश्चिममुखी भवन के मुख्य द्वार पर करें। अन्य जरूरी बातें
तो अब आप जब भी अपने घर के मुख्य द्वार को कलर करवाएं तो वास्तु के इन नियमों का ख्याल अवश्य रखें। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें व इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ। Image Credit- freepik क्या आपको ये आर्टिकल पसंद आया ?बेहतर अनुभव करने के लिए HerZindagi मोबाइल ऐप डाउनलोड करें Disclaimer आपकी स्किन और शरीर आपकी ही तरह अलग है। आप तक अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी लाना हमारा प्रयास है, लेकिन फिर भी किसी भी होम रेमेडी, हैक या फिटनेस टिप को ट्राई करने से पहले आप अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लें। किसी भी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, [email protected] पर हमसे संपर्क करें। घर के मेन गेट पर कौन सा कलर शुभ होता है?आसमानी नीले रंग का प्रवेश द्वार
वास्तु शास्त्र (Vastu Tips for Home) के अनुसार आसमानी रंग शुभ और शांति का प्रतीक है।
गेट पर कौन सा कलर अच्छा लगता है?- दक्षिण: कहा जाता है कि घर का मेन गेट दक्षिण दिशा की तरफ नहीं होना चाहिए। अगर घर का मुख्य मार्ग है तो काला, ब्राउन या फिर डार्क बैंगनी कलर करवाएं। - दक्षिण-पश्चिम: वास्तु के अनुसार दक्षिण-पश्चिम दिशा की ओर अगर दरवाजा खुलता है तो इस पर गुलाबी या फिर लाइट ब्राउन रंग होना चाहिए।
|