साढ़ेसाती के अंतिम चरण में क्या होता है? - saadhesaatee ke antim charan mein kya hota hai?

साढ़े साती खत्म होने के बाद क्या होता है?

शनिदेव को राशिचक्र पूरा करने में करीब 30 साल का समय लगता है। शनि देव की किसी राशि पर अशुभ दृष्टि होने पर उस राशि के जातक को कष्टों का सामना करना पड़ता है। शनि की साढ़ेसाती व शनि ढैय्या का अशुभ प्रभाव पड़ता है। जिन राशियों पर शनि की महादशा का असर होता है, उन्हें जीवन में कष्टों का सामना करना पड़ता है।

साढ़ेसाती कितने चरण होते हैं?

शनि की साढ़ेसाती के तीन चरण होते हैं। कहते हैं कि शनि की साढ़ेसाती के पहले चरण में शनि जातक की आर्थिक स्थिति पर, दूसरे चरण में पारिवारिक जीवन और तीसरे चरण में सेहत पर सबसे ज्यादा असर डालता है।

साढ़ेसाती का क्या असर होता है?

अपने गोचर के दौरान शनि किसी व्यक्ति की जन्म राशि या नाम की राशि में स्थित होता है. इसका असर उस राशि, उससे अगली राशि और बारहवीं स्थान वाली राशि पर पड़त है. इन तीन राशियों से होकर गुजरने में शनि को सात वर्ष और छः महीने मतलब साढ़े सात साल का समय लगता है. इसे ही शनि की साढ़े साती कहा जाता है.

साढ़े साती के तीसरे चरण में क्या होता है?

तीसरा चरण ( Shani ki sade sati ka teesra charan ) : कहते हैं कि इस चरण में जातक की सुख और सुविधाओं का अंत हो जाता है। आमदनी अठन्नी और खर्चा रुपैया वाले हालात हो जाते हैं। नौकरी और व्यपार सब ठप हो जाता है। सेहत से जुड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।