मेरी टांगों में दर्द क्यों होता है? - meree taangon mein dard kyon hota hai?

आजकल टांगों में दर्द की समस्या आम देखने को मिलती है। हालांकि उम्र के साथ-साथ यह समस्या बढ़ती जाती है। इसके पीछे का कारण शरीर में पोषक तत्वों की कमी होना, मसल्स में खिंचाव होना या फिर खेल-कूद के दौरान मोच आ जाना हो सकता है। मांसपेशियों की अकड़न भी इन्हीं कारणों में से एक है लेकिन लगातार इस तरह की समस्या बनी रहे तो आगे चलकर दिक्कत हो सकती है। इसलिए आज हम आपको इससे बचने के लिए कुछ कारगर उपाय बताने जा रहे हैं।

क्या है टांगों में दर्द होने के आम कारण

- खून में सोडियम, पोटेशियम, कैल्शियम और मैग्नीशियम की कमी होना।

- कोलेस्ट्रॉल को कम करने की दवाइयों का सेवन करना भी दर्द का एक कारण है। 

- एक जगह बैठे रहने की वजह से मांसपेशियों में थकान के चलते टांगों में दर्द होता है। 

- पैरों में खून का दौर रुकना।

- हड्डियों का संक्रमण होना।

- जोड़ों में सूजन।

टांगों में होनी वाली दर्द के प्रकार 

1. न्यूरोलॉजिकल पेन (Neurological Pain)

किसी क्षति के कारण टांगों में होने वाली दर्द की स्थिति को न्यूरोलॉजिकल पेन कहा जा सकता है। साइटिक नर्व और अन्य किसी नर्व की वजह से भी पैरों में होने वाली दर्द को न्यूरोलोजिकल पेन कहते हैं। 

2. वस्कुलर पेन (Vascular Pain)

वस्कुलर पेन में धमनी से जुड़ी समस्या के कारण होने पैरों में होने वाली दर्द को शामिल है। पेरिफेरल आर्टरी डिजीज (नसों के पतला होने पर खून की दौरा रुकना) और डीप वेन थ्रोम्बोसिस यानि नसों में खून का जमना जैसी समस्याएं टांगों के दर्द का कारण बनती हैं।

3. मस्कुलोस्केलेटन पेन (Musculoskeletal Pain)

इस प्रकार की दर्द मांसपेशियां, लिगामेंट, जोड़ों और हड्डियों से जुड़ी समस्याओं के कारण होती है। 

4. टेंडनाइटिस (Tendonitis)

टेंडन पिंडली की मांसपेशियों को एड़ी की हड्डी से जोड़ती है। टेंडन्स में सूजन आने पर उसे टेंडनाइटिस कहा जाता है। इसके चलते प्रभावित जगह पर सूजन और साथ में दर्द की समस्या होने लगती है। 

टांगों की दर्द से राहत पाने के घरेलू उपाय

बर्फ से सिकाई

टांगों में दर्द होने पर बर्फ से सिकाई करें। बर्फ के टुकड़ों को प्लास्टिक बैग या किसी तौलिए में रखकर प्रभावित जगह पर रखें और सर्कुलर घुमाते हुए मसाज करें। ऐसा दिन में दो से तीन बार करें। 

मसाज

मालिश करने से भी टांगों में होने वाले दर्द से राहत मिल सकती है। इससे डैमेज हुए मसल्स दोबारा एक्टिव हो जाते हैं और ब्लड सर्कुलेशन भी बेहतर होना शुरू हो जाता है। इसके लिए नारियल का तेल, सरसों या फिर जैतून का तेल इस्तेमाल कर सकते हैं। इन्हें गुनगुना करके प्रभावित क्षेत्र पर मसाज करें और रातभर ऐसे ही छोड़ दें।

हल्दी

हल्दी नेचुरल एंटीसेप्टिक है, दर्द और इंफेक्शन को दूर करने में यह बेहद कारगर है। सरसों के तेल में हल्दी मिलाकर पेस्ट तैयार करें और हल्के हाथों से मसाज करते हुए दर्द वाले हिस्से पर लगाएं। 30 मिनट बाद इसे साफ कर लें। रोजाना दिन में 2 बार यह लेप लगाने से फायदा मिलेगा।

एप्पल साइडर विनेगर 

रोजाना गुनगुने पानी में 1 टेबलस्पून सेब का सिरका डालकर 15 मिनट के लिए पैर इसमें डुबो कर रखें। यह गठिया और यूरिक एसीड के लिए भी लाभकारी है।

एसेंशियल ऑयल से सिकाई

एक बाल्टी में थोड़ा से गर्म पानी लेकर उसमें एसेंशियल ऑयल को मिलाएं। इसके बाद पैरों को 10 से 15 मिनट पानी में डालकर रखें। फिर पैरों को पानी से निकालकर साफ पानी से धोएं। ऐसा हफ्ते में दो से तीन बार करें। 

पुदीने की चाय

पुदीने की टाय भी पैरों के दर्द से राहत देती है। इसके लिए एक बर्तन में पानी गर्म करें और उसमें पुदीने की पत्तियां या टी बैग 5 मिनट के लिए डालें। पानी में पुदीने का रंग आने पर टी बैग या पुदीने की पत्तियों को निकाल दें। अब उसे कप में छानकर चाय का सेवन करें। आप चाहें तो स्वाद के लिए शहद या शक्कर डाल सकती हैं। पुदीने की चाय को दिन में एक बार जरूर पीएं। 

टांग में दर्द का सही कारण पता लगाने के लिए डॉक्टर फिजिकल एग्जाम करेंगे। इसके बाद डॉक्टर मेडिकल इमेजिंग या डायग्नोस्टिक नर्व ब्लॉक इंजेक्शन टेस्ट के लिए कह सकते हैं। इस दर्द का पता लगाने के लिए किए जाने वाले मेडिकल इमेजिंग टेस्ट में एमआरआई टेस्ट, सीटी स्कैन, अल्ट्रासाउंड और एक्स-रे शामिल हैं। वहीं, पेन रिसेप्टर ब्लॉक इंजेक्शन एक छोटा-सा इनवेसिव प्रोसीजर है, जो कि अस्थाई रूप से घुटनों या नसों के दर्द में आराम देता है। यह प्रोसीजर यह जानने के लिए किया जाता है कि, दर्द नसों के कारण हो रहा है या जोड़ों के कारण। अगर, यह ब्लॉक सफल रहता है, तो रेडियोफ्रीक्वेंसी एब्लेशन की सलाह दी जा सकती है।

शरीर के सभी अंगों का जीवन में एक अहम स्थान है। इन अंगों में पैर भी शामिल है। ये पैर ही हैं, जो संपूर्ण शरीर के भार को संभालने के साथ ही चलने और भागने में मदद करते हैं। इन दैनिक क्रियाओं के कारण कई बार टांगों में दर्द भी हो जाता है। कुछ परिस्थियों में तो पैरों का दर्द इतना बढ़ जाता है कि दिन भर की सभी योजनाएं धरी रह जाती हैं। इस तकलीफ से अधिक न गुजरना पड़े, इसलिए स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम टांगों में दर्द के कारण और टांगों में दर्द का घरेलू इलाज बताएंगे। साथ ही मेडिकल जगत में टांगों में दर्द का इलाज कैसे किया जाता है, इसकी जानकारी भी देंगे।

शुरू करते हैं लेख

सबसे पहले यह जानते हैं कि टांगों में दर्द होना क्या है।

विषय सूची

  • टांगों में दर्द क्या है – What is Leg Pain in Hindi
  • टांगों में दर्द के प्रकार – Types of Leg Pain in Hindi
  • टांगों में दर्द के कारण और जोखिम कारक – Causes and Risk Factors of Leg Pain in Hindi
  • टांगों में दर्द के लक्षण – Symptoms of Leg Pain in Hindi
  • टांगों में दर्द के लिए घरेलू उपाय – Home Remedies for Leg Pain in Hindi
  • टांगों में दर्द का इलाज – Treatment of Leg Pain in Hindi
  • थके पैरों के लिए एक्यूप्रेशर – Acupressure Points For Tired Legs in Hindi
  • टांगों में दर्द से बचाव  – Prevention Tips for Leg Pain in Hindi

टांगों में दर्द क्या है – What is Leg Pain in Hindi

टांगों में दर्द होना क्या है, इससे पहले यह समझना जरूरी है कि दर्द क्या है। बताया जाता है कि दर्द कुछ और नहीं, बल्कि तंत्रिका तंत्र द्वारा दिमाग को भेजा जाने वाला एक संकेत हैं। यह संकेत व्यक्ति को इस बात का एहसास कराता है कि शरीर में कुछ तो सही नहीं है। इस दौरान दर्द प्रभावित क्षेत्र में चुभन, जलन, ऐंठन और झुनझुनी जैसी स्थिति महसूस होती है (1)।

खासतौर पर टांगों में दर्द की समस्या का मतलब है, पैरों की मांसपेशियों में तनाव, दबाव व झनझनाहट की ऐसी स्थिति, जिसमें चलने-फिरने में परेशानी महसूस होती है। बताया जाता है कि टांग में दर्द होना एक आम समस्या है, जो किसी को भी और पैर के किसी भी भाग में हो सकती है। इस समस्या के होने के कई कारण हैं, जिनके बारे में हम लेख में आगे बताएंगे (2)।

आगे बढ़ते हैं

अब जानिए टांगों में दर्द के प्रकार से जुड़ी जरूरी जानकारी।

टांगों में दर्द के प्रकार – Types of Leg Pain in Hindi

टांगों में दर्द के कई प्रकार हो सकते हैं, जो आमतौर पर पैर के दर्द के कारण पर निर्भर करता है। आइए, उनके बारे में थोड़ा विस्तार से जान लेते हैं।

1. मस्कुलोस्केलेटन पेन (Musculoskeletal Pain)

मुख्य रूप से मांसपेशियां, लिगामेंट (दो हड्डियों को आपस में जोड़ने वाला ऊतक), जोड़ों और हड्डियों से जुड़ी समस्याओं के कारण पैदा होने वाले टांगों के दर्द को मस्कुलोस्केलेटन पेन में शामिल किया जा सकता है। टांगों में दर्द के इस प्रकार में शामिल स्थितियां कुछ इस प्रकार हैं (3):

  • जोड़ों के दर्द से जुड़ी समस्या।
  • अत्यधिक तनाव या दबाव के कारण मांसपेशियों का कठोर होना।
  • गहरी चोट के कारण मांसपेशियों में सूजन।
  • हड्डियों का टूटना या ऑस्टियोपोरोसिस (हड्डियों का नाजुक होना) जैसे हड्डी रोग।

2. वस्कुलर पेन (Vascular Pain)

आर्टरी यानी धमनी से जुड़ी समस्याओं के कारण होने वाले पैरों के दर्द को इस प्रकार में शामिल किया जाता है। पेरिफेरल आर्टरी डिजीज (नसों के पतला होने पर रक्त प्रवाह रुकना) और डीप वेन थ्रोम्बोसिस (नसों में खून का जमना) भी धमनी से जुड़ी कुछ ऐसी समस्याएं हैं, जो टांगों के दर्द का कारण बन सकती हैं (4) (2)।

3. न्यूरोलॉजिकल पेन (Neurological Pain)

जब तंत्रिका तंत्र से संबंधित विकार या क्षति के कारण पैरों में दर्द की स्थिति पैदा होती है, तो टांगों में दर्द के इस प्रकार को न्यूरोलॉजिकल पेन कहा जा सकता है (5)। यही कारण है कि साइटिक नर्व (मनुष्य के शरीर में मौजूद सबसे लंबी नर्व, जो रीढ़ से होकर पैरों तक जाती है) और अन्य नर्व की क्षति से पैरों में दर्द को न्यूरोलोजिकल पेन की श्रेणी में गिना जाता है (2)।

आगे टांगों में दर्द के कुछ अन्य प्रकार के बारे में पढ़िए।

4. टेंडनाइटिस (Tendonitis)

टेंडन एक रेशेदार संरचना होती है, जो पिंडली की मांसपेशियों (Calf Muscles) को पैर की एड़ी की हड्डी से जोड़ती हैं। जब इन टेंडन्स में सूजन आ जाती है, तो उसे ही टेंडनाइटिस कहा जाता है। इसके कारण प्रभावित स्थान पर सूजन के साथ दर्द होने की समस्या हो सकती है। टेंडन का यह दर्द रात में सोते और शारीरिक गतिविधि के दौरान अधिक बढ़ सकता है। इसके कारण पैर और घुटनों में दर्द बना रहता है (6)।

5. शिन स्प्लिन्ट्स (Shin Splints)

शिन स्प्लिन्ट्स भी पैरों के दर्द का एक सामान्य प्रकार है। इसे मेडियल टिबियल स्ट्रेस सिंड्रोम (Medial Tibial Stress Syndrome) भी कहा जाता है। आमतौर पर इसकी समस्या खिलाड़ियों में अधिक देखी जाती है। इसकी स्थिति में पैर के निचले हिस्से में सामने की ओर स्थित पिंडली की हड्डियों (टिबिया) में दर्द होता है। ये मांसपेशियों और शिन एरिया के आसपास मौजूद बोन टिशू में सूजन के कारण हो सकता है (7)।

6. पैर में ऐंठन वाला दर्द (Leg Cramps)

पैर में ऐंठन की समस्या भी आम मानी जाती है। आमतौर पर यह पिंडली की मांसपेशी (Calf Muscles) का दर्द होता है, जो रात के समय अधिक हो सकता है। इसका कोई स्पष्ट कारण ज्ञात नहीं है। हां, गर्भावस्था, व्यायाम, शरीर में सोडियम और इलेक्ट्रोलाइट्स के असंतुलन, रक्त वाहिकाओं को प्रभावित करने वाले विकार और कुछ तरह की दवाएं इसका जोखिम बढ़ा सकती हैं (8)।

स्क्रॉल करें

लेख के अगले भाग में अब हम टांगों में दर्द के कारण और जोखिम कारकों से जुड़ी विस्तृत जानकारी देंगे।

टांगों में दर्द के कारण और जोखिम कारक – Causes and Risk Factors of Leg Pain in Hindi

टांगों में दर्द के कारण और जोखिम कारक कुछ इस प्रकार हैं (2)।

टांगों में दर्द के आम कारण

  • डिहाइड्रेशन होना या खून में सोडियम, पोटेशियम, कैल्शियम और मैग्नीशियम की कमी।
  • मूत्रवर्धक या कोलेस्ट्रॉल को कम करने वाली दवाओं का सेवन।
  • अत्यधिक व्यायाम या एक जगह बैठे रहने के कारण मांसपेशियों में थकान या तनाव की वजह से।
  • चोट लगने से मांसपेशियों में आने वाली क्षति के कारण।

  • हड्डियों में हेयर लाइन क्रैक पड़ना।
  • शिन स्पलिंट (निचले पैर की हड्डी के बाहरी हिस्से का अधिक उपयोग) के कारण।

टांगों में दर्द के अन्य कारण

  • पेरिफेरल आर्टरी डिजीज (पैरों में रक्त प्रवाह से संबंधित एक विकार)।
  • लंबे बेड रेस्ट के कारण खून का जमना (जैसे डीप वेन थ्रोम्बोसिस)।
  • ऑस्टियोमायलिटिस (हड्डियों का संक्रमण)।

  • सेलुलाइटिस (त्वचा व नर्म ऊतकों से जुड़ा संक्रमण)।
  • अर्थराइटिस की वजह से जोड़ों में सूजन के कारण।
  • नसों की क्षति के कारण (डायबिटीज रोगियों व शराब और सिगरेट का सेवन करने वालों में आम)।
  • वैरिकोज वेन्स (नसों में सूजन) के कारण।

पढ़ते रहें लेख

टांगों में दर्द के कारण के बाद अब हम टांगों में दर्द के लक्षण के बारे में बात करेंगे।

टांगों में दर्द के लक्षण – Symptoms of Leg Pain in Hindi

जैसा कि हमने लेख में पहले भी बताया है कि दर्द एक प्रकार का संकेत हैं, जो शरीर में मौजूद किसी समस्या की ओर इशारा करता है। जब इससे पैर प्रभावित होता है, तो इसे टांगों में दर्द कहा जाता है। ऐसे में दर्द के लक्षणों को ही पैर में दर्द के लक्षण कहा जा सकता है, जो कुछ इस प्रकार हैं (1) (2):

Subscribe

  • प्रभावित क्षेत्र में चुभन
  • मांसपेशियों में ऐंठन
  • डंक लगने जैसा एहसास होना
  • प्रभावित क्षेत्र में जलन होना
  • झुनझुनी का एहसास होना

आगे पढ़ें

लेख के अगले भाग में जानिए कि टांगों में दर्द का घरेलू इलाज कैसे किया जाता है।

टांगों में दर्द के लिए घरेलू उपाय – Home Remedies for Leg Pain in Hindi

टांगों में दर्द का घरेलू इलाज करने के लिए यहां कुछ विधियां बताई गई हैं। पाठक ध्यान दें कि लेख में सुझाए गए इन घरेलू उपचार से दर्द से कुछ राहत मिल सकती, लेकिन इन उपायों को समस्या का इलाज न समझा जाए।

1. आइस

सामग्री :

  • कुछ बर्फ के टुकड़े
  • एक प्लास्टिक बैग या तौलिया

कैसे इस्तेमाल करें :

  • सबसे पहले बर्फ के टुकड़ों को प्लास्टिक बैग या तौलिए में डालें।
  • अब इसे प्रभावित क्षेत्र पर रखें और हल्के हाथ से गोलाकार घुमाते हुए मसाज करें।
  • दर्द रहने तक इस प्रक्रिया को दिन में करीब दो से तीन बार दोहराया जा सकता है।

कैसे है फायदेमंद :

ईरान के मेडिकल विश्वविद्यालय द्वारा दर्द पर आइस पैक का प्रभाव जानने के लिए एक शोध किया गया। रिसर्च में पाया गया कि आर्टिरियल पंचर से पूर्व होने वाले दर्द में आइस पैक का प्रयोग सकारात्मक परिणाम दे सकता है। हालांकि, इसके प्रभाव को पूरी तरह से पुष्टि करने के लिए अभी और शोध किए जाने की आवश्यकता है (9)। इस आधार पर यह कहना गलत नहीं होगा कि टांगों में दर्द के घरेलू उपाय के तौर पर आइस पैक का इस्तेमाल कुछ राहत दिला सकता है।

2. हॉट पीपर रब

सामग्री :

  • करीब 50 ml जैतून का तेल
  • एक चम्मच लाल मिर्च पाउडर

कैसे इस्तेमाल करें :

  • किसी बर्तन में 50 ml जैतून का तेल लें और इसमें एक चम्मच लाल मिर्च मिला दें।
  • अब इस मिश्रण को पूरी रात के लिए छोड़ दें।
  • अगले दिन मिर्च और जैतून के तेल के इस मिश्रण को पैरों की मसाज करने के लिए इस्तेमाल में लाएं।
  • अच्छे से मसाज के बाद जितनी देर संभव हो सके इसे ऐसे ही लगा रहने दें।
  • जब जरूरी लगे इस प्रक्रिया को सोने से पहले अपनाया जा सकता है।

कैसे है फायदेमंद :

टांगों में दर्द के घरेलू उपाय के लिए हॉट पीपर रब का भी इस्तेमाल किया जा सकता है। एनसीबीआई (National Center for Biotechnology Information) की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध के मुताबिक, लाल मिर्च दर्द को दूर कर सकती है। रिसर्च में जिक्र मिलता है कि लाल मिर्च तंत्रिका तंत्र से संबंधित (Neuropathic) दर्द के कारणों को दूर करने में मदद कर सकती है। साथ ही यह मांसपेशियों में थकान और तनाव के कारण पैदा होने वाले (Musculoskeletal) दर्द को भी नियंत्रित करने में सहायक हो सकती है (10)।

दूसरी ओर जैतून का तेल भी दर्द कम कर सकता है। दरअसल, इसमें एनाल्जेसिक यानी दर्द निवारक प्रभाव होता है। यह प्रभाव टांगों के दर्द को भी दूर करने में मदद कर सकता है (11)। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि लाल मिर्च युक्त जैतून का तेल प्रभावी रूप से पैरों के दर्द को कम करने में मदद कर सकता है। ध्यान दें कि मिर्च से त्वचा पर जलन हो सकती है, इसलिए कम मात्रा में ही इसका इस्तेमाल करें। साथ ही इस उपाय को करने के बाद हाथों को अच्छे से धो लें, वरना हाथ आंखों में लगने से जलन हो सकती है।

3. एसेंशियल ऑयल

सामग्री :

  • एक बाल्टी गर्म पानी (सहने योग्य)
  • तीन से चार बूंद यूकेलिप्टस / लैवेंडर / लौंग का तेल

कैसे इस्तेमाल करें :

  • एक बाल्टी गर्म पानी में ऊपर दिए गए किसी भी एसेंशियल ऑयल को मिलाएं।
  • अब करीब 10 से 15 मिनट बाल्टी में पैर डालकर बैठ जाएं।
  • समय पूरा होने के बाद पानी से पैरों को बाहर निकाल लें और पैरों को साफ पानी से धो लें।
  • इस प्रक्रिया को हफ्ते में दो से तीन बार तक दोहराया जा सकता है।

कैसे है फायदेमंद :

यूकेलिप्टस ऑयल में एनाल्जेसिक (दर्द निवारक) और एंटी इंफ्लेमेटरी (सूजन कम करने वाला) प्रभाव होता है (12)। साथ ही लौंग में एनाल्जेसिक और एंटी नोकिसेप्टिव (ऐंठन को कम करने वाला) प्रभाव होता है (13)। इनके अलावा, लैवेंडर ऑयल के फायदे में भी दर्द को नियंत्रित करना शामिल है (14)। इस कारण यह माना जा सकता है कि टांगों में दर्द के घरेलू उपाय में इन तीनों एसेंशियल ऑयल का उपयोग किया जा सकता है।

4. एप्सम सॉल्ट और बेकिंग सोडा

सामग्री :

  • एक बाल्टी में सहने योग्य गर्म पानी
  • एक चम्मच एप्सम सॉल्ट
  • एक चम्मच बेकिंग सोडा

कैसे इस्तेमाल करें : 

  • एक बाल्टी गर्म पानी में एक-एक चम्मच एप्सम सॉल्ट और बेकिंग सोडा मिलाएं।
  • उसके बाद बाल्टी में पैर डालकर करीब 10 से 15 मिनट तक बैठें।
  • समय पूरा होने के बाद साफ पानी से पैर धो लें।
  • इस प्रक्रिया को सुविधा और आवश्यकता के आधार पर इस्तेमाल किया जा सकता है।

कैसे है फायदेमंद :

विशेषज्ञों के मुताबिक, एप्सम साल्ट मैग्नीशियम सल्फेट का एक सामान्य प्रकार है। इसे नहाने के पानी में मिलाकर उपयोग करने से सूजन और जोड़ों के दर्द से जुड़ी परेशानी में राहत पाई जा सकती है। यह मांसपेशियों में तनाव और ऐंठन की स्थिति में भी सहायक साबित हो सकता है (15)। वहीं, ऑस्टियोपोरोसिस भी टांगों में दर्द का एक कारण हो सकता है, जिसके लक्षणों को कुछ हद तक कम करने में बेकिंग सोडा (सोडियम बायकार्बोनेट) का इस्तेमाल करना प्रभावकारी हो सकता है (16)।

इसके अलावा, बेकिंग सोडा का सेवन करने से भी इस समस्या से राहत मिल सकती है। दरअसल, बेकिंग सोडा का सेवन करने से घुटने की मांसपेशियों में आई संकुचन को कम किया जा सकता है और घुटने के दर्द को कम करके उसके कार्यों में सुधार हो सकता है (17)। इस कारण यह कहना गलत नहीं होगा कि एप्सम साल्ट और बेकिंग सोडा युक्त गर्म पानी से टांगों में दर्द का घरेलू इलाज किया जा सकता है, जो कुछ हद तक लाभकारी साबित हो सकता है।

5. मालिश

सामग्री :

  • दो से तीन चम्मच जैतून का तेल
  • दो बूंद लैवेंडर ऑयल

कैसे इस्तेमाल करें :

  • सबसे पहले जैतून के तेल में दो बूंद लैवेंडर ऑयल मिलाएं।
  • अब इसे थोड़ा गर्म करें।
  • फिर इस तेल से प्रभावित क्षेत्र की मसाज करें और पूरी रात के लिए ऐसे ही छोड़ दें।
  • इस प्रक्रिया को दिन में एक से दो बार तक दोहराया जा सकता है।

कैसे है फायदेमंद :

मालिश टांगों में दर्द के घरेलू उपाय में काफी लाभदायक हो सकती है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित दर्द नियंत्रण संबंधित एक शोध में जिक्र मिलता है कि मालिश से दर्द में कुछ राहत मिल सकती है। दरअसल, मालिश से प्रभावित स्थान की मांसपेशियों में खून का बहाव सक्रिय होता है और सूजन के कारण होने वाला दर्द कम हो सकता है (18)। ऐसे में टांगों के दर्द की समस्या से राहत के लिए मालिश एक बेहतर विकल्प साबित हो सकता है। इसके लिए किसी भी तेल का उपयोग किया जा सकता है।

6. गर्म सिकाई (डीप हीट)

सामग्री :

  • एक टब
  • गर्म पानी
  • एक तौलिया

कैसे इस्तेमाल करें :

  • गर्म पानी में तौलिया भिगो लें।
  • फिर उसे निचोड़ कर उससे पानी झटक लें।
  • इसके बाद तौलिए को पैर पर लपेट लें।
  • जब तौलिए का तापमान सामान्य हो जाए, तो दोबारा से उसे गर्म पानी में डालें और 3-4 बार इस प्रक्रिया को दोहराएं।
  • इसकी जगह हीटिंग बैग का भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
  • जब भी पैरों में दर्द महसूस हो, तो इस उपाय को कर सकते हैं।

कैसे है फायदेमंद :

गर्म सिकाई करना भी टांगों में दर्द का घरेलू इलाज माना जा सकता है। दरअसल, घरेलू उपचार के तौर पर गर्म सिकाई करने से अर्थराइटिस के कारण जोड़ों में आई अकड़न को कम किया जा सकता है। साथ ही मांसपेशियां भी नरम हो सकती हैं। इससे रक्त प्रवाह बेहतर होता है और जोड़ों के दर्द से राहत मिल सकती है (19)। हम लेख में बता ही चुके हैं कि अर्थराइटिस के कारण जोड़ों में आई सूजन भी टांगों के दर्द का एक कारण है (2)।

एक अन्य अध्ययन के अनुसार, हीट थेरेपी से मांसपेशियों में थकान और तनाव के कारण होने वाले दर्द (मस्कुलोस्केलेटल इंजरी) से राहत पाई जा सकती है। साथ ही यह थेरेपी रक्त प्रवाह को बढ़ाने और कनेक्टिव टिश्यू (एक अंग को दूसरे अंग से जोड़ने वाले ऊतक) की लचक में वृद्धि लाने में भी प्रभावी हो सकती है (20)। इस आधार पर यह माना जा सकता है कि टांगों में दर्द का इलाज करने के लिए गर्म सिकाई का उपयोग सहायक साबित हो सकता है।

7. सिरका

सामग्री :

  • 1 गिलास पीने का पानी
  • 2 चम्मच सेब का सिरका
  • 2 चम्मच शहद

कैसे इस्तेमाल करें :

  • पीने के पानी में सेब का सिरका और शहद मिलाएं।
  • फिर इसे पी लें।
  • दिन में तीन बार इसका सेवन किया जा सकता है।

कैसे है फायदेमंद :

सेब का सिरका भी टांगों में दर्द का घरेलू इलाज हो सकता है। अध्ययनों से पता चलता है कि जोड़ों में दर्द की समस्या दूर करने में सेब का सिरका फायदा पहुंचा सकता है। इसमें एंटी-इंफ्लामेटरी और एंटिनोसाइसेप्टिव (Anti-Nociceptive – दर्द की तीव्रता को कम करने वाला) प्रभाव होता है। ये प्रभाव जोड़ों के दर्द, गठिया या सामान्य दर्द से राहत दिला सकता है (21)।

सेब के सिरके का यह प्रभाव बढ़ाने के लिए शहद का इस्तेमाल भी किया जा सकता है। एक अन्य अध्ययन के अनुसार, गठिया के दर्द से राहत दिलाने में सेब के सिरके के साथ शहद का सेवन करना कारगर साबित हो सकता है (22)। इस आधार पर कहा जा सकता है कि शहद और सेब का सिरका मिलकर टांगों में होने वाले दर्द को कम कर सकते हैं।

8. पुदीने की चाय

सामग्री :

  • एक कप पानी
  • आधा चम्मच पुदीने की पत्तियां या 2 पुदीना टी बैग
  • वैकल्पिक, स्वादानुसार शहद

कैसे इस्तेमाल करें :

  • किसी बर्तन में पानी गर्म करें।
  • इसके बाद इसमें 5 मिनट के लिए पुदीने की पत्तियां या टी बैग डालें।
  • जब पानी में पुदीने का रंग आने लगे, तो टी बैग निकाल दें।
  • अगर पुदीने की पत्तियों से चाय बनाई है, तो उसे छान लें।
  • अब एक कप में चाय निकालकर इसका सेवन करें।
  • स्वाद के लिए इसमें शहद या शक्कर भी मिला सकते हैं।
  • दिन में एक बार इसे पी सकते हैं।

कैसे है फायदेमंद :

पारंपरिक दवा के रूप में कई सालों से पुदीने के तेल के उपयोग के साथ ही पुदीने की पत्तियों का सेवन भी किया जाता रहा है। पशु अध्ययनों से यह पता चलता है कि पुदीना केंद्रीय और परिधीय तंत्रिका तंत्र (तंत्रिकाओं का समूह) में एनाल्जेसिक (दर्द कम करने वाला) और एनेस्थेटिक (चेतना शून्य करने वाला) प्रभाव प्रदर्शित करता है। इसके कारण दर्द से जुड़ा सिग्नल तंत्रिका तंत्र तक नहीं पहुंचता (23)। इसी आधार पर कहा जा सकता है कि टांगों में दर्द की समस्या में पुदीने की चाय पीने के फायदे हो सकते हैं।

9. पैरों पर ब्रश करना

सामग्री :

  • मुलायम ब्रिसल वाला चौड़ा ब्रश

कैसे इस्तेमाल करें :

  • पैरों के निचले हिस्से से शुरू करते हुए, पैरों के ऊपरी हिस्से तक ब्रश करें।
  • फिर ऊपर से नीचे आते हुए पैरों पर ब्रश करें।
  • इस प्रक्रिया को 5 से 10 बार कर सकते हैं।

कैसे है फायदेमंद :

सूखा ब्रश (Skin Brushing) करने की प्रक्रिया भी एक तरह से मालिश की प्रक्रिया जैसे ही होती है। लेख में हम यह पहले ही बता चुके हैं कि मालिश करने से मांसपेशियों में रक्त प्रवाह बढ़ सकता है (18)। इसके अलावा, अन्य शोधों से भी इसकी पुष्टि होती है कि मालिश करने से गठिया या अन्य शारीरिक स्थितियों के कारण होने वाले दर्द को कम किया जा सकता है (24)। साथ ही, मालिश करने से नींद और हीलिंग प्रोसेस (घाव भरने की प्रक्रिया) को भी बढ़ाया जा सकता है (25)। इस आधार पर ऐसा माना जा सकता है कि अगर पैरों में दर्द का कारण थकान, मांसपेशियों की चोट या गठिया से जुड़ा है, तो टांगों में दर्द का इलाज करने के लिए ब्रश करने का उपाय भी कारगर हो सकता है।

10. पैरों को ऊपर उठाना

कैसे करें :

  • सबसे पहले किसी टेबल या स्टूल के सामने कुर्सी पर बैठ जाएं।
  • फिर उस टेबल पर अपने दोनों पैरों को रखें।
  • यह ध्यान रखें कि पैरों की ऊंचाई हृदय से ऊपर हो।
  • इसके बाद अपने पैरों को 15 मिनट के लिए ऐसे ही रखें।
  • दिन में 3 से 4 बार 15-15 मिनट के लिए ऐसा किया जा सकता है।

कैसे फायदेमंद है :

हम लेख में यह पहले ही बता चुके हैं कि तंत्रिका तंत्र से संबंधित विकार साइटिका के कारण भी पैरों में दर्द की समस्या हो सकती है। इससे राहत पाने के लिए भी पैरों को ऊपर उठाने की प्रक्रिया को अपनाया जा सकता है (2)। दरअसल, पैरों को ऊपर उठाने से पैरों के पीछे की मांसपेशियों का लचीलापन यानी हैमस्ट्रिंग फ्लेक्सिबिलिटी को बढ़ाया जा सकता है। इसके कारण साइटिका संबंधित पैरों का दर्द कम हो सकता है। साथ ही यह तकनीक पीठ के निचले हिस्से को मजबूत बनाकर उससे संबंधित दर्द को कम करने में भी मददगार साबित हो सकती है (26)।

11. व्यायाम

टांगों में दर्द का उपाय व्यायाम भी हो सकता है। एक्सरसाइज करने से न सिर्फ रक्त प्रवाह बेहतर होता है, बल्कि हड्डियां और मांसपेशियां भी मजबूत हो सकती है। दरअसल, नियमित व्यायाम करने से बढ़ती उम्र के कारण कम हो रहे हड्डियों के घनत्व को धीमा किया जा सकता है, जिससे मजबूत हड्डियों का निर्माण होता है। साथ ही मांसपेशियों की ताकत बनाए रखने में भी मदद मिल सकती है (27)। ऐसे में अगर किसी को कमजोर हड्डियों या फिर मांसपेशियों के कारण टांगों में दर्द हो रहा है, तो राहत पाने के लिए नीचे बताई गई एक्सरसाइज कर सकते हैं।

  • किसी कुर्सी पर बैठ जाएं।
  • फिर एड़ी को जमीन पर टिकाते हुए, पंजे को ऊपर उठाएं।
  • अब घड़ी की दिशा में एड़ी को गोल-गोल घुमाएं।
  • ऐसा 5 मिनट के लिए करें।
  • फिर पैर को सामान्य रूप से फर्श पर रखें।
  • अब दूसरे पैर के पंजे से भी ऐसा ही करें।

पढ़ते रहें

अब हम टांगों में दर्द का इलाज कैसे किया जाता है, यह बता रहे हैं।

टांगों में दर्द का इलाज – Treatment of Leg Pain in Hindi

टांगों में दर्द का कोई एक निश्चित कारण नहीं है, इसलिए टांगों में दर्द का इलाज इसके कारणों के आधार पर ही किया जा सकता है। दरअसल, मांसपेशियों में सूजन, फ्रैक्चर और कुछ रोग इसके कारण में शामिल हैं, जिसके बारे में लेख में ऊपर बताया जा चुका है। इसके लिए सबसे पहले जांच करके इसके मुख्य कारण का पता लगाया जाता है उसके बाद ही उपचार की दिशा में कदम बढ़ाया जा सकता है (28) (29)।

  • सामान्य मांसपेशियों की अकड़न, ऐंठन और सूजन के कारण होने वाले टांगों में दर्द का इलाज करने के लिए डॉक्टर आराम करने की सलाह दे सकते हैं।
  • सिर्फ सूजन होने पर इसे कम करने वाले मरहम व दवा का इस्तेमाल करने का सुझाव दे सकते हैं।
  • फ्रैक्चर या अन्य समस्या होने पर दवा के साथ ही प्लास्टर और अन्य जरूरी सलाह दी जा सकती है।
  • टांगों में दर्द के अन्य कारण होने की स्थिति में डॉक्टर की उससे संबंधित दवा और दिशा निर्देश देते हैं।

स्क्रॉल करें

इस भाग में हम टांगों में दर्द का उपाय करने के लिए एक्यूप्रेशर की जानकारी देंगे।

थके पैरों के लिए एक्यूप्रेशर – Acupressure Points For Tired Legs in Hindi

प्राचीन काल से ही कई शारीरिक बीमारियों का उपचार करने के लिए एक्यूप्रेशर की विधि अपनाई जाती रही है, जिसमें शरीर का दर्द और थकान दूर करना भी शामिल है। एक्यूप्रेशर एक तरह की शारीरिक थेरेपी होती है, जिसकी प्रक्रिया के दौरान शरीर के कुछ विशेष बिंदुओं को दबाया जाता है, जिन्हें एक्यूप्वाइंट कहते हैं। इन क्षेत्रों पर दबाव डालने से स्ट्रेस हार्मोन के साथ-साथ अन्य जरूरी हार्मोन को भी नियंत्रित करने में मदद मिलती है, जो शारीरिक थकान और दर्द दूर करने में प्रभावकारी हो सकते हैं। साथ ही यह रक्त संचार में सुधार करने में भी मदद कर सकता है (30)।

एक्यूप्रेशर थेरेपी के दौरान हाथों की कोहनी, उंगलियों, पैरों, हथेलियों, अंगूठे या किसी विशेष उपकरणों की मदद से शरीर के क्षेत्रों पर दबाव बनाया जाता है (30)। ऐसे में टांगों में दर्द का उपाय करने के लिए यह थेरेपी हमेशा अनुभवी और विशेषज्ञों की देखरेख में ही करानी चाहिए।

अंत तक पढ़ें

टांगों में दर्द के इलाज के बाद अब हम टांगों में दर्द से बचाव के बारे में जानेंगे।

टांगों में दर्द से बचाव  – Prevention Tips for Leg Pain in Hindi

निम्नलिखित उपायों को अपनाकर टांगों में दर्द से बचाव किया जा सकता है।

  • टांगों में दर्द का उपाय करने के लिए सूर्य के प्रकाश या खाद्य पदार्थों के माध्यम से विटामिन डी की पर्याप्त मात्रा लें। विटामिन डी हड्डियों और मांसपेशियों में दर्द पैदा करने वाले जोखिम कारकों को दूर रखने में सहायक साबित हो सकता है (31)।
  • पैरों के नाप के अनुसार सुविधाजनक और आरामदायक जूतों का इस्तेमाल करें। गलत जूतों का चुनाव टांगों में दर्द का कारण बन सकता है (32)।
  • मोटापे की समस्या से ग्रस्त लोग वजन नियंत्रित कर टांगों में होने वाले दर्द की समस्या से बच सकते हैं। कारण यह है कि अधिक वजन के कारण पैरों पर अधिक दबाव पड़ता है। इससे जोड़ों में सूजन और दर्द की समस्या की शिकायत हो सकती है (33)।
  • एक ही जगह पर लंबे समय तक खड़े या बैठे रहने से बचें। थोड़ी-थोड़ी देर पर अपनी स्थिति और जगह में बदलाव करते रहें। दरअसल, इस आदत की वजह से भी पैरों में दर्द की समस्या पैदा हो सकती है (34)।
  • टांगों में दर्द का उपाय करने के लिए रोजाना 20-30 मिनट की सैर भी कर सकते हैं। सैर करने से हड्डियों और मांसपेशियों को मजबूती मिल सकती है (35)। इस तरह सैर करने के फायदे पैरों के दर्द का कारण बनने वाली स्थितियों को रोकने में भी मदद कर सकते हैं।

टांगों में दर्द से जुड़ी सभी जरूरी जानकारी आपको इस लेख से मिल ही गई होगी। इस समस्या से जुड़े कारण को दूर करके और यहां बताए गए घरेलू उपचारों को अपनाकर दर्द से राहत पाने में मदद मिल सकती है। बस प्रभावी लाभ के लिए जरूरी है कि लेख में दिए गए सभी बिंदुओं को अच्छे से पढ़ने और उपचार की दिशा में सही कदम बढ़ाने की। हां, इन घरेलू उपचार को इलाज समझने की गलती न करें। टांगों में दर्द के घरेलू उपाय इस परेशानी से राहत दिला सकते हैं, लेकिन इसका कारण जानकर दर्द को पूरी तरह खत्म करने के लिए चिकित्सकीय उपचार जरूरी है।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

मेरे पैरों में भारीपन क्यों महसूस होता है?

पेरिफेरल आर्टरी डिजीज के कारण पैरों में भारीपन महसूस हो सकता है (36)। दरअसल, आर्टरी या धमनियों के सिकुड़ने के कारण ऐसा होता है, जिसकी अन्य संभावित वजह भी हो सकती है। इस स्थिति में पैरों में उचित मात्रा में खून नही पहुंच पाता। नतीजन पैर सुन्न महसूस होते हैं (37)।  इसके अलावा, गर्भावस्था के कारण भी पैरों में भारीपन महसूस हो सकता है, क्योंकि इस दौरान पैरों की नसों पर दबाव बढ़ने लगता है (38)।

पीठ के निचले हिस्से में दर्द के कारण क्या पैरों में दर्द हो सकता है?

अगर पीठ के निचले हिस्से का दर्द साइटिका से जुड़ा है, तो यह पैरों में दर्द का भी कारण बन सकता है (39)।

क्या टांगों में दर्द की स्थिति दिल की समस्याओं का संकेत है?

हां, वैसे तो टांगों में दर्द होना सामान्य है, लेकिन कई बार यह दिल से जुड़ी समस्या भी हो सकती है। अगर दर्द के साथ पैरों के निचले हिस्सों में सूजन है, तो यह दिल से जुड़ी बीमारी का संकेत हो सकता है। दरअसल, जब हृदय का सामान्य कार्य प्रभावित होता है, तो इससे रक्त प्रवाह भी प्रभावित हो सकता है। इसकी वजह से पैरों में सूजन आ जाती है (40)।

सोते समय पैरों में दर्द होने का कारण क्या है?

अगर पैरों में बिना किसी चोट के कारण सोते समय दर्द होता है, तो इसका कारण डिहाइड्रेशन या खून में सोडियम, पोटेशियम, कैल्शियम और मैग्नीशियम की कमी को माना जा सकता है। इसके अलावा, यह मांसपेशियों में थकावट और आपके द्वारा सेवन की जाने वाली दवाओं का प्रभाव भी हो सकता है (2)।

क्या निर्जलीकरण (डिहाइड्रेशन) के कारण पैर में दर्द हो सकता है?

हां, निर्जलीकरण (डिहाइड्रेशन) होने पर भी पैरों में दर्द की समस्या हो सकती है (2)। दरअसल, डिहाइड्रेशन के कारण शरीर में जरूरी मात्रा में तरल पदार्थों की कमी हो जाती है, जिसके कारण मांसपेशियों में दर्द की समस्या हो सकती है (41)। यह पैरों में दर्द का एक कारण बन सकता है।

टांगों में दर्द के कारण क्या हो सकते हैं?

टांगों में दर्द के कारण कई हो सकते हैं, जिसमें चोट से लेकर शरीर में मिनरल्स की कमी, थकान आदि शामिल हैं (2)।

टांगों में दर्द होने पर डॉक्टर के पास कब जाना चाहिए?

टांगों में दर्द होने के साथ ही अगर निम्नलिखित स्थितियां महसूस होती हैं, तो डॉक्टर के पास जाना चाहिए (2)।

  • दर्द के साथ पैरों में सूजन या लालिमा नजर आना
  • बुखार होना
  • चलते, व्यायाम करते या आराम करते समय पैरों का दर्द बढ़ना
  • पैर की त्वचा का काला या नीला पड़ना
  • पैरों का ठंडा रहना और त्वचा में पीलापन आना
  • टांगों में दर्द के घरेलू उपाय करने के बाद भी पैरों का दर्द दूर न होने पर

और पढ़े:

  • कान में दर्द के कारण और घरेलू उपचार
  • सिरदर्द का इलाज और 15 आसान घरेलू उपाय
  • पेट दर्द (Pet Dard) का इलाज – कारण, लक्षण और घरेलू उपाय
  • कमर दर्द के लक्षण, इलाज और घरेलू उपचार
  • दांत दर्द के 15 बेहतरीन घरेलू इलाज

Sources

Articles on StyleCraze are backed by verified information from peer-reviewed and academic research papers, reputed organizations, research institutions, and medical associations to ensure accuracy and relevance. Read our editorial policy to learn more.

  1. Pain
    //medlineplus.gov/pain.html
  2. Leg pain
    //medlineplus.gov/ency/article/003182.htm
  3. Basic aspects of musculoskeletal pain: from acute to chronic pain
    //www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3201649/
  4. Office Evaluation of Leg Pain
    //www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3036463/
  5. Neuropathic pain
    //www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC5371025/
  6. Tendinitis
    • Shin splints
      //medlineplus.gov/ency/imagepages/19482.htm
    • Leg cramps
      //www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4429847/
    • The Use of Ice Pack for Pain Associated with Arterial Punctures
      //www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4576562/
    • Topical capsaicin for pain management: therapeutic potential and mechanisms of action of the new high-concentration capsaicin 8% patch
      //www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3169333/
    • The Effectiveness of Olive Oil in Controlling Morning Inflammatory Pain of Phalanges and Knees Among Women With Rheumatoid Arthritis: A Randomized Clinical Trial
      //pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/30192341/
    • Immune-modifying and antimicrobial effects of Eucalyptus oil and simple inhalation devices
      //pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/20359267/
    • Clove (Syzygium aromaticum): a precious spice
      //www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3819475/
    • The Effectiveness of Aromatherapy in Reducing Pain: A Systematic Review and Meta-Analysis
      //www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC5192342/
    • Magnesium Sulfate
      //www.ams.usda.gov/sites/default/files/media/MGSu%20Technical%20Evaluation%20Report%20Livestock.pdf
    • A Double-Blind, Active-Controlled Clinical Trial of Sodium Bicarbonate and Calcium Gluconate in the Treatment of Bilateral Osteoarthritis of the Knee
      //www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC5385469/
    • Sodium bicarbonate supplementation improves performance in isometric fatigue protocol
      //www.researchgate.net/publication/330895874_Sodium_bicarbonate_supplementation_improves_performance_in_isometric_fatigue_protocol
    • The Impact of Massage Therapy on Function in Pain Populations—A Systematic Review and Meta-Analysis of Randomized Controlled Trials: Part I, Patients Experiencing Pain in the General Population
      //www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4925170/
    • Thermotherapy for treatment of osteoarthritis
      //www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC6669258/
    • Mechanisms and efficacy of heat and cold therapies for musculoskeletal injury
      //pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/25526231/
    • Evaluation of acute and chronic anti-nociceptive and anti-Inflammatory effects of apple cider vinegar
      //ijpr.sbmu.ac.ir/article_466.html
    • STUDY ABOUT THE NUTRITIONAL AND MEDICINAL PROPERTIES OF APPLE CIDER VINEGAR ARTICLE INFO ABSTRACT
      //www.researchgate.net/publication/322953260_STUDY_ABOUT_THE_NUTRITIONAL_AND_MEDICINAL_PROPERTIES_OF_APPLE_CIDER_VINEGAR_ARTICLE_INFO_ABSTRACT
    • A review of the bioactivity and potential health benefits of peppermint tea (Mentha piperita L.)
      //pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/16767798/
    • Massage therapy research review
      //pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/25172313/
    • The Effects of Massage Therapy on Pain Management in the Acute Care Setting
      //www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3091428/
    • EFFICACY OF MULLIGAN’S TWO LEG ROTATION AND BENT LEG RAISE TECHNIQUES IN HAMSTRING FLEXIBILITY IN SUBJECTS WITH ACUTE NON-SPECIFIC LOW BACK PAIN: RANDOMIZED CLINICAL TRIAL.
      //www.ijmhr.org/ijpr_articles_vol2_5/IJPR-2014-682.pdf
    • Benefits of Exercise
      //medlineplus.gov/benefitsofexercise.html
    • Lower leg pain. Diagnosis and treatment of compartment syndromes and other pain syndromes of the leg
      //pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/10222542/
    1. Characteristics of patients with low back and leg pain seeking treatment in primary care: baseline results from the ATLAS cohort study
      //www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4634730/
    2. Contemporary acupressure therapy: Adroit cure for painless recovery of therapeutic ailments
      //www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC5388088/
    3. Vitamin D supplementation for patients with chronic pain
      //www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3347929/
    4. Achilles tendinitis
      //medlineplus.gov/ency/article/001072.htm
    5. The association between chronic pain and obesity
      //www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4508090/
    6. Evidence of Health Risks Associated with Prolonged Standing at Work and Intervention Effectiveness

      //www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4591921/

    7. Walking to health
      //pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/9181668/
    8. Peripheral Artery Disease
      //www.nhlbi.nih.gov/health-topics/peripheral-artery-disease
    9. Peripheral artery disease – legs
      //medlineplus.gov/ency/article/000170.htm
    10. Pregnancy – signs and symptoms
      //www.betterhealth.vic.gov.au/health/HealthyLiving/pregnancy-signs-and-symptoms
    11. Diagnosis and treatment of sciatica//www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC1895638/
    12. Warning signs and symptoms of heart disease
      //medlineplus.gov/ency/patientinstructions/000775.htm
    13. Dehydration
      //medlineplus.gov/ency/article/000982.htm

    //medlineplus.gov/ency/article/001229.htm

Was this article helpful?

Related

The following two tabs change content below.

  • Author

Saral Jain

सरल जैन ने श्री रामानन्दाचार्य संस्कृत विश्वविद्यालय, राजस्थान से संस्कृत और जैन दर्शन में बीए और डॉ. सी. वी. रमन... more

ताज़े आलेख

  • 75+ नारी के सम्मान में शायरी - Best Respect Women Quotes In Hindi | नारी का सम्मान कोट्स | Respect Girl Shayari

    टांगों में दर्द होने का क्या कारण है?

    इस दर्द की कई वजह (Reason) हो सकती हैं. इनमें मांसपेशियों में अकड़न, शरीर में पानी की कमी, लम्बे समय तक एक ही मुद्रा (Posture) में बैठे रहना, पोषण की कमी और टांगों में कमजोरी होने जैसी कई और वजह भी शामिल हैं. कई बार ये दर्द इतना ज्यादा होता है जिसे बर्दाश्त करना मुश्किल हो जाता है.

    टांगो का दर्द कैसे ठीक होगा?

    पैर दर्द में राहत पाने के लिए आप इन पांच घरेलू उपायों को आजमा सकते हैं:.
    बर्फ से सिकाई अगर ब‍हुत अधिक दौड़-भाग करने से आपकी टांगों में दर्द है तो ठंडी पट्टी का इस्तेमाल करना आपके लिए फायदेमंद होगा. ... .
    मसाज करने से ... .
    हल्दी के इस्तेमाल से ... .
    नमक के पानी का इस्तेमाल ... .
    अदरक का इस्तेमाल.

    घुटने से नीचे पैर में दर्द क्यों होता है?

    घुटनों के पीछे दर्द जिसे हैमस्ट्रिंग भी कहते हैं, आज एक बड़ी समस्या बनी हुई है । घुटने के पीछे का दर्द कईं कारणों से होता है । जब घुटनों की मांसपेशियों में दवाब या खिंचाव आ जाता है, तब यह दर्द शुरु होता है । कभी-कभी टखनों में पानी भर जाता है, जिससे सूजन आ जाती है, तब यह दर्द पैदा हो जाता है ।

    पैरों में दर्द किसकी कमी से होता है?

    अगर शरीर में विटामिन डी की कमी है तो आपको पैरो में दर्द जैसी परेशानी होती है. अगर आप विटामिन डी से भरपूर फूड का सेवन करेंगे तो जल्द ही पैरों के दर्द से निजात मिल सकती है.

Toplist

नवीनतम लेख

टैग