मधुमक्खी का छत्ता घर में लगने से क्या होता है? - madhumakkhee ka chhatta ghar mein lagane se kya hota hai?

कई बार बहुत मेहनत करने पर भी मनचाहा फल नहीं मिल पाता है। इसके पीछे का कारण वास्तुदोष हो सकता है। ऐसे में व्यक्ति को जीवन में बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ता हैं। असल में, हमारे आसपास की चीजें भी हम पर अपना गहरा प्रभाव डालती हैं। ऐसे में घर पर मौजूद कुछ चीजों तरक्की के रास्ते में बांधा डालती है, जिसके कारण आर्थिक रूप परेशानी होने लगती है। इसके लिए इन चीजों को जल्द से जल्द घर से बाहर निकालने में ही भलाई होती है। तो चलिए जानते है वे कौन सी चीजें है जिसे घर पर रखने से अशुभ प्रभाव पड़ता है। 

कबूतरों का घोंसला

वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर पर कबूतरों द्वारा घोंसला बनाना अशुभ माना जाता है। इससे पैसों से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में अगर किसी के घर की छत या बालकनी में घोंसला बना है तो उसे बिना कोई नुकसान पहुंचाए किसी सुरक्षित स्थान पर रख आए।

मकड़ी का जाला

घर पर फैली गंदगी और मकड़ी के जाले होना अशुभ माने जाते हैं। वास्तु के अनुसार, इसके कारण सेहत खराब होने के साथ जीवन में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में घर की साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए। 

आमतौर पर बहुत से घरों में मधुमक्खियां अपना छत्ता बनाने लगती हैं, जिसे अशुभ माना जाता है। इससे घर में नकारात्मक ऊर्जा आने के साथ व्यापार और कारोबार में कमी होने लगती है। ऐसे में इसे जल्द से जल्द हटा देना चाहिए। 

छत पर कबाड़ व भारी सामान रखना

अक्सर लोग घर की छत पर कबाड़ और भारी मात्रा में सामान रख देते हैं। मगर वास्तु के अनुसार, ऐसा करने से तरक्की के रास्ते पर अड़चनों का सामना करना पड़ सकता है। 

टूटा शीशा

वास्तु के अनुसार, शीशे का टूटना शुभ संकेत देता है। माना जाता है कि घर-परिवार पर आने वाली मुसीबत को शीशा खुद पर लेकर टूट जाता है। मगर इस टूटे हुए शीशे को तुरंत घर से बाहर निकाल देना चाहिए। असल में, टूटे शीशे को घर में रखने से नकारात्मक ऊर्जा का वास होता है। साथ ही आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में शीशा टूटने पर फौरन उसे बदल दें।

टूटी व खराब दीवारें

घर की टूटी-फूटी व खराब दीवारें वास्तुदोष का कारण बनती है। इससे घर में नकारात्मकता फैलती है। ऐसे में घर की सुख-शांति भंग होने के साथ आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में घर की साफ-सफाई के साथ उसकी मरम्मत का भी खास ख्याल रखें। 

खराब व मुरझाए फूल

बहुत से लोग सुबह पूजा-पाठ के दौरान भगवान को फूल अर्पित करते हैं। वास्तु के अनुसार, भगवान को चढ़ाने के लिए हमेशा ताजे फूलों का ही इस्तेमाल करना चाहिए। इसके साथ ही कुछ घंटे या शाम तक फूल खराब व बासी होने लगते हैं। ऐसे में इन्हें पूजा घर से हटा देना चाहिए। असल में, रातभर बासी पड़े फूल घर में नेगेटिविटी लाने का काम करते है। इसके कारण घर के सदस्यों को जीवन मेें परेशानियों का सामना करना पड़ सकता हैं। ऐेसे फूलों को चढ़ाने के कुछ घंटे बाद अपने पूजा घर से हटा लेना चाहिए। 

मधुमक्खी के छत्ते के प्राकृतिक प्रसार और पुनरुत्पादन को झुंड में छत्ता छोड़ने के रूप में जाना जाता है। आमतौर पर, मधुमक्खियां बसंत या गर्मियों की शुरुआत (अप्रैल-जून) में झुंड बनाकर छत्ता छोड़ती हैं। संक्षेप में, रानी मधुमक्खी अपने कुछ भरोसेमंद कर्मचारियों के साथ नए घोंसले की तलाश में मधुमक्खी पालन के स्थान को छोड़ देती है। मधुमक्खियों का यह समूह (अपने विश्वसनीय कर्मचारी मधुमक्खियों के साथ रानी मधुमक्खी) कुछ समय तक आसपास के पेड़ की शाखा पर आराम करेगा, लेकिन जल्दी ही नया छत्ता खोजकर, वहां रहना शुरू कर देगा और अपना जीवन चक्र शुरू करेगा। इसी बीच, छत्ते में पर्याप्त मधुमक्खियां और रानियों के कुछ कोष होते हैं, जिनसे नयी रानियां उत्पन्न होंगी। यदि मधुमक्खी पालक हस्तक्षेप नहीं करता तो इन रानियों में से सबसे शक्तिशाली रानी उभरकर सामने आएगी और अंत में विजयी होकर (सभी प्रतिद्वंदी रानियों को काटकर और मारकर) नए रानी बनेगी। छत्ता छोड़कर जाने की घटना के लिए मधुमक्खियों या मधुमक्खी पालक को दोष नहीं देना चाहिए। आमतौर पर, उचित स्थितियों में, मधुमक्खियां छत्ता छोड़कर उड़ने के लिए ही बनी होती हैं। इसके बिना, मनुष्यों द्वारा पाले जाने से पहले, मधुमक्खियां कभी भी हज़ारों वर्षों तक जीवित नहीं रह पातीं। हालाँकि, अनियंत्रित रूप से छत्ते से उड़ने के कारण मधुमक्खी पालक को समस्या हो सकती है, क्योंकि इससे छत्ते में मधुमक्खियों की संख्या 50% या इससे भी कम हो जाती है। नियंत्रित स्थितियों में मधुमक्खियों का छत्ते से उड़ना रोकने के लिए और इसका लाभ उठाने के लिए प्रत्येक मधुमक्खी पालक को इसके तरीकों का निरीक्षण करना चाहिए। यहाँ तक कि सबसे अनुभवी मधुमक्खी पालक भी हर साल कुछ मात्रा में मधुमक्खियों को छत्ते से जाते हुए देखते हैं।

मधुमक्खियों को छत्ता छोड़कर जाने से रोकने के कई उपाय हैं। कुछ मधुमक्खी पालक रानी के एक पंख में क्लिप लगा देते हैं ताकि यह उड़ ना सके (यह एक पुरानी तकनीक है लेकिन आज भी इसके बहुत सारे समर्थक हैं)। अन्य मधुमक्खी पालक छत्ते को दोबारा व्यवस्थित करके मधुमक्खियों की संख्या कम कर देते हैं ताकि रानी मधुमक्खी फेरोमोंस के माध्यम से कर्मचारियों से बेहतर संवाद कर सके। पुरानी रानी द्वारा फेरोमोन के निर्माण में कमी झुंड में छत्ता छोड़ने के सबसे प्रमुख कारणों में से एक है। जिसके कारण, कई कर्मचारी मधुमक्खियां रानी की बात नहीं सुनती हैं या उसके आदेश लेने से इंकार कर देती हैं। यह स्थिति तब और ज्यादा बुरी हो जाती है जब छत्ते के अंदर मधुमक्खियों की संख्या बहुत ज्यादा बढ़ जाती है और वायु-संचार के लिए पर्याप्त स्थान नहीं होता है। इसके बाद, रानी छत्ते को नियंत्रित और प्रेरित करने में असमर्थ होने के कारण हताश हो जाती है और कुछ भरोसेमंद और “निष्ठावान” कर्मचारी मधुमक्खियों के साथ एक नया छोटा समाज बनाने के लिए पुराने छत्ते को छोड़ देती है। इसलिए, एक बार फिर से, युवा (2 वर्ष तक की) और संपन्न रानी के होने से हम बहुत सारी परेशानियों से बच सकते हैं। मधुमक्खियों की संख्या बढ़ने से रोकना, जमाव से बचना और छत्ते के अंदर वायु संचार को बेहतर बनाना भी आवश्यक तकनीक हैं ताकि मधुमक्खी पालक पहले से सक्रिय रह सके और मधुमक्खियों को छत्ता छोड़ने से रोक सके।

सामान्य तौर पर, दूसरी जगह उड़कर छत्ता बनाने वाली मधुमक्खियां इतना शहद इकट्ठा नहीं करती कि उसे मधुमक्खी पालक द्वारा एकत्रित किया जा सके, ना ही ये आसपास की फसलों के लिए अच्छा परागण करती हैं। इसके अलावा, मधुमक्खी पालक के लिए मधुमक्खियों के झुंड का पता ना लगा पाने या उन्हें ना पकड़ पाने का भी जोखिम होता है। झुंड के उड़ने और इसके बाद उनका पीछा करने का इंतज़ार करने के बजाय, हम सावधानीपूर्वक नियंत्रित स्थितियों में और प्राकृतिक रूप से मधुमक्खियों के छत्ते से जाने से पहले ऐसी उचित स्थितियां बना सकते हैं जो एक कालोनी के दो में विभाजन को प्रेरित करेंगी। इस मामले में, जोखिमों से बचते हुए, कालोनी को विभाजित करके हमें नियंत्रित स्थानांतरण से लाभ होगा। हम उस छत्ते के पास एक खाली छत्ते को ध्यानपूर्वक रख सकते हैं जिसे हम बांटना चाहते हैं। हम पुराने छत्ते के आधे फ्रेम निकाल देते हैं (लेकिन रानी वाले फ्रेम को नहीं) और इसे नए छत्ते में स्थानांतरित कर देते हैं (जिसमें खुले और बंद लार्वा वाले 2 से 3 फ्रेम साथ ही साथ उसी दिन के लार्वा होने चाहिए)। यह स्थापन बाहर से अंदर की ओर होना चाहिए: शहर-पराग-लार्वा। हम नए “अनाथ” छत्ते को अपने मनचाहे स्थान पर रखकर दरवाज़ा खुला छोड़ देते हैं। पांच दिन में हम “रानी के कोषों” की जांच करते हैं और हम केवल 2 कोष छोड़ते हैं। हम खाना डालते हैं। हम देखते हैं कि पुराना छत्ता सामान्य रूप से विकसित हो रहा है या नहीं (जिसमें हमने रानी को छोड़ा था)। जाहिर तौर पर, इन दिशानिर्देशों को सरल बनाया गया है और ऐसे जटिल प्रबंधन के लिए थोड़े अनुभव की जरुरत होती है। अपने पहले विभाजन के प्रयासों के दौरान किसी अनुभवी मधुमक्खी पालक का सहयोग लेना बेहतर होता है।

आप मधुमक्खियों के स्थानांतरण के नियंत्रण के अपने तरीकों के बारे में टिप्पणी प्रदान करके या तस्वीर डालकर इस लेख को ज्यादा अच्छा बना सकते हैं।

नए लोगों के लिए मधुमक्खी पालन

शहद निर्माण करने वाली मधुमक्खियों की समाज संरचना और संगठन

मधुमक्खियों द्वारा शहद कैसे बनाया जाता है

छत्ता और आवश्यक उपकरण

छत्ते की स्थिति और स्थान नियोजन

मधुमक्खियों को कैसे खिलाएं

मधुमक्खियों के छत्ता छोड़ने की गतिविधि को समझना और नियंत्रित करना

सर्दियों के लिए छत्ते तैयार करना

शहद का संग्रह

मधुमक्खियों की सामान्य बीमारियां और कीट

प्रमुख मधुमक्खी कीट

मधुमक्खियों की प्रमुख बीमारियां

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मधुमक्खियों से संबंधित प्रश्न और उत्तर

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मधुमक्खी का छत्ता घर में लग जाए तो क्या होता है?

मधुमक्‍खी का छत्‍ता ऐसा कहा जाता है कि मधुमक्‍खी खराब किस्‍मत और गरीबी को न्‍यौता देती हैं। इसलिए इसे अपने घर से हटा दें। यह चूंकि काफी खतरनाक होती हैं, इसलिए इसे अपने घर से हटाने के लिए पेशेवरों की सहायता लें। माना जाता है कि मधुमक्‍खी के छत्‍ते में अनगिनत छेद आपके जीवन को क्षतविक्षत कर देते हैं।

मधुमक्खी का छत्ता देखने से क्या होता है?

सपने में बहुत सारी मधुमक्खी का छत्ता देखना स्वप्न शास्त्र मानता है कि यदि आपको सपने में मधुमक्खी का छत्ता दिखाई देता है तो यह आपके लिए संकेत है कि आने वाले समय में आपको अपार धन की प्राप्ति हो सकती है, या फिर आपका अटका हुआ धन अचानक प्राप्त होगा.

मधुमक्खी का छत्ता कब तोड़ना चाहिए?

छत्ता जब शहद से पूरी तरह से भरा हो, तब शहद निकालना चाहिए। पहले से निकालने पर पानी ज्यादा होता है और शहद का स्वाद अच्छा नहीं होता।

मधुमक्खी के छत्ते से क्या लाभ है?

एंटीऑक्‍सीडेंट से भरपूर- मधुमक्‍खी के छत्ते को खाने या चबाने से इम्‍यून शक्ति इम्‍प्रूव होती है। ये शरीर के मुक्‍त कणों का भी खात्‍मा करता है जो शरीर के टिश्‍यूज को डैमेज करता है। कॉस्‍मेटिक में होता है उपयोग- मधुमक्खी के छत्तों से न‍िकलने वाला मोम बड़े काम का होता है।

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