मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा हवाई अड्डा कौन सा है? - madhy pradesh ka sabase bada havaee adda kaun sa hai?

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केंद्र सरकार का MP को तोहफा, इस जिले में बनेगा देश का सबसे बड़ा एयरपोर्ट, कार्गो और लॉजिस्टिक हब होंगे विकसित

शिवराज सरकार द्वारा इसे लॉजिस्टिक और औद्योगिक हब के रूप में भी तैयार करने की कवायद जारी है।

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कलश तिवारी

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April 16, 2022

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मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा हवाई अड्डा कौन सा है? - madhy pradesh ka sabase bada havaee adda kaun sa hai?

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश (MP) को एक बार फिर से केंद्र सरकार (Modi Government) द्वारा बड़ा तोहफा दिया जाएगा। दरअसल देश का सबसे बड़ा हवाई अड्डा (India largest airport) मध्य प्रदेश (MP) में बनाया जाएगा। इसके लिए तैयारियां शुरू कर दी गई है। राजधानी भोपाल और आर्थिक राजधानी इंदौर के बीच बनने वाला यह एयरपोर्ट देश का सबसे बड़ा एयरपोर्ट होगा। 10 हजार एकड़ में बनने वाले इस एयरपोर्ट में कार्गो और लॉजिस्टिक हब (logistics hub) भी बनाए जाएंगे।

बता दे कि हवाई अड्डा दीवारों से लेकर हाटपिपलिया के चापड़ा गांव में तैयार किया जाएगा। वहीं यह स्थान इसलिए भी उपयुक्त है क्योंकि इससे राजनीतिक राजधानी भोपाल सहित आर्थिक राजधानी इंदौर के बीच होने की वजह से दोनों की महानगरों को हवाई सुविधा उपलब्ध होगी। इसके आसपास 30 हजार एकड़ में औद्योगिक क्षेत्र विकसित किए जाने की भी तैयारी की जा रही है। जिसमें 3 लाख से अधिक लोगों को रोजगार उपलब्ध कराए जाएंगे।

इसके लिए 2 दिन तक एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया की टीम इंदौर पहुंची थी। जहां इंदौर बैतूल मार्ग स्थित हाटपिपलिया तहसील के चपड़ा गांव के आसपास की जमीन की समीक्षा की गई। वही कुल 10 हजार एकड़ में बनने वाले इस एयरपोर्ट को देश का सबसे बड़ा एयरपोर्ट बनाने की तैयारी की जा रही है। मध्य प्रदेश की राजधानी और आर्थिक राजधानी के बीच बनने वाले एयरपोर्ट का निर्माण देवास सोनकच्छ से चापड़ा के बीच होगा। वही एयरपोर्ट जिस जगह पर बनेगी। वह जमीन देवास इंदौर और पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र के बेहद करीब होगी। शिवराज सरकार द्वारा इसे लॉजिस्टिक और औद्योगिक हब के रूप में भी तैयार करने की कवायद जारी है।

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बता दे कि इसके लिए मध्य प्रदेश इंडस्ट्री डेवलपमेंट कॉरपोरेशन ने जमीन की योजना को लेकर शासन को प्रस्ताव दिया था। वही इस एयरपोर्ट के लिए इंटीग्रेटेड प्लानिंग के तहत कार्य शैली अपनाई जाएगी। शासन को जमीन की योजना को लेकर प्रस्ताव देने के बाद अब इस पर कार्य शुरू कर दिया गया है। 8 और 9 अप्रैल को एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया की टीम द्वारा क्षेत्र का दौरा करने के बाद अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं।

इसके लिए नीति और नियम तय किए जा रहे। जिसके हिसाब से आगे की कार्यवाही संचालित होगी। वही मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस सहित प्रमुख सचिव संजय शुक्ला ने भी इस पूरे प्रोजेक्ट की जानकारी सीएम शिवराज सिंह को दी है। उद्योग मंत्री राज्यवर्धन सिंह दत्तीगांव द्वारा भी एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया से इस मामले में चर्चा की जा चुकी है। इस एयरपोर्ट के साथ लॉजिस्टिक और कार्गो हल सहित रेलवे रोड कनेक्टिविटी पर भी काम किया जाएगा।

वही प्रमुख सचिव उद्योग संजय शुक्ला ने नगरीय प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव को पत्र लिखा है। जिसमें सीहोर सोनकच्छ देवास को नए सिरे से मास्टर प्लान की तैयारी करने की बात कही गई है। वहीं शाजापुर सीहोर के भी कुछ इलाकों को विकसित किया जाएगा। साथ ही दिल्ली मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर की तर्ज पर भोपाल और इंदौर के बीच हुई सुपर कॉरिडोर बनाने की तैयारी की जा रही है। दरअसल इकोनॉमिक्स सुपर कॉरिडोर कल अब औद्योगिक नगरों को होगा। इसके साथ ही स्मार्ट सिटी जैसे 6 नए शहर के प्रस्ताव भी तैयार होंगे।

जानकारी के मुताबिक फोरलेन रोड के दोनों और आधे से 1 किलोमीटर के दायरे में कॉरिडोर का निर्माण किया जाएगा। तीन चरण में पूरे होने वाले इस निर्माण के लिए 3 साल का समय लिया गया है। वहीं इस कॉरिडोर पर ढाई से 3 लाख खर्च होने का अनुमान लगाया गया है।

जबलपुर विमानक्षेत्र (IATA: JLR, ICAO: VAJB), जिसे डुमना हवाई अड्डा भी कहा जाता है, मध्य प्रदेश के जबलपुर शहर से 25 किलोमीटर (16 मील) पूर्व में स्थित एक हवाई अड्डा है। इंदौर विमानक्षेत्र और भोपाल विमानक्षेत्र के बाद यह मध्य प्रदेश का तीसरा सबसे व्यस्त हवाई अड्डा है। यह विमानक्षेत्र बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह पूरे पूर्वी मध्य प्रदेश, विशेष रूप से महाकौशल क्षेत्र में कार्य करता है। यह उन पर्यटकों को सेवा प्रदान करता है जो कान्हा राष्ट्रीय उद्यान, बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान, पेंच राष्ट्रीय उद्यान, भेड़ाघाट घूमने जाते हैं। हवाई अड्डा ,960 एकड़ के क्षेत्र में फैला हुआ है। एलायंस एयर, इंडिगो और स्पाइसजेट जबलपुर के लिए अनुसूचित उड़ान सेवाएं संचालित करते हैं।

हवाई अड्डे का निर्माण ब्रिटिश काल के दौरान किया गया था। हवाई अड्डे को 1930 के दशक में खोला गया था और द्वितीय विश्व युद्ध से पहले और दौरान रॉयल एयर फोर्स और रॉयल फ्लाइंग कोर द्वारा समय-समय पर उपयोग किया जाता था। यह आमतौर पर जुबुलपोर एरोड्रम के रूप में जाना जाता था, और 1960 तक एक मिट्टी का रनवे था। नया पक्का रनवे उसी संरेखण में मूल मिट्टी के रनवे के ऊपर बनाया गया था। डुमना में एयरोड्रम खुलने से पहले, जबलपुर शहर की सीमा के भीतर रेसकोर्स के भीतर भी 1920 के दशक में विमानों की लैंडिंग हुई थी।

रनवे एयरबस 320 परिवार/बोइंग 737-800 सहित संकीर्ण विमानों की सेवा करने में सक्षम है और रात्री में उतरने सुविधाओं, डीवीओआर/डीएमई, एनडीबी और सटीक दृष्टिकोण पथ संकेतक से सुसज्जित है। यहां एक A-320/B-737 या 2 ATR-72 विमान के लिए पार्किंग उपलब्ध है।

टर्मिनल में व्यस्ततम समय में 150 यात्रियों को संभालने की क्षमता है। इसमें सीसीटीवी के अलावा 4 चेक-इन डेस्क और सुरक्षा के लिए एक्स-रे मशीन है। हवाई अड्डा रनवे लाइटिंग, कार-कॉलिंग, रात्री में उतरने की सुविधा, एक फूड स्टॉल और एक एटीएम से सुसज्जित है। मध्य प्रदेश सरकार ने पर्यटन सूचना केंद्र और प्राथमिक चिकित्सा, एमआईआर, और डॉक्टरों और नर्स जैसी चिकित्सा सुविधाएं जल्द ही उपलब्ध की जायेगीं।

एक नया एकीकृत टर्मिनल 9350 एम 2 के क्षेत्र के साथ बनाया जाएगा और व्यस्ततम समय में 500 यात्रियों को संभालने में सक्षम होगा। परियोजना में वर्तमान 1988 मीटर से 2750 मीटर की दूरी तक रनवे का विस्तार, 14 किमी लंबी सीमा की दीवार, शहर में हवाई अड्डे को जोड़ने वाली 5 किमी लंबी सड़क, एटीसी नियंत्रण टॉवर सह तकनीकी ब्लॉक, एप्रन, टैक्सीवे, आइसोलेशन बे और दमकल केंद्र आदी की योजना शामिल है। 13 अगस्त, 2018 को सुरेश प्रभु, जयंत सिन्हा, राकेश सिंह द्वारा अन्य लोगों ने इस परियोजना के लिए आधारशिला रखी थी।[1]

जेसीटीएसएल डुमना हवाई अड्डे से आईएसबीटी से शुरू होने वाली हवाई अड्डा शटल सेवा प्रदान करता है। प्री-पेड मेट्रो टैक्सी सेवाएं प्री-पेड ऑटो रिक्शा के साथ उपलब्ध हैं। जबलपुर में प्रमुख स्थानों के लिए कोच सेवाएं और निजी कार किराए पर लेने की सेवाएं उपलब्ध हैं।

4 दिसंबर 2015 को, एक स्पाइसजेट विमान 2458 उतरते समय 30-40 जंगली सूअरों के झुंड के साथ टकरा गया था। 3 सुअर मारे गए और विमान अपने रनवे से दूर जाकर बाएं गियर के साथ स्टॉप पर आकर रुक गया, जिससे इंजन का नुकसान हुआ, और अन्य अज्ञात क्षति हुई। नुकसान के बावजूद, कोई यात्री गंभीर रूप से घायल नहीं हुआ।[3][4]

मध्य प्रदेश में सबसे बड़ा हवाई अड्डा कौन सा है?

सही उत्तर देवी अहिल्याबाई होल्कर हवाई अड्डा है। हवाई अड्डा इंदौर में स्थित है। हवाई अड्डा होल्कर राज्य प्रशासन के द्वारा बनाया गया था।

मध्यप्रदेश में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा कौन सा है?

Detailed Solution. राजा भोज अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा भोपाल, मध्य प्रदेश में स्थित हवाई अड्डे का नाम है।

मध्य प्रदेश का पहला अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा कौन सा है?

इंदौर के देवी अहिल्याबाई होलकर हवाई अड्‌डा को मध्यप्रदेश के पहले अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट का दर्जा प्राप्त हो गया है।

मध्य प्रदेश में कुल कितने हवाई अड्डे हैं?

मध्य प्रदेश में फ़िलहाल कुल 5 हवाई अड्डे हैं, जिसमें से 2 अंतर्राष्ट्रीय स्तर के हैं और बाक़ी राष्ट्रीय स्तर के। इसके अलावा निकट भविष्य में राज्य में कई और हवाई अड्डों के आने की संभावना है।