पटना, जागरण टीम। Bihar Municipal Election 2022: बिहार में नगर निकाय चुनाव आरक्षण संबंधी मसले पर सरकार की अधूरी तैयारी की वजह से टालना पड़ा। पटना हाई कोर्ट ने नियमों की अनदेखी का हवाला देते हुए सुधार करने के बाद ही चुनाव कराने का आदेश दिया तो प्रक्रिया को बीच में ही स्थगित करना पड़ गया। अब सभी के मन में यह सवाल है कि शहरी निकायों के चुनाव आखिर कब होंगे? Show दीपावली और छठ में भी दौरा करता रहा आयोगइस बीच नगर निगम, नगर परिषद और नगर पंचायतों के चुनाव के मसले पर बिहार सरकार के ऊर्जा व योजना एवं विकास मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने कुछ संकेत दिए हैं। उन्होंने गुरुवार को बताया कि अति पिछड़ा वर्ग आयोग जल्द ही अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपेगा। उन्होंने बताया कि दीपावली व छठ जैसे पर्व के बावजूद आयोग लगभग एक दर्जन जिलों का भ्रमण कर चुका है। Patna Airport : बोर्डिंग के बाद विमान में आई तकनीकी खराबी, यात्रियों ने जमकर किया हंगामा यह भी पढ़ेंराजनीतिक स्थिति के आकलन के बाद मिलेगा आरक्षणदरअसल, कोर्ट ने कहा था कि अति पिछड़ा वर्ग की राजनीतिक और सामाजिक स्थिति का आकलन करने के बाद ही आरक्षण रोस्टर का निर्धारण किया जाए। इसी काम के लिए बिहार सरकार ने विशेष आयोग बनाया है। दरअसल, ऐसे ही एक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने ट्रिपल टेस्ट के बाद आरक्षण देने का निेर्देश दिया था। Air Pollution: गंगा की बालू बढ़ा रही प्रदूषण, नमी बढ़ने से और गंभीर हुई स्थिति यह भी पढ़ेंबिहार सरकार के मंत्री बोले- दिसंबर में भी हो सकता है चुनावऊर्जा मंत्री से जब यह पूछा गया कि क्या दिसंबर में निकाय चुनाव संभव है, इस पर उन्होंने कहा कि हो सकता है। उन्होंने संकेत दिए कि सरकार चुनावों को जल्दी कराने के लिए प्रयत्नशील है। अगर रिपोर्ट इस महीने मिल जाती है, तो दिसंबर या जनवरी तक चुनाव कराए जा सकते हैं। फिलहाल वैकल्पिक व्यवस्था से चल रहा कामनगर निकायों में पिछले चुनावों के आधार पर निर्वाचित प्रतिनिधियों का कार्यकाल पहले ही पूरा हो चुका है। वहां व्यवस्था वैकल्पिक आधार पर चलाई जा रही है। इसमें अफसरों के हाथ में शक्तियां दे दी गई हैं। मध्यप्रदेश में पंचायत चुनाव की घोषणा के बाद बुधवार को नगरीय निकाय चुनाव की तारीखों का ऐलान हो गया है। चुनाव दो चरणों में होंगे। पहला चरण 6 जुलाई और दूसरा चरण 13 जुलाई को होगा। पहले चरण के नतीजे 17 जुलाई और दूसरे चरण के नतीजे 18 जुलाई को घोषित किए जाएंगे। चुनाव की तारीखों का ऐलान होते ही आचार संहिता लागू हो गई है। भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर में पहले चरण में चुनाव होगा। यानी यहां 6 जुलाई को वोटिंग होगी। राज्य निर्वाचन आयुक्त बीपी सिंह ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में ये जानकारी दी। उन्होंने कहा कि कुल 347 निकायों में चुनाव होंगे। पहले चरण में 133 और दूसरे चरण में 214 निकायों पर वोटिंग होगी। प्रदेश में 19, 977 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। मतदान के लिए 87,937 कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। चुनाव ईवीएम के जरिए कराए जाएंगे। मतदान का समय सुबह 7 बजे से शाम 5 बजे तक होगा। इन नगर निगम में पहले चरण में 6 जुलाई को चुनाव इन नगर निगम में दूसरे चरण में 13 जुलाई को वोटिंग आपके यहां वोटिंग कब, पढ़िए पूरी सूची नोटा का भी ऑप्शन इंदौर और भोपाल के हर वार्ड में 5-5 ईवीएम रिजर्व रखी जाएगी। नोटा का विकल्प दिया जाएगा। नगर निगम के महापौर सीधे जनता चुनेगी। नगर पालिका और नगर परिषद अध्यक्ष को पार्षद चुनेंगे। झूठा शपथ पत्र देने पर केस दर्ज होगा। सभा-रैलियों के लिए अनुमति लेना जरूरी होगा। 57 निकायों का कार्यकाल अभी पूरा नहीं 52 दिन रहेगी आचार संहिता
प्रदेश के 397 नगरीय निकायों में चुनाव कराए जाने के लिए आरक्षण की प्रक्रिया मंगलवार को पूरी हो गई है। नगरीय निकायों में 99 नगरपालिकाओं में ओबीसी का आरक्षण 25 से बढ़कर 28 % हो गया है। प्रदेश में 2015 में नगरपालिकाओं में ओबीसी के लिए आरक्षित सीटें 25 थीं, जिनकी संख्या बढ़कर 28 हो गई है। नगर निगमों OBC का आरक्षण 25 % और नगर परिषद में 24.16 % रहा। वहीं, मंगलवार को जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए भी आरक्षण की प्रक्रिया हुई। इसकी 52 सीट में से 4 सीट ही ओबीसी आरक्षण के लिए रिजर्व हुईं। पिछली बार से 9 सीट कम हुईं। पिछली बार वर्ष 2014-15 में ओबीसी के लिए 13 सीट आरक्षित थीं। |