नेल्सन मंडेला की आत्मकथा का शीर्षक क्या है? - nelsan mandela kee aatmakatha ka sheershak kya hai?

नेशनल मंडेला की आत्मकथा का शीर्षक क्या है?...


2 जवाब

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Friday, September 10, 2021

सवाल: नेल्सन मंडेला की आत्मकथा का शीर्षक है?

नेशनल मंडेला की आत्मकथा का शीर्षक लोंग वॉक टू फ्रीडम था। नेशनल मंडेला की आत्मकथा में नेशनल मंडेला द्वारा की गई बलिदान एवं उनके स्वतंत्रता प्राप्ति आदि के योगदान के बारे में बताइए उनके पूरे जीवन के बारे में बताया गया है, कि वह इस प्रकार उनका जीवन अश्वेत लोगों एवं राष्ट्र के लिए समर्पित कर दिया।

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नेल्सन ख़ोलीह्लह्ला मंडैलासहायक पूर्वा धिकारी उत्तरा धिकारी जन्म मृत्यु जन्म का नाम राष्ट्रीयता राजनीतिक दल जीवन संगी बच्चे निवास शैक्षिक सम्बद्धता धर्म हस्ताक्षर जालस्थल
मई 2008 में मंडेला

दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति

पद बहाल
10 मई 1994 – 14 जून 1999
थाबो म्वूयेलवा म्बेकी
एफ डब्ल्यू डी क्लेर्क
एफ डब्ल्यू डी क्लेर्क
थाबो म्वूयेलवा म्बेकी
१८ जुलाई १९१८
म्वेज़ो, केप प्रांत, दक्षिण अफ़्रीका
5 दिसम्बर 2013 (उम्र 95)
ह्यूटन, जोहान्सबर्ग, दक्षिण अफ़्रीका
ख़ोलीह्लह्ला मंडैला
दक्षिण अफ़्रीकी
अफ्रीकन नेशनल कांग्रेस
एवलिन नटोको मेस
(वि 1944–1957; तलाक)
विनी मदिकिज़ेला
(वि 1958–1996; तलाक़)
ग्राशा मैचल
(वि 1998–2013; मृत्युपर्यंत)
मेडिका थेमबेकल मंडेला
मैकज़िव मंडेला
मैकगाथो लेवानिका मंडेला
मैकज़िव मंडेला
ज़ेनानी मंडेला
ज़िनज़िस्वा मंडेला
ह्यूटन एस्टेट, जोहानसबर्ग, गौटेंग, दक्षिण अफ़्रीका
यूनिवर्सिटी ऑफ़ फोर्ट हेर
यूनिवर्सिटी ऑफ़ लंदन एक्सटर्नल सिस्टम
यूनिवर्सिटी ऑफ़ साउथ अफ्रीका
यूनिवर्सिटी ऑफ़ द विटवाटरस्रांड
ईसाई (मेथोडिज़्म)
www.nelsonmandela.org

नेल्सन ख़ोलीह्लह्ला मंडैला (ख़ोसा: Nelson Rolihlahla Mandela; 18 जुलाई 1918 – 5 दिसम्बर 2013) दक्षिण अफ्रीका के प्रथम अश्वेत भूतपूर्व राष्ट्रपति थे। राष्ट्रपति बनने से पूर्व वे दक्षिण अफ्रीका में सदियों से चल रहे रंगभेद का विरोध करने वाले अफ्रीकी नेशनल कांग्रेस और इसके सशस्त्र गुट उमखोंतो वे सिजवे के अध्यक्ष रहे। रंगभेद विरोधी संघर्ष के कारण उन्होंने 27 वर्ष रॉबेन द्वीप के कारागार में बिताये जहाँ उन्हें कोयला खनिक का काम करना पड़ा था। 1990 में श्वेत सरकार से हुए एक समझौते के बाद उन्होंने नये दक्षिण अफ्रीका का निर्माण किया। वे दक्षिण अफ्रीका एवं समूचे विश्व में रंगभेद का विरोध करने के प्रतीक बन गये। संयुक्त राष्ट्रसंघ ने उनके जन्म दिन को नेल्सन मंडेला अन्तर्राष्ट्रीय दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया।

प्रारम्भिक जीवन

मंडेला का जन्म 18 जुलाई 1918 को म्वेज़ो, ईस्टर्न केप, दक्षिण अफ़्रीका संघ में गेडला हेनरी म्फ़ाकेनिस्वा और उनकी तीसरी पत्नी नेक्यूफी नोसकेनी के यहाँ हुआ था। वे अपनी माँ नोसकेनी की प्रथम और पिता की सभी संतानों में 13 भाइयों में तीसरे थे। मंडेला के पिता हेनरी म्वेजो कस्बे के जनजातीय सरदार थे।[1] स्थानीय भाषा में सरदार के बेटे को मंडेला कहते थे, जिससे उन्हें अपना उपनाम मिला।[2] उनके पिता ने इन्हें 'रोलिह्लाला' प्रथम नाम दिया था जिसका खोज़ा में अर्थ "उपद्रवी" होता है। उनकी माता मेथोडिस्ट थी। मंडेला ने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा क्लार्कबेरी मिशनरी स्कूल से पूरी की। उसके बाद की स्कूली शिक्षा मेथोडिस्ट मिशनरी स्कूल से ली। मंडेला जब 12 वर्ष के थे तभी उनके पिता की मृत्यु हो गयी।[3]

राजनीतिक संघर्ष

सोवियत संघ में नेल्सन मंडेला पर जारी किया गया डाकटिकट

1941 में मंडेला जोहन्सबर्ग चले गये जहाँ इनकी मुलाकात वॉल्टर सिसुलू और वॉल्टर एल्बरटाइन से हुई। उन दोनों ने राजनीतिक रूप से मंडेला को बहुत प्रभावित किया। जीवनयापन के लिये वे एक कानूनी फ़र्म में क्लर्क बन गये परन्तु धीर-धीरे उनकी सक्रियता राजनीति में बढ़ती चली गयी। रंग के आधार पर होने वाले भेदभाव को दूर करने के उन्होंने राजनीति में कदम रखा। 1944 में वे अफ़्रीकन नेशनल कांग्रेस में शामिल हो गये जिसने रंगभेद के विरूद्ध आन्दोलन चला रखा था। इसी वर्ष उन्होंने अपने मित्रों और सहयोगियों के साथ मिल कर अफ़्रीकन नेशनल कांग्रेस यूथ लीग की स्थापना की। 1947 में वे लीग के सचिव चुने गये। 1961 में मंडेला और उनके कुछ मित्रों के विरुद्ध देशद्रोह का मुकदमा चला परन्तु उसमें उन्हें निर्दोष माना गया।[3]

5 अगस्त 1962 को उन्हें मजदूरों को हड़ताल के लिये उकसाने और बिना अनुमति देश छोड़ने के आरोप में गिरफ़्तार कर लिया गया। उन पर मुकदमा चला और 12 जुलाई 1964 को उन्हें उम्रकैद की सजा सुनायी गयी। सज़ा के लिये उन्हें रॉबेन द्वीप की जेल में भेजा गया किन्तु सजा से भी उनका उत्साह कम नहीं हुआ। उन्होंने जेल में भी अश्वेत कैदियों को लामबन्द करना शुरू कर दिया था। जीवन के 27 वर्ष कारागार में बिताने के बाद अन्ततः 11 फ़रवरी 1990 को उनकी रिहाई हुई। रिहाई के बाद समझौते और शान्ति की नीति द्वारा उन्होंने एक लोकतान्त्रिक एवं बहुजातीय अफ्रीका की नींव रखी।[3]

1994 में दक्षिण अफ़्रीका में रंगभेद रहित चुनाव हुए। अफ़्रीकन नेशनल कांग्रेस ने 62 प्रतिशत मत प्राप्त किये और बहुमत के साथ उसकी सरकार बनी। 10 मई 1994 को मंडेला अपने देश के सर्वप्रथम अश्वेत राष्ट्रपति बने। दक्षिण अफ्रीका के नये संविधान को मई 1996 में संसद की ओर से सहमति मिली जिसके अन्तर्गत राजनीतिक और प्रशासनिक अधिकारों की जाँच के लिये कई संस्थाओं की स्थापना की गयी। 1997 में वे सक्रिय राजनीति से अलग हो गये और दो वर्ष पश्चात् उन्होंने 1999 में कांग्रेस-अध्यक्ष का पद भी छोड़ दिया।[3]

विचारधारा

नेल्सन मंडेला बहुत हद तक महात्मा गांधी की तरह अहिंसक मार्ग के समर्थक थे। उन्होंने गांधी को प्रेरणा स्रोत माना था और उनसे अहिंसा का पाठ सीखा था।

व्यक्तिगत जीवन

मंडेला के तीन शादियाँ कीं जिन से उनकी छह संतानें हुई। उनके परिवार में 17 पोते-पोती थे।[4] अक्टूबर 1944 को उन्होंने अपने मित्र व सहयोगी वॉल्टर सिसुलू की बहन इवलिन मेस से शादी की। 1961 में मंडेला पर देशद्रोह का मुकदमा चलाया गया परन्तु उन्हें अदालत ने निर्दोष पाया। इसी मुकदमे के दौरान उनकी मुलाकात अपनी दूसरी पत्नी नोमजामो विनी मेडीकिजाला से हुई। 1998 में अपने 80वें जन्मदिन पर उन्होंने ग्रेस मेकल से विवाह किया।[3]

मृत्यु

5 दिसम्बर 2013 को फेफड़ों में संक्रमण हो जाने के कारण मंडेला की हॉटन, जोहान्सबर्ग स्थित अपने घर में मृत्यु हो गयी। मृत्यु के समय ये 95 वर्ष के थे और उनका पूरा परिवार उनके साथ था। उनकी मृत्यु की घोषणा राष्ट्रपति जेकब ज़ूमा ने की।[5]

पुरस्कार एवं सम्मान

दक्षिण अफ्रीका के लोग मंडेला को व्यापक रूप से "राष्ट्रपिता" मानते थे।[6] उन्हें "लोकतन्त्र के प्रथम संस्थापक"[7], "राष्ट्रीय मुक्तिदाता और उद्धारकर्ता" के रूप में देखा जाता था।[8] 2004 में जोहनसबर्ग में स्थित सैंडटन स्क्वायर शॉपिंग सेंटर में मंडेला की मूर्ति स्थापित की गयी और सेंटर का नाम बदलकर नेल्सन मंडेला स्क्वायर रख दिया गया। दक्षिण अफ्रीका में प्रायः उन्हें मदीबा कह कर बुलाया जाता है जो बुजुर्गों के लिये एक सम्मान-सूचक शब्द है।

नवम्बर 2009 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने रंगभेद विरोधी संघर्ष में उनके योगदान के सम्मान में उनके जन्मदिन (18 जुलाई) को 'मंडेला दिवस' घोषित किया। 67 साल तक मंडेला के इस आन्दोलन से जुड़े होने के उपलक्ष्य में लोगों से दिन के 24 घण्टों में से 67 मिनट दूसरों की मदद करने में दान देने का आग्रह किया गया।[9] मंडेला को विश्व के विभिन्न देशों और संस्थाओं द्वारा 250 से भी अधिक सम्मान और पुरस्कार प्रदान किए गए हैं:

  • 1993 में दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति फ़्रेडरिक विलेम डी क्लार्क के साथ संयुक्त रूप से नोबेल शांति पुरस्कार[10]
  • प्रेसीडेंट मैडल ऑफ़ फ़्रीडम
  • ऑर्डर ऑफ़ लेनिन
  • भारत रत्न
  • निशान-ए–पाकिस्तान
  • 23 जुलाई 2008 को गाँधी शांति पुरस्कार[11]

सन्दर्भ

  1. "प्रेसिडेंट ऑफ साउथ अफ़्रीका: नेल्सन मंडेला". चार्ले एसोशियेट्स. मूल से 20 जून 2009 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2008-10-28.
  2. मीर, फ़ातिमा (16 मार्च 1990). 316920,00.html "बुक रिव्यू- हाइयर दैन होप". इन्टर्टेन्मेंट वीकली. अभिगमन तिथि 2008-10-28.[मृत कड़ियाँ]
  3. ↑ अ आ इ ई उ "मंडेला के जीवन पर एक नजर: त्याग और संघर्ष की अनूठी मिसाल थे वे". दैनिक जागरण. 6 दिसम्बर 2013. मूल से 11 दिसंबर 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 6 दिसम्बर 2013.
  4. यॉर्क, जेफ्री (16 अप्रैल 2013). "South Africans express disgust as Mandela family members cash in on icon's name". द ग्लोब एंड मेल. जोहानसबर्ग. मूल से 10 जुलाई 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 6 दिसम्बर 2013.
  5. "South Africa's Nelson Mandela dies in Johannesburg". बीबीसी न्यूज़. 5 दिसम्बर 2013. मूल से 15 अप्रैल 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 5 दिसम्बर 2013.
  6. "Nelson Mandela to spend Christmas in S Africa hospital". बीबीसी न्यूज़. 24 दिसम्बर 2012. मूल से 3 फ़रवरी 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 6 दिसम्बर 2013.
  7. Meredith 2010, पृष्ठ 565
  8. फेयरबैंक्स, ईव (26 अगस्त 2009). "Father Disfigure". न्यूज़वीक. मूल से 13 मई 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 6 दिसम्बर 2013.
  9. Battersby 2011, पृष्ठ 601
  10. "नेल्सन मंडेला नहीं रहे". बीबीसी हिन्दी. 5 दिसम्बर 2013. मूल से 7 दिसंबर 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 5 दिसम्बर 2013.
  11. "नेल्सन मंडेला को गांधी सम्मान". नवभारत टाइम्स. 23 जुलाई 2008. मूल से 23 अगस्त 2011 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 6 दिसम्बर 2013.

बाहरी कड़ियाँ

विकिस्रोत पर इनके द्वारा या इनके बारे में मूल लेख उपलब्ध है:

  • नेल्सन मंडेला की जीवनी नोबलप्राइज़डॉटओआरजी पर
  • नेल्सन मंडेला फाउण्डेशन
राजनीतिक कार्यालय
पूर्वाधिकारी
फ़्रेड्रिक विलेम दे क्लर्क
दक्षिण अफ़्रीका राज्य के राष्ट्रपति के रूप में
दक्षिण अफ़्रीका के राष्ट्रपति
1994 – 1999
उत्तराधिकारी
थाबो म्बेकी
पूर्वाधिकारी
आन्द्रेस पस्त्राना अरांगो
गुट निरपेक्ष आंदोलन के महासचिव
1998– 1999

नेल्सन मंडेला की आत्मकथा का शीर्षक कौन सा है?

सही उत्तर लॉन्ग वॉक टू फ्रीडम है। उनकी आत्मकथा लॉन्ग वॉक टू फ्रीडम है। नेल्सन मंडेला की आत्मकथा

नेल्सन मंडेला के जीवन से हमें क्या सन्देश मिलता है?

हर किसी को एक समान देखना और मानना ही उनके जीवन का मूल मंत्र था। जब मंडेला बड़े हुए तो उन्होंने पाया की उनके देश में अश्वेत लोगो के साथ रंगभेद नीति अपनाई जाती है। जातिभेद से नफरत करने वाले मंडेला ने अपने देश में ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व से इसे खत्म करने की कोशिश की।

नेल्सन मंडेला के बारे में आप क्या जानते हैं?

नेल्सन ख़ोलीह्लह्ला मंडैला (ख़ोसा: Nelson Rolihlahla Mandela; 18 जुलाई 1918 – 5 दिसम्बर 2013) दक्षिण अफ्रीका के प्रथम अश्वेत भूतपूर्व राष्ट्रपति थे। राष्ट्रपति बनने से पूर्व वे दक्षिण अफ्रीका में सदियों से चल रहे रंगभेद का विरोध करने वाले अफ्रीकी नेशनल कांग्रेस और इसके सशस्त्र गुट उमखोंतो वे सिजवे के अध्यक्ष रहे।

नेल्सन मंडेला को भारत रत्न क्यों दिया गया?

नेल्सन मंडेला ने जिस तरह से देश में रंगभेद के खिलाफ अपना अभियान चलाया उसने दुनियाभर को अपनी ओर आकर्षित किया। यही कारण रहा कि भारत सरकार ने 1990 में उन्हें भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'भारत रत्न' से सम्मानित किया।

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