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If You Have Any Query/Suggestion Regarding This Website or Post, Please Contact Us On : [email protected] राष्ट्रवाद के आजकल अलग-अलग मायने हैं। सत्तापक्ष के लिए राष्ट्रवाद देशभक्ति से जुड़ी चीज़ है और अन्य लोगों के लिए धार्मिक स्वतंत्रता के साथ-साथ अभिव्यक्ति की आज़ादी भी राष्ट्रवाद मानी गई है। राष्ट्रवाद के लिए अक्सर वाद-विवाद होते रहते हैं जिससे यह पता चलता है कि राष्ट्रवाद भी लोकतंत्र का ही एक हिस्सा है। यूरोप में राष्ट्रवाद की शुरुआत कैसे हुई और यह कैसे अन्य देशों में फैली यह इस ब्लॉग के द्वारा जाना जाएगा। कक्षा 10 में इस पाठ को जोड़कर छात्रों को इस मुद्दे के परिचित कराना एक बढ़िया पहल है। आइए विस्तार से जानते हैं कि यूरोप में राष्ट्रवाद क्या है और कैसे यह ज़रूरी है। ज़रूर पढ़ें: CBSE Class 10 Hindi Syllabus The Blog Includes:
राष्ट्रवाद क्या है?राष्ट्रवाद होता है कि जो विचारधारा किसी भी राष्ट्र के सदस्यों में एक साझा पहचान को बढ़ावा देती है उसे राष्ट्रवाद कहते हैं। राष्ट्रवाद की भावनाओं की जड़ें जमाने के लिए कई प्रतीकों का सहारा लिया जाता है; जैसे राष्ट्रीय ध्वज, राष्ट्रीय प्रतीक, राष्ट्रगान, आदि। यूरोप में राष्ट्रवाद का उदयSource : Wikipediaआज के यूरोपीय राष्ट्रों की बजाय उन्नीसवीं सदी के मध्य तक यूरोप कई क्षेत्रों में बँटा हुआ था जिन पर अलग-अलग वंश के लोगों का शासन हुआ करता था। उस जमाने में राजतंत्र का बोलबाला था। लेकिन उस जमाने में कुछ ऐसे तकनीकी बदलाव हुए जिनके परिणामस्वरूप समाज में गजब के परिवर्तन हुए। उन्हीं परिवर्तनों से लोगों में राष्ट्रवाद की भावना का जन्म हुआ। 1789 में शुरु होने वाली फ्रांस की क्रांति के साथ राष्ट्रवाद के आंदोलन की शुरुआत हो चुकी थी। हर नई विचारधारा को अपनी जड़ें जमाने में एक लंबा समय लगता है। राष्ट्रवाद को अपनी जड़ें जमाने में लगभग एक सदी का समय लग गया। इस लंबी प्रक्रिया की परिणति के रूप में फ्रांस एक प्रजातांत्रिक देश के रूप में उभरा। फिर यह सिलसिला यूरोप के अन्य भागों में फैल गया। बीसवीं सदी की शुरुआत होते होते विश्व के कई भागों में आधुनिक प्रजातंत्र की स्थापना हुई। फ्रांसीसी क्रांतिSource : Wikipediaराष्ट्रवाद की पहली अभिव्यक्ति: फ्रांस वह देश था जहाँ राष्ट्रवाद की पहली अभिव्यक्ति हुई। फ्रांसीसी क्रांति के परिणामस्वरूप फ्रांस की राजनीति और संविधान में कई बदलाव हुए। सन 1789 में सत्ता राजतंत्र से प्रजातांत्रिक संस्था के हाथों में चली गई। इस प्रजातांत्रिक संस्था का गठन नागरिकों द्वारा हुआ था। उस घटना से लोगों को लगने लगा कि आगे से फ्रांस के लोग अपने देश का भविष्य स्वयं तय करेंगे। राष्ट्र की भावना की रचनाSource : Wikipediaलोगों में एक साझा पहचान की भावना स्थापित करने के लिए क्रांतिकारियों ने कई कदम उठाए। उनमें से कुछ नीचे दिये गये हैं:
ज़रूर पढ़ें: Bade Bhai Sahab Class 10 यूरोप के अन्य भागों पर प्रभावफ्रांस में होने वाली गतिविधियों से यूरोप के कई शहर प्रभावित हुए। इन शहरों में शिक्षित मध्यवर्ग के लोगों और छात्रों ने जैकोबिन क्लब बनाना शुरु किया। इन क्लबों की गतिविधियों के कारण फ्रांस की सेना द्वारा घुसपैठ का रास्ता साफ हुआ। इसी का नतीजा था कि 1790 के दशक में फ्रांस की सेना ने हॉलैंड, बेल्जियम, स्विट्जरलैंड और इटली के एक बड़े हिस्से में घुसपैठ कर ली थी। इस तरह फ्रांसीसी सेना द्वारा अन्य देशों में राष्ट्रवाद का प्रचार करने का काम शुरु हुआ। नेपोलियननेपोलियन 1804 से 1815 के बीच फ्रांस का राजा था। अपने दुस्साहसी कदमों के कारण नेपोलियन ने इतिहास में एक अमिट छाप छोड़ी। उसने फ्रांस में प्रजातंत्र को बरबाद कर दिया और फिर से वहाँ राजतंत्र की स्थापना की। लेकिन उसने कई ऐसे सुधारवादी कदम उठाये जिसके दूरगामी परिणाम हुए। नेपोलियन ने 1804 में सिविल कोड लागू किया, जिसे नेपोलियन कोड भी कहा जाता है। इस नये सिविल कोड से जन्म के आधार पर मिलने वाली हर सुविधा समाप्त हो गई। हर नागरिक को समान दर्जा मिला और संपत्ति के अधिकार को पुख्ता किया गया। नेपोलियन ने फ्रांस की तरह अपने नियंत्रण वाले हर इलाके में प्राशासनिक सुधार को अंजाम दिया। उसने सामंती व्यवस्था को खत्म किया, जिससे किसानों को दासता और जागीर को दिये जाने वाले शुल्कों से मुक्त किया गया। शहरों में प्रचलित शिल्प मंडलियों द्वारा लगाई गई पाबंदियों को भी समाप्त किया गया। यातायात और संचार के साधनों में सुधार किए गये। जनता की प्रतिक्रियाएक समान कानून और मानक मापन पद्धति और एक साझा मुद्रा से व्यवसाय में होने वाले लाभ की समझ आम आदमी को आ गई थी। इसलिये इस नई आजादी का किसानों, कारीगरों और मजदूरों ने खुलकर स्वागत किया। लेकिन जो इलाके फ्रांस के कब्जे में थे, वहाँ के लोगों की फ्रांसीसी शासन के बारे में मिली जुली प्रतिक्रिया थी। शुरु में फ्रांस की सेना को आजादी के दूत के रूप में देखा गया। लेकिन जल्दी ही यह भावना बदल गई, और लोगों की समझ में आने लगा कि इस नई शासन व्यवस्था से राजनैतिक आजादी की उम्मीद नहीं की जा सकती थी। टैक्स में भारी बढ़ोतरी, और फ्रांस की सेना में जबरदस्ती भर्ती होने के कारण लोगों का शुरुआती जोश जल्दी ही विरोध में बदलने लगा। भारत में राष्ट्रवाद की शुरुआत कैसे हुई?भारत में कई वर्षों से असंतोष चलते आ रहा था। प्राचीन काल से ही राष्ट्रवाद जीवित रहा है। अर्थ वेद में कहां है “वरुण राष्ट्र हो अविचल करें बृहस्पति राष्ट्र को स्थिर करें इंद्र राष्ट्र को शुरू करें अग्रिम देवराष्ट्र को निश्चित रूप से धारण करें” राष्ट्रवाद एकता की भावना जागृत करता है । भारत में राष्ट्रवाद की शुरुआत 19वीं शताब्दी से शुरू हुई थी। ब्रिटिश साम्राज्य की नीतियों और उनकी चुनौतियों से भारत में राष्ट्र के रूप में सोचना शुरू किया इसका आधारशिला ब्रिटिश शासन से हुई। ज़रूर पढ़ें: मैं क्यों लिखता हूं Class 10th Solutions यूरोप में राष्ट्रवाद का उदय कक्षा 10 प्रश्नोत्तरयूरोप में राष्ट्रवाद का उदय कक्षा 10 के लिए प्रश्नोत्तर नीचे दिए गए हैं- प्रश्न:1 राष्ट्रवाद का क्या मतलब होता है? प्रश्न:2 यूरोप में राष्ट्रवाद की शुरुआत कब और कैसे हुई? प्रश्न:3 राष्ट्रवाद की पहली अभिव्यक्ति
कब और कहाँ हुई? प्रश्न:4 नेपोलियन ने प्रशासन के क्षेत्र में क्या बदलाव किये? प्रश्न:5 नेपोलियन के बारे में यूरोप के अन्य इलाकों में क्या भावना थी? प्रश्न:6 फ्रांसीसी क्रांति के पहले यूरोप की क्या स्थिति थी? प्रश्न:7 अठारहवीं सदी के यूरोप का कुलीन वर्ग कैसा था? प्रश्न:8 यूरोप में मध्यम वर्ग का उदय कैसे हुआ? प्रश्न:9 यूरोप में उन्नीसवीं सदी में आर्थिक क्षेत्र में कौन से सुधार हुए? प्रश्न:10 ग्रीस की आजादी पर एक टिप्पणी लिखें। ज़रूर पढ़ें: Balgobin Bhagat Class 10 प्रश्न:11 इटली के एकीकरण में कैवर का क्या योगदान
था? प्रश्न:12 मेटरनिक युग क्या है ? प्रश्न:13 मेजिनी कौन था ? प्रश्न:14 लौह एवं रक्त की नीति क्या है
? प्रश्न:15. यूरोपिय इतिहास में ‘घेटो’ का क्या अर्थ है ? प्रश्न:16 फ्रांस की जुलाई 1830 की
क्रान्ति का फ्रांस की शासन व्यवस्था पर क्या प्रभाव पड़ा ? प्रश्न:17 जर्मनी के एकीकरण की बाधाएँ क्या थी ? प्रश्न:18 1848 ई० की फ्रांसीसी क्रांति के क्या कारण थे? प्रश्न:19
बिस्मार्क के कार्यों की चर्चा करें? प्रश्न:
20 मेटरनिख युग क्या है? ज़रूर पढ़ें: Sapno Ke se Din Class 10 यूरोप में राष्ट्रवाद का उदय कक्षा 10: MCQsयूरोप में राष्ट्रवाद का उदय कक्षा 10 के लिए MCQs इस प्रकार हैं: [ 1 ] ऐक्ट ऑफ यूनियन’ किस वर्ष पारित हुआ ? Answer :- (A) 1688 में [ 2 ] 1789 की फ्रांसीसी क्रांति के समय वहाँ किस राजवंश का शासन था ? Answer :- (C) बुर्बो [ 3 ] नेपोलियन संहिता किस वर्ष लागू की गई ? Answer :- (D) 1804 में [ 4 ] जर्मनी के एकीकरण के लिए बिस्मार्क ने कितने युद्ध किए? Answer :- (C) तीन [ 5 ] वियना काँग्रेस में कौन राष्ट्र सम्मिलित नहीं था ? Answer :- (D) जर्मनी [ 6 ] वियन काँग्रेस में पवित्र संघ की योजना किसने
प्रस्तुत की ? Answer :- (A) रूस ने [ 7 ] यंग इटली के संस्थापक कौन था ? Answer :- (C) मेजिनी [ 8 ] फ्रांस के किस राजा ने कहा था, अंगरेजी राजा की भाँति शासन करने की अपेक्षा लकड़ी काटना अधिक पसंद करूंगा। Answer :- (D) चार्ल्स दशम ने [ 9 ] प्रशा का शासक कौन था ? Answer :- (D) विलियम प्रथम [ 10 ] युरोप का मरीज कस कहा जाता था ? Answer :- (C) तुर्की को [ 11 ] इटली तथा जर्मनी वर्तमान में किस महादेश के अंतर्गत आते हैं ? (A) उत्तरी अमेरिका उत्तर: C [ 12 ] फ्रांस में किस शासन वंश की पुन: स्थापना वियना कांग्रेस द्वारा की गई थी? (A) हैप्सबर्ग उत्तर: C [ 13 ] मेजिनी का संबंध किस संगठन से था ? (A) लाल सेना उत्तर: B [ 14 ] इटली एवं जर्मनी के एकीकरण के विरुद्ध निम्न में कौन था? (A) इंग्लैण्ड उत्तर: C [ 15 ] काउंट काबूर’ को विक्टर इमैनुएल ने किस पद पर नियुक्त किया? (A) सेनापति उत्तर: C FAQsराष्ट्रवाद क्या है 10th क्लास? जो विचारधारा किसी भी राष्ट्र के सदस्यों में एक साझा पहचान को बढ़ावा देती है उसे राष्ट्रवाद कहते हैं। राष्ट्रवाद की भावनाओं की जड़ें जमाने के लिये कई प्रतीकों का सहारा लिया जाता है; जैसे राष्ट्रीय ध्वज, राष्ट्रीय प्रतीक, राष्ट्रगान, आदि। राष्ट्रवाद को इंग्लिश में क्या कहते हैं? राष्ट्रवाद को इंग्लिश में नेशनलिज्म (nationalism) कहते हैं। यूरोप में राष्ट्रवाद की शुरुआत कब हुई थी? यूरोप में राष्ट्रवाद की शुरुआत 1789 में फ्रांस की क्रांति के साथ राष्ट्रवाद के आंदोलन की शुरुआत हो चुकी थी। आशा है कि इस ब्लॉग से आपको यूरोप में राष्ट्रवाद के बारे में सम्पूर्ण जानकारी मिली होगी। यदि आप विदेश में पढ़ाई करना चाहते हैं तो आज ही हमारे Leverage Edu एक्सपर्ट्स को 1800572000 पर कॉल करें और 30 मिनट का फ्री सेशन बुक करें। यूरोप में राष्ट्रवाद के क्या कारण है?विभिन्न क्षेत्रों पर अलग-अलग वंश के लोग राज करते थे। इन इलाकों में राजतंत्र का शासन हुआ करता था। उस काल में कई ऐसे तकनीकी परिवर्तन हुए जिनके कारण समाज में अभूतपूर्व बदलाव आये। समाज में आये इन परिवर्तनों ने लोगों में राष्ट्रवाद की भावना को जन्म दिया।
21 नेपोलियन बोनापार्ट ने यूरोप में राष्ट्रवाद का प्रसार कैसे किया?नेपोलियन बोनापार्ट (Napoleon Bonaparte) ने विजित राज्यों में राष्ट्रवादी भावना जागृत कर दी। फ्रांसीसी आधिपत्य वाले राष्ट्रों में नेपोलियन संहिता, फ्रांसीसी शासन और अर्थव्यवस्था समान रूप से लागू की गई। नेपोलियन के इन कार्यों से इटली एवं जर्मनी के एकीकरण का मार्ग सुगम हो गया। वहाँ राष्ट्रवाद का विकास हुआ।
यूरोप में राष्ट्रवाद को फैलाने में नेपोलियन बोनापार्ट की क्या भूमिका थी?नेपोलियन ने जर्मनी और इटली के राज्यों को भौगोलिक नाम की परिधि से बाहर कर उसे वास्तविक एवं राजनैतिक रूपरेखा प्रदान की। जिससे इटली और जर्मनी के एकीकरण का मार्ग प्रशस्त हुआ। दूसरी तरफ नेपोलियन की सुधारवादी नीतियों के कारण फ्रांसीसी प्रभुता और आधिपत्य के विरुद्ध यूरोप में देशभक्तिपूर्ण विक्षोभ भी जगा।
यूरोपीय देशों में राष्ट्रवाद का विकास कैसे हुआ?19 वीं शताब्दी में यूरोपीय महाद्वीप में राष्ट्रवाद (nationalism) की एक लहर चली जिसने यूरोपीय देशों का कायाकल्प कर दिया। जर्मनी, इटली, रोमानिया आदि नवनिर्मित देश कई क्षेत्रीय राज्यों को मिलाकर बने जिनकी राष्ट्रीय पहचान 'समान' थी। यूनान, पोलैण्ड, बल्गारिया आदि स्वतन्त्र होकर राष्ट्र बन गये।
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