नदी-स्नान के बाद वे क्या करते थे ? - nadee-snaan ke baad ve kya karate the ?

विषयसूची

  • 1 नदी स्नान के बाद में क्या करते थे?
  • 2 बालगोबिन नदी स्नान के लिए गाँव से कितनी दूर जाते थे?
  • 3 गंगा में स्नान कैसे करना चाहिए?
  • 4 गंगा स्नान करने से क्या होता है?

नदी स्नान के बाद में क्या करते थे?

इसे सुनेंरोकेंस्नान के पश्चात ध्यान, पूजा या जप आदि कार्य सम्पन्न किए जाते हैं। हमारे शरीर में 9 छिद्र होते हैं उन छिद्रों को साफ-सुधरा बनाने रखने से जहां मन पवित्र रहता है वहीं शरीर पूर्णत: शुद्ध बना रहकर निरोगी रहता है।

गंगा नदी में स्नान करने से क्या होता है?

इसे सुनेंरोकेंगंगा दशहरा को गंगा नदी में स्नान करने मात्र से पापों का नाश होता है तथा अनंत पुण्यफल की प्राप्ति होती है। इस दिन गंगा नदी में स्नान करना चाहिए, ऐसा न कर सकते तो घर में ही पानी में गंगाजल डालकर नहाना चाहिए। गंगा स्नान करने से 10 तरह के पाप खत्म हो जाते हैं।

बालगोबिन नदी स्नान के लिए गाँव से कितनी दूर जाते थे?

इसे सुनेंरोकेंबालगोबिन भगत का गंगा स्नान पर जाते समय क्या नियम था? बालगोबिन भगत हर वर्ष गंगा स्नान पर जाते थे। गंगा-स्नान के बहाने उन्हें संतों के दर्शन हो जाते थे। गंगा उनके गाँव से तीस कोस दूर थी।

गंगा स्नान पर जाने का बालगोबिन का मुख्य अभिप्राय क्या होता था?

इसे सुनेंरोकेंखेतीबारी करते, परिवार रखते भी, बालगोबिन भगत साधु थे-साधु की सब परिभाषाओं में खरे उतरने वाले। कबीर को ‘साहब’ मानते थे, उन्हीं के गीतों को गाते, उन्हीं के आदेशों पर चलते। कभी झूठ नहीं बोलते, खरा व्यवहार रखते। किसी से भी दो-टूक बात करने में संकोच नहीं करते, न किसी से खामखाह झगड़ा मोल लेते।

इसे सुनेंरोकेंस्नान के पश्चात ध्यान, पूजा या जप आदि कार्य सम्पन्न किए जाते हैं। हमारे शरीर में 9 छिद्र होते हैं उन छिद्रों को साफ-सुधरा बनाने रखने से जहां मन पवित्र रहता है वहीं शरीर पूर्णत: शुद्ध बना रहकर निरोगी रहता है। प्रात: काल स्नान : तीर्थ में प्रात: काल स्नान करने का महत्व है।

गंगा में स्नान कैसे करना चाहिए?

  1. गंगा स्नान से पहले सामान्य जल से अच्छे से नहा लें।
  2. गंगा नदी में मनुष्य की अशुद्धि नहीं जानी चाहिए।
  3. गंगा स्नान करने के बाद शरीर को कपड़े से नहीं पोंछना चाहिए।
  4. मृत्यु या जन्म सूतक के समय भी गंगा स्नान किया जा सकता है, लेकिन महिलाओं को अपवित्र स्थिति में गंगा स्नान नहीं करना चाहिए।

गंगा स्नान पर आने जाने में कितना समय लगता था?

इसे सुनेंरोकेंगंगा उनके गाँव से तीस कोस दूर थी। वहाँ जाने में चार-पाँच दिन लग जाते थे। वे गंगा स्नान जाते समय अपने घर से ही खा कर चलते थे और वापस अपने घर पर ही आकर खाते थे। उनके अनुसार यदि वे साधु हैं तो साधु को कहीं आते-जाते समय खाने की क्या आवश्यकता है और यदि वे गृहस्थी हैं तो गृहस्थी को भिक्षा मांगकर खाना अच्छा नहीं है।

गंगा स्नान करने से क्या होता है?

इसे सुनेंरोकेंऐसा माना जाता है कि गंगा स्नान करने से पापों से मुक्ति मिलती है. इतना ही नहीं, स्नान के अलावा दीप-दान करना भी शुभ माना जाता है. इसे दीपदान पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है यानी इसी दिन देव दीपावली मनाई जाती है. इस दिन तीर्थ स्थलों पर श्रद्धालुओं का तांता-सा लग जाता है.

बालगोबिन भगत गंगा स्नान कब कब जाते थे?

इसे सुनेंरोकेंAnswer: बालगोबिन भगत प्रति वर्ष अपने घर से तीस कोस दूर गंगा स्नान को जाते थे।

नदी स्नान के बाद हुए क्या करते थे?

स्नान के पश्चात ध्यान, पूजा या जप आदि कार्य सम्पन्न किए जाते हैं। हमारे शरीर में 9 छिद्र होते हैं उन छिद्रों को साफ-सुधरा बनाने रखने से जहां मन पवित्र रहता है वहीं शरीर पूर्णत: शुद्ध बना रहकर निरोगी रहता है। प्रात: काल स्नान : तीर्थ में प्रात: काल स्नान करने का महत्व है।

4 नदी स्नान के बाद वे क्या करते थे?

- कभी वह दूसरे के खेत में शौच के लिए भी नहीं बैठते ! वह गृहस्थ थे; लेकिन उनकी सब चीज़ 'साहब' की थी। जो कुछ खेत में पैदा होता, सिर पर लादकर पहले उसे साहब के दरबार में ले जाते - जो उनके घर से चार कोस दूर पर था - एक कबीरपंथी मठ से मतलब !

गंगा स्नान के बाद क्या करना चाहिए?

गंगा स्नान करने के बाद शरीर को कपड़े से नहीं पोंछना चाहिए। जल को शरीर पर की सुखने देना चाहिए। 4. मृत्यु या जन्म सूतक के समय भी गंगा स्नान किया जा सकता है, लेकिन महिलाओं को अपवित्र स्थिति में गंगा स्नान नहीं करना चाहिए

गंगा नदी में नहाने से क्या होता है?

शिव की जटाओ में विराजमान गंगा में स्नान करने से सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है। अगर किसी व्यक्ति का विवाह ना हो रहा हो तो गंगा नदी में नहाने के बाद मिटटी का घड़ा पानी में बहाने से जल्दी शादी हो जाती है। गंगा नदी के किनारे स्नान करने के बाद छतरी, वस्त्र, जूते-चप्पल आदि दान में देना अच्छा होता है।