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न्यूरोलॉजिकल डिस्ऑर्डर रोगों के लिए कोई त्वरित समाधान नहीं है. Image-shutterstock.comNeurological Disorder: सुन्नता यानी संवेदना का आंशिक या पूर्ण नुकसान न्यूरोपैथी या रीढ़ की हड्डी (Spinal Cord) के घाव का संकेत हो सकता है. इससे चलने या कोई अन्य शारीरिक कार्य करने में कठिनाई बढ़ सकती है.
क्या आपको पता है न्यूरोलॉजिकल डिस्ऑर्डर (Neurological Disorder) क्या होता है? हमारा नर्वस सिस्टम (Nervous System) दैनिक जीवन में शामिल कई स्वैच्छिक और अनैच्छिक गतिविधियों को करने में मदद करता है. न्यूरोलॉजिकल डिस्ऑर्डर होने पर मूवमेंट, दृष्टि, शरीर संतुलन, वाक्, मेमोरी, सीखने, खाने या निगलने में कठिनाई होती है. अगर रोगी की नसें, साथ ही मस्तिष्क प्रभावित होता है, तो न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर को कई रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है. इंडिया डॉट कॉम की खबर के अनुसार यह एक ऐसी बीमारी है जो सेंट्रल और पेरिफेरल नर्वस सिस्टम (Central and Peripheral Nervous System) को प्रभावित करती है. सेंट्रल और पेरिफेरल नर्वस सिस्टम में मस्तिष्क, रीढ़ की हड्डी, क्रैनियल नसों, तंत्रिका जड़ों, परिधीय नसों, स्वायत्त तंत्रिका तंत्र, न्यूरोमस्क्यूलर जंक्शन और मांसपेशियों का समावेश होता है. तंत्रिका विकार या न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर आमतौर पर नर्वस सिस्टम को प्रभावित करने वाले वायरल, जीवाणु, कवक और परजीवी संक्रमण के कारण होते हैं. नर्वस सिस्टम की बीमारियों में अल्जाइमर रोग, डिमेंशिया, मिर्गी, सेरेब्रोवास्कुलर बीमारियां जैसे माइग्रेन, स्ट्रोक और अन्य सिरदर्द शामिल हैं. वहीं अन्य तंत्रिका संबंधी समस्याओं में पार्किंसंस, एकाधिक स्क्लेरोसिस, न्यूरोइनफेक्शन, मस्तिष्क ट्यूमर, तंत्रिका तंत्र के दर्दनाक विकार और कुपोषण के कारण न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर हो सकता है. इसे भी पढ़ेंः दिन में एक बार जरूर पिएं करेले का जूस, कई शारीरिक समस्याओं से मिलेगी मुक्ति न्यूरोलॉजिकल डिस्ऑर्डर के इन 5 लक्षणों को न करें इग्नोर सिर, गर्दन, पीठ या शरीर के विभिन्न
अंगों में दर्द अंगों का फड़कना, झुनझुनी या कमजोरी होना कमजोरी, आंखों की रोशनी कमजोर होना, चक्कर आना और बोलने या निगलने में
परेशानी दौरे पड़ना, अंगों का मरोड़ना और बार-बार बेहोश होना मांसपेशियों में अकड़न, कपकपी, याददाश्त या मानसिक क्षमता का कमजोर होना इसे भी पढ़ेंः घर में लगाएं ये खास औषधीय पौधे, कई बीमारियों से रहेंगे दूर न्यूरोलॉजिकल डिस्ऑर्डर का इलाज ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी| Tags: Health, Health tips, Lifestyle FIRST PUBLISHED : May 27, 2021, 10:39 IST न्यूरोलॉजी में कौन कौन से रोग आते हैं?तंत्रिका विकार या न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर आमतौर पर नर्वस सिस्टम को प्रभावित करने वाले वायरल, जीवाणु, कवक और परजीवी संक्रमण के कारण होते हैं. नर्वस सिस्टम की बीमारियों में अल्जाइमर रोग, डिमेंशिया, मिर्गी, सेरेब्रोवास्कुलर बीमारियां जैसे माइग्रेन, स्ट्रोक और अन्य सिरदर्द शामिल हैं.
न्यूरोलॉजी बीमारी के लक्षण क्या है?न्यूरोलोजी संबंधी बीमारियों में आमतौर पर बोलने में अंतर आना, शारीरिक असंतुलन, शरीर में अकड़न, कमजोरी, याददाश्त में कमी, उठने, बैठने चलने में परेशानी, शरीर में कंपन, मांसपेशियों का कठोर होना निगलने में कठिनाई आदि लक्षण पाए जाते हैं। न्यूरो संबंधी अधिकांश बीमारियों का निदान प्रारंभिक अवस्था में संभव है।
न्यूरोलॉजी में किसका इलाज होता है?मस्तिष्क, तंत्रिका प्रणाली, रीढ़ की हड्डी, रक्त वाहिकाओं, मांसपेशियों और तंत्रिकाओं को प्रभावित करने वाले रोगों का निदान और उपचार न्यूरोलॉजी का विषय हैं। न्यूरोलॉजी और न्यूरोसर्जरी के क्षेत्र में डॉक्टर इन बीमारियों से निपटते हैं।.
नर्वस सिस्टम खराब होने पर क्या होता है?नर्वस ब्रेकडाउन से न सिर्फ आपकी मानसिक अवस्था में कोई परिवर्तन होगा बल्कि कई शारीरिक समस्याएं भी इस अवस्था का इशारा हो सकती है। नर्वस ब्रेकडाउन के दौरान हार्ट बीट अनियमित रहती है, पेट खराब होना, मांसपेशियों में खिंचाव, बहुत अधिक कमजोरी महसूस होना या बेचैनी जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं।
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