पाकिस्तान का ₹ 1 इंडिया में कितने में चलता है? - paakistaan ka ₹ 1 indiya mein kitane mein chalata hai?

👉🏻भारतीय करेंसी की अमेरिकी डॉलर से तो काफी तुलना होती रहती है, लेकिन आज भारतीय करेंसी की तुलना पाकिस्तान से करते हैं. देखते हैं भारत के करेंसी सिस्टम और पाकिस्तान के करेंसी सिस्टम में कितना अंतर है. जिस तरह हमारे यहां 200, 500, 2000 के नोट हैं, वैसे पाकिस्तान में क्या व्यवस्था है और वहां कितने कितने के नोट चलते हैं. इतनी ही नहीं आज हम आपको बताएंगे कि भारतीय करेंसी के सामने पाकिस्तान की कितनी वैल्यू है। 👉🏻अगर आपको पाकिस्तान के नोट में दिलचस्पी है तो आज जान लीजिए पाकिस्तान के नोटों से जुड़ी खास बातें, जिनके बारे में बहुत कम लोग ही जानते हैं. आइए जानते हैं पाकिस्तान के नोटों से जुड़ी हर एक बात… कितने रुपये के चलते हैं नोट? 👉🏻जहां भारत में 1 रुपये, 2 रुपये, 5 रुपये, 10 रुपये, 20 रुपये, 50 रुपये, 100 रुपये, 200 रुपये, 500 रुपये, 2000 रुपये के चलन में है. वैसे पाकिस्तान में थोड़ी अलग व्यवस्था है. भारत ने कुछ साल पहले ही 1000 रुपये के नोट को बंद किया है, जबकि 2000 रुपये का नोट शुरू किया है. वहीं, पाकिस्तान के स्टेट बैंक की आधिकारिक वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार, वहां 5 रुपये, 10 रुपये, 20 रुपये, 50 रुपये, 100 रुपये, 500 रुपये, 1000 रुपये और 5000 रुपये का नोट चलन में है. यानी वहां 5000 रुपये का नोट भी चलता है। भारत और पाकिस्तान के नोट की वैल्यू? 👉🏻पाकिस्तान की तुलना में भारत का रुपया मजबूत है. पाकिस्तान का एक रुपया पाकिस्तान के 2.29 रुपये के बराबर है. यानी पाकिस्तान की करेंसी वैल्यू हमारी करेंसी से आधी है. डॉलर के हिसाब से तुलना करें तो एक अमेरिका डॉलर के सामने पाकिस्तान रुपये की वैल्यू 168.82 रुपये है. वहीं, एक अमेरिकी डॉलर के सामने भारत के 73.72 रुपये बराबर है. अगर 2000 रुपये के हिसाब से देखें तो हमारे दो हजार रुपये का नोट वहां 4579.34 रुपये के बराबर है. (यह कीमत 24 सितंबर के रेट आधार पर लिखी गई है) गांधी की जगह जिन्ना की तस्वीर:- 👉🏻जिस तरह हमारे यहां नोट पर गांधी की तस्वीर लगी है, वैसे पाकिस्तान में मोहम्मद अली जिन्ना की शेरवानी में एक तस्वीर लगी है. जिन्ना की फोटो नोट के सामने वाले हिस्से में लगी है. पाकिस्तान के नोटों में भी भारत के नोटों की तरह सुरक्षा फीचर्स का ध्यान रखा गया है। नोट पर क्या होता है खास? 👉🏻पाकिस्तान के नोटों पर भी भारत की तरह स्टेट बैंक आदि के बारे में लिखा होता है. हमारे यहां के नोटों पर हिंदी और अंग्रेजी में लिखा होता है, वैसे पाकिस्तान में उर्दू में जानकारी लिखी होती है. इसमें उर्दू में सबसे ऊपर स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान लिखा होता है. इसके नीचे वचन वाक्य और गारंटी वाक्य लिखा होता है. इसके बाद GOVERNOR STATE BANK OF PAKISTAN लिखा होता है और साइन भी होते हैं. भारत के नोट में यह नीचे होता है, जबकि पाकिस्तान के नोट पर यह ऊपर होता है। 👉🏻इसके अलावा पाकिस्तान के नोट में कई सिक्योरिटी फीचर्स होते हैं, जिसमें वाटरमार्क, सिक्योरिटी थ्रेड आदि होते है. साथ ही एंटी स्कैन और एंटी कॉपी नोट बनाए जाते हैं, जिससे ना ही इसे स्कैन किया जा सकता है और ना ही इसकी फोटो कॉपी की जा सकती है. भारत की तरह पाकिस्तान के नोटों पर भी अलग-अलग ऐतिहासिक स्थल की फोटो लगी है. जैसे 10 रुपये के नोट पर पेशावर के Khyber Pass, 20 रुपये के नोट पर मोहनजोदड़ो, 50 रुपये के नोट पर काराकोरम पीक की फोटो लगी है। स्त्रोत:- TV9 Hindi, 👉🏻प्रिय किसान भाइयों दी गई उपयोगी जानकारी को लाइक 👍 करें एवं अपने अन्य किसान मित्रों के साथ शेयर करें धन्यवाद!

पाकिस्तान में डॉलर के मुक़ाबले रुपया लगातार गिरता जा रहा है. डॉलर रुपये के सामने अब तक के सबसे ऊंचे स्तर पर है जिसके मौजूदा हालात में नीचे आने की संभावना नहीं है.

गुरुवार को कारोबार की समाप्ति पर एक डॉलर 239.94 रुपये कीमत पर बंद हुआ. डॉलर की कीमत में रोजाना तीन से चार रुपये की बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है.

19 जुलाई को पाकिस्तानी रुपये की कीमत एक दिन में ही सात रुपये गिर गई जो देश के इतिहास में एक दिन में आई सबसे बड़ी गिरावट थी.

पाकिस्तान और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ़) के बीच जुलाई में एक स्टाफ़ लेवल समझौते पर सहमति बनी थी. आईएमएफ़ के लोन प्रोग्राम के तहत पाकिस्तान को वित्तीय मदद की जाएगी.

इसी समझौते को देखते हुए वित्त मंत्री मिफ़्ताह इस्माइल ने अगस्त में विनिमय दर में स्थिरता आने की संभावना जताई थी. लेकिन, मुद्रा और वित्तीय मामलों की जानकारी रखने वालों की मानें तो ये स्थिरता तभी आएगी जब पाकिस्तान में बाहरी स्रोतों से पैसा आना शुरू होगा जो फिलहाल पूरी तरह रुका हुआ है.

विशेषज्ञ पाकिस्तान में बढ़ते राजनीतिक संकट को लेकर भी चिंता जाहिर करते हैं. उनके अनुसार, राजनीतिक संकट आर्थिक संकेतकों के लिए नकारात्मक साबित हो रहे हैं और इससे रुपये का मूल्य भी प्रभावित हो रहा है.

विशेषज्ञों के मुताबिक पाकिस्तान में डॉलर की कीमत बढ़ने के कारण महंगाई की एक और लहर उठेगी क्योंकि पाकिस्तान अपनी ऊर्जा और खाद्य ज़रूरतों के लिए आयात पर निर्भर करता है. डॉलर की कीमत बढ़ने से आयात और महंगा हो जाएगा.

डॉलर की कीमत अब तक कितनी बढ़ी

पिछले साल अगस्त में एक डॉलर की कीमत 155 से 160 रुपये के बीच थी.

इमरान ख़ान की पार्टी पीटीआई के नेता अक्सर ये कहते हैं कि इस साल मार्च में जब उनकी सरकार के ख़िलाफ़ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया तो डॉलर 178 रुपये के स्तर पर था.

पाकिस्तान मुस्लिम लीग (एन) के नेतृत्व वाले गठबंधन की सरकार बनने पर 11 अप्रैल को एक डॉलर की कीमत 182 रुपये थी. इसके बाद भी डॉलर की कीमत बढ़ती गई और 30 जून को ख़त्म हुए वित्त वर्ष में कीमत बढ़कर 205 रुपये हो गई.

आईएमएफ़ के साथ स्टाफ़ स्तर के समझौते से एक दिन पहले डॉलर की कीमत 210 रुपये पर थी जिसमें समझौते के बाद डेढ़ रुपये की कम आई थी.

नई सरकार के गठन के बाद से डॉलर के मूल्य में 60 रुपये की बढ़ोतरी हुई है जबकि पीटीआई के साढ़े तीन साल के शासन के दौरान डॉलर की कीमत में 55 रुपये की तेज़ी दर्ज की गई थी.

ऐसे में विपक्षी दलों का दावा है कि प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ पाकिस्तानी रुपये की कीमत को स्थिर करने में विफ़ल रहे हैं.

आईएमएफ़ से समझौते के बावजूद गिर रहा रुपया

जुलाई मध्य में पाकिस्तान और आईएमएफ़ के बीच समझौते से पहले जब डॉलर की कीमत बढ़ रही थी तो इसकी वजह समझौते में देरी को बताया जा रहा था.

लेकिन, आईएमएफ़ के साथ समझौता होने के बावजूद भी पाकिस्तान में डॉलर के मूल्य में वृद्धि जारी है. वित्तीय मामलों के विशेषज्ञों के अनुसार उस दौरान डॉलर के मूल्य में आई कमी सिर्फ़ एक या दो दिनों के लिए ही थी. उसके बाद डॉलर फिर ऊपर की ओर जाने लगा.

फॉरेक्स एसोसिएशन ऑफ़ पाकिस्तान के अध्यक्ष मलिक बुस्तान ने बीबीसी को बताया कि आईएमएफ़ समझौते से आया प्रभाव आधे दिन तक रहा लेकिन उसके बाद जब पीटीआई ने उपचुनाव जीता तो इससे अनिश्चितता बढ़ गई और रुपये की कीमत गिर गई.

बुस्तान कहते हैं कि हालात ऐसे लगते हैं कि राजनीतिक तनाव और बढ़ेगा जो अर्थव्यवस्था के लिए नकारात्मक साबित होगा.

उन्होंने कहा, "अभी तक सिर्फ़ आईएमएफ़ के साथ समझौता हुआ है लेकिन पैसा नहीं आया है. जब आईएमएफ़ बोर्ड अगस्त में बैठगा तो उसके बाद ही पैसा मिलने की संभावना है."

मलिक बुस्तान कहते हैं कि अभी तक ये जानकारी नहीं है कि आईएमएफ़ की कौन-सी शर्ते हैं जिन्हें अभी पूरा करना बाकी है. इन्हें पूरा करने के बाद ही पैसा जारी किया जाएगा.

उन्होंने कहा कि आईएमएफ़ से पैसा ना मिलने के चलते अन्य बाहरी स्रोतों से भी वित्तीय मदद बंद हो गई है.

पाकिस्तान रुपये की बिगड़ती हालत के पीछे विशेषज्ञ आर्थिक कारणों को ही नहीं बल्कि राजनीतिक संकट को भी ज़िम्मेदार बताते हैं. उनका कहना है कि पाकिस्तान के आयात बिल, व्यापार घाटे और राजनीतिक संकट के कारण डॉलर के मूल्य में वृद्धि हो रही है.

पाक-कुवैत इंवेस्टमेंट कंपनी के प्रमुख समीउल्लाह तारिक़ ने बीबीसी से बात करते हुए कहा कि आईएमएफ समझौते के बाद स्टेट बैंक ऑफ़ पाकिस्तान की विनिमय दर में हस्तक्षेप करने में भूमिका सीमित हो गई है, जिसके कारण अब यह डॉलर को एक निश्चित स्तर पर बनाए रखने के लिए कोई भूमिका नहीं निभा सकता.

वहीं, जून में आयातित ऊर्जा उत्पादों के लैटर ऑफ़ क्रेडिट को निपटाने का इतना दबाव था कि इससे डॉलर की मांग काफ़ी बढ़ गई. लैटर ऑफ़ क्रेडिट एक ऐसा दस्तावेज होता है जो आयात करने वाले देश के बैंक से जारी किया जाता है जो निर्यात करने वाले देश को भुगतान का आश्वासन देता है.

एक्सचेंज कंपनीज़ एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटी ज़फ़र प्राचा ने कहा कि इस समय अफ़ग़ानिस्तान की तरफ़ से डॉलर की तस्करी भी बढ़ी है जिससे डॉलर की कीमत में तेज़ी आ रही है.

उन्होंने बताया कि वर्तमान में पेशावर में डॉलर 250 रुपये तक खुले बाजार में बिक रहा है जबकि अफ़गानिस्तान में यह 255 रुपये में बिक रहा है.

मलिक बुस्तान ने यह भी कहा कि अफ़गानिस्तान की आयात जरूरतों के लिए भी हमारे खाते से डॉलर जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि अगर एक साल में देखा जाए तो अफ़गानिस्तान की आयात जरूरतों के कारण पाकिस्तान का आयात बिल साढ़े चार अरब डॉलर से बढ़कर साढ़े सात अरब डॉलर हो गया है.

उन्होंने कहा कि पिछले साल अगस्त में पाकिस्तान के पास बीस अरब डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार था, जो अब घटकर नौ अरब डॉलर हो गया है.

आने वाले समय में डॉलर की कीमत को लेकर बात करते हुए मलिक बुस्तान ने कहा कि डॉलर को रोकना फिलहाल असंभव हो गया है और यह नहीं कहा जा सकता कि यह कहां जाकर थमेगा.

उनके मुताबिक जब तक राजनीतिक स्थिरता नहीं आती और पाकिस्तान के पास आईएमएफ़ सहित मित्र देशों से पैसा नहीं आता तब तक रुपये का मूल्य गिरता रहेगा.

वहीं, समीउल्लाह तारिक कहते हैं कि जून में आयात का और जुलाई में एलसी निपटारे का दबाव कम हुआ है जिससे रुपये पर दबाव कम होने की संभावना है. इसके साथ ही गाड़ियों, मोबाइल फ़ोन और अन्य सामानों के लिए एलसी के नियम सख़्त किए गए हैं तो इससे एलसी में भी ज़्यादा बढ़ोतरी नहीं होगी.

उनका मानना ​​है कि डॉलर 245 से 250 रुपये के बीच रहेगा. ''शायद यही वजह है कि केंद्रीय वित्त मंत्री ने आने वाले हफ्तों में विनिमय दर के स्थिर होने की बात कही है.''

समीउल्लाह का मानना है कि आने वाले समय में आईएमएफ़ से पैसा मिलने के बावजूद भी डॉलर की कीमत में बड़ी गिरावट नहीं आएगी और वो चार से पांच रुपये ही कम होगा. उनका कहना है कि विनिमय दर 235 रुपये के आसपास रहेगी.

भारत का ₹ 1 पाकिस्तानी रुपए के कितने बराबर है?

1 भारतीय रुपया से पाकिस्तानी रुपया हम दुनिया भर में मुद्रा विनिमय पर INRPKR की खरीद और बिक्री दरों के बीच मध्य बिंदु का उपयोग करते हैं। वर्तमान विनिमय दर 2.7621 के बराबर है।

भारत का ₹ 100 पाकिस्तान में कितना रुपया होता है?

भारत का ₹1 रुपया पाकिस्तान में Rs2. 69 के बराबर होता है तो भारत के ₹100 पाकिस्तान के कितने रुपए के बराबर है? ये बहुत सरल जवाब है, भारत के ₹100 को पाकिस्तान के Rs2. 69 से गुना करें = इसका जवाब rs 269.20 रुपया होता है।

पाकिस्तान का सबसे बड़ा नोट कौन सा है?

कितने कितने रुपये के हैं नोट- पाकिस्तान के स्टेट बैंक की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, पाकिस्तान में अभी 5000 रुपये तक के नोट है. पाकिस्तान में छोटे नोट के अलावा अभी 10 रुपये, 20 रुपये, 50 रुपये, 100 रुपये, 500 रुपये, 1000 रुपये और 5000 रुपये का नोट भी है.

भारत में कितना पैसा है?

(१ रुपया), Rs. और Rp. का प्रयोग किया जाता था। है और ₹१, ₹२, ₹५ और ₹१० रुपये भी। बैंकनोट ₹५, ₹१०, ₹२०, ₹५०, ₹१००, ₹२००, ₹५००, ₹१००० और ₹२००० के मूल्य पर हैं।