प्रिंटर क्या है और कितने प्रकार का हैप्रिंटर एक आउटपुट डिवाइस है. इसकी मदद से हम कंप्यूटर में किए गए काम का आउटपुट निकालकर यूज कर सकते हैं. अगर आपको किसी भी सॉफ्ट कॉपी का फोटो स्टेट चाहिए, तो आपको प्रिंटर की मदद लेनी पड़ेगी. साधारण तौर पर कहा जाए तो प्रिंटर वह मशीन है, जिसकी मदद से हम कंप्यूटर पर किसी भी देखे जाने वाले तत्व को चित्र के रूप में प्राप्त कर सकते हैं. यह एक आउटपुट
डिवाइस है जो डाटा को प्रिंट करता है और कंप्यूटर द्वारा ही संचालित होता है. प्रिंटर का प्रयोग अलग-अलग जगह पर अलग-अलग कामों के लिए किया जाता है. पहले हम सिर्फ ब्लैक एंड वाइट प्रिंट ही निकाल पाते थे परंतु अब कलर प्रिंटर से कलर प्रिंट भी निकलते हैं. अब तो आधुनिक मशीन (modern technology) इतनी आगे बढ़ गई है कि बाजार मेंनए - नए प्रिंटर आ गए हैं जो वायरलेस कनेक्शन यानी वाईफाई और ब्लूटूथ का इस्तेमाल करके भी कंप्यूटर से प्रिंट निकाल सकते हैं. Show प्रिंटर के प्रकारप्रिंटर को दो भागों में विभाजित किया जाता है: 1. इंपैक्ट प्रिंटर (Impact printer) 2. नॉन इंपैक्ट प्रिंटर (Non impact printer) इंपैक्ट प्रिंटर: इंपैक्ट प्रिंटर इलेक्ट्रो मैकेनिकल तरीके का प्रयोग करते हैं. जो pins को रेवन और पेपर पर स्ट्राइक करके टेक्स्ट प्रिंट करते हैं. इंपैक्ट प्रिंटर को भी दो भागों में विभाजित किया जाता है: 1. लाइन प्रिंटर (Line printer) 2. कैरेक्टर प्रिंटर (Character printer) लाइन प्रिंटर: लाइन प्रिंटर टेक्स्ट की एक लाइन को एक बार में प्रिंट करता है. लाइन प्रिंटर्स भी अलग - अलग तरह का होता है, जैसे की ड्रम प्रिंटर (Drum printer). ड्रम प्रिंटर: ड्रम प्रिंटर में इलेक्ट्रिकल ड्रम होता है. जिस पर कैरेक्टर उभरे हुए होते हैं. ड्रम को बहुत तेज स्पीड में घुमाया जाता है जिससे मैग्नेटिक रूप से चलने वाला हैमर के स्ट्राइक करने से प्रिंट हो जाता है. प्रिंटिंग के समय इसका लेवल बहुत हाई होता है और बहुत आवाज करता है. इसकी स्पीड 200 से 2000 लाइंस प्रति मिनट के बीच बदलती रहती है. यह प्रिंटर महंगे होते हैं. कैरेक्टर प्रिंटर: कैरेक्टर प्रिंटर एक बार में एक सिर्फ एक अक्षर को प्रिंट करता है. इसकी गति धीमी होती है. यह 30 से 600 अक्षर प्रति सेकेंड तक हो सकता है. धीमी गति प्रिंटिंग के कारण आजकल ये प्रिंटर बहुत ही काम उपयोग में लाये जाते हैं. इसे कई भागों में विभाजित किया गया है: 1. डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर (Dot matrix printer) डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर: डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर सबसे अधिक लोकप्रिय सीरियल प्रिंटर है. यह प्रिंटर्स दो या तीन स्पीड पर अपडेट करती है. स्पीड जितनी कम होगी प्रिंटिंग की क्वालिटी उतनी अच्छी होगी. कई डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर बाई डायरेक्शन होते हैं. जो लाइन को बाएं से दाएं और दाएं से बाएं प्रिंट करते हैं. डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर में ग्राफिक्स प्रिंट कर सकते हैं. एयर क्वालिटी प्रिंटर: इस प्रिंटर में कोई कैरेक्टर डॉट्स नहीं बनता है. इस प्रकार का सबसे लोकप्रिय प्रिंटर डिजिटल प्रिंटर है. इसके प्रिंटर हेड डिजिट फूल की तरह होते हैं. यह प्रिंटर आजकल प्रयोग नहीं किए जाते हैं. नॉन इंपैक्ट प्रिंटर: नॉन इंपैक्ट प्रिंटर इंपैक्ट प्रिंटर की अपेक्षा तेज होते है. इसे कई भागो में विभाजित किया गया है: 1. इलेक्ट्रोमैग्नेटिक प्रिंटर (Electromagnetic printer) 2. थर्मल प्रिंटर (Thermal printer) 3. इंकजेट प्रिंटर (Inkjet printer ) इलेक्ट्रोमैग्नेटिक प्रिंटर: इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रिकॉर्ड तकनीकों का प्रयोग करती है. यह आवश्यक आउटपुट पर लिखी जाती है. यहां पाउडर पेपर Press किया जाता है. थर्मल प्रिंटर: थर्मल प्रिंटर में पेपर पर जब भी कोई सपोर्ट गर्म की जाती है तो यह डार्क हो जाता है. इसका स्पीड 230 प्रति सेकंड होती है. इस प्रकार के प्रिंटर का उपयोग फैक्स मशीनों में किया जाता है. इंकजेट प्रिंटर: इंकजेट प्रिंटर का उपयोग चित्र या टेक्स्ट को प्रिंट करने के लिए किया जाता है. यह कागज पर इंक छिड़ककर प्रिंट निकालता है. स्याही की बूंदे नलिका की एक श्रृंखला के माध्यम से शिरकाई जाती है. यह बूंदे ब्यास में 0.6 माइक्रोन होती है. इस प्रकार के प्रिंटर उच्च गुणवत्ता वाले प्रिंटिंग प्रदान करते हैं. यह प्रिंटर यूएसबी पोर्ट के माध्यम से जुड़े होते हैं. लेजर प्रिंटर: लेजर प्रिंटर प्रिंट करने के लिए लेजर की एक किरण का उपयोग करता है. यह उच्च गुणवत्ता वाला प्रिंट
उत्पन्न करता है. यह प्रिंटर काफी महंगे होते हैं और इन्हें समय - समय पर सर्विसिंग की जरूरत होती है. लेजर प्रिंटर मुख्य रूप से डेस्कटॉप पब्लिशिंग कार्य के लिए प्रयोग किए जाते हैं. ऑल इन वन प्रिंटर: आजकल ज्यादातर लोग इसी प्रिंटर का इस्तेमाल करते हैं. इसमें कई सारी सुविधाएं दी जाती हैं. जैसे यह प्रिंटिंग के साथ-साथ फोटोकॉपी का भी काम करता है. यह एक ऐसा डिवाइस होता है जो समय और पैसे दोनों को बचाता है. यह तुलना में धीमा होता है. अगर इसका फंक्शन खराब हो जाए तो हम कोई भी कार्य नहीं कर सकते. प्लॉटर्स (Plotters): प्लॉटर आउटपुट डिवाइस है. इन्हें सही और अच्छी क्वालिटी के ग्राफिक्स एवं ड्राइंग के अंतर्गत प्रस्तुत करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. वायरलेस प्रिंटर (Wireless printer): यह एक पेरिफेरल डिवाइस है जो विभिन्न तरीकों से कंप्यूटर से जोड़ा जा सकता है. जैसे कि प्रिंटर केबल, USB केबल, वायरलेस से कनेक्ट हो जाता है. इसीलिए इसे वायरलेस प्रिंटर भी कहते हैं. यह वाईफाई और ब्लूटूथ के जरिए भी प्रिंट निकाल लेते हैं. प्रिंटर निर्माता कंपनी (Printer manufacture company):प्रिंटर विभिन्न आकारों और विशेषताओं में उपलब्ध है. यह कई कंपनियों द्वारा बनाए जाते हैं. जैसे - HP, Canon, Epson, Ricoh, Dell, Samsung, Panasonic, Xerox, Toshiba इत्यादि.
प्रिंटर कितने प्रकार के होते हैं PDF?प्रभाव प्रिंटर के प्रकार:. डॉट-मैट्रिक्स प्रिंटर्स. डेज़ी-व्हील प्रिंटर. रेखा प्रिंटर. ड्रम प्रिंटर. चेन प्रिंटर. बैंड प्रिंटर. प्रिंटर कितने प्रकार के होते हैं तथा प्रिंटर को कंप्यूटर से कैसे जोड़ा जाता है?आपके प्रिंटर को यूएसबी केबल की मदद से आपके कंप्यूटर पर लगाएँ: यूएसबी केबल को आपके कंप्यूटर के किसी एक यूएसबी पोर्ट (USB port) पर लगा होना चाहिए।
प्रिंटर और क्या प्रकार है?1 – Dot Matrix Printer (डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर)
डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर ऐसे प्रिंटर होते हैं जो प्रत्येक अक्षर को डॉट के रूप में छापते हैं. इस प्रकार के प्रिंटर के हैड पर बहुत सारे पिनों का एक Matrix लगा होता है और जब रिबन कागज पर Touch होता है तो एक डॉट छपता है और इसी प्रकार अनेक डॉट मिलकर एक अक्षर बनाते हैं.
प्रिंट कितने प्रकार के होते हैं?प्रिन्टर तिन प्रकार के होते है। १) थर्मल प्रिन्टर (ब्लैक ऐन्ड वाइट, कागज को गर्म करके प्रिन्ट करता है।) २) इंकजेट प्रिन्टर ( कलर, कागज पर इंक छिडक कर प्रिन्ट करता है। ) ३) लेजर प्रिन्टर ( कलर, कलर को गर्म करके प्रिन्ट करता है।)
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