परदा (कहानी) Show पैसा नहीं देना था, लिया क्यों?....
तनख्वाह किधर में जाता ....। देश काल और वातावरण यशपाल समाज के यथार्थ चित्रण करने के चेहरे के रूप में प्रसिद्ध हैं प्रस्तुत कहानी में उन्होंने आधुनिक युग के समाज की स्थिति का वास्तविक चित्र प्रस्तुत किया है कहानी उन दिनों की है जब भारत स्वाधीन नहीं हुआ था परंतु उन दिनों हमारे निम्न मध्यवर्ग निम्न वर्गीय समाज की जो स्थिति थी आज भी लगभग वैसी ही है आज भी सफेदपोश वर्ग अपने ऊपर ईशान के नाम पर असलियत को स्वीकार
नहीं कर पाता और चौधरी पीर बख्श की भांति आर्थिक संकट में पिता रहता है लेखक ने इस कहानी में गरीबों की कच्ची और गंदी बस्ती के वातावरण का सजीव चित्र चित्र निम्न पंक्तियों में स्पष्ट किया है आसपास गरीब और कमीनी लोगों की बस्ती थी कच्ची गली के बीचो-बीच गली के मुहाने पर लगे कमेटी के नल से टपकते पानी की काली धार बहती रहती जिसके किनारे घास उग आई थी नानी पर मच्छरों और मक्खियां बादल मरते रहते| शीर्षक की सार्थकता पर्दा कहानी का उद्देश्य क्या है?बबर अलीखाँ जैसा निर्दयी साहूकार भी इस दृश्य को देखकर पसीज जाता है । धीक्कारना Page 10 स्वाध्याय : लघुत्तरी प्रश्न : 'परदा' कहानी का उद्देश्य स्पष्ट कीजिए ।
परदा कहानी के माध्यम से कहानीकार क्या संदेश देना चाहते हैं?इसलिए उनको प्रगतिशील और यथार्थवादी कथाकार माना गया है, यसपाल की परदा कहानी हिंदी सहित्य की एक श्रेष्ठ सामाजिक कहानी है जिसमें उन्होंने एक ऐसे मध्यवर्ग के एक परिवार की कहानी को प्रस्तुत किया है जो समाज के सामने अपनी पुरानी ख़ानदानी इज्जत को बनाए रखना चाहता है।
यशपाल की परदा कहानी में परदा का क्या आशय है?कहानी का सारांश
इस कहानी का मुख्य किरदार यूं तो वह परदा ही है जो एक घर की लाज बनाने की कोशिश अपने अंतिम रेशे, अपने अंतिम धागे तक करता है। पर चूंकि यह परदा चौधरी पीरबक्श के मकान पर टंगा था तो सारा किस्सा उन्हीं की सहारे चलता था। कहानी के अंत में से परदा हट चुका था । सबको उनके घर के हालत के बारे में पता चल गया था ।
पर्दा कहानी में पर्दा किसका प्रतीक है?इस कहानी में पर्दा उसी दिखावे की जीवन शैली के पीछे को सच को ढकने का प्रतीक है।
|