पश्चिम दिशा में किस दिन यात्रा करनी चाहिए - pashchim disha mein kis din yaatra karanee chaahie

कभी बिजनेस के सिलसिले में तो कभी किसी रिश्तेदारों से मिलने के लिए यात्रा करनी पड़ती है तो कभी कभी सैर-सपाटे और मूड बदलने के लिए भी यात्रा करते हैं। यानी जीवन में किसी न किसी उद्देश्य से हर व्यक्ति को कभी-कभी यात्रा करनी पड़ती है।

कुछ यात्राएँ सुखद और आरामदायक होती है तो कुछ ऐसी भी यात्राएँ हो जाती है जो कठिनाई और परेशानियों की वजह से दुःखद एहसास बनकर रह जाती हैं। ज्योतिषशास्त्र में यात्रा के संदर्भ में कुछ नियमों का वर्णन किया गया है। माना जाता है कि इन नियमों का पालन किया जाए तो यात्रा सुखद और उद्देश्य में सफलता दिलाने वाली होती है।

यात्रा के संदर्भ में दिन का महत्व
ज्योतिषशास्त्र के नियम के अनुसार सोमवार और शनिवार को पूर्व दिशा में यात्रा करने पर दिशाशूल लगता है। दिशाशूल का अर्थ है संबंधित दिशा में बाधा और कष्ट प्राप्त होना। इसलिए सोमवार एवं शनिवार को पूर्व दिशा में यात्रा नहीं करनी चाहिए। रविवार और शुक्रवार को पश्चिम दिशा में दिशाशूल लगता है। मंगलवार और बुधवार को उत्तर दिशा की यात्रा अनुकूल नहीं होती है तथा गुरूवार के दिन दक्षिण दिशा की यात्रा कष्टकारी होती है।

दक्षिण की दिशा में यात्रा के लिए सोमवार को उत्तम माना जाता है। मंगलवार पूर्व व दक्षिण दोनों ही दिशाओं में यात्रा के लिए शुभ होता है। बुधवार के दिन पूर्व एवं पश्चिम दिशा की यात्रा अनुकूल रहती है। गुरूवार को दक्षिण दिशा को छोड़कर अन्य सभी दिशाओं में यात्रा सुखद रहती है। शुक्रवार के दिन शाम के समय शुरू की गयी यात्रा सुखद और शुभ फलदाय होती है।

शनिवार के विषय में कहा गया है कि शनिवार को अपने घर की यात्रा को छोड़कर अन्य किसी भी स्थान की यात्रा लाभप्रद नहीं होती है। शनिवार के दिन यात्रा करना अशुभ माना गया है। रविवार के दिन पूर्व दिशा में की गयी यात्रा उत्तम रहती है।

यात्रा दोष दूर करने के उपाय
कई बार न चाहते हुए भी उस दिशा में यात्रा करनी पड़ती है जिस दिशा में दिशाशूल होता है। इस दोष को दूर करने के लिए ज्योतिषशास्त्र में सामान्य सा उपाय बताया गया है। सोमवार के दिन दर्पण देखकर और दूध पीकर यात्रा करें। मंगलवार को गुड़ खाकर, बुधवार को धनिया या तिल खाकर यात्रा करें। गुरूवार को दही, शुक्रवार को जौ खाकर अथवा दूध पीकर सफर पर निकलें। शनिवार को उड़द या अदरक खाकर जाएं। रविवार को घी अथवा दलिया खाकर यात्रा करनी चाहिए। यह ऐसे उपाय हैं जिनका प्रयोग पीढ़ियों से होता चला आ रहा है।

किस दिन, कौन-सी दिशा में यात्रा करना होता है शुभ और किस दिन अशुभ? ध्यान रखें ये बातें

यात्रा करना हमारे जीवन का एक हिस्सा है। कई यात्राएं बिजनेस को लेकर होती हैं तो कुछ परिवार के साथ घुमने के लिए। कभी रिश्तेदारों के यहां मांगलिक कार्यों में जाने कि लिए भी यात्रा करनी पड़ती है। कोई यात्रा धार्मिक भी हो सकती है। यात्रा और जीवन का एक-दूसरे के पूरक हैं।

पश्चिम दिशा में किस दिन यात्रा करनी चाहिए - pashchim disha mein kis din yaatra karanee chaahie

पश्चिम दिशा में किस दिन यात्रा करनी चाहिए - pashchim disha mein kis din yaatra karanee chaahie

Ujjain, First Published Dec 6, 2021, 10:35 AM IST

उज्जैन. ज्योतिष शास्त्र में यात्रा से जुड़ी अनेक शुभ-अशुभ संकेतों के बारे में बताया गया है। ज्योतिष शास्त्र में ये भी बताया गया है कि किस वार को किस दिशा में यात्रा करने से बचना चाहिए। ऐसा करने से कष्ट का अनुभव हो सकता है। इसे दिशा शूल कहते हैं। लेकिन कई बार न चाहते हुए भी हम निषेध दिशा में यात्रा करना पड़ सकती है। उस स्थिति में कुछ आसान उपाय करने से दिशा शूल का परिहार यानी निवारण हो सकता है। आगे जानिए इससे जुड़ी खास बातें… 

किस दिन कौन-सी दिशा में यात्रा न करें?
सोमवार और शनिवार को पूर्व दिशा में यात्रा करने पर दिशाशूल लगता है। दिशाशूल का अर्थ है संबंधित दिशा में बाधा और कष्ट प्राप्त होना। इसलिए सोमवार एवं शनिवार को पूर्व दिशा में यात्रा नहीं करनी चाहिए। रविवार और शुक्रवार को पश्चिम दिशा में दिशाशूल लगता है। मंगलवार और बुधवार को उत्तर दिशा की यात्रा अनुकूल नहीं होती है तथा गुरूवार को दक्षिण दिशा की यात्रा कष्टकारी होती है।

किस दिन कौन-सी दिशा में यात्रा शुभ फल देती है?
दक्षिण दिशा में यात्रा के लिए सोमवार को उत्तम माना जाता है। मंगलवार पूर्व व दक्षिण दोनों ही दिशाओं में यात्रा के लिए शुभ होता है। बुधवार के दिन पूर्व एवं पश्चिम दिशा की यात्रा अनुकूल रहती है। गुरूवार को दक्षिण दिशा को छोड़कर अन्य सभी दिशाओं में यात्रा सुखद रहती है। शुक्रवार के दिन शाम के समय शुरू की गयी यात्रा सुखद और शुभ फलदायी होती है। शनिवार के विषय में कहा गया है कि शनिवार को अपने घर की यात्रा को छोड़कर अन्य किसी भी स्थान की यात्रा लाभप्रद नहीं होती है। रविवार को पूर्व दिशा में की गयी यात्रा उत्तम रहती है।

यात्रा दोष दूर करने के लिए ये उपाय करें…
कई बार न चाहते हुए भी उस दिशा में यात्रा करनी पड़ती है जिस दिशा में दिशाशूल होता है। इस दोष को दूर करने के लिए ज्योतिषशास्त्र में सामान्य सा उपाय बताया गया है। 
- सोमवार को दर्पण देखकर और दूध पीकर यात्रा करें। 
- मंगलवार को गुड़ खाकर यात्रा करें।
- बुधवार को धनिया या तिल खाकर यात्रा करें। 
- गुरूवार को दही खाकर यात्रा करें। 
- शुक्रवार को जौ खाकर अथवा दूध पीकर सफर पर निकलें। 
- शनिवार को उड़द या अदरक खाकर यात्रा पर जाएं। 
- रविवार को घी अथवा दलिया खाकर यात्रा करनी चाहिए। 
 

ये वास्तु टिप्स भी पढ़ें

घर के मंदिर में ध्यान रखें ये बातें, कैसी मूर्ति की करें पूजा और किस तरह की मूर्तियां रखने से बचें

घर में हो वास्तु दोष तो भी करियर में आती है बाधाएं, ध्यान रखें ये वास्तु टिप्स

Feng shui tips: किस धातु से बनी विंड चाइम्स घर की किस दिशा में लगाना चाहिए, जानिए खास बातें

Vastu Tips: इन छोटी-छोटी बातों का रखेंगे ध्यान तो दूर होंगी परेशानियां और मिल सकती है तरक्की

वास्तु दोष निवारक यंत्र से दूर हो सकती हैं आपकी परेशानियां, जानिए इसके फायदे और खास बातें

Last Updated Dec 6, 2021, 1:07 PM IST

पश्चिम दिशा में कौन सा दिन जाना चाहिए?

रविवार और शुक्रवार को पश्चिम दिशा में दिशाशूल लगता है। मंगलवार और बुधवार को उत्तर दिशा की यात्रा अनुकूल नहीं होती है तथा गुरूवार के दिन दक्षिण दिशा की यात्रा कष्टकारी होती है। दक्षिण की दिशा में यात्रा के लिए सोमवार को उत्तम माना जाता है।

रविवार को कौन सी दिशा में जाना चाहिए?

आइए जानें... दिशाशूल और वार : पूर्व दिशा - सोमवार, शनिवार। पश्चिम दिशा - रविवार, शुक्रवार।

सोमवार को कौन सी दिशा में नहीं जाना चाहिए?

क्या होता है दिशाशूल पूर्व दिशा - सोमवार, शनिवार। पश्चिम दिशा - रविवार, शुक्रवार। दक्षिण दिशा - गुरुवार। उत्तर दिशा - मंगलवार, बुधवार।

यात्रा मुहूर्त कैसे देखे?

समयशूल- उषाकाल में पूरब को, गोधू‍लि में पश्चिम को, अर्धरात्रि में उत्तर को और मध्याह्नकाल में दक्षिण को नहीं जाना चाहिए। दक्षिण यात्रा का निषेध- कुम्भ और मीन के चन्द्रमा में अर्थात पंचक में दक्षिण कदापि न जाएं। चन्द्रमा की दिशा और उसका शुभाशुभ फल- 'मेष सिंह धनु पूरब चन्दा।