अगर किसी दिन पेट में गैस बन जाए, तो खाना-पीना और काम करना मुश्किल हो जाता है। कुछ लोगों को तो गैस का दर्द इतना परेशान करता है कि उनके लिए सांस तक लेना कठिन हो जाता है। गैस के चलते पेट में भारीपन व दर्द, आंखों में जलन, उल्टी आने का अहसास होना और सिर में दर्द तक होता है। कहने को तो यह सिर्फ गैस भर होती है, लेकिन इसे अनदेखा करने पर कई गंभीर परिणाम तक भुगतने पड़ सकते हैं। कब्ज, एसिडिटी व अल्सर आदि गैस से होने वाले रोग हैं। स्टाइलक्रेज के इस आर्टिकल के जरिए हम पेट में गैस की समस्या को समझने का प्रयास करेंगे। साथ ही गैस का दर्द कम करने के लिए कुछ घरेलू उपचार व जरूरी टिप्स भी बताएंगे। आर्टिकल में दिए गए पेट गैस के घरेलू उपाय कई शोधों पर आधारित हैं, जो जानवरों और इंसानों पर किए गए हैं। Show
अंत तक पढ़ें आर्टिकल आर्टिकल में सबसे पहले हम पेट में गैस होने के विभिन्न कारण के बारे में बता रहे हैं। विषय सूची
पेट में गैस के कारण – Causes of Stomach Gas in Hindiपेट में गैस के कारणों को लेकर कई प्रकार के शोध किए गए हैं। विभिन्न शोध में पाया गया है कि पेट में गैस के कारण होते हैं। यहां हम कुछ प्रमुख कारणों के बारे में बता रहे हैं (1) (2) (3):
पढ़ते रहें आर्टिकल पेट में गैस के कारण को जानने के अब हम गैस की समस्या के लक्षण के बारे में बता रहे हैं। पेट में गैस के लक्षण – Symptoms of Stomach Gas Problem in Hindiगैस की समस्या के लक्षण में पेट में हल्की जलन होने से लेकर तेज दर्द तक शामिल है। हालांकि, हल्की जलन को अनदेखा किया जा सकता है, लेकिन गैस का दर्द बर्दाश्त करना मुश्किल हो जाता है। पेट में गैस के अन्य लक्षण भी हो सकते हैं, जो इस प्रकार हैं (2) (3):
अगर उल्टी व मल के साथ खून नजर आता है और पेट में ऐंठन व बेचैनी महसूस हो, तो शीघ्र डॉक्टर के पास जाना चाहिए। ये सब गैस से होने वाले रोग के लक्षण हो सकते हैं। इन लक्षणों का मतलब यह है कि समस्या गंभीर रूप ले चुकी है और इसकी अनदेखी करना सही नहीं है (2)। नीचे स्क्रॉल करें आर्टिकल के अगले भाग में हम पेट में गैस दूर करने के घरेलू उपाय बता रहे हैं। पेट में गैस दूर करने के घरेलू उपाय – Home Remedies for Stomach Gas in Hindiगैस की समस्या से छुटकारा पाने के लिए अधिकतर लोग दवाइयों का सहारा लेते हैं, जिनके साइड इफेक्ट भी हो सकते हैं। इसलिए, यहां हम कुछ घरेलू उपचार से गैस से छुटकारा पाने के उपाय बता रहे हैं। दिए गए पेट गैस के घरेलू उपाय गैस की समस्या के प्रारंभिक लक्षणों को दूर करने में फायदेमंद हो सकते हैं, लेकिन स्थिति गंभीर होने पर डॉक्टर द्वारा दिया गया ट्रीटमेंट ही फायदेमंद होता है। 1. बेकिंग सोडासामग्री :
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कैसे है लाभकारी : बेकिंग सोडा का उपयोग सेहत के लिए कई प्रकार से फायदेमंद हो सकता है। उन्हीं में से एक है गैस का इलाज। एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफार्मेशन) की वेबसाइट पर इस संबंध में एक शोध उपलब्ध है। शोध के अनुसार, मनुष्यों के पेट में हाइड्रोक्लोरिक एसिड होता है, जो भोजन काे पचाने में मदद करता है (5)। जब हाइड्रोक्लोरिक एसिड में सोडियम बाइकार्बोनेट यानी बेकिंग सोडा को मिलता है, तो यह केमिकल तुरंत कार्य करता है और गैस के उत्पादन को धीमा कर सकता है (6)। इस आधार पर कहा जा सकता है कि बेकिंग सोडा का उपयोग गैस की दवा के रूप में समस्या को कुछ हद तक कम करने में मददगार हो सकता है। 2. एलोवेरासामग्री :
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कैसे है लाभकारी : आयुर्वेद के अनुसार, स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याओं में एलोवेरा के फायदे देखे गए हैं। गैस के लिए भी इसका इस्तेमाल किया जा सकता है। पेट में गैस बनने का एक कारण हेलिकोबैक्टर पाइलोरी (Helicobacter pylori) नामक बैक्टीरियल संक्रमण भी है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध में पाया गया है कि एलोवेरा में एंटी-बैक्टीरियल गुण पाया जाता है, जो हेलिकोबैक्टर पाइलोरी नामक बैक्टीरिया के संक्रमण को दूर करने में मदद कर सकता है। इससे पेट की गैस को कम करने और गैस का इलाज करने में कुछ हद तक फायदा मिल सकता है (6)। 3. नारियल पानीसामग्री :
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कैसे है लाभकारी : नारियल पानी का उपयोग करने के कई फायदे हैं। जहां इसे पाचन में अच्छा माना जाता है, वहीं इसे गैस की दवा के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है। नारियल पानी की इस खूबी की पुष्टि करने के लिए वैज्ञानिक शोध किया गया। शोध में पाया गया कि नारियल पानी में पाचन क्रिया को सुधारने के साथ गैस्ट्रिक समस्या को कम करने वाले गुण भी पाए जाते हैं। इस आधार पर कहा जा सकता है कि गैस का इलाज करने में नारियल पानी फायदेमंद हो सकता है (7)। 4. ग्रीन टीसामग्री :
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कैसे है लाभकारी : गैस की समस्या को कम करने के लिए ग्रीन टी के फायदे भी देखे गए हैं। ग्रीन टी में भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है, जो सीधा पेट की अंदरूनी परत पर असर डालता है। इससे गैस की समस्या धीरे-धीरे कम होने लगती है। इस चाय को गैस की दवा के रूप में प्रतिदिन पीने से पुरानी से पुरानी गैस की समस्या दूर हो सकती है। इसलिए, गैस से होने वाले रोग से बचने के लिए ग्रीन टी का सेवन कर सकते हैं। इस तथ्य की पुष्टि एनसीबीआई की साइट पर उपलब्ध एक रिसर्च पेपर से होती है (8)। 5. नींबूसामग्री :
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कैसे है लाभकारी : सेहत के लिए नींबू को कई प्रकार से फायदेमंद माना गया है। इसका इस्तेमाल गैस की दवा के रूप में भी किया जा सकता है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर उपलब्ध विभिन्न शोध के अनुसार, नींबू को सिट्रस फ्रूट की श्रेणी में रखा जाता है। नींबू जैसे सिट्रस फ्रूट में गैस्ट्रोप्रोटेक्टिव गुण पाए जाते हैं। इसमें पाए जाने वाले ये गुण गैस की समस्या का कारण बनने वाले हेलिकोबैक्टर पाइलोरी बैक्टीरिया के संक्रमण को कम करने में फायदेमंद हो सकते हैं। इससे पेट में गैस की समस्या को कम करने में मदद मिल सकती है (9)। 6. अदरकप्रक्रिया नंबर-1 सामग्री :
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कैसे है लाभकारी : आयुर्वेद में अदरक का अपना विशेष स्थान है। सेहत के लिए अदरक के फायदे देखे गए हैं। अदरक पेट के विकारों को दूर करने में मददगार हो सकता है। शोध के अनुसार अदरक में एंटीबैक्टीरियल और एंटीइंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो हेलिकोबैक्टर पाइलोरी नामक संक्रमण के कारण पेट में होने वाली सूजन को कम करने में फायदेमंद हो सकते हैं। इससे गैस का इलाज करने में मदद मिल सकती है (10)। 7. जीरासामग्री :
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कैसे है लाभकारी : जीरा का उपयोग न सिर्फ भोजन का स्वाद बढ़ाता है, आयुर्वेद में इसे गुणकारी औषधि भी माना गया है। इसकी खेती सबसे ज्यादा एशिया, अफ्रीका और यूरोप में होती है। जीरा में एंटीइंफ्लेमेटरी और एंटीबैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं। इन गुणों के कारण ही यह गैस व पेट की अन्य बीमारियों में रामबाण की तरह काम कर सकता है (11)। 8. नारियल तेलसामग्री :
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कितनी बार करें : एक दिन में दो-तीन चम्मच नारियल तेल को भोजन में शामिल किया जा सकता है। कैसे है लाभकारी : नारियल का तेल कई प्रकार से सेहत के लिए फायदेमंद होता है। इसमें मौजूद गुण गैस्ट्रिक अल्सर को दूर करने और गैस की समस्या को कम करने में भी फायदेमंद हो सकते हैं। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध के अनुसार, वर्जिन नारियल तेल में गैस्ट्रोप्रोटेक्टिव गतिविधि पाई जाती है। यह गुण हेलिकोबैक्टर पाइलोरी नामक बैक्टीरियल संक्रमण को दूर करने में फायदेमंद हो सकता है। इसके अलावा, इसमें पाया जाने वाला एंटी-अल्सर गुण गैस के कारण होने वाली अल्सर की समस्या को भी कुछ हद तक दूर करने और गैस को रोकने के उपाय में मदद कर सकता है (12)। 9. योगर्टसामग्री :
कैसे करें प्रयोग : इसे भोजन के साथ या फिर स्नैक्स के तौर पर खाया जा सकता है। कितनी बार करें :
कैसे है लाभकारी : गैस्ट्रिक अल्सर और हेलिकोबैक्टर पाइलोरी बैक्टीरिया पेट में गैस बनने का मुख्य कारण हैं। वहीं, योगर्ट में प्रोबायोटिक गुण पाया जाता है। अभी तक हुए कई वैज्ञानिक शोध में माना गया है कि गैस्ट्रिक अल्सर और हेलिकोबैक्टर पाइलोरी पर प्रोबायोटिक प्रभावी तरीके से काम कर सकता है (13) (14)। इसलिए, गैस को रोकने के उपाय में योगार्ट का उपयोग फायदेमंद हो सकता है। 10. शहदसामग्री :
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कैसे है लाभकारी : सेहत के लिए शहद फायदेमंद हैं। इसका कारण है इसमें मौजूद विभिन्न प्रकार के गुण, जो बीमारियों को दूर करने के साथ ही शरीर को निरोगी बनाने में फायदेमंद हो सकते हैं। इन्हीं गुणों में हैं इसमें मौजूद एंटीइंफ्लेमेटरी और एंटीबैक्टीरियल गुण। ये दोनों गुण ही गैस के प्रभाव को कम करने में मदद कर सकते हैं। जहां एक ओर एंटीइंफ्लेमेटरी गुण गैस के कारण आई पेट की सूजन को कम करने में असर दिखाता है। वहीं, एंटीबैक्टीरियल गुण गैस का कारण बनने वाले विभिन्न प्रकार के बैक्टीरिया को दूर कर इस समस्या से राहत दिला सकता है। इस आधार पर शहद को गैस के लिए घरेलू उपाय की श्रेणी में रखा जा सकता है (15)। 11. दालचीनीसामग्री :
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कैसे है लाभकारी : दालचीनी का उपयोग रसोई में न सिर्फ भोजन का स्वाद बढ़ाने के लिए मसाले के रूप में होता है, बल्कि इसमें मौजूद गुण के कारण यह स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याओं को दूर करने में भी लाभदायक है। गैस के लिए घरेलू उपाय के लिए भी दालचीनी एक बेहतर विकल्प हो सकता है। इस विषय में कई वैज्ञानिक शोध किए गए हैं। ऐसे ही एक शोध के अनुसार, दालचीनी में बैक्टीरिसाइडल गुण पाए जाते हैं। यह गुण हेलिकोबैक्टर पाइलोरी नामक बैक्टीरिया पर प्रभावी रूप से काम कर सकता है, लेकिन शोध में इसे अधिक कारगर नहीं माना गया है (16)। इसलिए, गैस के संबंध में दालचीनी पर और शोध किए जाने की जरूरत है। 12. हल्दीप्रक्रिया नंबर-1 सामग्री :
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कैसे है लाभकारी : हल्दी से भोजन में सिर्फ स्वाद ही नहीं आता, बल्कि हल्दी का उपयोग इसमें मौजूद गुणों के कारण सेहत के लिए भी किया जाता है। पेट की गैस दूर करने के घरेलू उपाय में भी इसे शामिल किया जा सकता है। शोध में देखा गया है कि हल्दी के सेवन से पेट में गैस के कारण हो रही जलन और सूजन को कम किया जा सकता है (17)। अन्य शोध के मुताबिक, हल्दी में मौजूद करक्यूमिन में एंटी-हेलिकोबैक्टर पाइलोरी गुण पाए गए हैं। इसलिए, गैस की समस्या में हल्दी कुछ हद तक फायदेमंद साबित हो सकती है (18)। 13. कैमोमाइल चायसामग्री :
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कैसे है लाभकारी : कैमोमाइल चाय के फायदे स्वास्थ्य के लिए कई प्रकार से फायदेमंद हो सकते हैं। शोध में पाया गया है कि कैमोमाइल गैस के लिए घरेलू उपाय हो सकता है। इसका उपयोग पेट की जलन, अपच, दस्त, मोशन सिकनेस, मतली और उल्टी सहित विभिन्न गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल विकार के इलाज के लिए किया जाता है। अध्ययन से पता चलता है कि कैमोमाइल हेलिकोबैक्टर पाइलोरी को रोकता है, जो पेट में अल्सर और गैस का कारण बन सकता है (19)। 14. अजवाइनसामग्री :
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कैसे है लाभकारी : अजवाइन का उपयोग सदियों से हर्बल दवा के रूप में किया जा रहा है। माना जाता है कि इसमें कई गुण पाए जाते हैं, जो सेहत के नजरिए से महत्वपूर्ण हैं। इन्हीं गुणों में इसके एंटी माइक्रोबियल और एंटी बैक्टीरियल गुण भी हैं। ये गुण गैस को रोकने के उपाय में फायदेमंद हो सकते हैं। शोध में पाया गया है कि अजवाइन में पाए जाने वाले ये गुण गैस की समस्या का कारण बनने वाले हेलिकोबैक्टर पाइलोरी के प्रभाव को कम करने और इससे होने वाले संक्रमण को रोकने में फायदेमंद हो सकते हैं (20)। 15. मुलेठी की जड़सामग्री :
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कैसे है लाभकारी : गले में खराश और खांसी-जुकाम से लेकर पेट की बीमारियों तक के लिए मुलेठी का इस्तेमाल किया जा सकता है। अगर मुलेठी के पाउडर को पानी में घोलकर पिया जाता हैं, तो यह पेट की परतों को हानिकारक बैक्टीरिया और गैस से होने वाले अल्सर से बचाता है। मुलेठी में एंटी-हेलिकोबैक्टर पाइलोरी गुण भी होता है, जिस कारण यह पेट के अल्सर और गैस का कारण बनने वाले बैक्टीरियल संक्रमण को कम कर सकता है (21)। पेट की गैस दूर करने के घरेलू उपाय के रूप में मुलेठी का सेवन कर सकते हैं। 16. काली मिर्चप्रक्रिया नंबर-1 सामग्री :
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कैसे है लाभकारी : काली मिर्च का उपयोग गैस का घरेलू उपचार करने के लिए किया जा सकता है। शोध के अनुसार काली मिर्च में गैस्ट्रो-प्रोटेक्टिव (gastro-protective) गुण पाए जाते हैं। काली मिर्च में पाया जाने वाला यह गुण गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल की कार्यक्षमता को और पेट में बनने वाली गैस की समस्या को बेहतर करने में मददगार हो सकता है (22)। 17. पुदीने का तेलसामग्री :
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कैसे है लाभकारी : आयुर्वेद में पुदीने के तेल का उपयोग भी कई बीमारियों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याें से निजात पाने के लिए किया जाता रहा है। इसका उपयोग गैस का घरेलू उपचार करने और इसके कारण होने वाले संक्रमण को रोकने के लिए भी किया जा सकता है। एक शोध में विभिन्न तरह के तेलों को उपयोग किया गया, जिसमें पुदीना का तेल भी शामिल था। शोध में पाया गया कि कई तेलों के साथ-साथ पुदीने के तेल में भी गैस की समस्या का कारण बनने हेलिकोबैक्टर पाइलोरी के खिलाफ एंटी-हेलिकोबैक्टर पाइलोरी गुण होता है (23)। अभी इस संबंध में और वैज्ञानिक अध्ययन की जरूरत है। 18. रोजमेरीसामग्री :
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कैसे है लाभकारी : रोजमेरी का उपयोग गैस का घरेलू उपचार करने में किया जा सकता है। रोजमेरी का इस्तेमाल करने से गैस का कारण बनने वाले हेलिकोबैक्टर पाइलोरी बैक्टेरिया को कुछ हद तक दूर किया जा सकता है। यह बैक्टीरिया गैस्ट्र्रिटिस और अल्सर जैसी समस्या का कारण बन सकता है। हालांकि, रोजमेरी किस गुण के कारण गैस की समस्या को ठीक करता है, यह अभी तक स्पष्ट नहीं है (24)। 19. विटामिनपाचन तंत्र ठीक तरह से काम नहीं करेगा, तो गैस, एसिडिटी, अपच और कब्ज होना तय है। अगर इन सभी स्थितियों से बचना चाहते हैं, तो विटामिन से युक्त खाद्य पदार्थों और सप्लीमेंट्स का नियमित रूप से सेवन करना चाहिए। ये जरूरी विटामिन शरीर को संक्रमण से लड़ने में मदद कर सकते हैं। साथ ही पेट की अंदरूनी परत को क्षति होने से बचाते हैं और अल्सर की आशंका को कम कर सकते हैं (25)। चिकन, अंडे, दही और अनाज में भरपूर मात्रा में विटामिन पाया जाता है। वहीं, नींबू, संतरे और आंवला जैसे सिट्रस फलों में विटामिन भरपूर मात्रा में होता है, लेकिन किसे-कितने विटामिन की जरूरत है, इस बारे में डॉक्टर ही बेहतर तरीके से बता सकते हैं। इसलिए, डॉक्टर से पूछने के बाद ही अपने आहार में विटामिन की मात्रा को तय करें। नीचे स्क्रॉल करें गैस दूर करने के घरेलू नुस्खे के बाद यहां हम बता रहे हैं कि गैस की समस्या का इलाज कैसे कर सकते हैं। गैस की समस्या का इलाज – Treatment of Stomach Gas Problem in Hindiगैस की समस्या के कुछ कारण तो समय के साथ दूर हो जाते हैं, लेकिन कुछ गंभीर कारणों का इलाज जरूरी होता है। यहां हम उपचार के रूप में बता रहे हैं कि गैस के लिए क्या करना चाहिए (1)। डॉक्टर कुछ दवाओं का सेवन करने के लिए कह सकते हैं, जो इस प्रकार हैं:
बने रहें हमारे साथ जानते हैं कि गैस की समस्या के लिए योग किस प्रकार से फायदेमंद हो सकता है। गैस की समस्या के लिए योग – Yoga For Gastritis in Hindiदवाओं के साथ योग का अभ्यास पाचन रोगों से संबंधित लक्षणों को नियंत्रित करने और उन्हें दूर करने में मददगार हो सकता है। साथ ही योग तनाव को भी कम करता है, जिससे गैस, जीईआरडी (गैस्ट्रोफेगल रिफलक्स डिजीज) और पेप्टिक अल्सर जैसी समस्या को कुछ कम किया जा सकता है (26)। यहां हम गैस की समस्या के लिए योग के कुछ प्रकार बता रहे हैं:
पढ़ते रहें आर्टिकल आइए, अब गैस की समस्या के लिए आहार के बारे में भी जान लेते हैं। गैस की समस्या के लिए आहार – Diet For Stomach Gas Problem in Hindiगैस के लिए क्या करना चाहिए इसको जानने के बाद यहां हम बता रहे हैं कि क्या खाएं और क्या न खाएं। ऐसे कई खाद्य पदार्थ हैं, जो गैस की समस्या उत्पन्न करते हैं (27)।
कुछ खाद्य पदार्थ गैस दूर करने के उपाय के रूप में गैस्ट्रिटिस को राेकने और उसके लक्षणों को कम करने में मदद कर सकते हैं। इसमें शामिल है (27):
आगे है कुछ खास आर्टिकल के इस भाग में हम गैस की समस्या से बचाव के उपाय के बारे में बता रहे हैं। गैस की समस्या से बचाव के उपाय – Prevention Tips For Stomach Gas Problem in Hindiजीवनशैली और आहार में परिवर्तन करके हो सकता है। यहां जानते हैं के बारे में: पेट में गैस की समस्या का समाधान पाने के लिए ऊपर बताए गए घरेलू उपचार के साथ-साथ कुछ जरूरी नियमों का पालन करना भी जरूरी है। अगर आप इन गैस की समस्या से बचाव के उपाय को नियमित रूप से करते हैं, तो यह समस्या आपको कभी नहीं होगी।
आपने आर्टिकल के माध्यम से जाना कि स्वास्थ्य संबंधित किसी भी समस्या काे छोटा नहीं समझना चाहिए, चाहे वह गैस की समस्या ही क्यों न हो। अगर इसका सही समय पर इलाज नहीं किया गया, तो यह गंभीर रूप ले सकती है। आर्टिकल में बताया गया है कि किस प्रकार से कुछ घरेलू सामग्रियों का उपयोग करके गैस से छुटकारा पाने के उपाय किए जा सकते हैं। वहीं, अगर यह समस्या गंभीर हो जाती है, तो डॉक्टर से इलाज करवाना जरूरी है। हम उम्मीद करते हैं कि आर्टिकल में दी गई गैस दूर करने के घरेलू नुस्खे की जानकारी से आपको जरूर लाभ होगा। अक्सर पूछे जाने वाले सवालगैस्ट्राइटिस को शांत करने वाले खाद्य पदार्थ कौन कौन से हैं? कम अम्लता वाले खाद्य पदार्थ जैसे सेब, दलिया, गाजर, भुना हुआ चिकन और प्रोबायोटिक युक्त दही। गैस्ट्राइटिस और अल्सर में क्या अंतर है? गैस्ट्राइटिस एक सामान्य सूजन है और एक अल्सर पेट की अंदरुनी परत पर होने वाला का एक छाला है (28)। गैस्ट्राइटिस की पहचान कैसे करें? जी मिचलाना, उल्टी, भूख में कमी, पेट में दर्द और सूजन व लगातार हिचकी आना गैस्ट्राइटिस के आम लक्षण हैं (2) (3)। गैस्ट्राइटिस को ठीक करने में कितना समय लगता है? यह गैस्ट्राइटिस के प्रकार, कारण और गंभीरता पर निर्भर करता है कि कितने समय में इस समस्या में सुधार होगा। गैस्ट्राइटिस के दीर्घकालिक प्रभाव क्या हैं? सही समय पर इलाज नहीं करने पर इससे एनीमिया (गैस्ट्राइटिस से रक्तस्राव के कारण हो सकता है), एट्रोफिक गैस्ट्राइटिस (पेट में सूजन), पेप्टिक अल्सर की समस्या (पेट में छाला) हो सकती है। वहीं, अगर गैस्ट्राइटिस का कारण हेलिकोबैक्टर पाइलोरी बैक्टीरिया है, तो आगे चलकर इससे कैंसर भी हो सकता है (29)। SourcesArticles on StyleCraze are backed by verified information from peer-reviewed and academic research papers, reputed organizations, research institutions, and medical associations to ensure accuracy and relevance. Check out our editorial policy for further details.
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