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पितृपक्ष में कई ऐसे नियम हैं, जिनका पालन करना जरूरी है.पितृपक्ष का प्रारंभ आज 10 सितंबर से हो रहा है. पितृपक्ष में कई ऐसे नियम (Pitru Paksha Niyam) हैं, जिनका पालन करना जरूरी है. आइए जानते हैं कि पितृपक्ष में क्या करें और क्या न करें.
हाइलाइट्सपितृपक्ष में सबसे पहला काम है अपने पितरों को स्मरण करना.पितृपक्ष में पितरों के देव अर्यमा को अवश्य ही जल अर्पित करना चाहिए.इस साल पितृपक्ष का प्रारंभ आज 10 सितंबर से हो रहा है, जो 25 सितंबर को सर्व पितृ अमावस्या तक रहेगा. इस समय में अपने पितरों को याद करके उनका पूजन करते हैं. उनके लिए श्राद्ध कर्म करते हैं. काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट के अनुसार, पितृपक्ष के समय में सभी पितर पृथ्वी लोक में वास करते हैं और वे उम्मीद करते हैं कि उनकी संतानें उनके लिए श्राद्ध, तर्पण या पिंडदान आदि करेंगे. इन कार्यों से वे तृप्त होते हैं और फिर आशीर्वाद देकर अपने लोक वापस चले जाते हैं. जो लोग अपने पितरों को तृप्त नहीं करते हैं, वे उनके श्राप के भागी बनते हैं, जिसकी वजह से उनके जीवन में कई प्रकार की समस्याएं उत्पन्न हो जाती हैं. पितरों के श्राप के कारण संतान सुख में भी बाधा आती है. पितृपक्ष में कई ऐसे नियम (Pitru Paksha Niyam) हैं, जिनका पालन करना जरूरी है. आइए जानते हैं कि पितृपक्ष में क्या करें और क्या न करें. पितृपक्ष में
क्या करें? 2. पितृपक्ष में आप अपने पितरों को तर्पण करते हैं तो इसे पूरे पक्ष में आपको ब्रह्मचर्य के नियमों का पालन करना है. यह भी पढे़ं: मातृ नवमी के दिन करें दिवगंत माताओं का श्राद्ध, जानें महत्व 3. जब भी आप पितरों को तर्पण करें तो पानी में काला तिल, फूल, दूध, कुश मिलाकर उससे उनका तर्पण करें. कुश का उपयोग करने से पितर जल्द ही तृप्त हो जाते हैं. 4. पितृपक्ष में आप प्रत्येक दिन स्नान के समय जल से ही पितरों को तर्पण करें. इससे उनकी आत्माएं तृप्त होती हैं और आशीर्वाद देती हैं. 5. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पितृपक्ष के सभी दिन पितरों के लिए भोजन रखें. वह भोजन गाय, कौआ, कुत्ता आदि को खिला दें. ऐसी मान्यता है कि उनके माध्यम से यह भोजन पितरों तक पहुंचता है. 6. पितरों के लिए श्राद्ध कर्म संबह 11:30 बजे से लेकर दोपहर 02:30 बजे के मध्य तक संपन्न कर लेना चाहिए. श्राद्ध के लिए दोपहर में रोहिणी और कुतुप मुहूर्त को श्रेष्ठ माना जाता है. यह भी पढे़ं: 04 सितंबर से 10 सितंबर 2022 के व्रत और त्योहार, जानें कब है भाद्रपद पूर्णिमा 7. पितृपक्ष में पितरों के देव अर्यमा को अवश्य ही जल अर्पित करना चाहिए. जब ये प्रसन्न होते हैं तो सभी पितर भी प्रसन्न और तृप्त हो जाते हैं. पितृपक्ष में क्या न करें? 2. इस समय में अपने घर के बुजुर्गों और पितरों का अपमान न करें. यह पितृ दोष का कारण बन सकता है. 3. पितृपक्ष में स्नान के समय तेल, उबटन आदि का प्रयोग करना वर्जित है. 4. इस समय में आप कोई भी धार्मिक या मांगलिक कार्य जैसे मुंडन, सगाई, गृह प्रवेश, नामकरण आदि न करें. पितृपक्ष में ऐसे कार्य करने अशुभ होते हैं. 5. कुछ लोग पितृपक्ष में नए वस्त्रों को खरीदना और पहनना भी अशुभ मानते हैं. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी| Tags: Dharma Aastha, Pitru Paksha FIRST PUBLISHED : September 10, 2022, 06:55 IST
Pitru Paksha 2022: पितृपक्ष की शुरुआत हो गई है और इस दौरान लोगों को कुछ खास बातों को विशेष ध्यान रखना चाहिए. क्योंकि पितृपक्ष में की गई गलती की वजह से आपको दरिद्रता का सामना करना पड़ सकता है.मछली को आटे की गोलियांPitru Paksha 2022: हिंदू धर्म में पितृपक्ष को काफी अहम और महत्वपूर्ण माना जाता है. इस दौरान विधि-विधान से अपने पूवर्जों का श्राद्ध से उनका आशीर्वाद मिलता है और घर में हमेशा सुख-शांति बनी रहती है. (Pitru Paksha 2022 ke niyam) यदि पितर नाराज हो जाएं तो मनुष्य दरिद्रता समेत कई बड़ी परेशानियों में घिर जाता है. इसलिए पितृपक्ष के नियमों का पालन करना जरूरी है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पितृपक्ष में कुछ चीजों का सेवन करने (Pitru Paksha 2022 date) से पितृ दोष का सामना करना पड़ सकता है. जिस व्यक्ति की कुंडली में पितृ दोष बना हुआ है उसे इन पांच चीजों का पितृपक्ष में नहीं करना चाहिए. न करें लहसुन-प्याज का सेवनपितृपक्ष में लहसुन-प्याज का सेवन करना वर्जित माना गया है. क्योंकि सनातन धर्म के मुताबिक लहसुन-प्याज तामसिक भोजन में आते हैं. इसलिए पूजा-पाठ या श्राद्ध कर्म में गलती से भी इनका इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. मांस-मदिरा से रहें दूरपितृपक्ष में मांसाहारी भोजन और शराब का भी सेवन नहीं करना चाहिए. इससे पितर नाराज होते हैं और आपको खामियाजा भुगतना पड़ सकता है. पितृपक्ष में मांस मदिरा के साथ ही अंडा, सिगरेट और बीड़ी भी नहीं पीनी चाहिए. जमीन से उगने वाली सब्जियां न खाएंपितृपक्ष के दौरान जमीन से उगने वाली सब्जियां जैसे कि मूली, अरबी आलू आदि का सेवन निषेध होता है. मान्यता है कि पितरों को इन सब्जियों का भोग नहीं लगाना चाहिए और न ही ब्राहम्णों को भोजन में ये सब्जियां खिलानी चाहिए. न करें चने का सेवनहिंदू मान्यताओं के अनुसार पितृपक्ष में चना या चने से बनी किसी भी प्रकार की चीज का सेवन नहीं करना चाहिए. इस दौरान चने की दाल और चने से बना सत्तू उपयोग करना अशुभ होता है. नहीं करना चाहिए मसूर की दाल का सेवनहिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार पितृपक्ष के दौरान मसूर की दाल का सेवन करना वर्जित माना गया है. कहते हैं कि ऐसा करने से पितर नाराज होते हैं. इसके अलावा पितृपक्ष में दाल, चावल, गेंहू जैसे कच्चे अनाज का सेवन नहीं करना चाहिए, बल्कि इन्हें पका कर यानि पूड़ी या खीन बनाकर खानी चाहिए. ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें फेसबुक पर लाइक करें या ट्विटर पर फॉलो करें. India.Com पर विस्तार से पढ़ें धर्म की और अन्य ताजा-तरीन खबरें पितृपक्ष में कौन कौन से काम वर्जित रहते हैं?पितृपक्ष के समय में लहसुन, प्याज, मांस, मदिरा आदि का सेवन नहीं करना चाहिए. ... . इस समय में अपने घर के बुजुर्गों और पितरों का अपमान न करें. ... . पितृपक्ष में स्नान के समय तेल, उबटन आदि का प्रयोग करना वर्जित है.. इस समय में आप कोई भी धार्मिक या मांगलिक कार्य जैसे मुंडन, सगाई, गृह प्रवेश, नामकरण आदि न करें.. पित्र पक्ष में क्या क्या नहीं करना चाहिए?कई लोगों को बासी खाना खाने की आदत होती है लेकिन पितृपक्ष में इस बात का विशेष ध्यान रखें कि इन 16 दिनों में आप किसी भी प्रकार का बासी खाना ना खाएं। साथ ही संभव हो तो मांस या शराब का सेवन भी ना करें। इस दौरान आपको पशु-पक्षी को भी भोजन और जल देना चाहिए।
क्या पितृ पक्ष में भगवान की पूजा करनी चाहिए?शास्त्रों के अनुसार पितर पक्ष में प्रतिदिन की तरह ही पूजा करनी चाहिए। हालांकि इस दौरान पितर हमारे पूजनीय अवश्य हैं लेकिन ईश्वर से उच्च नहीं है।
पितृपक्ष में कौन सी सब्जी नहीं बनानी चाहिए?पितृपक्ष में आलू, मूली, अरबी और कंद वाली सब्जियों को नहीं खाना चाहिए. इन सब्जियों को श्राद्ध में भी नहीं पकाएं और ना ही ब्राह्मणों को इन सब्जियों से बना भोजन खिलाएं. क्योंकि पितरों को ये सब्जियां नहीं चढ़ाई जाती. पितृपक्ष में चना के सेवन से भी परहेज करें.
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